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राजस्थान स्टेट पी.सी.एस.

  • 08 Feb 2022
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राजस्थान युवा पखवाड़ा

चर्चा में क्यों?

7 फरवरी, 2022 को प्रसिद्ध गांधीवादी सुब्बाराव की जयंती पर शांति एवं अंहिसा निदेशालय, राजस्थान द्वारा राज्य में विभिन्न विभागों के सहयोग से ‘राजस्थान युवा पखवाड़े’का शुभारंभ किया गया, जो 20 फरवरी, 2022 तक चलेगा। 

प्रमुख बिंदु 

  • शांति और अहिंसा निदेशालय के निदेशक मनीष कुमार शर्मा ने बताया कि युवा पखवाड़ा के अंतर्गत राज्य भर में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। पहले दिन राज्य के ज़िलास्तरीय अहिंसा प्रकोष्ठों का प्रदेशस्तरीय सम्मेलन आयोजित किये गए।
  • राजस्थान युवा पखवाड़ा कार्यक्रम के समापन अवसर पर 20 फरवरी को शांति और अहिंसा निदेशालय की वेबसाइट का उद्घाटन एवं प्रतिभागियों को सर्टिफिकेट वितरण किया जाएगा। 
  • राजस्थान युवा बोर्ड के सदस्य सचिव ने बताया की प्रदेश के सभी ज़िला व उपखंड स्तर पर ज़िला युवा बोर्ड एवं नेहरू युवा केंद्र संगठन व ज़िला अहिंसा प्रकोष्ठ के संयुक्त तत्वावधान में राजस्थान युवा पखवाड़ा मनाया जाना है। 
  • नेहरू युवा केंद्र संगठन, राजस्थान भारत स्काउट व गाइड, एन.सी.सी. एवं एन.एस.एस. के स्वयं सेवक, संबंधित ज़िले के राष्ट्रीय युवा पुरस्कार प्राप्तकर्त्ताओं को आमंत्रित कर कोविड-19 की गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए युवा पखवाड़े का आयोजन किया जाएगा।
  • इस पखवाड़े के तहत आयोजित किये जाने वाले सभी कार्यक्रमों में जनकल्याण मोबाइल ऐप के माध्यम से ऑनलाइन क्विज एवं प्रतियोगिता आयोजित करवाया जाना प्रस्तावित है।

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लोकायुक्त ने राज्यपाल कलराज मिश्र को प्रस्तुत किया 33वाँ समेकित प्रतिवेदन

चर्चा में क्यों?

7 फरवरी, 2022 को राजस्थान के लोकायुक्त न्यायमूर्ति पी. के. लोहरा ने राज्यपाल कलराज मिश्र को 33वाँ समेकित प्रतिवेदन (1 मार्च, 2018 से 31 दिसंबर, 2021 तक) प्रस्तुत किया।

प्रमुख बिंदु 

  • लोकायुक्त सचिवालय के उप सचिव हर्ष कुमार मिश्रा ने बताया कि लोकायुक्त लोहरा द्वारा 9 मार्च, 2021 को पदभार ग्रहण करने के समय कुल 9 हज़ार 810 शिकायतें लंबित थीं। 
  • कोविड महामारी के समय विपरीत परिस्थितियों के बावजूद लोहरा ने पीड़ित व्यक्तियों की परिवेदनाओं को दृष्टिगत रखते हुए बिना किसी अवकाश के दिसंबर 2021 तक कुल 5 हज़ार 43 शिकायतों का निस्तारण किया।
  • उप सचिव ने बताया कि 1973 में लोकायुक्त संस्था की स्थापना के बाद से परिवेदनाओं का यह सबसे अधिक निस्तारण है।

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गहन मिशन इंद्रधनुष 4.0 टीकाकरण अभियान का हुआ शुभारंभ

चर्चा में क्यों?

7 फरवरी, 2022 को राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने शून्य से 2 वर्ष तक के बच्चों को नौ तरह की बीमारियों से बचाने के लिये जयपुर में ‘गहन मिशन इंद्रधनुष (आईएमआई) 4.0’ टीकाकरण अभियान का शुभारंभ किया।

प्रमुख बिंदु 

  • सघन मिशन इंद्रधनुष 4.0 टीकाकरण अभियान में उन्हीं बच्चों को शामिल किया गया है, जो नियमित टीकाकरण से किसी भी कारणवश वंचित रह गए हैं। अभियान के तहत ज़िले के करीब 487 बच्चों तथा 114 गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण का लक्ष्य रखा गया है।
  • सघन मिशन इंद्रधनुष 4.0 टीकाकरण अभियान का प्रथम चरण आगामी 13 फरवरी तक संचालित होगा। अभियान का दूसरा चरण 7 मार्च से 13 मार्च तथा तीसरा चरण 4 अप्रैल से 10 अप्रैल तक संचालित किया जाएगा। 
  • इस अभियान के दौरान 0 से 2 वर्ष तक के बच्चों को नौ तरह की बीमारियों से बचाने के लिये बीसीजी, पोलियो, हेपेटाइटिस बी, पेंटावेलेंट, एफआईपीवी, आरवीवी, पीसीवी तथा एमआर के टीके लगाए जाएंगे। इसी प्रकार नियमित टीकाकरण से वंचित गर्भवती महिलाओं को टीडी-1, टीडी-2 व बूस्टर टीडी के टीके लगाए जाएंगे।
  • उल्लेखनीय है कि केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने वर्चुअल माध्यम के ज़रिये राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के स्वास्थ्य अधिकारियों की उपस्थिति में गहन मिशन इंद्रधनुष (आईएमआई) 4.0 की शुरुआत की।
  • गहन मिशन इंद्रधनुष 4.0 के तीन राउंड (दौर) होंगे और यह देश के 33 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के 416 ज़िलों (आज़ादी का अमृत महोत्सव के लिये चिह्नित 75 ज़िलों सहित) में संचालित किया जाएगा। इसके पहले राउंड (फरवरी-अप्रैल 2022) में 11 राज्य/केंद्र शासित प्रदेश आईएमआई 4.0 को संचालित करेंगे। ये राज्य/केंद्र शासित प्रदेश हैं- असम, उत्तराखंड, गुजरात, जम्मू और कश्मीर, मेघालय, मिज़ोरम, नागालैंड, राजस्थान, सिक्किम, त्रिपुरा व छत्तीसगढ़। 
  • वहीं, अन्य 22 राज्य अप्रैल से मई 2022 तक राउंड संचालित करेंगे। इन राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा, बिहार, पुदुच्चेरी, दिल्ली, पंजाब, गोवा, तमिलनाडु, हरियाणा, तेलंगाना, झारखंड, दादरा और नगर हवेली व दमन और दीव, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, केरल, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश व अंडमान और निकोबार द्वीप समूह शामिल हैं।

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प्रदेश के 1001 गाँवों में सभी परिवारों को ‘हर घर जल’ कनेक्शन की सौगात

चर्चा में क्यों?

7 फरवरी, 2022 तक की रिपोर्ट के अनुसार जल जीवन मिशन (जेजेएम) के तहत राजस्थान के 1001 गाँवों में सभी परिवारों को ‘हर घर जल’कनेक्शन की सुविधा मुहैया करा दी गई है। इन गाँवों में सभी लोगों को अपने घर पर ही नल कनेक्शन के माध्यम से स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति की जा रही है। 

प्रमुख बिंदु 

  • उल्लेखनीय है कि वर्ष 2024 तक प्रदेश के सभी ग्रामीण परिवारों को हर घर जल कनेक्शन दिये जाने का लक्ष्य रखा गया है।  
  • राज्य के 617 गाँवों में 90 प्रतिशत से अधिक, 705 गाँवों में 80 प्रतिशत से ज़्यादा तथा 772 गाँवों में 70 प्रतिशत से अधिक परिवारों को ‘हर घर जल’कनेक्शन के ज़रिये पेयजल आपूर्ति की जा रही है। प्रदेश में वर्तमान में प्रतिदिन करीब 3 हज़ार नए ग्रामीण परिवारों को हर घर जल कनेक्शन दिये जा रहे हैं।
  • प्रदेश के ज़िलों में श्रीगंगानगर के सर्वाधिक 192 गाँवों में सभी परिवारों को ‘हर घर जल’ कनेक्शन में कवर किया जा चुका है। नागौर के 161, राजसमंद के 92, चूरु के 81, जयपुर के 71, हनुमानगढ़ के 62, भीलवाड़ा के 40, सीकर के 39, जोधपुर के 34 एवं बीकानेर के 27 गाँवों में ‘हर घर जल’कनेक्शन का कवरेज पूरा कर लिया गया है।
  • उल्लेखनीय है कि प्रदेश में जेजेएम के तहत अब तक 35 हज़ार 776 गाँवों में 128 बृहद् पेयजल परियोजनाओं और 9188 मल्टी एवं सिंगल विलेज परियोजनाओं सहित कुल 9316 ग्रामीण पेयजल परियोजनाओं में 86 लाख 21 हज़ार 450 ‘हर घर जल’कनेक्शन की स्वीकृतियाँ जारी की जा चुकी हैं। 
  • इसके विरुद्ध अब तक 25 हज़ार 937 गाँवों में 8673 ग्रामीण पेयजल परियोजनाओं की तकनीकी स्वीकृतियाँ (62 लाख 51 हज़ार 516 ‘हर घर जल’कनेक्शन के लिये), 25 हज़ार 641 गाँवों में 8148 स्कीम्स (62 लाख 3 हज़ार 603 ‘हर घर जल’कनेक्शन के लिये) की निविदाएँ तथा 13 हज़ार 20 गाँवों में 5440 स्कीम्स में 32 लाख 29 हज़ार 482 ‘हर घर जल’कनेक्शन के लिये कार्यादेश जारी कर दिये गए हैं।

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