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झारखंड स्टेट पी.सी.एस.

  • 08 Feb 2022
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एससी-एसटी की सूची में बदलाव हेतु संशोधन विधेयक

 चर्चा में क्यों?

7 फरवरी, 2022 को जनजाति मामलों के केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने झारखंड की अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजातियों की सूची में बदलाव करने वाला संशोधन विधेयक राज्यसभा में पेश किया।

  प्रमुख बिंदु 

  • विधेयक के अनुसार झारखंड के भोगता समुदाय के साथ तमरिया/तमड़िया, पुरान, देशवारी, गंझू, दौलतबंदी (द्वालबंदी), पटबंदी, राउत, मझिया, खैरी (खेरी) को भी अनुसूचित जनजाति (एसटी) की सूची में शामिल किया जाएगा।
  • भोगता सहित अन्य जातियों के एससी से एसटी में आने से उन्हें बड़े आरक्षण के दायरे में शामिल होने का लाभ मिलेगा। राज्य में अभी एससी के लिये 10% और एसटी के लिये 26% आरक्षण है। इस कारण अतिरिक्त आरक्षण से लाभान्वित हो सकेंगे।
  • तमरिया/तमाड़ को मुंडा की श्रेणी में सूचीबद्ध करने के लिये जनजातीय शोध संस्थान (टीआरआई) ने वर्ष 2002 में अनुशंसा की थी। वहीं पुरान को एसटी में शामिल करने की अनुशंसा 1993 में जनजातीय शोध संस्थान ने की थी। 
  • उल्लेखनीय है कि यूपीए सरकार के कार्यकाल में वर्ष 2014 में राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष डॉ. रामेश्वर उरांव ने भोगता जाति को अनुसूचित जाति की श्रेणी से निकालकर अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की अनुशंसा की थी। 

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