अयोध्या एयरपोर्ट | उत्तर प्रदेश | 08 Apr 2022
चर्चा में क्यों?
हाल ही में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में प्रदेश सरकार और भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के मध्य भूमि लीज एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर हुए।
प्रमुख बिंदु
- गौरतलब है कि अयोध्या एयरपोर्ट प्रदेश में लखनऊ, वाराणसी, कुशीनगर और जेवर के बाद पाँचवा अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट हेागा।
- अयोध्या एयरपोर्ट का आधिकारिक नाम वर्ष 2021 में मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट रखा गया है।
- मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में 9 एयरपोर्ट संचालित हैं, जबकि 10 नए एयरपोर्टों के विकास पर काम चल रहा है।
- उपरोक्त एयरपोर्ट का संचालन शुरू होने के साथ ही उत्तर प्रदेश में वायु संपर्क का देश का सबसे बड़ा नेटवर्क हो जाएगा।
राजस्थान के तापीय विद्युतगृहों को मिलेगा छत्तीसगढ़ से कोयला | राजस्थान | 08 Apr 2022
चर्चा में क्यों?
हाल ही में राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम को छत्तीसगढ़ के सरगुजा स्थित परसा कोल ब्लॉक में खनन कार्य आरंभ करने के लिये छत्तीसगढ़ सरकार के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से क्लियरेंस मिल गई है। इस नए ब्लॉक में कोयले का खनन कार्य आरंभ होते ही राज्य के तापीय विद्युतगृहों के लिये अतिरिक्त कोयला मिलने लगेगा।
प्रमुख बिंदु
- उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पिछले दिनों 25 मार्च को ऊर्जा मंत्री भँवर सिंह भाटी व अधिकारियों के साथ छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से परसा कोल ब्लॉक और परसा ईस्ट कांटा बासन कोल ब्लॉक द्वितीय चरण में कोयले का खनन आरंभ करने की शीघ्र अनुमति देने का आग्रह किया था।
- छत्तीसगढ़ सरकार ने अगले दिन ही पारसा ईस्ट कांटा बासन कोल ब्लॉक के द्वितीय चरण की कोल माइनिंग की अनुमति दे दी, वहीं 6 अप्रैल को राज्य के नए कोल ब्लॉक परसा कोल ब्लॉक में भी कोयला खनन की अनुमति दी है।
- विद्युत उत्पादन निगम को कोयला खनन की आवश्यक तैयारियाँ शीघ्र पूरी करने के निर्देश दे दिये गए हैं और आवश्यक तैयारियाँ आरंभ कर दी गई हैं।
- एसीएस माइंस, पेट्रोलियम व एनर्जी डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम को 841.538 हेक्टेयर क्षेत्र का छत्तीसगढ़ के सरगुजा परसा कोल ब्लॉक 2015 में आवंटित किया गया था। केंद्र सरकार व छत्तीसगढ़ सरकार से क्लीयरेंस मिलने के बाद इस नए ब्लॉक में खनन कार्य किया जाएगा।
- इस नए परसा कोल ब्लॉक से कोयले का उत्पादन आरंभ होने पर राज्य को प्रतिदिन करीब 2.7 रैक कोयले की मिल सकेगी। एक अनुमान के अनुसार इस ब्लॉक में 5 मिलियन टन प्रतिवर्ष कोयले का उत्पादन होने की संभावना है। इस नए ब्लॉक से कोयले की सालाना एक हज़ार रैक मिलेगी।
- उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार को परसा ईस्ट व कांता बेसिन में फेज वन में कोयला लगभग समाप्त हो जाने के कारण कोयले का संकट गहराने लगा था। परसा ईस्ट कांता बेसिन के दूसरे चरण के 1136 हेक्टेयर वन भूमि में वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन विभाग की क्लियरेंस भी पिछले दिनों मिल गई है।
‘मुख्यमंत्री बिजली बिलों से राहत योजना, 2022’ का शुभारंभ | मध्य प्रदेश | 08 Apr 2022
चर्चा में क्यों?
7 अप्रैल, 2022 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मध्य प्रदेश के कटनी ज़िले के स्लीमनाबाद में ‘मुख्यमंत्री बिजली बिलों से राहत योजना, 2022’ का शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- कोविड काल की अवधि के प्रदेश के 88 लाख बिजली उपभोक्ताओं के एक किलोवाट तक भार वाले पात्र घरेलू कनेक्शन पर 31 अगस्त, 2020 तक का 6400 करोड़ रुपए से अधिक के बिजली बिल माफ कर दिये गए हैं, जिसे राज्य सरकार भरेगी।
- जिन उपभोक्ताओं ने समाधान योजना, 2021 के अंतर्गत स्थगित राशि के विरुद्ध भुगतान किये हैं, उन्हें भी आगामी बिलों में समायोजित किया जाएगा।
- कटनी ज़िले के 5929 लाख 44 हज़ार रुपए के बिल इस योजना में माफ होंगे।
- गौरतलब है कि मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी कार्यक्षेत्र के भोपाल, नर्मदापुरम, ग्वालियर एवं चंबल संभाग के अंतर्गत 362 वितरण केंद्रों पर समारोहपूर्वक कार्यक्रम आयोजित कर शिविर आयोजित किये गए।
- मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने कहा है कि राज्य शासन द्वारा जारी ‘मुख्यमंत्री विद्युत बिलों में राहत योजना, 2022’ के अंतर्गत कंपनी द्वारा कार्यक्षेत्र के सभी 16 ज़िलों में एक साथ कार्यक्रम आयोजित कर पहले दिन ही लगभग 18 हज़ार 587 उपभोक्ताओं से आवेदन प्राप्त कर 33 करोड़ 15 लाख से अधिक राशि माफ कर प्रमाण-पत्र का वितरण किया गया है।
- कंपनी ने कहा है स्थायी रूप से विच्छेदित उपभोक्ताओं को योजना का लाभ लेने एवं पुन: कनेक्शन संयोजित कराने के लिये विद्युत प्रदाय संहिता के प्रावधानों के अनुसार औपचारिकताएँ पूर्ण करना अनिवार्य होगा। पात्र उपभोक्ता योजना में मिलने वाले लाभ को 1 अप्रैल, 2022 के बाद जारी देयकों में देख सकेंगे।
‘USha अवार्ड’ | मध्य प्रदेश | 08 Apr 2022
चर्चा में क्यों?
7 अप्रैल, 2022 को मध्य प्रदेश राज्य शासन ने ऊर्जा साक्षरता अभियान (UShA) में नागरिकों को प्रोत्साहित करने के लिये राज्य एवं ज़िलास्तरीय ‘USha अवार्ड’ देने का निर्णय लिया है।
प्रमुख बिंदु
- दोनों अवार्ड 6 श्रेणियों में दिये जाएंगे। राज्यस्तरीय अवार्ड का चयन प्रबंध संचालक ऊर्जा विकास निगम की अध्यक्षता में गठित कमेटी और ज़िलास्तरीय अवार्ड का चयन जिलाध्यक्ष की अध्यक्षता में गठित कमेटी द्वारा किया जाएगा।
- अवार्ड के रूप में ऊर्जा दक्ष उपकरण, जैसे- पंखे, स्टार रेटेड एलईडी ट्यूबलाइट, बल्ब और अन्य BEE स्टार रेटेड उपकरण और प्रमाण-पत्र दिया जाएगा।
- 'USha अवार्ड’ प्रदेश में प्रतिमाह ऊर्जा साक्षरता अभियान में सर्वाधिक पंजीयन संख्या के आधार पर प्रदेश के प्रथम ज़िले को, प्रतिमाह सर्टिफिकेशन संख्या के आधार पर प्रदेश के प्रथम ज़िले को, ऊर्जा संरक्षण संहिता अपनाने वाली उत्कृष्ट इमारतों और अन्य भवन, जो ऊर्जा बचत प्रमाणित करते हैं, को दिया जाएगा।
- इस अभियान में उत्कृष्ट कार्य करने वाले विश्वविद्यालय, विभाग, उद्योग और संस्थान को प्रथम, द्वितीय, तृतीय और सांत्वना पुरस्कार दिया जाएगा। ऊर्जा दक्षता के क्षेत्र में प्रदेश में सर्वोत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले ज़िला अक्षय ऊर्जा अधिकारी को राज्यस्तरीय पुरस्कार दिया जाएगा।
- 'USha अवार्ड’ ज़िला अभियान में सर्वाधिक पंजीयन एवं सर्टिफिकेशन करने वाले सबसे उत्कृष्ट स्कूल, कॉलेज और शासकीय कार्यालय को प्रथम पुरस्कार मिलेगा। ज़िले में ऊर्जा दक्षता अपनाने वाले सबसे उत्कृष्ट व्यक्तियों और संस्थाओं को प्रथम, द्वितीय, तृतीय और सांत्वना पुरस्कार दिया जाएगा।
- पंजीयन कराने वाले सबसे उत्कृष्ट किसान और गृहिणी को भी प्रथम, द्वितीय, तृतीय और सांत्वना पुरस्कार दिया जाएगा। प्रथम, द्वितीय, तृतीय और सांत्वना पुरस्कार की एक अन्य श्रेणी विशेष उपलब्धि के लिये भी निर्धारित की गई है।
- किसान का चयन उनके द्वारा ऊषा अभियान से जुड़ने और कृषि क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य, जैसे- ड्रिप इरीगेशन, सोलर पंप आदि सम्मिलित किये जा सकते हैं। गृहिणी का चयन उनके द्वारा ऊषा अभियान से जुड़ने और ऊर्जा बचत के लिये उन्नत सुझाव के आधार पर किया जाएगा।
- अन्य विशेष उपलब्धि श्रेणी में ज़िलास्तर पर ऊर्जा साक्षरता अभियान पर किसी भी व्यक्ति, संस्थान, शासकीय कार्यालय, स्कूल, कॉलेज आदि के उत्कृष्ट प्रदर्शन, विशेष सहयोग अथवा उपलब्धि शामिल होगी।
देश में पहली बार मेडिकल नॉलेज शेयरिंग मिशन की शुरुआत | मध्य प्रदेश | 08 Apr 2022
चर्चा में क्यों?
7 अप्रैल, 2022 को मध्य प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने मेडिकल नॉलेज शेयरिंग मिशन कार्यालय का शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- इस मिशन से राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चिकित्सा शिक्षा एवं चिकित्सकीय उपचार की नवीनतम तकनीक, नवाचार एवं शोध के विभिन्न आयामों को मध्य प्रदेश के चिकित्सकों एवं चिकित्सा छात्रों तक पहुँचाया जाएगा।
- इस मिशन में विभिन्न आयामों पर कार्य किया जाएगा। देश-विदेश के विभिन्न चिकित्सा संस्थानों (शासकीय एवं निजी) के साथ शिक्षा, अनुसंधान और उपचार के लिये एमओयू पर हस्ताक्षर किये जाएंगे।
- इस मिशन के तहत चिकित्सकीय छात्रों एवं चिकित्सकों के लिये ट्रेनिंग, कैपेसिटी बिल्डिंग, नॉलेज एक्सचेंज, एक्पोज़र विज़िट प्रोग्राम आदि कार्यक्रम तैयार किये जाएंगे। नॉलेज एक्सचेंज इंटरेक्टिव डिजिटल प्लेटफॉर्म विकसित किया जाएगा, जिससे चिकित्सकीय छात्र एवं चिकित्सक अपने अनुभवों, रिसर्च कार्यों एवं अन्य नवाचारों को एक-दूसरे से डिजिटल रूप से साझा कर सकेंगे।
- नवीनतम तकनीकों (आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस-AI) एवं गूगल तथा माइक्रोसॉफ्ट आधारित आधुनिक सॉफ्टवेयर का उपयोग चिकित्सा शिक्षा और चिकित्सकीय व्यवस्था क्षेत्र में किया जाएगा।
- इस मिशन के अंतर्गत ही शासकीय एवं निजी चिकित्सा संस्थानों, जैसे- शंकर नेत्रालय चेन्नई, टाटा कैंसर हॉस्पिटल मुंबई, फोर्टिस गुडगाँव एवं अपोलो हॉस्पिटल के साथ सुपर स्पेशिअलिटी शल्य चिकित्सा के क्षेत्र में मेडिकल रोबोटिक्स के उपयोग, चिकित्सा पद्धति और गंभीर बीमारियों के उपचार के लिये चिकित्सकीय एवं शैक्षणिक आदान-प्रदान किया जाएगा।
- अमेरिका की कोलंबिया यूनिवर्सिटी के साथ बोनमेरो ट्रांसप्लांट एवं एमोरी यूनिवर्सिटी के साथ संक्रामक बीमारियों के उपचार एवं चिकित्सा शोध के लिये एमओयू पर हस्ताक्षर किया जाएगा।
- देश एवं विश्व के विभिन्न विधाओं के ख्यातिप्राप्त चिकित्सकों द्वारा प्रदेश के मरीज़ों की जटिल बीमारियों के उपचार के लिये एमओयू पर हस्ताक्षर किया जाएगा, जिसमें हेल्थ कैंप, चिकित्सा परामर्श सुविधा एवं शल्य चिकित्सा की व्यवस्था चिकित्सा महाविद्यालय के हॉस्पिटल में की जाएगी।
- डिजिटल प्लेटफॉर्म विकसित कर प्रदेश के चिकित्सकों एवं चिकित्सा छात्रों के साथ ही प्रदेश से चिकित्सा शिक्षा प्राप्त कर देश-विदेश के प्रसिद्ध चिकित्सा संस्थानों में कार्य करने वाले चिकित्सकों को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर रजिस्ट्रेशन कर जोड़ा जाएगा। चिकित्सा क्षेत्र में किये जा रहे शोध-कार्यों एवं नवाचारों को डिजिटल रूप में प्रकाशित किया जाएगा।
- AI तकनीक के उपयोग से टीबी, ब्रेन स्ट्रोक, ब्रेन ट्यूमर, दिल की बीमारी, कैंसर, जैसे- लीवर, प्रोस्ट्रेट, ब्लैडर, पेट के कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर, बोन कैंसर एवं थायराईड बीमारी की प्राथमिक स्तर पर पहचान तथा AI आधारित डिजिटल पैथोलॉजी से मरीज़ों की जाँच के आयामों को विकसित किया जाएगा।
- मेडिकल कॉलेज के अस्पतालों में मरीज़ों के जाँच एवं उपचार के डाटा को एकत्रित कर सॉफ्टवेयर आधारित मशीन लर्ऩिग से जाँच और उपचार के विभिन्न एल्गोरिद्म (Algorithm) को तैयार किया जाएगा, जिससे चिकित्सकों एवं चिकित्सा छात्रों को मरीज़ों के इलाज और उपचार में मदद मिल सकेगी।
- मेडिकल नॉलेज शेयरिंग मशीन के माध्यम से नवीन मेडिकल डिवाइस के शोध एवं विकास के लिये गांधी मेडिकल कॉलेज में इनक्यूबेशन सेंटर को विकसित किया जाएगा, जिससे चिकित्सकों एवं चिकित्सा छात्रों को नए चिकित्सा उपकरणों को मरीज़ों की आवश्यकता के अनुसार शोध करने और विकसित करने का अवसर मिल सकेगा।
- प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना में चिकित्सा, नर्स़िग एवं पैरामेडिकल के छात्रों को विशिष्ट ट्रेनिंग देकर उनके कार्यक्षेत्र में दक्षता प्रदान करने के लिये स्किल डेवलपमेंट कार्यक्रम प्रारंभ किया जाएगा।
- मेडिकल नॉलेज शेयरिंग मिशन को वैश्विक पटल पर स्थापित करने के उद्देश्य से वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन, यूनिसेफ, विश्व बैंक सहित अंतर्राष्ट्रीय स्तर की संस्थाओं को भी साथ में जोड़ने का प्रयास किया जाएगा।
‘वचनपूर्ति’ मिशन का शुभारंभ | हरियाणा | 08 Apr 2022
चर्चा में क्यों?
7 अप्रैल, 2022 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने वर्ष 1991 से 1993 तक बहादुरगढ़ ज़िले के सेक्टर-2 में कश्मीरी पंडितों के परिवारों द्वारा खरीदी गई ज़मीन का हक उन्हें देने के लिये मिशन ‘वचनपूर्ति’ की घोषणा की।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री ने राज्यस्तरीय कार्यक्रम के दौरान यह ऐतिहासिक घोषणा करते हुए विशेष रूप से आमंत्रित किये गए 182 परिवार लाभार्थियों को मालिकाना हक के कागज़ात सौंपे।
- 6 अप्रैल, 2022 को उस समय दर्ज की गई ज़मीन की माप के सत्यापन के बाद, ड्रॉ के माध्यम से उन्हें इस हक की अदायगी की गई।
- इसके अलावा कुछ परिवारों को उनकी ज़मीन पहले ही मिल चुकी है। इस प्रकार आज तक इस पूरी प्रक्रिया के माध्यम से कुल 209 परिवारों को प्रदेश सरकार द्वारा दिये गए वचन की पूर्ति की गई है।
- उल्लेखनीय है कि वर्ष 1997 में कुछ उपयुक्त संशोधन करने के बाद कुछ भूखंड कश्मीरी पंडितों के पक्ष में जारी किये गए थे, लेकिन जिन परिवारों को उस समय ज़मीन नहीं मिली, उन्हें करीब तीन दशक तक इंतज़ार करना पड़ा है।
उत्तरी क्षेत्रीय पुलिस समन्वय समिति की गुरुग्राम में बैठक हुई | हरियाणा | 08 Apr 2022
चर्चा में क्यों?
7 अप्रैल, 2022 को उत्तर-भारतीय राज्यों में पुलिस समन्वय को और अधिक मज़बूत बनाते हुए क्राइम पर अंकुश लगाने व अन्य गंभीर मुद्दों पर चर्चा के लिये गुरुग्राम में उत्तरी क्षेत्रीय पुलिस समन्वय समिति की बैठक का आयोजन किया गया।
प्रमुख बिंदु
- इस बैठक की सह-अध्यक्षता पुलिस आयुक्त, दिल्ली राकेश अस्थाना और पुलिस महानिदेशक, हरियाणा प्रशांत कुमार अग्रवाल द्वारा की गई, जिसमें हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, चंडीगढ़, जम्मू-कश्मीर, दिल्ली सहित उत्तरी राज्यों के तमाम वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों सहित सीएपीएफ के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए।
- हरियाणा पुलिस द्वारा आयोजित बैठक के दौरान पुलिस और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) के शीर्ष अधिकारियों द्वारा उत्तरी भारत के राज्यों में अपराध से निपटने हेतु अंतर-राज्यीय पुलिस समन्वय बढ़ाने के लिये कई मामलों पर चर्चा के बाद आपसी सहमति बनी।
- इस अहम बैठक में आतंकवादियों-गैंगस्टर-अपराधी गठजोड़ के उभरते रुझानों, मादक पदार्थों की तस्करी जैसे संवेदनशील मुद्दों, सोशल मीडिया निगरानी की बेहतर प्रथाओं को साझा करने, पुलिस गतिविधियों में ड्रोन के उपयोग के क्षेत्र में क्षमता निर्माण, जेलों में बंद आतंकवादियों/अपराधियों की गतिविधियों की निगरानी आदि मामलों पर भी बारीकी से चर्चा की गई।
- पुलिस अधिकारियों ने अंतर-राज्यीय रेड और तलाशी के दौरान समन्वय और सहयोग बढ़ाने की योजना बनाने का भी निर्णय लिया।
- किसी भी प्रकार की अंतर-राज्यीय आपराधिक गतिविधियों से संबंधित रियल-टाइम सूचना साझा करने पर भी बल दिया गया, जो पुलिस बलों के बीच आपसी समन्वय बढ़ाने में सहायक सिद्ध होगा। साथ ही अंतर-राज्यीय सुरक्षा व्यवस्था, अपराध, संगठित अपराध, साइबर क्राइम, ड्रग्स तस्करी, मानव तस्करी आदि गंभीर मुद्दों पर भी कार्य करते हुए पुलिस के बीच समन्वय को कायम रखने को इस बैठक में अहमियत दी गई।
सिमडेगा को जल्द मिलेगा अंतर्राष्ट्रीय स्टेडियम | झारखंड | 08 Apr 2022
चर्चा में क्यों?
हाल ही में झारखंड सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग ने बताया कि स्टेडियम का 80 प्रतिशत कार्य पूर्ण होने से जल्द ही अंतर्राष्ट्रीय स्तर के हॉकी स्टेडियम में खेलों का आयोजन किया जा सकेगा।
प्रमुख बिंदु
- स्टेडियम का निर्माण अंतर्राष्ट्रीय मानकों को ध्यान में रखकर किया जा रहा है, जिसकी आधारशिला मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 20 अक्टूबर, 2021 को हॉकी की नर्सरी कहे जाने वाले सिमडेगा में रखी थी।
- स्टेडियम परिसर में 50 शबया वाले महिला और पुरुष खिलाड़ियों के लिये हॉस्टल का निर्माण हो रहा है। स्टेडियम में तीन हज़ार दर्शकों के आधुनिक सुविधा के साथ बैठने की व्यवस्था होगी।
- इसके पवेलियन भवन में खिलाड़ियों के लिये चेंजिंग रूम, जिम, चिकित्सक और कोच के लिये रूम, स्टेडियम के पास विशाल पोडियम का भी निर्माण किया जा रहा है।
- उल्लेखनीय है कि इसी तर्ज़ पर खूँटी में भी निर्मित किये जा रहे हॉकी स्टेडियम और स्पोर्ट्स हॉस्टल का निर्माण कार्य लगभग 70 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है।
राज्य में स्थापित होंगे लगभग 1000 परिवहन सुविधा केंद्र | छत्तीसगढ़ | 08 Apr 2022
चर्चा में क्यों?
7 अप्रैल, 2022 को छत्तीसगढ़ में परिवहन संबंधी सेवाओं को आसान और घर के निकट उपलब्ध कराने के लिये राज्य भर में लगभग 1000 परिवहन सुविधा केंद्र खोलने की प्रक्रिया को मंज़ूरी मिल गई है।
प्रमुख बिंदु
- उल्लेखनीय है कि परिवहन संबंधी सेवाओं में विस्तार के लिये राज्य भर में परिवहन सुविधा केंद्र की स्थापना को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बीते 26 जनवरी को घोषणा की थी।
- इस दौरान परिवहन सुविधा केंद्र की स्थापना और भूमिका को लेकर परिवहन विभाग की ओर से प्रारूप तैयार किया गया। इस प्रारूप को अनुमोदित कर आगे की कार्यवाही के लिये प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। 1000 परिवहन सुविधा केंद्रों की स्थापना से करीब पाँच हज़ार युवाओं के रोज़गार सृजन की संभावना भी बनेगी।
- 31 मार्च, 2021 को जारी भारत सरकार के राजपत्र क्रमांक 240(अ) के अनुसार लर्ऩिग लाइसेंस बनाने के लिये परिवहन सुविधा केंद्र को अधिकृत किया जा सकता है। इस परिकल्पना को रोज़गारोन्मुखी स्वरूप देने के लिये छत्तीसगढ़ में परिवहन सुविधा केंद्र की स्थापना का निर्णय लिया गया है।
- परिवहन सुविधा केंद्रों में लर्ऩिग लाइसेंस के अलावा अन्य परिवहन संबंधी सेवा के लिये आवेदन किया जा सकेगा। इससे जहाँ आम जनता को आसानी से और घर से निकट परिवहन संबंधी सेवाएँ उपलब्ध होंगी, वहीं शिक्षित युवा बेरोज़गारों को रोज़गार भी मिलेगा। मार्गदर्शिका में परिवहन सुविधा केंद्रों में विभिन्न सेवाओं के लिये शुल्क भी निर्धारित किया गया है।
- अब तक सही जानकारी के अभाव में बड़ी संख्या में लोग अनधिकृत एजेंटों से संपर्क कर परिवहन संबंधी सेवा के लिये आवेदन करते रहे हैं, जिससे उन्हें समय अधिक लगने के साथ ही आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ता रहा है। अब परिवहन संबंधी सुविधाओं के लिये अनधिकृत एजेंटों के चक्कर लगाने की ज़रूरत नहीं होगी।