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हरियाणा मंत्रिमंडल ने एसएमडीए, 2023 विधेयक के मसौदे को दी मंजूरी
चर्चा में क्यों?
5 अप्रैल, 2023 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में चंडीगढ़ में हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक हुई, जिसमें सोनीपत मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी (SMDA), 2023 विधेयक के मसौदे को मंजूरी दी गई।
प्रमुख बिंदु
- यह मसौदा-विधेयक सोनीपत मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र के निरंतर, स्थायी और संतुलित विकास के लिये जीवन की गुणवत्ता और रोज़गार के अवसरों के सृजन के माध्यम से निवासियों को प्रदान किये जाने वाले उचित जीवन स्तर और एकीकृत और समन्वित योजना, बुनियादी ढाँचे के लिये एक दृष्टि विकसित करने का उद्देश्य रखता है।
- इसके अलावा, इस विधेयक के बनने से शहरी सुविधाओं का विकास और प्रावधान, गतिशीलता प्रबंधन, शहरी पर्यावरण का सतत् प्रबंधन और सामाजिक, आर्थिक और औद्योगिक विकास भी होगा।
- सरकार ने गुरुग्राम मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी (GMDA)] गुरुग्राम, फरीदाबाद मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी (FMDA), फरीदाबाद और पंचकुला मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी (PMDA)] पंचकुला की तर्ज पर सोनीपत मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी (SMDA)] सोनीपत की स्थापना करने का फैसला किया है।
- इसका प्रमुख उद्देश्य सोनीपत मेट्रोपॉलिटन एरिया के निरंतर और संतुलित विकास के लिये एक दृष्टि विकसित करना है। प्राधिकरण द्वारा शहरी सुविधा और ढाँचागत विकास को सुदृढ़ किया जा सकेगा।
- सोनीपत मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी ( SMDA ) के अध्यक्ष मुख्यमंत्री होंगे, जबकि नगर एवं ग्राम आयोजना मंत्री, शहरी स्थानीय निकाय मंत्री, परिवहन मंत्री, सांसद, राज्य विधानसभा के सदस्य, नगर निगम सोनीपत के महापौर एवं वरिष्ठ उप महापौर तथा राज्य सरकार के कई वरिष्ठ अधिकारी इस अथॉरिटी के पदेन सदस्य होंगे।
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हरियाणा सरकार ने पंजाब गाँव साँझा भूमि (विनियमन) नियम, 1964 में किया संशोधन
चर्चा में क्यों?
5 अप्रैल, 2023 को मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में चंडीगढ़ में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में पंजाब गाँव साँझा भूमि (विनियमन) नियम, 1964 के उप-नियम (2क) में संशोधन का निर्णय लिया गया।
प्रमुख बिंदु
- इसके अंतर्गत गौशाला, बायोगैस संयंत्र, पंचगव्य उत्पाद, पशु चिकित्सा अस्पताल, अनुसंधान और प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना करने वाली इच्छुक सामाजिक सोसायटी या धार्मिक संस्थाएँ तथा चारे को उगाने के लिये अब शामिलात भूमि को 20 वर्ष तक की अवधि के लिये पट्टे पर ले सकेंगी।
- इसके लिये गौशालाओं में पट्टा-धारक को कुल पशु जनसंख्या का कम से कम 50 प्रतिशत बेसहारा पशुओं को पटेा अवधि के दौरान गौशाला में रखना होगा।
- इन नियमों को ‘पंजाब गाँव साँझा भूमि (विनियमन) हरियाणा संशोधन नियम, 2023’ कहा जाएगा।
- उक्त संशोधन के बाद, अब ग्राम पंचायत को अपनी भूमि आवंटन के माध्यम से 20 वर्ष तक की अवधि के लिये कम से कम प्रति वर्ष 5100 रुपये प्रति एकड़ की दर से पट्टे पर देने की अनुमति होगी।
- धार्मिक संगठन को समाज के लिये परोपकारी योगदान के इतिहास के साथ उनके पूर्वजों को सत्यापित किया गया है जिसे ज़िला स्तरीय समिति और हरियाणा गौ-सेवा आयोग द्वारा अनुशंसित किया जाएगा।
- शामलात देह में किसी भी भूमि को गौशाला निर्माण के उपरांत प्रति 100 पशुओं (कम से कम 50 प्रतिशत बेसहारा पशु) के लिये 0.75 एकड़ के अनुपात में गौशाला की स्थापना हेतु पट्टे पर देने की अनुमति दी जाएगी।
- शामलात देह में किसी भी भूमि को बायोगैस संयंत्र, पंचगव्य उत्पाद, पशु चिकित्सा अस्पताल, अनुसंधान और प्रशिक्षण केंद्र आदि जैसे सहायक उद्देश्यों के लिये 1500 पशुओं (कम से कम 50 प्रतिशत बेसहारा पशु) वाली गौशाला को 2 एकड़ भूमि पट्टे पर देने की अनुमति दी जाएगी।
- गौशाला निर्माण के बाद गौचरण के लिये चिन्हित भूमि में से 1.5 एकड़ भूमि प्रति 100 पशुओं (कम से कम 50 प्रतिशत बेसहारा पशु) के लिये चारे की खेती हेतु पट्टे पर देने की अनुमति दी जाएगी।
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रेंडमाईजेशन एंड रियल टाइम इंस्पैक्शन साफ्रटवेयर (ड्रग विंग)
चर्चा में क्यों?
5 अप्रैल, 2023 को हरियाणा सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री अनिल विज ने खाद्य एवं औषध प्रशासन विभाग के द्वारा जारी किये गए ड्रग लाईसेंस हितधारकों की संस्थाओं के निरीक्षण को करने हेतू रेंडमाईजेशन एंड रियल टाइम इस्पैक्शन सॉफ्टवेयर (ड्रग विंग) की शुरूआत की है।
प्रमुख बिंदु
- इस सॉफ्टवेयर को लांच करने वाला हरियाणा देशभर में पहला राज्य है। इस सॉफ्टवेयर को पायलट आधार पर पंचकूला ज़िला में लागू किया जाएगा तथा इसके उपरांत राज्य के अन्य ज़िलों में लागू किया जाएगा।
- इस सॉफ्टवेयर की शुरूआत प्रथम चरण में ड्रग विंग के लिये की गई है तथा द्वितीय चरण में फुड विंग को शामिल किया जाएगा। निरीक्षण के लिये अधिकारी के मोबाइल ऐप पर रेंडम लाईसेंसधारी यूनिट के नाम जाएंगे।
- इस सॉफ्टवेयर के माध्यम से ड्रग कंट्रोल अधिकारी को रेंडम तरीके से ड्रग यूनिट के निरीक्षण हेतु डयूटी दी जाएगी तथा महीने के अनुसार इन अधिकारियों को निरीक्षण का लक्ष्य भी दिया जाएगा, जो कि ऑनलाइन होगा। ऐसी सभी ड्रग यूनिट का निरीक्षण ऑनलाइन और रियल टाइम होगा।
- इसमें अधिकारियों को जीयो टेगिंग और लोकेशन भी साझा करनी होगी तथा तुंरत उसी समय अपनी निरीक्षण रिपोर्ट लाईसेसिंग प्राधिकरण और उच्च अधिकारियों को ऑनलाइन सोंपनी होगी। निरीक्षण के लिये संबंधित अधिकारियों को कंट्रोलिंग अधिकारियों से मंजूरी भी लेनी होगी।
- विदित है कि वर्तमान में राज्य में 32581 खुदरा एवं थोक ड्रग लाईसेंसधारक हैं।
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