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झारखंड स्टेट पी.सी.एस.

  • 08 Mar 2022
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दो कुलपति कर्नल की मानद उपाधि से सम्मानित

चर्चा में क्यों?

7 मार्च, 2022 को झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस ने राजभवन में विनोबा भावे विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. मुकुल नारायण देव तथा सिद्धो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. सोनाझरिया मिंज को कर्नल की मानद उपाधि से सम्मानित किया।

प्रमुख बिंदु

  • इसके साथ ही दोनों कुलपति को अपने-अपने विश्वविद्यालय के अंतर्गत एनसीसी ऑफिसर एवं कैडेट्स के लिये कर्नल कमांडेंट के पद पर नियुक्त किया गया।
  • विदित हो कि रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार से चयनित उन कुलपतियों को ही मानद कर्नल की उपाधि दी जाती है जिन्होंने एनसीसी के विस्तार एवं उत्थान के लिये अपने विश्वविद्यालय में विशेष योगदान दिया है।
  • इन कुलपतियों ने अपने विश्वविद्यालय में एनसीसी कैडेट्स को प्रोत्साहित करने का कार्य किया। इनके इन कार्यों को देखते हुए एनसीसी महानिदेशक की अनुशंसा पर भारत सरकार ने उन्हें कर्नल की मानद उपाधि से सम्मानित करने का निर्णय लिया।
  • समारोह में एनसीसी के वायु सेना एवं नौसेना अंग के कैडेट्स ने कई हवाई जहाज़ एवं समुद्री जहाज़ के मॉडल्स का भी प्रदर्शन किया।

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कृषकों को योजनाओं का सीधा लाभ देने की प्रक्रिया शुरू

चर्चा में क्यों?

7 मार्च, 2022 को झारखंड की कृषि निदेशक निशा उराँव ने बताया कि कृषि विभाग ने झारखंड के सभी कृषकों को योजनाओं का सीधा लाभ देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

प्रमुख बिंदु

  • इसके तहत राज्य में गठित एफपीओ एवं जेएसएलपीएस द्वारा गठित महिला स्वयं-सहायता समूहों के कृषकों को विभागीय योजनाओं का सीधा लाभ पहुँचाया जाएगा, ताकि बिचौलिये को समाप्त किया जा सके।
  • कृषि विभाग द्वारा ज़िला स्तर पर वैसे सभी योग्य एफपीओ एवं जेएसएलपीएस द्वारा गठित महिला स्वयं-सहायता समूहों को सूचीबद्ध किया जाएगा, जिन्हें विभागीय योजनाओं का लाभ पैकेज योजना के रूप में प्रदान किया जाएगा।
  • पैकेज योजना का तात्पर्य यह है कि जिन महिला कृषकों की उद्यान निदेशालय से सब्ज़ी बीज, फूल खेती हेतु मलचिंग या पॉली हाउस उपलब्ध कराया जाएगा, उन्हें अनिवार्य रूप से कृषि निदेशालय से संचालित प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का लाभ दिया जाएगा। इसमें अनुदान की राशि 90 एवं 80 प्रतिशत है।
  • उसी प्रकार जिन महिला कृषकों को कृषि यंत्र उपलब्ध कराया जाएगा, उनको सब्ज़ी खेती हेतु बीज भी उपलब्ध कराया जाएगा। इस तरह के प्रयास से ऐसे एफपीओ की आय में आशातीत वृद्धि होगी एवं आर्थिक रूप से महिला समूह सशत्त होंगे, साथ ही उत्पादकता में भी वृद्धि परिलक्षित होगी।
  • महिला किसानों के सशक्तिकरण के लिये विभाग द्वारा खास पहल की जा रही है। इसके तहत महिला प्रधान एफपीओ और एसएचजी की कृषि और उद्यान निदेशालय की योजनाओं के साथ मैपिंग की जा रही है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में इनको योजनाओं के लाभ के साथ हैंडहोल्डिंग और प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि ये आत्मनिर्भर बन सकें।

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