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परिवहन मंत्री ने राज्य का पहला पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग केंद्र का किया शुभारंभ
चर्चा में क्यों?
5 अक्तूबर, 2023 को छत्तीसगढ़ के परिवहन मंत्री मोहम्मद अकबर ने रायपुर ज़िले के अंतर्गत ग्राम धनेली में राज्य के पहले पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सेंटर का उद्घाटन किया।
प्रमुख बिंदु
- गौरतलब है कि शासकीय विभाग के 15 वर्ष से पुरानी सभी गाड़ियों को भी आवश्यक रूप से स्क्रैप करने का निर्णय लिया जा चुका है।
- इस दौरान परिवहन मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार छत्तीसगढ़ को मध्य भारत के लिये वाहन स्क्रैपिंग हब के रूप में स्थापित करने की दिशा में काम कर रही है, स्क्रैपिंग की सुविधा को बढ़ावा देने के लिये इस सेंटर को पूरी तरह डिजिटलीकृत किया गया है।
- छत्तीसगढ़ औद्योगिक नीति 2019-24 के तहत पंजीकृत व्हीकल स्क्रैपिंग सेंटर (आरवीएसएफ) को उच्च प्राथमिकता वाले उद्योगों की श्रेणी में रखने हेतु अधिसूचना जारी की गई है। राज्य में स्थापित होने वाले आरवीएसएफ भी उच्च प्राथमिकता वाले उद्योग हेतु निर्धारित छूट का लाभ ले सकते हैं।
- राज्य के पहले पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सेंटर का संचालन मेटल कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के द्वारा किया जाएगा।
- पंजीकृत स्क्रैपिंग सेंटर से गाड़ी को स्क्रैप कराने के बाद नये गाड़ी खरीदने के लिये टैक्स में 25 प्रतिशत छूट का लाभ दिया जाएगा। छूट के लिये पंजीकृत स्क्रैपिंग सेंटर के द्वारा ऑनलाइन सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा, जिससे सर्टिफिकेट ऑफ डिपोजिट कहा जाएगा।
- सर्टिफिकेट ऑफ डिपोजिट ऑनलाइन जारी किया जाएगा, जो परिवहन विभाग के वाहन सॉफ्टवेयर में प्रदर्शित होगा और संपूर्ण छत्तीसगढ़ के सभी ऑटोमोबाइल डीलरशिप में मान्य होगा।
- इसके अतिरित्त मासिक या त्रैमासिक कर देने वाली ऐसी गाड़ियाँ जिनका टैक्स बकाया है और स्क्रैपिंग कराना चाहते हैं, उन्हें भी गाड़ी में बकाया पिछले एक साल के टैक्स, पैनल्टी और ब्याज में छूट दी जाएगी।
- स्क्रैपिंग का प्रॉसेस : जब कोई वाहन स्क्रैप सेंटर में पहुँच जाता है, तो उसे वैज्ञानिक तरीके से नष्ट कर दिया जाता है। अलग-अलग चरणों की बात करें तो स्टेशन पर टायर और इंजन किट हटा दिये जाते हैं। अगले चरण में बैटरियों और फ्री-ऑन गैस किटों को नष्ट कर दिया जाता है। उसके बाद वाहन की सीटें, स्टीयरिंग, इंजन और रेडिएटर हटा दिये जाते हैं, जिससे धातु से बना एक खोखला ढाँचा रह जाता है। धातु को ब्लॉकों में बदलने के लिये बेल प्रेस मशीन का उपयोग किया जाता है, जिसे बाद में विभिन्न कंपनियों को आपूर्ति की जाती है। वहीं कार के अन्य घटकों को पुनर्नवीनीकरण किया जाता है और इन्हें निजी कंपनियों को बेच दिया जाता है।
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मधुमक्खी और रेशम कीट पालकों को मिलेगा बिना ब्याज का ऋण
चर्चा में क्यों?
5 अक्तूबर, 2023 को छत्तीसगढ़ के कृषि विभाग मंत्रालय द्वारा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की घोषणा के परिपालन में राज्य में मधुमक्खी पालन और रेशम कीट पालन को कृषि का दर्जा दिये जाने के साथ ही इसके पालकों को बिना ब्याज के ऋण सुविधा उपलब्ध कराए जाने का आदेश जारी कर दिया गया है।
प्रमुख बिंदु
- कृषि विकास एवं कृषि कल्याण तथा जैव प्रौद्योगिकी विभाग मंत्रालय द्वारा जारी आदेश के तहत छत्तीसगढ़ में मधुमक्खी एवं रेशम कीट पालकों को संस्थागत अल्पकालीन एवं मध्यकालीन कृषि ऋण पर ‘राज्य के कृषकों को सहकारी ऋणों पर ब्याज अनुदान नियम 2021’ के आधार पर प्रदान किये जाएंगे।
- गौरतलब है कि केंद्र प्रवर्तित एकीकृत बागवानी मिशन अंतर्गत मधुमक्खी पालन की एक यूनिट की इकाई लागत 2.31 लाख रुपए निर्धारित की गई है, जिसमें हितग्राहियों को 40 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है।
- वित्तीय वर्ष में एकीकृत बागवानी मिशन के तहत मधुमक्खी पालन के लक्ष्यों की शत-प्रतिशत पूर्ति होने की दशा में लंबित आवेदनों को निर्धारित ऋणमान के अनुसार बैंक एवं वित्तीय संस्थानों द्वारा अल्पकालीन कृषि ऋण दिया जाएगा।
- मधुमक्खी पालकों को बैंक एवं अन्य वित्तीय संस्थानों के माध्यम से प्राप्त ऋण पर राज्य के कृषकों को सहकारी ऋणों पर ब्याज अनुदान नियम 2021 के अंतर्गत सहकारिता एवं वित्त विभाग के द्वारा वहन किया जाएगा। देय ब्याज अनुदान की अधिकतम सीमा मुख्य योजना के समान होगी।
- इसी तरह रेशम कीट पालकों को संस्थागत मध्यकालीन कृषि ऋण पर ब्याज अनुदान तथा राज्य के किसानों के समान विद्युत प्रभार में अनुदान मिलेगा।
- जारी आदेश में यह स्पष्ट किया गया है कि भारत सरकार द्वारा संचालित सिल्क समग्र-2 योजना के तहत रेशम कीट पालन करने वाले लघु एवं सीमांत श्रेणी के किसानों को केंद्रांश और राज्यांश को मिलाकर कुल 90 प्रतिशत तथा अन्य कृषकों को 70 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा।
- शहतूत पौधों पर रेशम कीट पालन हेतु प्रति एकड़ लागत 5 लाख रुपए ऋणमान के आधार पर ऋण स्वीकृति दी जाएगी।
- निर्धारित ऋणमान में सिल्क समग्र-2 में देय अनुदान के अतिरित्त कृषक श्रेणीवार हितग्राही अंश को बैंक एवं अन्य वित्तीय संस्थानों के माध्यम से संस्थागत ऋण कृषि फसलों की भाँति शून्य प्रतिशत ब्याज के रूप मध्यकालीन कृषि ऋण के रूप में स्वीकृत किया जाएगा।
- वित्तीय वर्ष में सिल्क समग्र-2 योजना के तहत प्रदेश को प्रदायित लक्ष्यों की शत-प्रतिशत पूर्ति होने की दशा में लंबित आवेदनों को निर्धारित ऋणमान के अनुसार बैंक एवं वित्तीय संस्थानों द्वारा मध्यकालीन कृषि ऋण की सुविधा दी जाएगी और प्राप्त ऋण पर 03 वर्षों तक वित्त पोषण राज्य के कृषकों को सहकारी ऋणों पर ब्याज अनुदान नियम 2021 के अंतर्गत सहकारिता एवं वित्त विभाग के द्वारा वहन किया जाएगा।
- सभी बैंकों एवं वित्तीय संस्थानों द्वारा सिल्क समग्र-2 योजना में भारत सरकार द्वारा निर्धारित नार्म्स के अनुसार कृषकों को ऋण की स्वीकृति प्रदाय की जाएगी। देय ब्याज अनुदान की अधिकतम सीमा मुख्य योजना के समकक्ष होगी।
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