हरियाणा ने ‘गोरख धंधा’ शब्द के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने की अधिसूचना जारी की | हरियाणा | 07 Oct 2021
चर्चा में क्यों?
हाल ही में राज्य सरकार द्वारा राज्य में किसी भी आधिकारिक संचार में ‘गोरख धंधा’ शब्द के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने की अधिसूचना जारी की गई है।
प्रमुख बिंदु
- इस अधिसूचना के बाद अब राज्य में किसी भी राजभाषा, भाषण या किसी भी संदर्भ में इस शब्द का प्रयोग पूरी तरह से प्रतिबंधित हो गया है।
- उल्लेखनीय है कि गोरखनाथ समुदाय के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से ‘गोरख धंधा’ शब्द के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने का आग्रह करते हुए कहा था कि यह संत गोरखनाथ के अनुयायियों की भावनाओं को आहत करता है।
- इसी क्रम में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने अगस्त महीने में अनैतिक प्रथाओं का वर्णन करने के लिये आमतौर पर इस्तेमाल किये जाने वाले ‘गोरख धंधा’ शब्द के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी।
- विदित हो कि गुरु गोरखनाथ या गोरक्षनाथ नाथ योगी के एक संत थे। इन्होंने पूरे भारत का भ्रमण किया और अनेक ग्रंथों की रचना की। गोरखनाथ जी का मंदिर उत्तर प्रदेश के गोरखपुर नगर में स्थित है। गोरखनाथ के नाम पर इस ज़िले का नाम गोरखपुर पड़ा है। गोरखनाथ के शिष्य बाबा भैरौंनाथ थे, जिनका वध माता वैष्णोदेवी ने किया था।
आवास, मकान मरम्मत योजना के लिये विशेष प्रकोष्ठ | हरियाणा | 07 Oct 2021
चर्चा में क्यों?
6 अक्तूबर, 2021 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि अनुसूचित जाति वर्ग के व्यक्तियों के लिये आवास योजना और मकान मरम्मत योजना से संबंधित शिकायतों के निवारण के लिये एक अलग प्रकोष्ठ का गठन किया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री ने यह बात अपने आवास पर हरियाणा भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा की राज्य कार्य समिति के सदस्यों से बात करते हुए कही।
- इसके अलावा मुख्यमंत्री ने कहा कि इन शिकायतों के लिये एक अलग पोर्टल बनाया जाएगा और इसके लिये एक अधिकारी भी नियुक्त किया जाएगा।
- उन्होंने कहा कि प्रसिद्ध व्यक्तियों की विचारधारा लोगों तक पहुँचाने के लिये उनकी जयंती पर प्रखंड स्तर पर कार्यक्रम आयोजित किये जाएँगे। इसके लिये राज्य सरकार ने संत महापुरुष विचार सम्मान एवं प्रसार योजना के तहत 10 करोड़ रुपए का बजट प्रावधान किया है।
- लाल डोरा के संबंध में उन्होंने कहा कि जल्द ही गाँवों में लाल डोरा क्षेत्र के बाहर रहने वाले लोगों के लिये एक रजिस्ट्री योजना लागू की जाएगी। उन्होंने कहा कि ज़रूरत पड़ने पर मानकों में सुधार के लिये मनरेगा के माध्यम से भी काम किया जाए, ताकि लोग आराम से रह सकें।