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‘वचनपूर्ति’ मिशन का शुभारंभ
चर्चा में क्यों?
7 अप्रैल, 2022 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने वर्ष 1991 से 1993 तक बहादुरगढ़ ज़िले के सेक्टर-2 में कश्मीरी पंडितों के परिवारों द्वारा खरीदी गई ज़मीन का हक उन्हें देने के लिये मिशन ‘वचनपूर्ति’ की घोषणा की।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री ने राज्यस्तरीय कार्यक्रम के दौरान यह ऐतिहासिक घोषणा करते हुए विशेष रूप से आमंत्रित किये गए 182 परिवार लाभार्थियों को मालिकाना हक के कागज़ात सौंपे।
- 6 अप्रैल, 2022 को उस समय दर्ज की गई ज़मीन की माप के सत्यापन के बाद, ड्रॉ के माध्यम से उन्हें इस हक की अदायगी की गई।
- इसके अलावा कुछ परिवारों को उनकी ज़मीन पहले ही मिल चुकी है। इस प्रकार आज तक इस पूरी प्रक्रिया के माध्यम से कुल 209 परिवारों को प्रदेश सरकार द्वारा दिये गए वचन की पूर्ति की गई है।
- उल्लेखनीय है कि वर्ष 1997 में कुछ उपयुक्त संशोधन करने के बाद कुछ भूखंड कश्मीरी पंडितों के पक्ष में जारी किये गए थे, लेकिन जिन परिवारों को उस समय ज़मीन नहीं मिली, उन्हें करीब तीन दशक तक इंतज़ार करना पड़ा है।
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उत्तरी क्षेत्रीय पुलिस समन्वय समिति की गुरुग्राम में बैठक हुई
चर्चा में क्यों?
7 अप्रैल, 2022 को उत्तर-भारतीय राज्यों में पुलिस समन्वय को और अधिक मज़बूत बनाते हुए क्राइम पर अंकुश लगाने व अन्य गंभीर मुद्दों पर चर्चा के लिये गुरुग्राम में उत्तरी क्षेत्रीय पुलिस समन्वय समिति की बैठक का आयोजन किया गया।
प्रमुख बिंदु
- इस बैठक की सह-अध्यक्षता पुलिस आयुक्त, दिल्ली राकेश अस्थाना और पुलिस महानिदेशक, हरियाणा प्रशांत कुमार अग्रवाल द्वारा की गई, जिसमें हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, चंडीगढ़, जम्मू-कश्मीर, दिल्ली सहित उत्तरी राज्यों के तमाम वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों सहित सीएपीएफ के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए।
- हरियाणा पुलिस द्वारा आयोजित बैठक के दौरान पुलिस और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) के शीर्ष अधिकारियों द्वारा उत्तरी भारत के राज्यों में अपराध से निपटने हेतु अंतर-राज्यीय पुलिस समन्वय बढ़ाने के लिये कई मामलों पर चर्चा के बाद आपसी सहमति बनी।
- इस अहम बैठक में आतंकवादियों-गैंगस्टर-अपराधी गठजोड़ के उभरते रुझानों, मादक पदार्थों की तस्करी जैसे संवेदनशील मुद्दों, सोशल मीडिया निगरानी की बेहतर प्रथाओं को साझा करने, पुलिस गतिविधियों में ड्रोन के उपयोग के क्षेत्र में क्षमता निर्माण, जेलों में बंद आतंकवादियों/अपराधियों की गतिविधियों की निगरानी आदि मामलों पर भी बारीकी से चर्चा की गई।
- पुलिस अधिकारियों ने अंतर-राज्यीय रेड और तलाशी के दौरान समन्वय और सहयोग बढ़ाने की योजना बनाने का भी निर्णय लिया।
- किसी भी प्रकार की अंतर-राज्यीय आपराधिक गतिविधियों से संबंधित रियल-टाइम सूचना साझा करने पर भी बल दिया गया, जो पुलिस बलों के बीच आपसी समन्वय बढ़ाने में सहायक सिद्ध होगा। साथ ही अंतर-राज्यीय सुरक्षा व्यवस्था, अपराध, संगठित अपराध, साइबर क्राइम, ड्रग्स तस्करी, मानव तस्करी आदि गंभीर मुद्दों पर भी कार्य करते हुए पुलिस के बीच समन्वय को कायम रखने को इस बैठक में अहमियत दी गई।
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