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‘मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना’के तहत सहायता राशि में बढ़ोतरी
चर्चा में क्यों?
6 अप्रैल, 2023 को छत्तीसगढ़ जनसंपर्क विभाग से मिली जानकारी के अनुसार राज्य सरकार द्वारा ‘मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना’के तहत सहायता राशि 25 हज़ार रुपए से बढ़ाकर 50 हज़ार रुपए कर दी गई है।
प्रमुख बिंदु
- विदित है कि इस वर्ष 2023-24 के लिये प्रस्तुत बजट में इस योजना के लिये 38 करोड़ रुपए का प्रावधान रखा गया है। इससे कई परिवारों का अपनी बेटियों का धूम-धाम से विवाह का सपना पूरा हो सकेगा।
- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार ने योजना के तहत राशि में दो बार वृद्धि की है। भूपेश बघेल ने मुख्यमंत्री के रूप में पदभार ग्रहण करने के बाद प्रस्तुत पहले बजट में ही बेटियों के विवाह को प्राथमिकता देते हुए वर्ष 2019 में विवाह अंतर्गत दी जाने वाली अनुदान राशि को 15 हज़ार रुपए से बढ़ाकर 25 हज़ार रुपए कर दिया था। अब यह राशि बढ़ाकर 50 हज़ार रुपए कर दी गई है।
- वर्ष 2019 की तुलना में निर्धारित बजट राशि भी 19 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 38 करोड़ रुपए कर दी गई है। इससे कई परिवारों में बेटियों के विवाह को लेकर चिंता दूर हुई है।
- गौरतलब है कि कई परिवारों में आर्थिक परेशानियों के चलते बेटी का विवाह कठिन हो जाता है। इन परिस्थितियों में राज्य सरकार ‘मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना’के तहत बेटियों के विवाह के लिये सहायता करती है।
- महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित इस योजना का उद्देश्य गरीब परिवारों को कन्या के विवाह में होने वाली आर्थिक कठिनाईयों का निवारण, विवाह में होने वाली फिजूलखर्ची को रोकना और सादगीपूर्ण विवाहों को बढ़ावा देना, सामूहिक विवाहों के आयोजन के माध्यम से गरीब परिवार के आत्मसम्मान में वृद्धि के साथ उनकी सामाजिक स्थिति में सुधार तथा विवाहों में दहेज के लेन-देन की रोकथाम करना है।
- योजना तहत देय लाभ
- योजनांतर्गत गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन करने वाले परिवार और ‘मुख्यमंत्री खाद्यान्न योजना’अंतर्गत कार्डधारी परिवार की 18 वर्ष से अधिक आयु की अधिकतम दो कन्याओं को आर्थिक सहायता दी जाती है।
- इसमें वर-वधु की श्रृंगार सामग्री और अन्य दैनिक उपयोग के सामान उपहार स्वरूप प्रदान करने के साथ बैंक ड्रॉफ्ट के माध्यम से रुपए भी दिये जाते हैं।
- सामूहिक विवाह आयोजन व्यवस्था के लिये भी कुछ राशि व्यय की जाती है।
- योजनांतर्गत विधवा, अनाथ, निराश्रित कन्याओं को भी शामिल किया जाता है।
- योजना का लाभ लेने के लिये ज़िला महिला एवं बाल विकास अधिकारी/ज़िला कार्यक्रम अधिकारी कार्यालय में संपर्क किया जा सकता है। विकास खंड स्तर पर बाल विकास परियोजना अधिकारी या एकीकृत बाल विकास अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं। योजना के संबंध में अपने क्षेत्र के आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ताओं से भी जानकारी ली सकती है।
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छत्तीसगढ़ सरकार ने लागू की ‘राज्य महिला उद्यमिता नीति 2023-28
चर्चा में क्यों?
6 अप्रैल, 2023 को छत्तीसगढ़ जनसंपर्क विभाग से मिली जानकारी के अनुसार राज्य सरकार ने महिलाओं की कार्यकुशलता को एक नई पहचान देने और उन्हें उद्यम से जोड़ने के लिये ‘राज्य महिला उद्यमिता नीति 2023-28’ लागू की है।
प्रमुख बिंदु
- इस नीति के तहत महिलाओं को उद्योग स्थापित करने के लिये वित्तीय सहायता (ऋण) देने का प्रावधान किया गया है। इससे महिला कार्यबल में वृद्धि होने के साथ ही उद्योग एवं व्यापार में उनकी सहभागिता बढ़ेगी। इस नीति से महिलाओं के द्वारा शुरू किये गए स्टार्टअप की संख्या में भी तेजी से इज़ाफा होगा।
- राज्य महिला उद्यमिता नीति 2023-28 के तहत राज्य की महिला उद्यमी को विनिर्माण उद्यम परियोजना के लिये अधिकतम 50 लाख रुपए, सेवा उद्यम परियोजना के लिये अधिकतम 25 लाख रुपए और व्यवसाय उद्यम परियोजना के लिये अधिकतम 10 लाख रुपए तक ऋण देने का प्रावधान रखा गया है।
- इस नीति के तहत महिला उद्यमियों द्वारा प्रदेश में स्थापित नवीन, विस्तारीकरण, शवलीकृत पात्र सूक्ष्म, लघु एवं मध्य विनिर्माण व सेवा उद्यमों को आर्थिक निवेश प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा।
- उद्यम में किये गए स्थायी पूंजी निवेश का 30-55 प्रतिशत तक यानी 40 लाख से 1 करोड़ 20 लाख रुपए तक स्थायी पूंजी निवेश अनुदान, उद्यमों के लिये प्राप्त किये गए सावधि ऋण तथा परियोजना प्रतिवेदन में प्रावधानित कार्यशील पूंजी (अधिकतम तीन माह की आवश्यकता के बराबर) पर 45 से 70 प्रतिशत, अधिकतम राशि 15 से 60 लाख रुपए तक ब्याज अनुदान, नए उद्यमों की स्थापना के लिये 50 प्रतिशत, अधिकतम 75 लाख रुपए तक मार्जिन मनी अनुदान, नेट राज्य वस्तु एवं सेवा कर (नेट एसजीएसटी) प्रतिपूर्ति वाणिज्यिक उत्पादन शुरू करने के दिनांक से 6 से 16 वर्षों तक, विद्युत शुल्क से छूट वाणिज्यिक उत्पादन प्रारंभ करने के दिनांक से 6 से 12 वर्षों तक पूर्ण छूट और उक्त के अतिरिक्त स्टांप शुल्क से छूट, परिवहन अनुदान, मंडी शुल्क से छूट, किराया अनुदान दिये जाने का प्रावधान किया गया है।
- महिला स्व-सहायता समूहों को अतिरिक्त आर्थिक निवेश प्रोत्साहन के रुप में अनुदानों में 5 प्रतिशत का अतिरिक्त अनुदान और छूट के मामलों में 1 वर्ष की अतिरिक्त समयावधि दी जाएगी।
- महिलाओं द्वारा स्थापित स्टार्ट-अप उद्यमों को औद्योगिक नीति 2019-24 के अंर्तगत घोषित स्टार्टअप पैकेज में 5 प्रतिशत अतिरिक्त अनुदान एवं छूट के मामलों में एक वर्ष अतिरिक्त छूट का प्रावधान किया गया है।
- विदित है कि छत्तीसगढ़ सरकार हर क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिये नई योजनाओं के निर्माण के साथ ही उन्हें प्रोत्साहन दे रही है। ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में लघु और कुटीर उद्योग में बड़ी संख्या में महिलाएँ काम कर रही हैं। इसके साथ ही स्व-सहायता समूह के माध्यम से गौठानों, वनोपज संग्रहण सहित अन्य क्षेत्रों में कार्यरत महिलाएँ राज्य के विकास में अपना महत्त्वपूर्र्ण योगदान दे रही हैं।
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प्रदेश में एक्सोटिक मांगूर एवं बिग हेड मछलियों के मत्स्य बीज उत्पादन, संवर्धन एवं पालन पर प्रतिबंध
चर्चा में क्यों?
6 अप्रैल, 2023 को छत्तीसगढ़ शासन, मछलीपालन विभाग द्वारा प्रदेश में एक्सोटिक मांगूर (क्लेरियस गेरीपिनस) एवं बिग हेड (हाइपोप्थेलमिक्थीस नोबीलीस) मछलियों के मत्स्य बीज उत्पादन, मत्स्य बीज संवर्धन एवं पालन को प्रतिषिद्ध घोषित किया गया है।
प्रमुख बिंदु
- राज्य शासन के द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार इन मछलियों का परिवहन, आयात एवं विपणन भी प्रतिबंधित किया गया है।
- इन प्रतिषिद्ध मछलियों का कोई भी मछुआ, वैयक्तिक, समूह या समिति, केंद्र या राज्य शासन द्वारा मत्स्यों का मत्स्य बीज उत्पादन, शासन अथवा वैयक्तिक जलस्रोत में संवर्धन एवं पालन नहीं करेगा।
- संचालक मछली पालन के द्वारा जारी आदेश के अनुसार प्रतिबंध का उल्लंघन किये जाने की स्थिति में छत्तीसगढ़ मत्स्य क्षेत्र (संसोधन) अधिनियम 2015 के तहत एक वर्ष का कारावास एवं 10 हज़ार रुपए अथवा दोनों से दंडित किया जा सकेगा।
- इन प्रतिबंधित मछलियों से संबंधित किसी भी गतिविधि में लिप्त पाए जाने पर दोष सिद्ध उपरांत संबंधित को मत्स्य विभाग द्वारा दी जाने वाली सभी प्रकार की योजनाओं से प्रतिबंधित भी किया जाएगा।
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