सिमडेगा में मिले आदिमानव के साक्ष्य | झारखंड | 08 Feb 2023
चर्चा में क्यों?
7 फरवरी 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार प्राकृतिक सुंदरता, हॉकी तथा आदिवासी बाहुल्य ज़िले के रूप में जाना जानेवाला सिमडेगा में आदिमानव के साक्ष्य मिले हैं।
प्रमुख बिंदु
- डॉ. अंशुमाला तिर्की व बालेश्वर कुमार बेसरा ने ज़िले के कई स्थलों का भ्रमण कर आदिमानव द्वारा बनाए गए शैलचित्र ढूंढ निकाले हैं। ये शैलचित्र बिरू, बंगरू घोसरा, छूरिया, पूरनापानी, कोलेबिरा के भँवर पहाड़ तथा जलडेगा के परबा जैसे स्थानों से मिले हैं।
- ये शैलचित्र मुख्यत: लाल व सफेद रंगों से बनाई गई है। इन चित्रों में आखेट, जंगली जानवर, डॉमेस्टिकेशन व ज्यामितीय आकृतियाँ हैं।
- केरसई प्रखंड के ढोडीजोर गाँव में नवपाषाण कालीन ग्रुभस प्रमुख रूप से मिले हैं। ये पाँच सौ से भी ज्यादा संख्या में मिले हैं। चित्रों को देखने से प्रतीत होता है कि यह चित्र मध्यपाषाण काल से लेकर नवपाषाण काल तक के हैं।
- आदिमानव के ये साक्ष्य झारखंड के क्रमबद्ध इतिहास को लिखने में सहायक होगा। ये साक्ष्य इतिहास, पुरातत्व, नृविज्ञान तथा कला के शोधार्थियों को भी आकर्षित करेगा।
- उल्लेखनीय है कि इन आदिमानव द्वरा बनाये गए शैलचित्रों को खोजने वाले डॉ अंशु माला तिर्की स्वतंत्र पुरातत्वविद, इंडियन काउंसिल ऑफ सोशल साइंस रिसर्च के प्रोजेक्ट में रिसर्च एसोसिएट हैं वहीं बालेश्वर कुमार बेसरा स्वतंत्र पुरातत्वविद, भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (नई दिल्ली) की परियोजना में अनुसंधान सहायक है।