उत्तर प्रदेश Switch to English
आईआईटी कानपुर की रिसर्च में नारकोंडम द्वीप के पास मिले तेल और गैस के संकेत
चर्चा में क्यों?
6 दिसंबर, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार आईआईटी कानपुर के अर्थ साइंस विभाग के पीएचडी छात्र हर्षद श्रीवास्तव की रिसर्च में नारकोंडम द्वीप के पास तेल और गैस के संकेत मिले हैं।
प्रमुख बिंदु
- अंडमान निकोबार से 139 किमी. दूर स्थित नारकोंडम द्वीप के पास सेडीमेंटरी बेसिन में गैस और तेल होने के संकेत मिले हैं। बेसिन में 10 किमी. लंबी तरल परत मिली है, जिससे गैस और तेल मिलने की संभावना बढ़ गई है।
- दूसरे चरण की रिसर्च के बाद इस पर अंतिम मुहर लग जाएगी। अगर ऐसा होता है तो देश को आर्थिक मज़बूती मिलेगी।
- हर्षद् श्रीवास्तव का यह रिसर्च पेपर जर्मनी की पत्रिका जीओ-मरीन लेटर में अक्तूबर में प्रकाशित हुई है।
- आईआईटी के अर्थ साइंस विभाग के पीएचडी छात्र हर्षद् श्रीवास्तव ने विभाग के सहायक प्रोफेसर दीबाकर घोषाल के मार्गदर्शन में 2019 में रिसर्च शुरू की थी। रिसर्च को पूरा करने में करीब चार साल का समय लगा है।
- यह रिसर्च ओएनजीसी (ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉर्पोरेशन) की ओर से दिये गए डाटा का विश्लेषण कर निकाली गई है। दो चरणों में होने वाली इस रिसर्च का पहला चरण सफल रहा है। दूसरे चरण में तेल और गैस की पुष्टि हो जाएगी।
- मूल रूप से बलिया ज़िले के बिगाही बहुआरा निवासी हर्षद ने बताया कि नारकोंडम द्वीप प्रसुप्त द्वीप है। द्वीप से 30 किमी. दूरी पर स्थित समुद्र में 2डी सेस्मिक लाइन से परीक्षण किया गया। समुद्र की गहराई करीब 1.5 किमी. है। समुद्र की गहराई के बाद सी फ्लोर से 650 मीटर नीचे 20 मीटर चौड़ी और 10 किमी. ज्यादा लंबी तेल और गैस की कंबाइंड लेयर मिली है।
- हर्षद ने बताया कि ओएनजीसी से मिले सिस्मिक डाटा की मदद से इस रिसर्च को पूरा किया गया है। इस डाटा के लिये एयर गन और हाइड्रोफोन का उपयोग हुआ है। एयरगन के उपयोग से हाईप्रेशर बबल पानी की सेडीमेंटरी लेयर में भेजा गया जिसके प्रेशर को हाइड्रोफोन की मदद से रिकॉर्ड किया गया। यह डाटा कलेक्शन की तकनीक है।
- हर्षद ने बताया कि रिसर्च के दूसरे चरण से वेल लॉग डाटा विधि से तेल और गैस के होने की पुष्टि हो जाएगी। हालांकि वेल लॉग डाटा काफी महँगी प्रक्रिया है। एक वेल लॉग का खर्च करीब 200 करोड़ रुपए आएगा। इसमें मैनुअल काम होगा। पानी के अंदर पाइप डालकर गैस-तेल का पता लगाया जाता है।
बिहार Switch to English
देश में पहली बार ट्रांसजेंडर को बनाया पटना यूनिवर्सिटी में सीनेट सदस्य
चर्चा में क्यों?
6 दिसंबर, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार बिहार के राज्यपाल एवं कुलाधिपति राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने ट्रांसजेंडर रेशमा प्रसाद को पटना विश्वविद्यालय के सीनेट का सदस्य मनोनीत किया है।
प्रमुख बिंदु
- रेशमा प्रसाद देश के किसी विश्वविद्यालय में सीनेट सदस्य बनने वाली पहली ट्रांसजेंडर हैं।
- उनका मनोनयन तीन वर्षों के लिये किया गया है।
- रेशमा प्रसाद के सीनेट का सदस्य होने पर उच्च शिक्षा के क्षेत्र में ट्रांसजेंडर की समस्याएँ सामने आ सकेंगी।
- राजधानी पटना की निवासी रेशमा प्रसाद अपनी सामाजिक संस्था दोस्ताना सफर के माध्यम से ट्रांसजेंडर्स के शैक्षणिक, सामाजिक और आर्थिक उत्थान के लिये वर्षों से कार्य कर रही हैं।
- उन्हीं के प्रयास से पटना के खगौल में केंद्र सरकार ने ट्रांसजेंडर्स के लिये गरिमा गृह की स्थापना की है, जहाँ आश्रयविहीन ट्रांसजेंडर्स रहती हैं।
राजस्थान Switch to English
रावत एजुकेशनल ग्रुप के निदेशक नरेंद्र सिंह रावत ‘डायरेक्टर ऑफ द ईयर-2023’ अवॉर्ड से सम्मानित
चर्चा में क्यों?
5 दिसंबर, 2023 को होटल क्लार्क आमेर में आयोजित सम्मान समारोह में यूनिवर्सल मेंटर्स एसोसिएशन के द्वारा रावत एजुकेशनल ग्रुप के निदेशक नरेंद्र सिंह रावत को ‘डायरेक्टर ऑफ द ईयर-2023’ अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।
प्रमुख बिंदु
- कार्यक्रम में अमेरिका से आई इंडसेज इंटरनेशनल की फाउंडर एलिजाबेथ टेलर ने सभी शिक्षाविदों को अवॉर्ड से सम्मानित किया। इसमें शिक्षा जगत के विभिन्न दिग्गजों को सम्मानित किया गया।
- नरेंद्र रावत इससे पूर्व भी शिक्षा के क्षेत्र में अपने उल्लेखनीय योगदान के लिये कई अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित हो चुके हैं, जिनमें मॉरीशस के राष्ट्रपति पृथ्वीराज की ओर से एजुकेशनल एंटरप्रेन्योर ऑफ द ईयर का अवॉर्ड प्रमुख है।
- शिक्षाविद् होने के साथ-साथ रावत समाजसेवी और मोटिवेशनल स्पीकर भी हैं और अक्षेंद्र वेलफेयर सोसायटी के सचिव हैं।
- विदित हो कि यूनिवर्सल मेंटर्स एसोसिएशन, 2019 में स्थापित, एक अत्याधुनिक अनुसंधान-आधारित मीडिया संगठन है, जो शिक्षा, बीएफएसआई, मानव संसाधन और विपणन क्षेत्रों में क्रांति लाने पर केंद्रित है।
मध्य प्रदेश Switch to English
अमरकंटक ताप विद्युत गृह एक कैलेंडर वर्ष में दूसरी बार बना शतकवीर
चर्चा में क्यों?
5 दिसंबर, 2023 को मध्य प्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी के अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई की 210 मेगावाट स्थापित क्षमता की यूनिट ने 100 दिन सतत् उत्पादन करने का रिकॉर्ड बनाया। यह यूनिट इस वर्ष 27 अगस्त से लगातार विद्युत उत्पादन कर रही है।
प्रमुख बिंदु
- इस यूनिट ने इससे पूर्व इस वर्ष 10 मई को भी 100 दिन सतत् विद्युत उत्पादन करने की उपलब्धि हासिल की थी। एक कैलेंडर एवं वित्तीय वर्ष में 210 मेगावाट की यूनिट ने दूसरी बार 100 दिन लगातार विद्युत उत्पादन करने का रिकॉर्ड बनाया है।
- इस यूनिट ने जब 5 दिसंबर को दूसरी बार 100 सतत् विद्युत उत्पादन करने का कीर्तिमान अर्जित किया, तब इसने विभिन्न मापदंडों में भी उल्लेखनीय प्रदर्शन किया। यूनिट ने 100.7 फीसदी पीएएफ, 99.14 फीसदी पीएलएफ एवं 9.14 फीसदी ऑक्जलरी खपत की उपलब्धि हासिल की। यह यूनिट वर्तमान में भी सतत् विद्युत उत्पादन कर रही है।
- पॉवर जनरेटिंग कंपनी के प्रबंध संचालक मनजीत सिंह ने बताया कि कंपनी के थर्मल पॉवर प्लांट की वर्तमान में संचालित 12 इकाईयों में से यह ऐसी 9वीं यूनिट है, जिसे वर्तमान वित्तीय वर्ष में 100 से अधिक दिनों से सतत् संचालित किया जा रहा है।
भूगोल Switch to English
राज्यस्तरीय एवं राष्ट्रीय ‘बालरंग’ महोत्सव 19 से 21 दिसंबर तक
चर्चा में क्यों?
5 दिसंबर, 2023 को संयुक्त संचालक लोक शिक्षण भोपाल संभाग अरविंद चोरगढ़े ने बताया कि मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा 19 से 21 दिसंबर तक तीन दिवसीय इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय में राज्यस्तरीय एवं राष्ट्रीय ‘बालरंग’ महोत्सव का आयोजन किया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- संयुक्त संचालक अरविंद चोरगढ़े ने बताया कि ‘राज्यस्तरीय बालरंग’ में प्रदेश के सभी संभागों से लगभग 1000 छात्र-छात्राएँ एवं ‘राष्ट्रीय बालरंग’ में विभिन्न राज्यों के लगभग 500 छात्र-छात्राएँ सहभागिता करेंगे।
- इस वर्ष बालरंग महोत्सव की थीम ‘आत्मनिर्भर भारत’ होगी, जिसमें प्रदेश के छात्र-छात्राएँ अपने ज़िले की संस्कृति, वेशभूषा, नृत्य एवं खानपान आदि को विभिन्न मंचों पर प्रदर्शित करेंगे।
- लगभग 20 राज्यों से सहभागिता करने आ रहे छात्र-छात्राएँ अपने राज्य के लोक नृत्य प्रस्तुत करेंगे। राष्ट्रीय बालरंग में उत्कृष्ट लोकनृत्य के लिये प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त नृतक दलों को पुरस्कृत किया जाएगा।
- चोरगढ़े ने बताया कि राज्यस्तरीय बालरंग में सांस्कृतिक, साहित्यिक, योग, संस्कृत, निशक्तजन एवं मदरसा प्रतियोगिताएँ, राष्ट्रीय लोक नृत्य, लघु भारत प्रदर्शनी, विद्यार्थियों द्वारा निर्मित क्रिएटिव क्राफ्ट, गतिविधि आधारित प्रदर्शनी एवं विद्यार्थियों द्वारा विभिन्न ज़िलों एवं राज्यों के खाद्य पदार्थ (फूड जोन) की प्रदर्शनी और अन्य प्रतियोगिताएँ भी आयोजित होंगी।
हरियाणा Switch to English
धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र में 7 से 24 दिसंबर तक मनाया जाएगा अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव
चर्चा में क्यों?
5 दिसंबर, 2023 को हरियाणा जनसंपर्क विभाग से मिली जानकारी के अनुसार 7 से 24 दिसंबर, 2023 तक अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव-2023 का भव्य आयोजन किया जाएगा, जिसमें श्रीमद्भगवद्गीता का शास्वत संदेश दिया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- हरियाणा सरकार द्वारा गीता महोत्सव को कुरुक्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर वर्ष 2016 से मनाया जा रहा है।
- वर्ष 2019 में यह महोत्सव देश से बाहर मॉरीशस तथा लंदन में भी मनाया गया। सितंबर, 2022 में यह कनाडा में भी आयोजित किया गया। इस साल अप्रैल माह में भी अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव आस्ट्रेलिया में आयोजित किया गया। वर्ष 2024 में अमेरिका में भी इस महोत्सव के आयोजन का निमंत्रण मिला है।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि 17 दिसंबर से मुख्य कार्यक्रम का आयोजन होगा। उस दिन उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ब्रह्म सरोवर पर गीता यज्ञ एवं पूजन से इस महोत्सव का विधिवत शुभारंभ करेंगे।
- इसके पश्चात् वे इसी दिन कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय गीता संगोष्ठी का शुभारंभ भी करेंगे। यह संगोष्ठी 19 दिसंबर तक चलेगी।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि कुंभ मेले की तर्ज़ पर अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के लिये अलग से मेला अथॉरिटी बनाई जाएगी, जो अपने स्तर पर इसका आयोजन करेगी। सरकार की ओर से एक मेला अधिकारी तैनात किया जाएगा, जो सरकार की ओर से की जाने वाली व्यवस्थाओं को देखेगी।
- महोत्सव में हरियाणा के लोकनृत्य, शिल्प, लघुउद्योग, खान-पान इत्यादि से संबंधित हरियाणा पैवेलियन लगेगा, जिससे महोत्सव में आने वाले पर्यटक एवं तीर्थयात्री हरियाणा की संस्कृति से रूबरू हो सकेंगे।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि 22 और 23 दिसंबर को 2 दिन हर ज़िले में गीता उत्सव के कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे।
- मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि 23 दिसंबर को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में 48 कोस कुरुक्षेत्र के तीर्थों पर एक सम्मेलन आयोजित किया जाएगा, जिसमें कुरुक्षेत्र भूमि के 164 तीर्थ समितियों के प्रतिनिधि भाग लेंगे। तीर्थ प्रतिनिधि अपने तीर्थ की मिट्टी एवं जल भी लेकर आएंगे, जिससे बाद में भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा बनाई जाएगी।
हरियाणा Switch to English
हज यात्रा-2024 के लिये 20 दिसंबर, 2023 तक कर सकते हैं ऑनलाइन आवेदन
चर्चा में क्यों?
5 दिसंबर, 2023 को अखिल भारतीय हज कमेटी ने वर्ष 2024 के दौरान प्रदेश से हज जाने के इच्छुक हाजियों के पंजीकरण के लिये हरियाणा राज्य हज कमेटी के माध्यम से आवेदन आमंत्रित किये हैं। हज यात्रा करने के इच्छुक हज यात्री 20 दिसंबर, 2023 तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
प्रमुख बिंदु
- हज नीति-2024 के अनुसार महिला व 70 वर्ष से अधिक आयु के आवेदक के साथ यदि दोबारा से कोई नजदीकी रिश्तेदार जाना चाहता है तो उसे अतिरिक्त राशि अदा करने पर ही यात्रा की अनुमति दी जाएगी।
- हज नीति-2024 के अनुसार 70 वर्ष की आयु से अधिक आवेदक को प्राथमिकता दी जाएगी तथा सामान्य श्रेणी में यदि आवेदन निर्धारित कोटे से अधिक प्राप्त होते हैं तो आवेदन पत्रों का चयन कंप्यूटराइज ड्रा के माध्यम से किया जाएगा।
- गर्भवती महिला कुछ शर्तों के अनुसार हज यात्रा कर सकती है। महिला आवेदक, जिनकी आयु 45 वर्ष से अधिक हो, वह चार महिलाओं के समूह में जा सकेंगी।
- वह आवेदक, जिसकी वित्तीय स्थिति अच्छी हो, शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ हों, के पास मशीन रीडेबल वैध भारतीय अंतर्राष्ट्रीय पासपोर्ट 31 जनवरी, 2025 तक वैध हो, आवेदन कर सकता है।
- निर्धारित दस्तावेजों के साथ आवेदन अखिल भारतीय हज कमेटी की वेबसाइट https://hajcommittee.gov.in व मोबाईल ऐप ‘Haj Suvidha’ पर किये जा सकते हैं।
- हज आवेदक आवेदन हेतु कोई कठिनाई या असुविधा महसूस करने पर हरियाणा हज कमेटी के फोन नंबर 0172-2996270 या अखिल भारतीय हज कमेटी के फोन नंबर 022-22107070 पर संपर्क कर सकते हैं।
- हरियाणा राज्य से जाने वाले हज यात्रियों की सुविधा के लिये इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा नई दिल्ली से उड़ान सुनिश्चित की गई है।
- भारत सरकार का महावाणिज्य दूतावास, जैद्दा (सउदी अरबिया) द्वारा हज यात्रा के दौरान यात्रियों के रहने का प्रबंध किया जाएगा।
हरियाणा Switch to English
भिवानी का आरओबी निर्माण हेतु रेलवे को सौंपा
चर्चा में क्यों?
5 दिसंबर 2023 को हरियाणा जनसंपर्क विभाग से मिली जानकारी के अनुसार हरियाणा सरकार और सड़क परिवहन राजमार्ग मंत्रालय के सहयोग से भिवानी शहर में एनएच-709 पर रेलवे आरडी 81/0-1 पर स्थित मौज़ूदा टू-लेन रेलवे ओवरब्रिज बनाया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- 5 दिसंबर, 2023 को मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय और रेल विभाग के साथ सहयोगात्मक प्रयास की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान कर दी है।
- इस संबंध में जानकारी देते हुए एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि मौज़ूदा 2-लेन रेलवे ओवरब्रिज खंडहर स्थिति में हो गया है, इसी को ध्यान में रखते हुए वर्तमान में इस आरओबी का निर्माण करने की आवश्यकता है।
- सरकार ने इस आरओबी को रेलवे के हैंडओवर के करने लिये आवश्यक शर्तें निर्धारित की हैं, जिनमें रास्ते के अंदर अतिक्रमण को हटाने और क्षेत्र में वर्षा जल के उचित निपटान को सुनिश्चित करना शामिल है।
- प्रवक्ता ने बताया कि मंत्रालय की 2015 की नीति के अनुसार बाईपास इस बात पर बल देता है कि यह बाईपास राष्ट्रीय राजमार्ग का लंबे समय तक राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क का हिस्सा नहीं होगा।
- इसलिये इसके निर्माण की राज्य सरकार की ज़िम्मेदारी बनती है। चूँकि भिवानी बाईपास पहले से ही चालू है, इसलिये बाईपास वाले हिस्से के सुधार और रखरखाव की ज़िम्मेदारी राज्य सरकार की है।
छत्तीसगढ़ Switch to English
एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों की राज्यस्तरीय बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी का होगा आयोजन
चर्चा में क्यों?
6 दिसंबर, 2023 को छत्तीसगढ़ जन संपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय के विद्यार्थियों में वैज्ञानिक अभिरूचि पैदा करने तथा वैज्ञानिक ज्ञान और अनुभव का विस्तार करने के लिये बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी का विद्यालय, ज़िला, संभाग और राज्य स्तर पर आयोजन किया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- जानकारी के अनुसार एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों से विद्यालय स्तर पर 11 दिसंबर, ज़िला स्तर पर 13 दिसंबर, संभाग स्तर पर 15 दिसंबर और राज्य स्तर पर 22 दिसंबर को बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी का आयोजन किया जाएगा।
- आयुक्त एवं पदेन सचिव छत्तीसगढ़ राज्यस्तरीय आदिम जाति कल्याण, आवासीय एवं आश्रम शैक्षणिक संस्थान समिति शम्मी आबिदी ने राष्ट्रीय बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी के आयोजन के संबंध में सभी ज़िला कलेक्टरों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किये है।
- बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी की थीम ‘साइंस एंड टेक्नोलॉजी फॉर सोसायटी’ है। उप-थीम के विषय हेल्थ, लाइफ स्टाइल फॉर इनवायरमेंट, एग्रीकल्चर, कम्युनिकेशन एंड ट्रांसपोर्ट, कंप्युटेशनल थिंकिंग रखा गया है।
- प्रत्येक उप-कथानक से तीन मॉडल का चयन कर राष्ट्रीय बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी में भेजा जाएगा। इसके लिये संभाग स्तर पर चयन कर राज्य स्तर पर बस्तर संभाग के 08 विद्यालयों से अधिकतम 15, सरगुजा और बिलासपुर संभाग के 5-5 विद्यालयों से 15-15 मॉडल का चयन किया जाएगा।
इसी प्रकार प्रत्येक थीम से 2 मॉडल का चयन रायपुर संभाग के 04 विद्यालयों से 10 और दुर्ग संभाग के 3 विद्यालयों से 10 मॉडल चयनित किये जाएंगे। - बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी के चयन के लिये विद्यार्थियों की सहभागिता, रचनात्मकता एवं कल्पना के लिये 20 प्रतिशत अंक, मॉडल में मौलिकता, वैज्ञानिक व गणितीय नवाचार के लिये 15 प्रतिशत अंक, वैज्ञानिक विचार, सिद्धांत एवं दृष्टिकोण हेतु 15 प्रतिशत अंक, तकनीक कौशल, कारीगरी एवं शिल्पकौशल के लिये 15 प्रतिशत अंक तथा समाज के उपयोगिता के लिये 15 प्रतिशत अंकनिर्धारित किये गए हैं।
- आर्थिक (कम लागत) पोर्टेबिलिटी के लिये 10 प्रतिशत अंक और मॉडल के प्रदर्शन एवं प्रस्तुतीकरण पर 10 प्रतिशत अंक निर्धारित किये गए हैं। इसके अतिरिक्त ग्रामीण एवं पिछड़े क्षेत्र के विद्यार्थी के लिये 5 प्रतिशत अतिरिक्त तथा अर्द्ध-शहरी क्षेत्रों के लिये 3 प्रतिशत अंक अतिरिक्त दिया जाएगा।
- एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय के विद्यार्थी जनजातीय क्षेत्रों से आते हैं और वे अपने समाज व कार्यक्षेत्र में विभिन्न प्रकार के ग्रामीण स्तर पर असुविधाओं को देखते और समझते होंगे। उनमें उत्सुकता होती होगी कि वे ग्रामीण क्षेत्र में जनजीवन के कार्यों को किसी तकनीक के माध्यम से हल कर उनके कार्यों को सुगम बनाया जा सकता है। ऐसे कई प्रकार के प्रश्न और उनका समाधान विद्यार्थियों के मन में होता है, जिसे वे कहीं प्रदर्शित नही कर पाते हैं।
- बाल विज्ञान प्रदर्शनी के आयोजन के द्वारा विद्यार्थी ऐसे जनजीवन के तकलीफों का आसान बनाने के लिये उनके मन में कोई विचार या मॉडल है तो उसे प्रदर्शित कर सकते हैं और इसके माध्यम से वे राष्ट्रीय स्तर पर अपने मौलिक तकनीक ज्ञान के माध्यम से स्थान बना सकते हैं।
उत्तराखंड Switch to English
आपदा से बचाव के लिये उत्तराखंड में काम करेगा इंसिडेंट रिस्पॉन्स सिस्टम
चर्चा में क्यों?
5 दिसंबर, 2023 को आपदा प्रबंधन सचिव डॉ. रंजीत सिन्हा ने प्रेस वार्ता में बताया कि आपदा में लोगों को तेजी से बचाने, राहत पहुँचाने के लिये इंसिडेंट रिस्पॉन्स सिस्टम (आईआरएस) तैयार किया जा रहा है।
प्रमुख बिंदु
- डॉ. रंजीत सिन्हा ने बताया कि उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (यूएसडीएमए) ने इसकी कवायद शुरू कर दी है। इसकी स्थापना राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के नियमों के तहत की जा रही है।
- इसके लिये यूएसडीएमए ने निविदा जारी की है। ब्लॉक से लेकर ज़िला व राज्य स्तर पर इंसिडेंट रिस्पॉन्स टीम (आईआरटी) भी बनाई जाएगी। आपदा के हिसाब से ये टीम भी काम करेंगी।
- आईआरएस की गाइडलाइन तैयार कर ली गई है। इसे लागू करने के लिये सॉफ्टवेयर बनवाया जा रहा है। इसके बाद आपदा प्रबंधन में और बेहतर तरीके से राहत एवं बचाव के कार्य किये जा सकेंगे।
- विदित हो कि राज्य में हर साल आपदाएँ सरकार के लिये चुनौती साबित होती हैं। हाल में सिलक्यारा सुरंग हादसा हो या उससे पहले जोशीमठ भूधंसाव जैसी आपदा। इनसे पार पाने के लिये एनडीएमए के नियमों के तहत अब आईआरएस सिस्टम तैयार किया जा रहा है। इससे आपदा की तीव्रता या जोखिम के हिसाब से तत्काल बचाव व समाधान किया जा सकेगा।
- आईआरएस के तीन सेक्शन होंगे। एक ऑपरेशन सेक्शन होगा। दूसरा प्लानिंग सेक्शन और तीसरा लॉजिस्टिक सेक्शन होगा। तीनों के समन्वय से आपदा राहत कार्यों को और तेजी से किया जा सकेगा।
- प्रारंभिक चेतावनी मिलने के बाद रिस्पॉन्सिबल ऑफिसर (आरओ) संबंधित क्षेत्र की इंसिडेंट रिस्पांस टीम (आईआरटी) को सक्रिय करेगा। बिना किसी चेतावनी के किसी आपदा की स्थिति में स्थानीय आईआरटी काम करेगा। अगर ज़रूरी होगा तो वह आरओ को सहायता के लिये संपर्क करेगा।
- आईआरटी सभी स्तरों, यानी राज्य, ज़िला, उप-मंडल और तहसील, ब्लॉक पर पूर्व-निर्धारित होगी। अगर आपदा जटिल होगी और स्थानीय आईआरटी के नियंत्रण से बाहर होगी तो उच्चस्तरीय आईआरटी को सूचित किया जाएगा। इसके बाद उच्चस्तरीय आईआरटी इस पूरी आपदा से बचाव का ज़िम्मा संभालेगी।
उत्तराखंड Switch to English
एनर्जी कॉन्क्लेव में हुए 40 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक के एमओयू
चर्चा में क्यों?
5 दिसंबर, 2023 को डेस्टिनेशन उत्तराखंड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के तहत सचिवालय में हुए एनर्जी कॉन्क्लेव में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में 40 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक के एमओयू किये गए।
प्रमुख बिंदु
- डेस्टिनेशन उत्तराखंड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के तहत सचिवालय में एनर्जी कॉन्क्लेव में विभिन्न कंपनियों के प्रतिनिधि पहुँचे। करीब 33 कंपनियों ने राज्य में सौर ऊर्जा, जल विद्युत ऊर्जा, गैस आधारित ऊर्जा के क्षेत्र में निवेश के लिये ये समझौते किये हैं।
- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में 40,423 करोड़ रुपए के एमओयू किये गए। इनमें से 21,522 करोड़ की ग्राउंडिंग हो चुकी है, जबकि 18901 करोड़ के नए एमओयू किये गए हैं।
- मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य में ऊर्जा के क्षेत्र में कार्य करने के लिये अपार संभावनाएँ हैं। निवेश बढ़ाने के लिये सरकार लगातार प्रयास कर रही है। औद्योगिक जगत से जुड़े लोगों के सुझावों के आधार पर 27 नई नीतियाँ बनाई गई हैं और अनेक नीतियों को सरल किया गया है।
- इस मौके पर आई कंपनियों ने सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट, हाइड्रो पॉवर प्रोजेक्ट, पंप स्टोरेज प्लांट, सीएनजी प्लांट, सोलर पार्क बनाने के प्रस्ताव दिए। टीएचडीसी-यूजेवीएनएल संयुक्त उपक्रम ने सर्वाधिक 16370 करोड़ रुपए के एमओयू किये हैं। वहीं जीएमआर ने 10,800 करोड़ रुपए, यूजेवीएनएल ने 3220 करोड़ रुपए, इवॉल्व एनर्जी ने 1184 करोड़ रुपए तथा कुंदनग्रुप और भिलंगना हाइड्रो पॉवर ने 1000-1000 करोड़ रुपए के एमओयू किये हैं।
उत्तराखंड Switch to English
उत्तराखंड देश का पहला राज्य जिसे एक दिन में सबसे अधिक 18 जीआई टैग मिले
चर्चा में क्यों?
4 दिसंबर, 2023 को उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन गया, जिसे एक दिन में सबसे अधिक 18 उत्पादों पर जीआई प्रमाण-पत्र मिले हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में आयोजित कार्यक्रम में जीआई प्रमाण-पत्रों का वितरण किया।
प्रमुख बिंदु
- अब तक उत्तराखंड के कुल 27 उत्पादों को जीआई टैग मिल चुका है।
- राज्य के जिन 18 उत्पादों को जीआई (जियोग्राफिकल इंडिकेशन) प्रमाण-पत्र मिले हैं, उनमें उत्तराखंड- चौलाई, झंगोरा, मंडुआ, लाल चावल, अल्मोड़ा लखौरी मिर्च, बेरीनाग चाय, बुरांस शरबत, रामनगर (नैनीताल) लीची, रामगढ़ आडू, माल्टा, पहाड़ी तोर, गहथ, काला भट्ट, बिच्छूबूटी फैब्रिक, नैनीताल मोमबत्ती, कुमाऊँनी रंगवाली पिछोड़ा, चमोली रम्माण मास्क तथा लिखाई वुड कार्विंग शामिल हैं।
- विदित हो कि उत्तराखंड के 9 उत्पादों- तेजपात, बासमती चावल, ऐपण आर्ट, मुनस्यारी का सफेद राजमा, रिंगाल क्राफ्ट, थुलमा, भोटिया दन, च्यूरा ऑयल तथा ताम्र उत्पाद को पहले ही जीआई प्रमाण-पत्र प्राप्त हो चुका है।
- वर्ष 2003 में जीआई कानून बनने से लेकर 2023 तक के 20 वर्षों के सफर में पहली बार एक दिन में एक साथ किसी राज्य के 18 उत्पादों को जीआई प्रमाण-पत्र निर्गत किये गए हैं।
- मुख्यमंत्री ने आशा व्यक्त की है कि जीआई टैग युक्त उत्तराखंड के उत्पादों का निर्यात तेजी से बढ़ेगा।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के सभी 13 ज़िलों में स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ‘एक ज़िला, दो उत्पाद’ योजना पर तेजी से कार्य चल रहा है।
- सभी ज़िलों में वहाँ के स्थानीय उत्पादों को पहचान कर उनके अनुरूप परंपरागत उद्योगों का विकास करना योजना का मुख्य उद्देश्य है। इससे स्थानीय काश्तकारों एवं शिल्पकारों के लिये स्वरोज़गार के अवसर बढ़ रहे हैं और हर ज़िले के स्थानीय उत्पादों को विश्वस्तरीय पहचान मिल रही है।
- कृषि एवं उद्यान मंत्री गणेश जोशी ने इसे महत्त्वपूर्ण उपलब्धि बताते हुए कहा कि आगामी 12 से 18 जनवरी, 2024 तक देहरादून में प्रदेश स्तरीय जीआई टैग महोत्सव का आयोजन किया जाएगा।
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