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हरियाणा में ‘पॉलिसी फॉर सर्टिफिकेशन एंड स्टैंडर्डाइजेशन आफ आयुष फैसीलिटिज’ लागू
चर्चा में क्यों?
07 फरवरी,2023 को हरियाणा सरकार ने आयुष प्रणाली व सुविधाओं को बढ़ावा देने के लिये एक नई नीति ‘पॉलिसी फॉर सर्टिफिकेशन एंड स्टैंडर्डाइजेशन ऑफ आयुष फैसीलिटिज’ (आयुष सुविधाओं के प्रमाणन और मानकीकरण के लिये नीति) लागू की है।
प्रमुख बिंदु
- इस संबंध में जानकारी देते हुए हरियाणा के गृह, स्वास्थ्य और आयुष मंत्री अनिल विज ने बताया कि यह नीति आगामी 31 अक्तूबर, 2027 तक लागू रहेगी और इस नीति की एक अधिसूचना आज जारी कर दी गई है।
- इस नीति का उदेश्य समग्र कल्याण मॉडल के आधार पर सेवाएँ प्रदान करने के लिये निजी क्षेत्र में आयुष औषधालयों/क्लीनिकों, पंचकर्म केंद्रों, आयुष अस्पतालों के नेटवर्क की पहचान और संचालन के माध्यम से आयुष के मुख्य योग्यता क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करके लागत प्रभावी आयुष चिकित्सा सेवाओं के माध्यम से स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली के कवरेज को बढ़ाना है।
- इससे बीमारी के बोझ और जेब खर्च को कम करने के साथ-साथ जनता को ‘स्वयं की देखभाल’के लिये सशक्त बनाया जा सकेगा।
- इस नीति के तहत आयुष चिकित्सा पद्धति के तहत लक्षित सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों के माध्यम से संचारी/गैर-संचारी रोगों में कमी लाने की भी परिकल्पना की गई है।
- सरकार इस नीति के तहत अन्य सेवा क्षेत्रों के बीच आयुष को प्राथमिक स्वास्थ्य क्षेत्र के रूप में बढ़ावा देने का प्रयास करेगी, जिसके तहत आयुष वेलबीइंग डेस्टिनेशन में आयुष अस्पतालों, कॉलेजों, वेलनेस सेंटरों से लेकर निवारक, उपचारात्मक और पुनर्वास उपचार/सुविधाएँ, गेस्ट हाउस और होम-स्टे, ऑर्गेनिक रिटेल सुविधाएँ, योग और प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र, स्पा और अरोमाथेरेपी केंद्र, बॉडी रैप्स, मसाज वेलनेस सेंटर, सौंदर्य उपचार, विशेष त्वचा देखभाल क्लिनिक, सांस्कृतिक और विरासत प्रदर्शन के लिये बाहरी सत्र इत्यादि शामिल हैं।
- इसी प्रकार, स्टैंडअलोन या मल्टी-स्पेशियलिटी आयुष अस्पताल जिसमें आयुष के तहत चिकित्सा की सभी या 5 प्रणालियों में से कुछ शामिल हैं और नैदानिक प्रतिष्ठान अधिनियम 2011, एनएबीएच या आयुष मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा निर्धारित मानकों का अनुपालन करते हैं, जो भी लागू हो।
- इसी तरह, आयुष वेलनेस सेंटर में जैसे आयुष क्लीनिक/डे केयर सेंटर/डिस्पेंसरी/पंचकर्मा क्लिनिक/योग, नेचुरोपैथी और मेडिटेशन सेंटर/कन्वलेसेंस सेंटर आदि बिना आईपीडी सुविधा के हैं।
- आयुष अस्पतालों, वेलनेस सेंटरों आदि को पर्याप्त मान्यता प्रदान की जाएगी। आयुष विभाग, हरियाणा सरकार के तहत मान्यता प्राप्त/प्रमाणित आयुष सुविधाओं/संस्थानों की तीन श्रेणियाँ होंगी जिसमें आयुष हीरक, आयुष स्वर्ण और आयुष रजत शामिल हैं।
- अस्पतालों और स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड (एनएबीएच) द्वारा पूर्ण मान्यता प्राप्त करने वाले अस्पतालों, वेलनेस केंद्रों आदि को राज्य सरकार द्वारा 5 स्टार रेटिंग के साथ आयुष स्वर्ण के रूप में मान्यता दी जाएगी।
- जिन आयुष संस्थाओं ने अपनी संबंधित श्रेणी में एनएबीएच द्वारा पूर्व-प्रत्यायन प्रवेश स्तर के मानक प्राप्त किये हैं, उन्हें राज्य सरकार द्वारा 3 स्टार रेटिंग के साथ आयुष रजत के रूप में मान्यता दी जाएगी।
- अपनी श्रेणी में आयुष स्वर्ण मान्यता/प्रमाणन प्राप्त करने के बाद लगातार 5 वर्षों तक एनएबीएच मान्यता बनाए रखने वाली आयुष संस्थाओं को राज्य सरकार द्वारा 7 स्टार रेटिंग को आयुष हीरक के रूप में मान्यता दी जाएगी। मान्यता/प्रमाणन एनएबीएच मान्यता की वैधता तक वैध रहेगा।
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