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राजस्थान के सात शहरों में 500 इलेक्ट्रिक बसें शुरू की जाएँगी
चर्चा में क्यों?
सूत्रों के अनुसार, राजस्थान के सात शहरों में सार्वजनिक परिवहन के लिये जल्द ही 500 इलेक्ट्रिक बसें शुरू की जाएँगी, जिसमें वायु प्रदूषण को कम करने, यात्रियों के लिये सुविधा बनाने और ईंधन की खपत को कम करने पर ज़ोर दिया जाएगा।
मुख्य बिंदु:
- बसों का संचालन और रखरखाव स्थानीय स्वशासन विभाग द्वारा कन्वर्जेंस एनर्जी सर्विसेज लिमिटेड के माध्यम से किया जाएगा।
- यह बसें जयपुर, जोधपुर, कोटा, अजमेर, बीकानेर, भरतपुर और उदयपुर में चलेंगी।
- सबसे ज़्यादा 300 बसें जयपुर में और उसके बाद 70 बसें जोधपुर में संचालित की जाएँगी।
- इलेक्ट्रिक बसों के माध्यम से सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने से शहरों में नेटवर्क मज़बूत होगा और शहरी जीवन स्तर में सुधार होगा।
- बजटीय घोषणा को बड़े पैमाने पर जनता के लाभ के लिये पहल के माध्यम से लागू किया जाएगा।
कन्वर्जेंस एनर्जी सर्विसेज लिमिटेड
- कन्वर्जेंस विद्युत, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के तहत केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के स्वामित्व वाली एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड (EESL) समूह का एक हरित ऊर्जा केंद्रित उद्यम है।
- यह ऐसे हस्तक्षेपों की प्रस्तुति करता है जो विद्युत, परिवहन, घरेलू उपकरणों जैसे प्रतीत होने वाले स्वतंत्र क्षेत्रों को मिलाकर और सरकारी भागीदारी एवं कार्बन बाज़ारों जैसे अभिनव वित्तपोषण के माध्यम से बड़े पैमाने पर अनुकूलन के लिये मॉडल पेश करके ऊर्जा पारिस्थितिकी तंत्र में कई समस्याओं को सुलझाते हैं।
एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड
- यह नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NTPC) लिमिटेड, पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन, ग्रामीण विद्युतीकरण निगम और पावरग्रिड का एक संयुक्त उद्यम है, इसे ऊर्जा दक्षता परियोजनाओं के कार्यान्वयन की सुविधा के लिये विद्युत मंत्रालय के तहत स्थापित किया गया था।
- EESL एक सुपर एनर्जी सर्विस कंपनी (ESCO) है जो भारत में 74,000 करोड़ रुपए के अनुमानित ऊर्जा दक्षता बाज़ार को खोलना चाहती है, जिसके परिणामस्वरूप नवीन व्यवसाय और कार्यान्वयन मॉडल के माध्यम से वर्तमान खपत की 20% तक ऊर्जा बचत हो सकती है।
- यह राज्य डिस्कॉम, वित्तीय संस्थानों आदि के क्षमता निर्माण के लिये संसाधन केंद्र के रूप में भी कार्य करता है।
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ESIC राजस्थान में उप-क्षेत्रीय कार्यालय स्थापित करेगा
चर्चा में क्यों?
हाल ही में कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESIC) की स्थायी समिति की 231वीं बैठक में अलवर, राजस्थान में एक उप-क्षेत्रीय कार्यालय स्थापित करने का निर्णय लिया गया।
मुख्य बिंदु:
- अलवर में एक नए ESI उप-क्षेत्रीय कार्यालय की स्थापना से अलवर, खैरथल-तिजारा, कोथपुतिली-बहरोड़, भरतपुर और डीग ज़िलों में रहने वाले लगभग 12 लाख बीमित श्रमिक एवं ESIC योजना के लाभार्थी लाभान्वित होंगे।
- बैठक के दौरान हारोहल्ली, नरसापुरा, बोम्मासंद्रा (कर्नाटक), मेरठ, बरेली (उत्तर प्रदेश), पीथमपुर (मध्य प्रदेश) और डुबुरी (ओडिशा) में 7 नए ESI अस्पतालों के निर्माण के लिये कुल अनुमानित लागत 1128.21 करोड़ रुपए को भी स्वीकृति दी गई।
कर्मचारी राज्य बीमा निगम
- भारतीय कर्मचारी राज्य बीमा निगम एक बहुआयामी सामाजिक प्रणाली है जो कर्मचारी राज्य बीमा योजना (ESI) योजना के तहत आने वाले श्रमिक आबादी और तत्काल आश्रित या परिवार को सामाजिक-आर्थिक सुरक्षा प्रदान करती है।
- ESI कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम, 1948 में सन्निहित सामाजिक बीमा का एक एकीकृत उपाय है।
- ESI को कर्मचारियों को रोगों, मातृत्व, दिव्यांगता और रोज़गार की चोट के कारण मृत्यु की घटनाओं के प्रभाव से बचाने एवं बीमित व्यक्तियों व उनके परिवारों को चिकित्सा देखभाल प्रदान करने के कार्य को पूरा करने के लिये डिज़ाइन किया गया है।
- योजना का कवरेज:
- ESI योजना कारखानों और अन्य प्रतिष्ठानों पर लागू होती है। सड़क परिवहन, होटल, रेस्तरां, सिनेमा, समाचार पत्र, दुकानें और शैक्षिक/चिकित्सा संस्थान जहाँ 10 या अधिक व्यक्ति कार्यरत हैं।
- हालाँकि कुछ राज्यों में प्रतिष्ठानों के कवरेज की सीमा अभी भी 20 है।
- उपरोक्त श्रेणियों के कारखानों और प्रतिष्ठानों के कर्मचारी, जो प्रति माह 15,000/- रुपए तक वेतन लेते हैं, ESI अधिनियम के तहत सामाजिक सुरक्षा कवर के हकदार हैं।
- हालाँकि ESI कॉर्पोरेशन ने ESI अधिनियम के तहत कर्मचारियों के कवरेज के लिये वेतन सीमा को 15,000/- रुपए से बढ़ाकर 21,000/- रुपए करने का भी निर्णय लिया है।
- ESI कॉरपोरेशन ने 1 अगस्त, 2015 से ESI योजना के तहत कार्यान्वित क्षेत्रों में स्थित निर्माण स्थलों पर तैनात श्रमिकों को ESI योजना का लाभ दिया है।
- ESI योजना ज़िलेवार लागू की गई है।
- अब इसे 34 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के 526 ज़िलों में अधिसूचित किया गया है।
- ESI योजना कारखानों और अन्य प्रतिष्ठानों पर लागू होती है। सड़क परिवहन, होटल, रेस्तरां, सिनेमा, समाचार पत्र, दुकानें और शैक्षिक/चिकित्सा संस्थान जहाँ 10 या अधिक व्यक्ति कार्यरत हैं।
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