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छत्तीसगढ़ में धान खरीदी का पिछला रिकॉर्ड टूटा
चर्चा में क्यों?
7 फरवरी, 2022 को छत्तीसगढ़ में संपन्न हुए धान खरीदी महाअभियान में राज्य सरकार ने इस साल राज्य में किसानों से समर्थन मूल्य पर 97 लाख 97 हज़ार 122 मीट्रिक टन धान की खरीदी कर अपने पिछले साल के रिकॉर्ड को ब्रेक करते हुए एक नया रिकॉर्ड कायम किया है।
प्रमुख बिंदु
- इस साल राज्य में धान खरीदी एक दिसंबर, 2021 से 31 जनवरी, 2022 तक निर्धारित थी। बेमौसम बारिश की वजह से धान न बेच पाने वाले किसानों को धान बेचने का मौका दिये जाने के लिये मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा धान खरीदी की निर्धारित अवधि 31 जनवरी से बढ़ाकर 7 फरवरी कर दी गई थी।
- इस साल 21,77,283 किसानों ने समर्थन मूल्य पर अपनी धान बेची है, जो बीते वर्ष धान बेचने वाले 20,53,600 किसानों की संख्या से 1,23,683 अधिक है।
- गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ सरकार की किसान हितैषी नीतियों के चलते बीते तीन सालों में राज्य में धान उत्पादक कृषकों की संख्या और उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जिसके चलते समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का रिकॉर्ड साल-दर-साल टूट रहा है।
- किसानों की सहूलियत के लिये धान खरीदी केंद्रों की संख्या भी 2311 से बढ़ाकर 2484 कर दी गई थी, जिससे किसानों को धान बेचने में आसानी हुई। किसानों के बारदाने के मूल्य को भी 18 रुपए से बढ़ाकर 25 रुपए किया गया।
- इस साल 97.97 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का नया रिकॉर्ड बना है। वर्ष 2021 में 92 लाख मीट्रिक टन धान, वर्ष 2020 में 83.94 लाख मीट्रिक टन तथा 2019 में 80.37 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई थी।
- इस साल खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में धान बेचने के लिये कुल 24,06,560 किसानों ने पंजीयन कराया था, जिनके द्वारा बोए गए धान का रकबा 30 लाख 10 हज़ार 880 हेक्टेयर है, जबकि गत वर्ष पंजीकृत धान का रकबा 27 लाख 92 हज़ार 827 हेक्टेयर था।
- उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा किसानों को उनकी फसल का वाज़िब मूल्य देने के साथ ही फसल उत्पादकता एवं फसल विविधीकरण को बढ़ावा देने के लिये राजीव गांधी किसान न्याय योजना संचालित की जा रही है। इसके चलते खेती से विमुख हो चुके लोग भी अब फिर से खेती की ओर लौटने लगे हैं, जिसके चलते राज्य में किसानों की संख्या, खेती के रकबे और फसल उत्पादकता में लगातार वृद्धि होती जा रही है।
- खाद्य विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी में राजनांदगांव ज़िला प्रदेश में अग्रणी रहा है। राजनांदगांव ज़िले के 149 खरीदी केंद्रों में सर्वाधिक 8 लाख 25 हज़ार 127 मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई। जांजगीर-चांपा ज़िला 8 लाख 24 हज़ार 552 मीट्रिक टन धान का उपार्जन कर दूसरे क्रम पर तथा महासमुंद ज़िला 7 लाख 74 हज़ार 136 मीट्रिक टन धान की खरीदी कर तीसरे क्रम पर रहा।
- बस्तर ज़िले में 1,58,915 मीट्रिक टन, बीजापुर में 63,703 मीट्रिक टन, दंतेवाड़ा में 17,437 मीट्रिक टन, कांकेर में 3,18,793 मीट्रिक टन, कोंडागांव में 1,53,322 मीट्रिक टन, नारायणपुर में 22,794 मीट्रिक टन, सुकमा में 46,291 मीट्रिक टन, बिलासपुर में 4,84,119 मीट्रिक टन, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में 69,356 मीट्रिक टन, कोरबा में 1,70,237 मीट्रिक टन, मुंगेली में 3,83,622 मीट्रिक टन, रायगढ़ में 5,72,898 मीट्रिक टन, बालोद ज़िले में 5,19,469 मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई है।
- इसी प्रकार बेमेतरा ज़िले में 6,30,616 मीट्रिक टन, दुर्ग में 4,17,097 मीट्रिक टन, कवर्धा में 4,16,281 मीट्रिक टन, बलौदाबाज़ार में 6,96,431 मीट्रिक टन, धमतरी में 4,31,397 मीट्रिक टन, गरियाबंद में 3,31,512 मीट्रिक टन, रायपुर में 5,09,931 मीट्रिक टन, बलरामपुर में 1,93,867 मीट्रिक टन, जशपुर में 1,54,181 मीट्रिक टन, कोरिया में 1,40,093 मीट्रिक टन, सरगुजा में 2,19,967 मीट्रिक टन और सूरजपुर ज़िले में 2,50,976 मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई है।
- अब तक 64.43 लाख मीट्रिक टन धान का उठाव हो चुका है। कस्टम मिलिंग करके भारतीय खाद्य निगम में 9.47 लाख मीट्रिक टन एवं नागरिक आपूर्ति निगम में 7.66 लाख मीट्रिक टन चावल जमा किया जा चुका है। इस साल किसानों से क्रय किये गए धान की एवज में उन्हें 19 हज़ार 83 करोड़ 97 लाख का भुगतान किया जा चुका है।
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