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मध्य प्रदेश की मंत्रि-परिषद की बैठक के महत्त्वपूर्ण निर्णय
चर्चा में क्यों?
7 फरवरी, 2023 को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंत्रालय में मंत्रि-परिषद की बैठक हुई जिसमे अनेक महत्त्वपूर्ण निर्णय लिये गए।
प्रमुख बिंदु
- मंत्रि-परिषद द्वारा निर्णय लिया गया कि स्वर्गीय आर. एस. राठौर, अपर संचालक, आर्थिक एवं सांख्यिकी की कोरोना संक्रमण के कारण 19 अप्रैल 2021 को मृत्यु हो जाने के फलस्वरूप उनकी विवाहित पुत्री श्रद्धा मालवी को पात्रता न होते हुए भी मानवीय आधार एवं उच्च न्यायालय, खंडपीठ इंदौर के निर्णय के अनुक्रम में विशेष प्रकरण मानते हुए अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की जाए।
- इसके साथ ही सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी अनुकंपा संबंधी आदेश 29 सितंबर, 2014 के प्रावधानों में मंत्रि-परिषद द्वारा यह नीतिगत निर्णय भी लिया गया कि अनुकंपा नियुक्ति के लिये पुत्र एवं पुत्री दोनों को समान अधिकार हैं, चाहे पुत्रियाँ विवाहित ही क्यों न हों। इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग नीति में आवश्यक संशोधन करेगा।
- मंत्रि-परिषद द्वारा पशुपालन एवं डेयरी विभाग में वर्ष 2022-23 में ‘मुख्यमंत्री पशुपालन विकास योजना’में 150 करोड़ रुपए का बजट प्रावधान किया गया है।
- पशुपालन एवं डेयरी विभाग के अंतर्गत पूर्व में मंत्रि-परिषद से स्वीकृत मुख्यमंत्री पशुपालन विकास योजना में समाहित विशेष पिछड़ी जनजातियों हेतु स्वीकृत घटक ‘मुख्यमंत्री दुधारू गाय प्रदाय कार्यक्रम’ में संशोधन किये गए हैं। अब इस योजना में मुख्यमंत्री दुधारू पशु प्रदाय कार्यक्रम में बैगा जनजाति के साथ सहरिया और भारिया विशेष पिछड़ी जनजातियों को भी शामिल किया गया है।
- इस कार्यक्रम में दुधारू गाय की इकाई के साथ दुधारू भैंस की इकाई को भी शामिल किया गया है। इस कार्यक्रम में दुधारू गाय के साथ दुधारू भैंस को भी सम्मिलित करने के परिप्रेक्ष्य में योजना का नाम ‘मुख्यमंत्री दुधारू गाय प्रदाय कार्यक्रम’के स्थान पर ‘विशेष पिछड़ी जनजातियों के लिये मुख्यमंत्री दुधारू पशु प्रदाय कार्यक्रम’किया गया।
- मंत्रि-परिषद ने राज्य में गत वर्ष से लागू नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा नीति-2022 में स्टोरेज आधारित परियोजनाओं के विकास को मान्य किया। इसी कड़ी में मंत्रि-परिषद द्वारा पंप हाईड्रो स्टोरेज परियोजनाओं के क्रियान्वयन तथा निविदा प्रक्रिया संपादित करने का निर्णय लिया।
- इस निर्णय से नवकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं से प्राप्त ऊर्जा की निरंतरता और अधिक सुनिश्चित होगी तथा ग्रिड स्थायित्व में भी लाभ होगा। राज्य में पंप हाइड्रो परियोजनाओं के विकास के लिये नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग द्वारा प्रस्तावित योजना को अनुमोदन प्रदान करते हुए विस्तृत दिशा-निर्देशिका बनाने/संशोधन/ स्पष्टीकरण दिये जाने के लिये विभाग को अधिकृत किया गया।
- मंत्रि-परिषद द्वारा मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित साधिकार समिति की अनुशंसा अनुसार स्टेट डाटा सेंटर के विस्तार, संचालन एवं नवीन डिजास्टर रिकवरी साइट की नेशनल डाटा सेंटर भुवनेश्वर में स्थापना तथा वर्तमान में स्थापित हार्डवेयर एवं सॉफ्टवेयर को अपग्रेड करने के लिये कुल परियोजना व्यय 161 करोड़ 95 लाख रुपए का अनुमोदन किया गया।
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सुराज नीति-2023
चर्चा में क्यों?
7 फरवरी, 2023 को मध्य प्रदेश के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने जानकारी दी है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा की गई घोषणा अनुसार ‘शासकीय भूमियों को अतिक्रमण से मुक्त कराने के बाद उपलब्ध भूमि पर आवासहीन, आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग (ई.डब्ल्यू.एस.) के लिये आवास निर्माण के लिये सुराज नीति-2023 का मंत्रि-परिषद द्वारा अनुमोदन कर दिया गया है।
प्रमुख बिंदु
- ज़िला प्रशासन द्वारा अतिक्रमण से मुक्त कराई गई शासकीय भूमि का स्वयं संसाधन के रूप में समुचित उपयोग करते हुए आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग (ई.डब्ल्यू.एस.) के लिये सुराज कॉलोनी में आवास निर्माण मय आवश्यक अधो-संरचना कार्यों, सामुदायिक सुविधाओं के निर्माण किये जाने तथा सुराज कालोनी के निर्माण के लिये उचित वित्तीय संसाधन जुटाने तथा शहरी क्षेत्र के उक्त भू-खंडों का सुसंगत योग्य घनत्व से विकास सुनिश्चित करने के लिये यह नीति तैयार की गई है।
- इस नीति का उद्देश्य बिना शासकीय बजटीय सहायता के पुनर्घनत्वीकरण नीति के अनुरूप सुराज कॉलोनी के तहत ई.डब्ल्यू.एस. श्रेणी के आवासहीनों को किफायती आवास प्रदान करना और अतिक्रमण से मुक्त की गई भूमि का शहर के विकास के लिये सर्वोत्तम उपयोग करना है।
- इस नीति के मुख्य बिंदु निम्नलिखित हैं:
- एक अप्रैल 2020 के बाद अतिक्रमण से मुक्त कराई गई शासकीय भूमि पर आवासहीन तथा आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्गों के लिये आवास निर्माण की योजना।
- अतिक्रमण से मुक्त कराई गई भूमि का एक टुकड़ा निजी डेवलपर को सौंपा जाएगा, जिसके बदले और शेष भूमि में ईडब्ल्यूएस आवास के लिये सुराज टावर बनेगा।
- निजी डेवलपर को दिये जाने वाले भू-खंड के आरक्षित मूल्य की गणना लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग की स्थापित नीति के अनुसार खुली निविदाओं के आधार पर की जाएगी।
- छोटे शहरों में मल्टी स्टोरी के स्थान पर 450 वर्ग फीट तक के आवासीय पट्टे पर कॉलोनी विकसित किये जा सकेंगे।
- परियोजना में सुराज कॉलोनी के लिये समस्त आवश्यक अधो-संरचना जैसे सड़क, जल-प्रदाय, बिजली, बगीचा, सामुदायिक भवन और आवश्यकता होने पर स्कूल एवं डिस्पेंसरी भी बना कर दी जाएगी।
- निर्माण होने के बाद इकाइयों का आवंटन कमज़ोर आय वर्ग के आवासहीन लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना की पात्रता एवं फार्मूले के आधार पर ज़िला स्तर पर किया जाएगा।
- विशेष परिस्थितियों में झुग्गी बस्तियों का पुनर्वास तथा शासकीय परियोजनाओं जैसे सड़क इत्यादि में आवश्यकता होने पर पुनर्वास भी किया जा सकता है।
- योजना के क्रियान्वयन के लिये अन्य सभी प्रक्रियाएँ राज्य में स्थापित रिडेंसीफिकेशन नीति 2022 के अनुसार रहेंगी।
- सुराज टावर कॉलोनी निर्माण के बाद अगले 5 सालों तक डिफेक्ट लायबिलिटी पीरियड के अंतर्गत विकास और 3 वर्ष तक कॉलोनी का रख-रखाव संचालन एवं मरम्मत का दायित्व निजी डेवलपर का रहेगा।
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