मध्य प्रदेश Switch to English
प्रदेश के 5 हस्त-शिल्प उत्पाद सहित रीवा के सुंदरजा-आम को मिला जी.आई. टैग
चर्चा में क्यों?
6 अप्रैल, 2023 को प्रबंध संचालक मध्य प्रदेश खादी ग्रामोद्योग बोर्ड एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी संत रविदास हस्तशिल्प विकास निगम अनुभा श्रीवास्तव ने बताया कि केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय के इंडस्ट्री प्रमोशन एडं इंटरनल ट्रेड द्वारा मध्य प्रदेश के 6 उत्पादों (5 हस्त-शिल्प उत्पाद और एक उद्यानिकी उत्पाद) को जी.आई. टैग प्रदान किया गया है।
प्रमुख बिंदु
- इन 6 उत्पादों में डिंडौरी की गोंड पेंटिंग, ग्वालियर का कार्पेट, उज्जैन की बाटिक प्रिंट, जबलपुर भेड़ाघाट का स्टोन क्राफ्ट, बालाघाट की वारासिओनी की साड़ी और रीवा के सुंदरजा-आम शामिल हैं।
- विदित है कि यह पहला अवसर है कि जब एक साथ प्रदेश के इतने उत्पादों को जी आई टैग प्रदान किया गया है। साथ ही प्रदेश में जीआई टैग प्राप्त उत्पादों की संख्या 19 हो गई है।
- अनुभा श्रीवास्तव ने बताया कि जी.आई. टैग (जियोग्राफिकल इंडिकेशंस टैग) एक प्रकार का लेवल है, जिसमें किसी प्रोडक्ट को विशेष भौगोलिक पहचान दी जाती है, जो केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय द्वारा दिया जाता है।
- उन्होंने कहा कि नाबार्ड टेक्सटाइल कमेटी और वस्त्र मंत्रालय के सहयोग से राज्य सरकार ने कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग के साथ स्थानीय उत्पादक संस्थाओं के समन्वय से यह सफलता प्राप्त की है।
डिंडौरी की गोंड पेंटिंग
ग्वालियर का कार्पेट
उज्जैन की बाटिक प्रिंट
जबलपुर भेड़ाघाट का स्टोन क्राफ्ट
बालाघाट की वारासिओनी की साड़ी
रीवा का सुंदरजा-आम
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