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राजस्थान के 3 विश्वविद्यालयों और आई.एम.टी. गाज़ियाबाद के मध्य हुआ एम.ओ.यू.
चर्चा में क्यों?
6 सितंबर, 2022 को राज्यपाल कलराज मिश्र की उपस्थिति में राजभवन में आई.एम.टी. गाज़ियाबाद एवं मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय, महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय तथा गोविंद गुरु जनजातीय विश्वविद्यालय के मध्य खेल संस्कृति के विकास के संबंध में एक महत्त्वपूर्ण सहमति-पत्र (एम.ओ.यू.) पर हस्ताक्षर हुए।
प्रमुख बिंदु
- इस एम.ओ.यू. के अंतर्गत स्थानीय और पारंपरिक खेलों को पुनर्जीवित करने के साथ ही उच्च शिक्षण संस्थाओं में खेल संस्कृति को बढ़ावा दिये जाने पर कार्य होगा।
- राज्यपाल ने इस अवसर पर उम्मीद जताई कि एमओयू से आई.एम.टी. गाज़ियाबाद के स्पोर्ट्स रिसर्च सेंटर की मदद से राज्य के विश्वविद्यालयों द्वारा राजस्थान में स्थानीय और पारंपरिक खेलों को पुनर्जीवित करने और खेलों के विकास का बेहतर वातावरण बन सकेगा।
- उन्होंने कहा कि आई.एम.टी. गाज़ियाबाद और राज्य के विश्वविद्यालयों का इस संबंध में संयुक्त प्रयास लोगों में खेल के प्रति जागरूकता पैदा कर उन्हें पारंपरिक खेलों के साथ आधुनिक खेलों से जोड़कर राजस्थान को खेलों में अग्रणी कर सकेगा।
- इस अवसर पर आई.एम.टी. गाज़ियाबाद के स्पोर्ट्स रिसर्च सेंटर के हैड डॉ. कनिष्क पांडेय ने बताया कि एमओयू के तहत प्रदेश के उदयपुर, भीलवाड़ा, डूंगरपुर, चित्तौड़गढ़, राजसमंद, सिरोही, बांसवाड़ा और प्रतापगढ़ ज़िलों में पारंपरिक खेलों के विकास के साथ ही यहाँ पर खेलों से जुड़ी अन्य संभावनाओं पर कार्य करते हुए स्थानीय खेल प्रतिभाओं को बढ़ावा देने का कार्य किया जा सकेगा।
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प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के मामले में राजस्थान पूरे देश में चौथे स्थान पर
चर्चा में क्यों?
6 सितंबर, 2022 को राजस्थान जनसंपर्क विभाग द्वारा बताया गया कि बेहतर सर्विस डिलीवरी और पारदर्शिता की सोच के साथ शुरू की गई जन आधार योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के परिणामस्वरूप प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के मामले में राजस्थान पूरे देश में चौथे स्थान पर है।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की पहल पर शुरू की गई जनआधार योजना राज्य सरकार की सभी जनकल्याणकारी योजनाओं के लाभ आमजन तक सरलता एवं सुगमता के साथ पहुँचाने में कारगर सिद्ध हुई है।
- जन आधार योजना के तहत प्रदेश के लगभग 1 करोड़ 93 लाख परिवार नामांकित हो चुके हैं। इन परिवारों के करीब 7 करोड़ 48 लाख नामांकित सदस्यों को सरकारी योजनाओं का लाभ उनकी पात्रतानुसार जन आधार के माध्यम से मिल रहा है।
- योजना के माध्यम से अब तक लाभार्थियों के बैंक खातों में लगभग 50 हज़ार करोड़ रुपए हस्तांतरण किये जा चुके हैं, जो एक बड़ी उपलब्धि है। योजना में अब तक नकद और गैर-नकद लाभ के 119 करोड़ से अधिक ट्रांजेक्शन कर लाभार्थियों को विभिन्न योजनाओं में लाभ दिया गया है।
- राज्य सरकार की 70 योजनाओं को जन आधार से जोड़ा गया है। ज़्यादातर योजनाओं को इससे जोड़ने की दिशा में तेज़ी से काम किया जा रहा है। इस योजना की एक प्रमुख विशेषता यह भी है कि जन आधार कार्ड में मुखिया महिला को चुना जाता है। इससे समाज में महिला सशक्तीकरण की अवधारणा को भी बल मिला है।
- राज्य सरकार की सभी योजनाओं का लाभ जन आधार कार्ड के माध्यम से लिया जा सकता है। साथ ही इसका उपयोग पहचान-पत्र के रूप में भी किया जा सकता है।
- यह एक ऐसी महत्त्वाकांक्षी योजना है, जिसमें प्रत्येक परिवार का जन-सांख्यिकीय और सामाजिक-आर्थिक जानकारियों का डाटाबेस तैयार किया जा रहा है, ताकि प्रभावी योजनाओं के निर्माण के साथ ही नीति-निर्धारण में आसानी हो और आमजन तक इनका लाभ भी सुगमता से पहुँचे।
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