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देहरादून और रुद्रपुर में खुलेंगे सैनिक स्कूल
चर्चा में क्यों?
6 सितंबर, 2022 को उत्तराखंड के मुख्य सचिव डॉ.एसएस संधु की अध्यक्षता में हुई बैठक में प्रदेश में देहरादून और रुद्रपुर में सैनिक स्कूल खोलने के प्रस्ताव पर मंज़ूरी दी गई। अब इसे मंज़ूरी के लिये केंद्र सरकार को भेजा जा रहा है।
प्रमुख बिंदु
- शिक्षा सचिव रविनाथ रमन ने बताया कि देहरादून में राजीव गांधी नवोदय विद्यालय और रुद्रपुर में एएन झा इंटर कॉलेज को सैनिक स्कूल के रूप में चलाने का प्रस्ताव रखा गया है।
- केंद्र सरकार की ओर से देश भर में 100 सैनिक स्कूल खोले जाने का निर्णय लिया गया है। इसके लिये राज्यों से मानकों को पूरा करने वाले स्कूलों के प्रस्ताव मांगे गए थे।
- उत्तराखंड में राजीव गांधी नवोदय विद्यालय, देहरादून और एएन झा इंटर कॉलेज, रुद्रपुर सैनिक स्कूल के लिये तकरीबन सभी मानकों को पूरा कर रहे हैं। दोनों का प्रस्ताव तैयार कर केंद्र सरकार को भेजा जा रहा है। प्रस्ताव भेजे जाने के बाद केंद्र की टीम संबंधित स्कूलों का निरीक्षण करेगी।
- गौरतलब है कि प्रदेश में अभी मात्र एक सैनिक स्कूल घोड़ाखाल में है, जिसका पूरा संचालन रक्षा मंत्रालय करता है। हालाँकि रुद्रप्रयाग ज़िले के जखोली में भी सैनिक स्कूल खोलने की कवायद पिछले कई साल से चल रही है। इस स्कूल को मंज़ूरी भी मिल गई थी, लेकिन सैनिक कल्याण और शिक्षा विभाग के बीच तालमेल की कमी के चलते इस स्कूल के भवन निर्माण का मामला पिछले काफी समय से रुका हुआ है।
- रक्षा मंत्रालय ने शैक्षणिक सत्र 2022-23 के लिये देशभर के जिन 21 नए सैनिक स्कूलों को खोलने की मंज़ूरी दी थी, उनमें देहरादून के भाऊवाला में स्थित जीआरडी वर्ल्ड स्कूल भी शामिल था, लेकिन स्कूल की मान्यता संबंधी शिकायत पर इसमें प्रवेश को स्थगित रखा गया है।
- सैनिक स्कूल खोलने के लिये मानकों को लेकर स्थिति स्पष्ट न होने से प्रदेश से प्रस्ताव भेजने में देरी हुई। पहले यह बताया गया कि इसके लिये 25 एकड़ भूमि की ज़रूरत होगी, लेकिन बाद में पता चला कि आठ एकड़ भूमि में भी सैनिक स्कूल खुल सकता है। स्थिति स्पष्ट होने के बाद विभाग की ओर से इसका प्रस्ताव तैयार किया गया।
- प्रदेश में सैनिक स्कूल खोलने के लिये केंद्र सरकार की ओर से अनुदान दिया जाएगा। इससे ज़रूरी संसाधन जुटाए जा सकेंगे। हालाँकि, विभागीय अधिकारियों का कहना है कि चयनित किये गए दोनों स्कूल सैनिक स्कूल के सभी मानकों को पूरा करते हैं।
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नेपाल सीमा तक बनने वाली सड़क पर हाथियों के लिये बनेंगे अंडरपास
चर्चा में क्यों?
6 सितंबर, 2022 को नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) के परियोजना निदेशक योगेंद्र शर्मा ने बताया कि एनएचएआई की ओर से बनबसा में जगबूड़ा से नेपाल सीमा (चांदनी दुधारा) तक बनाई जाने वाली चार किमी. लंबी सड़क पर वन्यजीवों, खासकर हाथियों के अबाध आवागमन के मद्देनज़र अंडरपास बनाए जाएंगे।
प्रमुख बिंदु
- एनएचएआई के परियोजना निदेशक योगेंद्र शर्मा ने बताया कि वन्यजीवों के मूवमेंट के लिये सात सौ पचास मीटर की लंबाई में 25 जगहों पर अंडरपास बनाने की योजना है। संबंधित कार्य को 18 महीने में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
- एनएचएआई के अधिकारियों का दावा है कि कुमाऊँ में पहली बार वन्यजीवों के मूवमेंट के लिये अंडर पास बनेगा। इस महत्त्वाकांक्षी योजना की टेंडर प्रक्रिया चल रही है।
- गौरतलब है कि नेपाल सरकार चांदनी दुधारा में ड्राईपोर्ट बनवा रही है। इस ड्राईपोर्ट को भारत से जोड़ने के लिये एनएचएआई बनबसा से नेपाल सीमा तक चार किमी. फोरलेन सड़क बनाने जा रहा है।
- एनएचएआई के अधिकारियों के अनुसार शारदा नदी पर पुल भी बनेगा। रेलवे ओवरब्रिज भी तैयार किया जाएगा। यहाँ पर एक संयुक्त जाँच चौकी (इमिग्रेशन, वन, पुलिस, एसएसबी और कस्टम) भी बनाई जाएगी।
- रक्षा एवं पर्यटन राज्यमंत्री अजय भट्ट ने बताया कि आवागमन को बेहतर और सुविधाजनक बनाने के लिये प्रयास किया जा रहा है। नेपाल सीमा तक महत्त्वपूर्ण सड़क बनाने की दिशा में कार्य प्रस्तावित है। इस योजना पर 225 करोड़ रुपए खर्च होंगे। बागेश्वर-टनकपुर रेलवे लाइन के लिये फाइनल लाइन सर्वे का काम चल रहा है, जिसके दिसंबर तक पूरा होने की उम्मीद है।
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