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कृषक सम्मेलन एवं सम्मान समारोह
चर्चा में क्यों
6 दिसंबर, 2021 को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के एक निजी होटल में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कृषक सम्मेलन एवं सम्मान समारोह का शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री ने इस मौके पर राज्य के प्रगतिशील कृषकों एवं कृषि उत्पाद व व्यवसाय से जुड़े स्व-सहायता समूहों और संस्थाओं को उनके उत्कृष्ट उपलब्धियों के लिये प्रशस्ति पत्र एवं पुरस्कार राशि का चेक भेंटकर सम्मानित किया।
- मुख्यमंत्री ने समारोह में मोस्ट इनोवेटिव एप ई-हाट के लिये इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर के कुलपति डॉ. एस.एस. सेगर, डॉ. आर.आर. सक्सेना और वैज्ञानिक अभिजीत कौशिक को सम्मानित किया।
- बेस्ट फार्मिंग प्रोड्यूस के लिये धमतरी ज़िले के विकासखंड कुरूद के ग्राम धुमा के किसान लीलाराम साहू, बेस्ट ऑर्गेनिक फार्मर के रूप में बेमेतरा ज़िले के विकासखंड बेरला के ग्राम खुड़मुड़ा के किसान खेदु राम बंजारे, बेस्ट एग्रीकल्चर रिसर्च के लिये कृषि विज्ञान केंद्र कोरिया-निदेशक विस्तार सेवाएँ इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय डॉ. आर.के. बाजपेयी, कृषि वैज्ञानिक बेमेतरा डॉ. आर.एस. राजपूत और कृषि वैज्ञानिक कोरिया केशवचंद राजहंस को सम्मानित किया।
- मुख्यमंत्री द्वारा समारोह में बेस्ट डेयरी फार्मिंग के लिये राजनांदगाँव ज़िले के विकासखंड छुईखदान के ग्राम नर्मदा (चकनार) की वहिदा बेगम को तथा बेस्ट पोल्ट्री फार्मिंग के लिये सुकमा ज़िले के ग्राम गोठान रामापुरम की गायत्री महिला स्व-सहायता समूह को सम्मानित एवं पुरस्कृत किया गया।
- इसी प्रकार बेस्ट फॉरेस्ट प्रोड्यूस हेतु कोरबा ज़िले की सरोज पटेल हरिबोल स्व-सहायता समूह डोंगानाला को तथा बेस्ट वाटर कंजरवेशन एफर्ट हेतु कोंडागांव ज़िले के विकासखंड बड़ेराजपुर के ग्राम मंडोकी खरगाँव के विजय मंडावी को सम्मानित एवं पुरस्कृत किया गया।
- बेस्ट मेन्यूर प्रोडक्शन के लिये रायगढ़ ज़िले के बरमकेला की स्व-सहायता समूह हिर्री, बेस्ट मार्केटिंग ऑफ प्रोड्यूस के लिये बस्तर ज़िले के भुमगादी महिला कृषक उत्पादक कंपनी हरिहर, बस्तर बाज़ार, जगदलपुर और उद्यानिकी क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिये रायपुर के कृषक अभिषेक चावड़ा को सम्मानित एवं पुरस्कृत किया गया।
- इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य में एक रुपए किलो की दर से 65 लाख परिवारों को हर महीने 35 किलोग्राम चावल का वितरण किया जा रहा है।
- राज्य में तेंदूपत्ता संग्राहकों को 25 सौ रुपए से बढ़ाकर 4 हज़ार रुपए प्रति मानक बोरा के संग्रहण दर का भुगतान किया जा रहा है। राज्य में प्रतिवर्ष 600 करोड़ रुपए तेंदूपत्ता संग्राहकों को भुगतान किया जा रहा है। लघुवनोपज की खरीदी भी 7 से बढ़ाकर 52 कर दी है, साथ ही इसका वैल्यू एडिशन भी किया जा रहा है।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि, किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य दिलाने, फसल उत्पादकता बढ़ाने एवं फसल विविधीकरण को प्रोत्साहित करने के लिये ‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना’ को शुरू किया गया है। इसके तहत किसानों को आदान सहायता राशि प्रदान की जा रही है।
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छत्तीसगढ़ की तीन योजनाओं को मिली राष्ट्रीय स्तर में पहचान
चर्चा में क्यों?
हाल ही में भारत सरकार द्वारा जारी डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन स्टोरीज की किताब में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा संचालित तीन महत्त्वपूर्ण योजनाओं-ऑफलाइन शिक्षा के लिये ब्लूटूथ आधारित ई-शिक्षा समाधान ‘बुल्टू के बोल’, राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में नगद भुगतान हेतु ‘डिजिपे सखी’और ‘गोधन न्याय योजना’को प्रकाशित किया गया है।
प्रमुख बिंदु
- चिप्स के मुख्य कार्यपालन अधिकारी समीर विश्नोई ने बताया कि देश की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगाँठ पर मनाए जा रहे आज़ादी का अमृत महोत्सव के लिये देश के सभी राज्यों में डिजिटल इंडिया के अंतर्गत किये गए अभिनव नवाचारों को सम्मिलित कर भारत सरकार द्वारा बुकलेट प्रकाशित की गई है, जिसमें राज्य शासन द्वारा संचालित इन तीन योजनाओं को स्थान दिया गया है।
- बुकलेट के प्रकाशन मंडल में देश भर के आई.टी. विशेषज्ञों के साथ-साथ चिप्स के संयुत्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी एस.ई.एम.टी. के नीलेश सोनी को भी शामिल किया गया है।
- समीर विश्नोई ने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर पशुधन के माध्यम से पशुपालकों के आय में वृद्धि करने के लिये कृषि विभाग द्वारा संचालित ‘गोधन न्याय योजना’के अंतर्गत गोबर खरीदी, वर्मी कंपोस्ट खाद का निर्माण आदि अनेक आयमूलक गतिविधियाँ संचालित की जा रही हैं। जिसके लिये चिप्स द्वारा मोबाइल एप और वेबसाईट का निर्माण किया गया है।
- एप के माध्यम से गोबर विक्रेताओं और स्व-सहायता समूह को जोड़ा गया है। साथ ही एप द्वारा गोबर से वर्मी कंपोस्ट बनाने की जानकारी एवं विक्रय की व्यवस्था भी की गई है। योजना के हितग्राहियों को सीधे उनके बैंक एकाउंट में भुगतान किया जा रहा है।
- इसी प्रकार छत्तीसगढ़ के ग्रामीण क्षेत्र में रहने वालों को उनके घर के समीप ही बैंकिंग सुविधाएँ और नगद भुगतान के लिये सामान्य सेवा केंद्र परियोजना के अंतर्गत प्रत्येक गाँव में नगद संगवारी कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है. इसके अंतर्गत समाजिक सुरक्षा योजना, वृद्धावस्था पेंशन आदि अनेक योजनाओं के हितग्राहियों को नगद भुगतान किया जा रहा है. इससे गाँवों में रोज़गार के अवसर भी उपलब्ध हो रहे हैं। ऐसे ही बालोद ज़िले के छोटे से गाँव की निवासी व पेशे से गृहणी सुनीति साहू की सफलता की कहानी इस बुकलेट में बताई गई है।
- राज्य के विद्यार्थियों तक ऑफलाइन शिक्षा समाग्री की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिये स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा ब्लूटूथ आधारित ई-शिक्षा समाधान ‘बुल्टू के बोल’प्रारंभ किया गया है। इसमें कक्षा एक से आठवीं तक के विद्यार्थियों को शामिल किया गया है।
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