उत्तर प्रदेश Switch to English
अब यूरोप और मिडिल ईस्ट तक महकेगा कन्नौज का इत्र
चर्चा में क्यों?
6 सितंबर, 2022 को उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि एक ज़िला एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना के तहत कन्नौज के इत्र को वैश्विक बाज़ार में स्थापित करने के उद्देश्य से राज्य सरकार अगले साल फरवरी में पहली बार इंटरनेशनल इत्र फेस्टिवल की मेज़बानी करेगी, जिसमें इत्र उद्योग में अग्रणी फ्राँस समेत यूरोप और मिडिल ईस्ट समेत तमाम अग्रणी देशों के प्रतिनिधिमंडल को आमंत्रित किया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- इंटरनेशनल इत्र फेस्टिवल में विभिन्न देशों के आगंतुकों को कन्नौज के इत्र के निर्माण की प्रक्रिया, इसमें इस्तेमाल होने वाले मूल इनग्रेडिएंट्स समेत अन्य खूबियों से परिचित कराया जाएगा।
- यह फेस्टिवल कन्नौज के इत्र निर्माताओं और उद्यमियों को विदेशी कंपनियों के साथ व्यापार के लिये मंच उपलब्ध कराएगा। इसके ज़रिये कन्नौज के इत्र कारोबारियों को भी अपने उत्पादों को विदेशी खरीदारों के सामने प्रदर्शित करने व वैश्विक व्यापार की संभावनाओं को टटोलने का मौका मिलेगा।
- जानकारी के मुताबिक, इंटरनेशनल इत्र फेस्टिवल के लिये विदेशी प्रतिनिधिमंडल को लाने की ज़िम्मेदारी कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई) की होगी।
- इस आयोजन के तहत लखनऊ में एक दिन का कार्यक्रम होगा, जिसमें विभिन्न सेमिनार का आयोजन किया जाएगा। इसके बाद सभी विदेशी मेहमानों को कन्नौज ले जाया जाएगा। यहाँ उन्हें इत्र के उद्यमियों, इत्र निर्माताओं व निर्यातकों से मिलने का मौका मिलेगा।
- इंटरनेशनल इत्र फेस्टिवल में दुनिया भर के उन देशों के प्रतिनिधि शिरकत करेंगे, जो इत्र, परफ्यूम से जुड़े उद्योगों से संबंधित हैं। इनमें निर्माता, उद्यमी और विक्रेता सभी शामिल होंगे। खासतौर पर यूरोपीय देश फ्राँस, जर्मनी, स्विट्ज़रलैंड जैसे देशों के प्रतिनिधि उपस्थित रहेंगे। इसके अलावा दुबई समेत मिडिल ईस्ट के भी कई देश इसमें हिस्सा लेंगे। इन सभी देशों में फ्राँस सबसे अहम है, क्योंकि उसे परफ्यूम इंडस्ट्री में अग्रणी माना जाता है।
- गौरतलब है कि पूरी दुनिया में कन्नौज के इत्र की चर्चा होती है। कन्नौज के इत्र की सबसे खास बात ये है कि यहाँ इत्र के निर्माण में एसेंसियल ऑयल का इस्तेमाल होता है। यह पूरी तरह ऑर्गेनिक होता है और इसके उपयोगकर्त्ता को किसी तरह का कोई साइड इफेक्ट या नुकसान नहीं होता। वहीं, ज़्यादातर देशों में इत्र या परफ्यूम के निर्माण में एल्कोहल का अधिकाधिक इस्तेमाल होता है। धीरे-धीरे दुनिया का मार्केट एसेंसियल ऑयल की ओर जा रहा है। ऐसे में ये देश भारत की ओर देख रहे हैं।
- इस फेस्टिवल में आने वाले विदेशी मेहमानों को लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे पर बन रहे इत्र पार्क में भी ले जाया जाएगा। कन्नौज में राज्य सरकार 57 एकड़ के क्षेत्र में इत्र पार्क का निर्माण कर रही है। इसके पहले चरण का उद्घाटन इसी साल नवंबर के अंत तक होने की संभावना है। पहले चरण में 30 एकड़ पर निर्माण होगा, जबकि दूसरे चरण में बाकी 27 एकड़ पर पार्क का निर्माण किया जाएगा।
- इत्र पार्क में कन्नौज के छोटे इत्र कारोबारियों को प्लॉट उपलब्ध कराए जाएंगे, जहाँ वो अपने उत्पादों को बड़े स्तर पर प्रदर्शित कर पाएंगे। इस इत्र पार्क के ज़रिये सरकार का उद्देश्य छोटे स्तर पर घरों से या दुकानों से इत्र का काम कर रहे लोगों को एडवांस मशीनरी के साथ सामान्य सुविधाएँ उपलब्ध कराना है।
बिहार Switch to English
नक्शों की डोर स्टेप डिलीवरी का शुभारंभ
चर्चा में क्यों?
6 सितंबर, 2022 को बिहार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री आलोक मेहता ने शास्त्रीनगर स्थित राजस्व (सर्वे) प्रशिक्षण संस्थान में भू-अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय की नक्शों की डोर स्टेप डिलीवरी का शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- भूमि विवाद सुलझाने में सही नक्शे की अहमियत को देखते हुए डिजिटल नक्शा उपलब्ध कराने के लिये डोर स्टेप डिलीवरी की शुरुआत की गई है। बिहार के लोगों को अब घर-बैठे ज़मीन का नक्शा मिलेगा।
- इस तरह गाँव और कस्बों का नक्शा ऑनलाइन मँगाने की व्यवस्था लागू करने वाला बिहार देश का पहला राज्य बन गया है।
- मंत्री आलोक मेहता ने कहा कि इससे भूमि विवाद की समस्या को दूर करने में मदद मिलेगी और नक्शे की उपलब्धता को लेकर होने वाली अनावश्यक परेशानी कम होगी। इस व्यवस्था में अनावश्यक विलंब एवं भ्रष्टाचार की संभावना भी समाप्त हो जाएगी।
- नक्शा मँगाने के लिये निदेशालय की साइट bihar.gov.in पर जाकर डोर स्टेप डिलीवरी आइकन पर क्लिक करना होगा। फिर अपने मौजे के नक्शा का आर्डर और पेमेंट ऑनलाइन करना होगा। एक बार में एक कंटेनर में 5 शीट का ऑर्डर कर सकते हैं। नक्शा कूट के गोल और मज़बूत डिब्बे में पैक रहेगा।
- एक शीट का नक्शा 285 रुपए में मिलेगा। इसमें कंटेनर का शुल्क और डाक व्यय शामिल है। दो शीट (नक्शा) के लिये 435 रुपए, तीन शीट के लिये 585 रुपए, चार शीट के लिये 785 रुपए तथा पाँच शीट के लिये 935 रुपए का भुगतान करना होगा।
- भुगतान पेमेंट गेटवे से होगा। सभी प्रमुख बैंक इस सुविधा से जुड़े हुए हैं। भुगतान सभी प्रमुख बैंकों के डेबिट/क्रेडिट कार्ड से हो सकता है। इस सेवा के लिये बैंक अलग से चार्ज नहीं लेंगे। भुगतान के साथ ही कंप्यूटर स्क्रीन पर प्राप्ति रसीद मिलेगी, जिसे भविष्य के लिये संरक्षित कर सकते हैं।
- डोर स्टेप डिलीवरी के लिये डाक विभाग से एमओयू साइन किया गया है। नक्शों की डिलीवरी स्पीड पोस्ट से होगी। हर कंटेनर पर बार कोड जनेरेटेड स्टिकर लगाना अनिवार्य है। डाक चार्ज नक्शे के वज़न के मुताबिक होगा। एक कंटेनर की कीमत 35 रुपए है व एक कंटेनर में अधिकतम 5 नक्शे पैक किये जाएंगे। 3 नक्शा समेत कंटेनर का डाक शुल्क 100 रुपए व तीन से ज़्यादा नक्शे का 150 रुपए तय है।
- लोग बिहार सर्वेक्षण कार्यालय, गुलजारबाग में उपलब्ध कुल 1,35,865 नक्शों को ऑनलाइन आवेदन कर मँगा सकते हैं। इसमें सबसे अधिक 73,086 नक्शे कैडस्टल सर्वे से संबंधित हैं। रिविजन सर्वे से संबंधित नक्शों की संख्या 49,711 तथा चकबंदी के नक्शों की कुल संख्या 7821 है।
राजस्थान Switch to English
राजस्थान के 3 विश्वविद्यालयों और आई.एम.टी. गाज़ियाबाद के मध्य हुआ एम.ओ.यू.
चर्चा में क्यों?
6 सितंबर, 2022 को राज्यपाल कलराज मिश्र की उपस्थिति में राजभवन में आई.एम.टी. गाज़ियाबाद एवं मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय, महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय तथा गोविंद गुरु जनजातीय विश्वविद्यालय के मध्य खेल संस्कृति के विकास के संबंध में एक महत्त्वपूर्ण सहमति-पत्र (एम.ओ.यू.) पर हस्ताक्षर हुए।
प्रमुख बिंदु
- इस एम.ओ.यू. के अंतर्गत स्थानीय और पारंपरिक खेलों को पुनर्जीवित करने के साथ ही उच्च शिक्षण संस्थाओं में खेल संस्कृति को बढ़ावा दिये जाने पर कार्य होगा।
- राज्यपाल ने इस अवसर पर उम्मीद जताई कि एमओयू से आई.एम.टी. गाज़ियाबाद के स्पोर्ट्स रिसर्च सेंटर की मदद से राज्य के विश्वविद्यालयों द्वारा राजस्थान में स्थानीय और पारंपरिक खेलों को पुनर्जीवित करने और खेलों के विकास का बेहतर वातावरण बन सकेगा।
- उन्होंने कहा कि आई.एम.टी. गाज़ियाबाद और राज्य के विश्वविद्यालयों का इस संबंध में संयुक्त प्रयास लोगों में खेल के प्रति जागरूकता पैदा कर उन्हें पारंपरिक खेलों के साथ आधुनिक खेलों से जोड़कर राजस्थान को खेलों में अग्रणी कर सकेगा।
- इस अवसर पर आई.एम.टी. गाज़ियाबाद के स्पोर्ट्स रिसर्च सेंटर के हैड डॉ. कनिष्क पांडेय ने बताया कि एमओयू के तहत प्रदेश के उदयपुर, भीलवाड़ा, डूंगरपुर, चित्तौड़गढ़, राजसमंद, सिरोही, बांसवाड़ा और प्रतापगढ़ ज़िलों में पारंपरिक खेलों के विकास के साथ ही यहाँ पर खेलों से जुड़ी अन्य संभावनाओं पर कार्य करते हुए स्थानीय खेल प्रतिभाओं को बढ़ावा देने का कार्य किया जा सकेगा।
राजस्थान Switch to English
प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के मामले में राजस्थान पूरे देश में चौथे स्थान पर
चर्चा में क्यों?
6 सितंबर, 2022 को राजस्थान जनसंपर्क विभाग द्वारा बताया गया कि बेहतर सर्विस डिलीवरी और पारदर्शिता की सोच के साथ शुरू की गई जन आधार योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के परिणामस्वरूप प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के मामले में राजस्थान पूरे देश में चौथे स्थान पर है।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की पहल पर शुरू की गई जनआधार योजना राज्य सरकार की सभी जनकल्याणकारी योजनाओं के लाभ आमजन तक सरलता एवं सुगमता के साथ पहुँचाने में कारगर सिद्ध हुई है।
- जन आधार योजना के तहत प्रदेश के लगभग 1 करोड़ 93 लाख परिवार नामांकित हो चुके हैं। इन परिवारों के करीब 7 करोड़ 48 लाख नामांकित सदस्यों को सरकारी योजनाओं का लाभ उनकी पात्रतानुसार जन आधार के माध्यम से मिल रहा है।
- योजना के माध्यम से अब तक लाभार्थियों के बैंक खातों में लगभग 50 हज़ार करोड़ रुपए हस्तांतरण किये जा चुके हैं, जो एक बड़ी उपलब्धि है। योजना में अब तक नकद और गैर-नकद लाभ के 119 करोड़ से अधिक ट्रांजेक्शन कर लाभार्थियों को विभिन्न योजनाओं में लाभ दिया गया है।
- राज्य सरकार की 70 योजनाओं को जन आधार से जोड़ा गया है। ज़्यादातर योजनाओं को इससे जोड़ने की दिशा में तेज़ी से काम किया जा रहा है। इस योजना की एक प्रमुख विशेषता यह भी है कि जन आधार कार्ड में मुखिया महिला को चुना जाता है। इससे समाज में महिला सशक्तीकरण की अवधारणा को भी बल मिला है।
- राज्य सरकार की सभी योजनाओं का लाभ जन आधार कार्ड के माध्यम से लिया जा सकता है। साथ ही इसका उपयोग पहचान-पत्र के रूप में भी किया जा सकता है।
- यह एक ऐसी महत्त्वाकांक्षी योजना है, जिसमें प्रत्येक परिवार का जन-सांख्यिकीय और सामाजिक-आर्थिक जानकारियों का डाटाबेस तैयार किया जा रहा है, ताकि प्रभावी योजनाओं के निर्माण के साथ ही नीति-निर्धारण में आसानी हो और आमजन तक इनका लाभ भी सुगमता से पहुँचे।
मध्य प्रदेश Switch to English
‘भगवान बिरसा मुंडा स्व-रोज़गार योजना’, ‘टंट्या मामा आर्थिक कल्याण योजना’ एवं ‘मुख्यमंत्री अनुसूचित जनजाति विशेष परियोजना वित्त पोषण योजना’ की स्वीकृति
चर्चा में क्यों?
6 सितंबर, 2022 को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई बैठक में मंत्रिपरिषद ने अनुसूचित जनजाति वर्ग के युवाओं को स्व-रोज़गार के और अधिक अवसर प्रदान करने के लिये 3 योजनाओं की स्वीकृति प्रदान की। इसमें ‘भगवान बिरसा मुंडा स्व-रोज़गार योजना’, ‘टंट्या मामा आर्थिक कल्याण योजना’एवं ‘मुख्यमंत्री अनुसूचित जनजाति विशेष परियोजना वित्त पोषण योजना’शामिल हैं।
प्रमुख बिंदु
- ‘भगवान बिरसा मुंडा स्व-रोज़गार योजना’में विनिर्माण गतिविधियों के लिये एक लाख से 50 लाख रुपए तक तथा सेवा एवं व्यवसाय गतिविधियों के लिये एक लाख रुपए से 25 लाख रुपए तक की परियोजनाएँ स्वीकृत की जाएंगी।
- योजना का लाभ लेने वाले परिवार की वार्षिक आय 12 लाख रुपए से अधिक नहीं होना चाहिये।
- योजना में हितग्राहियों को बैंक द्वारा वितरित एवं शेष ऋण पर 5 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से ब्याज अनुदान तथा बैंक ऋण गारंटी शुल्क प्रचलित दर पर अधिकतम 7 वर्षों तक (मोरेटोरियम अवधि सहित) निगम द्वारा वहन किया जाएगा। आवश्यकतानुसार इच्छुक अभ्यर्थियों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
- ‘टंट्या मामा आर्थिक कल्याण योजना’में ऐसे अनुसूचित जनजाति के सदस्य, जो आयकर दाता नहीं हों, जिनकी उम्र 18 से 55 वर्ष के मध्य हो, उन्हें सभी प्रकार की स्व-रोज़गार गतिविधियों के लिये 10 हज़ार से एक लाख रुपए तक की परियोजनाओं के लिये बैंकों से ऋण दिलवा कर हितग्राही को 7 प्रतिशत ब्याज अनुदान तथा बैंक ऋण गारंटी शुल्क प्रचलित दर पर अधिकतम 5 वर्षों के लिये दिया जाएगा।
- ‘मुख्यमंत्री अनुसूचित जनजाति विशेष परियोजना वित्त पोषण योजना’में मुख्यत: अनुसूचित जनजाति वर्ग के हितग्राहियों को लाभान्वित करने के लिये विभिन्न विभागों अथवा ज़िला कलेक्टर से प्राप्त होने वाले ऐसे विशेष परियोजना प्रस्ताव, जो लाइन विभागों की प्रचलित किसी भी योजना परियोजना में किया जाना संभव न हो तथा अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिये किया जाना अत्यंत उपयोगी एवं आवश्यक हो, को वित्त पोषण के लिये अधिकतम 2 करोड़ रुपए तक की संपूर्ण परियोजना लागत राशि शासन द्वारा अनुदान के रूप में प्रदान की जाएगी।
- कृषि, पशुपालन, मत्स्य पालन, उद्यानिकी, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, ऊर्जा, तकनीकि शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार, आयुष और लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग आदि से प्राप्त ऐसे विशेष परियोजना प्रस्ताव को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित राज्य परियोजना क्रियान्वयन समिति की अनुशंसा पर परियोजना लागत राशि प्रदान की जाएगी।
- योजना में स्व-रोज़गार, आजीविका, कौशल उन्नयन, संवर्धन एवं नवाचार संबंधी परियोजनाओं को प्राथमिकता के आधार पर वित्त पोषण किया जाएगा। परियोजना में कम-से-कम 50 प्रतिशत लाभार्थी अनुसूचित जनजाति वर्ग के होना अनिवार्य होगा।
मध्य प्रदेश Switch to English
प्रदेश के पहले बकरी पालन एवं उद्यमिता सम्मेलन का शुभारंभ
चर्चा में क्यों?
6 सितंबर, 2022 को मध्य प्रदेश के पशुपालन एवं डेयरी मंत्री प्रेम सिंह पटेल ने भोपाल में प्रदेश के पहले ‘बकरी पालन को प्रोत्साहन एवं उद्यमिता विकास हेतु पशुपालक सम्मेलन’ का शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- सम्मेलन को संबोधित करते हुए मंत्री प्रेम सिंह पटेल ने कहा कि आधुनिक तकनीक अपना कर पशुपालन विभाग के सहयोग से बकरी पालन करें और अच्छी आय अर्जित करें। उन्होंने बकरी पालकों को बैंक ऋण लेने में आ रही कठिनाइयों को दूर करने का आश्वासन दिया।
- अपर मुख्य सचिव पशुपालन एवं डेयरी जे.एन. कंसोटिया ने कहा कि प्रदेश में उच्च नस्ल के बकरी वंश को बढ़ाने के लिये कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम चिह्नित ज़िलों से आरंभ कर जल्द ही पूरे प्रदेश में शुरू किया जाएगा।
- जे.एन. कंसोटिया ने बताया कि कुक्कुट व्यवसाय को पिछले साल से पंजीकृत किया जा रहा है। अब बकरी पालन को भी पंजीकृत किया जाएगा।
- वेटनरी काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डॉ. उमेश चन्द्र शर्मा ने कहा कि बकरी पालन में मध्य प्रदेश देश में पाँचवें स्थान पर और विश्व में भारत दूसरे स्थान पर है। बकरी की उच्च नस्ल के लिये कृत्रिम गर्भाधान बहुत ज़रूरी है। अच्छी नस्ल का बकरा एक से डेढ़ लाख रुपए में मिलता है। कृत्रिम गर्भाधान से पालक को यह सुविधा हिमीकृत स्ट्रॉ से मात्र 70 रुपए में उपलब्ध होगी।
- संचालक डॉ. आर.के मेहिया ने कहा कि प्रदेश में पिछली पशु गणना के मुकाबले बकरी संख्या में 38 प्रतिशत की वृद्धि इस बात का प्रमाण है कि बकरी पालन के प्रति लोगों में रुझान बढ़ा है।
मध्य प्रदेश Switch to English
क्राफ्ट एंड आर्ट प्रदर्शनी ‘हस्तकला बाज़ार’का शुभारंभ
चर्चा में क्यों?
6 सितंबर, 2022 को मध्य प्रदेश की पर्यटन, संस्कृति और धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व मंत्री ऊषा ठाकुर ने कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर में क्राफ्ट एंड आर्ट प्रदर्शनी ‘हस्तकला बाज़ार’ का शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- पर्यटन बोर्ड द्वारा रिस्पॉन्सिबल टूरिज्म मिशन में यह प्रदर्शनी लगाई गई है। प्रदेश के 6 कल्चरल ज़ोन से 41 आर्ट फॉर्म के 93 शिल्पकार प्रदर्शनी में अपने उत्पाद प्रदर्शित कर रहे हैं।
- ‘हस्तकला बाज़ार’प्रदर्शनी में लगभग 16 ज़िलों से 28 शिल्प उत्पाद के स्टॉल लगाए गए हैं। साथ ही 6 उत्पाद की लाइव प्रदर्शनी लगाई गई है।
- छतरपुर का टेराकोटा और लौह शिल्प, बैतूल का बैलमेटल, सतना का काँसा, ओरछा की बुंदेली पेंटिंग, देवास का औद्योगिक अपशिष्ट लकड़ी से बनाई गई वस्तुएँ, भोपाल का हैंडलूम हैंडीक्राफ्ट और जरी-जरदोजी, राजगढ़ का कपड़ा अपशिष्ट उत्पाद, अलीराजपुर की हैंडीक्राफ्ट पेंटिंग, खंडवा के हाथ कढ़ाई और कागज़ उत्पाद के साथ महेश्वर हैंडलूम, बांस शिल्प, प्राकृतिक शहद और मार्बल स्टोन की वस्तुएँ प्रदर्शित की गई हैं।
हरियाणा Switch to English
बदमाशों व अवैध गतिविधियों के खिलाफ चला ‘ऑपरेशन आक्रमण-2’
चर्चा में क्यों?
6 सितंबर, 2022 को हरियाणा के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) प्रशांत कुमार अग्रवाल ने बताया कि हरियाणा पुलिस द्वारा बदमाशों की धरपकड़ के लिये एक दिन का विशेष अभियान ‘ऑपरेशन आक्रमण- 2’ चलाया गया।
प्रमुख बिंदु
- ‘ऑपरेशन आक्रमण- 2’ अभियान के तहत पुलिस ने राज्यभर में दिनभर व्यापक छापेमारी करते हुए आईपीसी, एनडीपीएस, एक्साइज और आर्म्स एक्ट आदि की संबंधित धाराओं के तहत 710 केस दर्ज करके 964 आरोपियों को गिरफ्तार किया।
- पुलिस महानिदेशक ने बताया कि हरियाणा पुलिस द्वारा 5 सितंबर को चलाए गए इस अभियान का उद्देश्य आपराधिक तत्त्वों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई करना, स्ट्रीट क्राइम व अवैध हथियारों पर अंकुश लगाना, अवैध शराब की धरपकड़ सहित मादक पदार्थों की तस्करी पर शिकंजा कसना है।
- उन्होंने कहा कि हम प्रत्येक ज़िले में बदमाशों व असामाजिक तत्त्वों के भागने की गुंज़ाइश छोड़े बिना उन पर नकेल कसने के लिये उनके इलाकों/सड़कों/घरों में अचानक रेड कर अपराधियों के अंदर कानून का भय पैदा करना चाहते हैं।
- विभिन्न ज़िलों से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार फील्ड में लगभग 3500 पुलिसकर्मियों की 645 टीमों ने कई स्थानों पर रेड की। छापेमारी के दौरान रेडिंग टीमों ने 45 उद्घोषित अपराधियों और 34 बेल जंपर्स को काबू करने में भी कामयाबी हासिल की। पकड़े गए ये बदमाश कई मामलों में वांछित थे और गिरफ्तारी से बचने के लिये फरार चल रहे थे।
- पानीपत ज़िले में सर्वाधिक 116 आरोपी गिरफ्तार हुए, वहीं गुरुग्राम में 108 और अंबाला में 102 को काबू किया गया। इसी प्रकार, सर्वाधिक 24 पीओ और बेल जंपर्स सोनीपत ज़िले में दबोचे और 9 को पानीपत से गिरफ्तार किया गया।
- डीजीपी ने बताया कि पुलिस टीमों द्वारा किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधियों, उपकरणों और अन्य वस्तुओं की जाँच के लिये प्रदेश के जेल परिसरों में भी छापेमारी की गई।
- विशेष अभियान का आकलन करते हुए उन्होंने इसे अपराधियों के खिलाफ पुलिस की कड़ी कार्रवाई और आम जनता के बीच कानून में विश्वास को और मज़बूती देने की दिशा में एक कदम बताया। उन्होंने कहा कि भविष्य में भी इस तरह का विशेष अभियान जारी रहेगा।
- उल्लेखनीय है कि ‘ऑपरेशन आक्रमण’आपराधिक व असामाजिक तत्त्वों के ठिकानों पर एक साथ छापेमारी करने का एक विशेष राज्यस्तरीय अभियान है। इसके तहत छापेमारी करने वाली पुलिस टीमों का गठन किया गया है। पुलिस की ये टीमें आपराधिक तत्त्वों को फरार होने की गुंज़ाइश छोड़े बिना उन पर अंकुश लगाने हेतु संयुक्त रूप से कार्रवाई करती हैं।
हरियाणा Switch to English
नई स्कूल स्वास्थ्य योजना ‘सेहत’ का शुभारंभ
चर्चा में क्यों?
5 सितंबर, 2022 को राष्ट्रीय शिक्षक दिवस के अवसर पर हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने पंचकूला के सेक्टर-5 स्थित इंद्रधनुष ऑडिटोरियम में स्कूली बच्चों की स्वास्थ्य जाँच के लिये आयुष्मान भारत कार्यक्रम के तहत एक नई स्कूल स्वास्थ्य योजना ‘सेहत’ का शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- राज्यपाल ने स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा इंद्रधनुष ऑडिटोरियम में आयोजित राज्य शिक्षक पुरस्कार समारोह में शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले 2020 व 2021 के प्रदेश के 93 शिक्षकों को सम्मानित भी किया।
- राज्यपाल ने कहा कि आयुष्मान भारत कार्यक्रम के तहत एक नई स्कूल स्वास्थ्य योजना ‘सेहत’शुरू की गई है। इस योजना के अंतर्गत आगामी शैक्षणिक सत्र से साल में दो बार 25 लाख स्कूली बच्चों के स्वास्थ्य की जाँच की जाएगी। जाँच में एकत्रित किये गए डाटा को ई-उपचार पोर्टल से जोड़ा जाएगा, जिससे किसी भी स्थान पर बच्चे का डिजिटल स्वास्थ्य रिकॉर्ड उपलब्ध होगा।
- इस अवसर पर शिक्षा मंत्री कंवर पाल ने कहा कि हरियाणा सरकार ने शिक्षा में गुणात्मक सुधार के लिये अनेक कदम उठाए हैं। हरियाणा देश का ही नहीं, संभवत: विश्व का पहला प्रदेश है, जहाँ 10वीं व 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों और शिक्षकों को 5 लाख टैब नि:शुल्क प्रदान किये गए।
छत्तीसगढ़ Switch to English
छत्तीसगढ़ मंत्रिपरिषद के महत्त्वपूर्ण निर्णय
चर्चा में क्यों?
6 सितंबर, 2022 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़ा वर्ग के कल्याण और विकास के लिये पृथक्-पृथक् विभागों के गठन के निर्णय के साथ ही अन्य कई महत्त्वपूर्ण निर्णय लिये गए।
प्रमुख बिंदु
- मंत्रिपरिषद की बैठक में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़ा वर्ग के कल्याण और विकास के लिये पृथक्-पृथक् विभागों के गठन का ऐतिहासिक निर्णय लिया गया। इससे इन वर्गों के लिये संचालित कल्याणकारी योजनाओं और कार्यक्रमों का अधिक सुव्यवस्थित तरीके से क्रियान्वयन हो सकेगा।
- राज्य शासन द्वारा अधिसूचित अनुसूचित क्षेत्रों बस्तर और सरगुजा संभाग के ज़िलों तथा बिलासपुर संभाग के कोरबा और गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के ज़िला स्तरीय एवं संभाग स्तरीय पदों पर नियुक्त व्यक्तियों का स्थानांतरण, प्रतिनियुक्ति, संविलियन, संलग्नीकरण ज़िले और संभाग के बाहर नहीं किया जाएगा।
- किसानों के सहकारी ऋणों पर ब्याज अनुदान नियम 2021 में संशोधन प्रारूप का अनुमोदन किया गया, जिसके अनुसार उद्यानिकी कार्यों, मत्स्य पालन एवं गोपालन के लिये लघु और सीमांत किसानों को 3 लाख रुपए तक का अल्पकालीन ऋण बिना ब्याज के मिलेगा।
- राज्य में किसानों के हित में कृषि और उससे संबंधित उद्यानिकी, मछलीपालन, पशुपालन आदि संबद्ध विभागों की गतिविधियों को एक ही जगह से क्रियान्वित करने के लिये अन्य विभागों की भाँति नवा रायपुर अटल नगर के सेक्टर 19 में कृषि भवन के निर्माण का निर्णय लिया गया। इसके लिये एक रुपए टोकन में भूमि आबंटित करने का निर्णय लिया गया।
- राज्य में पंप स्टोरेज आधारित जल विद्युत परियोजनाओं की स्थापना हेतु निवेश को प्रोत्साहन देने के लिये छत्तीसगढ़ राज्य जल विद्युत परियोजना (पंप स्टोरेज आधारित) स्थापना नीति 2022 का अनुमोदन किया गया।
- लघु जल विद्युत परियोजना की स्थापना को प्रोत्साहित करने के लिये विभागीय नीति-2012 में वृद्धि के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया। वर्तमान में 25 मेगावाट क्षमता की लघु जल विद्युत परियोजना की स्थापना हेतु जारी अधिसूचना, जिसकी अवधि फरवरी 2022 में समाप्त हो चुकी है, में 10 वर्ष की वृद्धि करने का निर्णय लिया गया।
- जल संसाधन विभाग की सिंचाई नहरों के सर्विस बैंक में पक्की सड़कों का निर्माण जल संसाधन विभाग की मद से कराए जाने की बजाय अन्य निर्माण विभागों की मद से कराए जाने का निर्णय लिया गया, ताकि सिंचाई विभाग की राशि का उपयोग राज्य में सिंचाई क्षमता को बढ़ाने में किया जा सके।
- आज़ादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत छत्तीसगढ़ की संस्कृति पर केंद्रित लघु फिल्म और स्वतंत्रता के 75 वर्ष और आगामी 25 वर्ष में नए भारत के निर्माण संबंधी डाक्यूमेंट्री निर्माण की कार्योत्तर स्वीकृति प्रदान की गई।
- प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत राज्यांश राशि की पूर्ति हेतु ऋण प्राप्त करने के लिये विभाग को स्वीकृत प्रत्याभूति की अवधि मार्च 2022 को दिसंबर 2024 (मिशन अवधि) तक बढ़ाए जाने का निर्णय लिया गया।
- मिशन अमृत 0 योजना के क्रियान्वयन हेतु राज्य स्तरीय हाई पावर स्टेयरिंग कमेटी द्वारा अनुमोदित वित्तीय संरचना की सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान की गई। मिशन अमृत 2.0 योजना में प्रदेश के 169 नगरीय निकायों को सम्मिलित किया गया है, जिसके तहत नगरीय निकायों में जल प्रदाय और आवर्धन योजना के कार्य को प्राथमिकता से कराया जाना है।
- प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महा अभियान (पीएम कुसुम) योजना के कंपोनेंट-सी के अंतर्गत कृषि फीडरों को सौर ऊर्जा के माध्यम से ऊर्जीकृत किये जाने हेतु 810 मेगावाट (डी.सी.)/675 मेगावाट (ए.सी.) क्षमता के सोलर पावर प्लांट लगाने के विभागीय प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया।
- कृषि पंपों का सोलराईजेशन किये जाने से कृषकों को कृषि पंपों के संचालन हेतु वर्तमान में प्राप्त हो रही बिजली के अतिरिक्त सौर ऊर्जा भी प्राप्त होगी। अत: सौर ऊर्जा उपलब्धता के समय कृषि पंपों का संचालन सोलर ऊर्जा से होगा तथा सोलर ऊर्जा उपलब्ध नहीं होने पर वर्तमान में मिल रही बिजली मिलती रहेगी।
छत्तीसगढ़ Switch to English
प्रदेश में छत्तीसगढ़िया ओलंपिक खेल का होगा आयोजन
चर्चा में क्यों?
6 सितंबर, 2022 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में मंत्रिपरिषद द्वारा छत्तीसगढ़ में स्थानीय और पारंपरिक खेलों को बढ़ावा देने की दिशा में नई पहल करते हुए इस वर्ष से छत्तीसगढ़िया ओलंपिक खेल का आयोजन किये जाने का निर्णय लिया गया।
प्रमुख बिंदु
- छत्तीसगढ़िया ओलंपिक में जहाँ ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में कबड्डी, खो-खो से लेकर टेनिस बॉल क्रिकेट जैसी- खेल प्रतियोगिताएँ होंगी, वहीं बच्चों से लेकर सौ साल के बुजुर्ग भी बतौर प्रतिभागी हिस्सा ले सकेंगे। खास बात यह है कि छत्तीसगढ़िया ओलंपिक खेल में शामिल होने के लिये खिलाड़ी को छत्तीसगढ़ का स्थायी निवासी होना अनिवार्य है।
- छत्तीसगढ़िया ओलंपिक खेल-2022 में कबड्डी, खो-खो, गेड़ी, पिट्ठुल, वॉलीबाल, हॉकी और टेनिस बॉल क्रिकेट को शामिल किया गया।
- इन खेलों के मुकाबले पुरुष और महिला, दोनों श्रेणियों में होंगे। यह ओलंपिक खेल चार स्तरों- ग्राम पंचायत, ब्लॉक, ज़िला एवं राज्य स्तर पर होगा। राज्य स्तर पर छत्तीसगढ़िया ओलंपिक खेल का आयोजन राजधानी रायपुर में होगा।
- इन खेलों के आयोजन में तकनीकी सहायता हेतु छत्तीसगढ़ खेल विकास प्राधिकरण के खेल प्रशिक्षक, राज्य और ज़िला खेल संघ के प्रतिनिधि एवं शिक्षा विभाग के शारीरिक प्रशिक्षण शिक्षकों का सहयोग लिया जाएगा।
- छत्तीसगढ़िया ओलंपिक खेल-2022 के प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को खेल प्रशिक्षक (कोच) राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिये तैयार करेंगे। एथलीटों के लिये राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बतौर खिलाड़ी करियर को बढ़ाने का यह सुनहरा मौका होगा।
- प्रदेश सरकार द्वारा ग्राम पंचायतों एवं 146 ब्लॉक स्तर पर होने वाले खेल आयोजन के लिये अलग-अलग कमेटियाँ गठित की जाएंगी। ग्राम पंचायत स्तर पर गठित कमेटियों के संयोजक सरपंच होंगे और ब्लॉक स्तर पर गठित कमेटियों के संयोजक विकासखंड अधिकारी होंगे। खेलों में हिस्सा लेने वाले खिलाड़ियों के भोजन, आवागमन एवं अन्य सुविधाओं के लिये ग्राम पंचायतों और विकासखंडों के लिये बजट उपलब्ध कराया जाएगा।
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छत्तीसगढ़ में लघु जलविद्युत परियोजनाओं की स्थापना को मिलेगा बढ़ावा
चर्चा में क्यों?
6 सितंबर, 2022 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में मंत्रिपरिषद द्वारा लघु जलविद्युत नीति की अवधि में 10 वर्ष की वृद्धि का निर्णय लिया गया।
प्रमुख बिंदु
- कैबिनेट की बैठक में प्रदेश में लघु जल विद्युत परियोजनाओं की स्थापना को प्रोत्साहित करने के लिये विभागीय नीति-2012 की अवधि में वृद्धि के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया।
- वर्तमान में 25 मेगावाट क्षमता की लघु जल विद्युत परियोजना की स्थापना हेतु जारी अधिसूचना, जिसकी अवधि फरवरी 2022 में समाप्त हो चुकी है, में 10 वर्ष की वृद्धि करने का निर्णय लिया गया।
- गौरतलब है कि ऊर्जा विभाग द्वारा लघु जल विद्युत परियोजनाओं के अंतर्गत 25 मेगावाट क्षमता तक की जल विद्युत परियोजनाओं की स्थापना को प्रोत्साहन देने हेतु वर्ष 2012 में लघु जल विद्युत नीति प्रारंभ की गई, जिसकी समय-सीमा 10 वर्ष पश्चात् फरवरी, 2022 को समाप्त हो गई है।
- विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार तथा छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी दिशा-निर्देश के अनुसार राज्य में उपलब्ध जल स्रोतों के उचित दोहन एवं निवेश को प्रोत्साहन देने की दृष्टि से लघु जल विद्युत नीति की अवधि में वृद्धि किया जाना राज्यहित में है।
- उल्लेखनीय है कि पीक घंटों में पावर मैनेजमेंट राज्य की वितरण कंपनी के लिये एक बड़ी समस्या है। अत: पंप आधारित जल विद्युत परियोजनाओं के अंतर्गत जल का उचित भंडारण एवं प्रबंधन कर पीक घंटों में अतिरिक्त विद्युत उत्पादन किया जा सकता है, जो कि राज्य की वितरण कंपनी के पावर मैनेजमेंट तथा ऊर्जा क्रय बाध्यता पूरी करने में सहायक होगी।
- वर्तमान में राज्य में 65 मेगावाट क्षमता की लघु जलविद्युत परियोजनाओं का संचालन किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त लगभग 83 मेगावाट क्षमता की लघु जलविद्युत परियोजनाओं हेतु निवेशकों द्वारा पीपीए निष्पादन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है तथा 171 मेगावाट क्षमता की परियोजनाओं का अंतर्राज्यीय स्वीकृत प्रक्रियागत है।
- प्रारंभिक सर्वे के उपरांत 385 मेगावट क्षमता की लघु जलविद्युत परियोजना की स्थापना हेतु लगभग 25 स्थलों का चिह्नांकन किया जा चुका है। राज्य में लघु जलविद्युत परियोजनाओं में निवेश को आकर्षित करने हेतु लघु जलविद्युत नीति की अवधि में 10 वर्ष की और वृद्धि करने का निर्णय लिया गया है।
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छत्तीसगढ़ में छत्तीसगढ़ अनुसूचित जाति सलाहकार परिषद का होगा गठन
चर्चा में क्यों?
6 सितंबर, 2022 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अनुसूचित जाति वर्ग के हित में तत्परता से कार्यवाही एवं उनसे संबंधित नीति विषयक मामलों में अनुशंसा के लिये अनुसूचित जाति सलाहकार परिषद के गठन का निर्णय लिया है।
प्रमुख बिंदु
- इस परिषद के गठन का उद्देश्य छत्तीसगढ़ में अनुसूचित जाति वर्ग की बेहतरी और उनके जीवन स्तर में तेजी से सकारात्मक बदलाव लाना है तथा उन्हें शैक्षणिक, सामाजिक और आर्थिक रूप से सक्षम बनाना है।
- इस परिषद के गठन से राज्य में अनुसूचित जाति वर्ग के हित में संचालित योजनाओं एवं कार्यक्रमों के क्रियान्वयन के लिये सार्थक सलाह-मशविरा मिलने के साथ ही बेहतर मॉनिटरिंग हो सकेगी।
- परिषद की अनुशंसा के आधार पर शासन-प्रशासन को अनुसूचित जाति वर्ग की बेहतरी के लिये आवश्यक सुधार के फैसले लेने में मदद मिलेगी।
- परिषद में इस वर्ग के चुने हुए प्रतिनिधि सदस्य समाज की स्थिति एवं समस्याओं के निराकरण में सहभागी बनेंगे। इससे अनुसूचित जाति वर्ग के कल्याणकारी कार्यक्रमों के संचालन में आसानी होगी।
- उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ राज्य में अनुसूचित जनजाति से संबंधित विषयक पर अनुशंसा के लिये छत्तीसगढ़ अनुसूचित जनजाति सलाहकार परिषद का गठन पूर्व में ही हो चुका है। इसी तर्ज़ पर छत्तीसगढ़ में अनुसूचित जाति सलाहकार परिषद का गठन किया जाएगा।
- इस परिषद में वर्ग विशेष की समस्या, आवश्यकता पर विचार किया जाएगा। वहीं अनुसूचित जाति वर्ग के कल्याण संबंधी निर्णय लिये जाएंगे।
- छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री इसके अध्यक्ष होंगे तथा भारसाधक मंत्री उपाध्यक्ष होंगे। परिषद में कुल 20 सदस्य होंगे, जिसमें राज्य विधानसभा में अनुसूचित जाति के कम-से-कम 5 निर्वाचित सदस्य होंगे तथा शेष सदस्य राज्य शासन द्वारा मनोनीत होंगे। भारसाधक सचिव छत्तीसगढ़ शासन, आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग इस परिषद के सचिव के रूप में कार्य करेंगे।
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देहरादून और रुद्रपुर में खुलेंगे सैनिक स्कूल
चर्चा में क्यों?
6 सितंबर, 2022 को उत्तराखंड के मुख्य सचिव डॉ.एसएस संधु की अध्यक्षता में हुई बैठक में प्रदेश में देहरादून और रुद्रपुर में सैनिक स्कूल खोलने के प्रस्ताव पर मंज़ूरी दी गई। अब इसे मंज़ूरी के लिये केंद्र सरकार को भेजा जा रहा है।
प्रमुख बिंदु
- शिक्षा सचिव रविनाथ रमन ने बताया कि देहरादून में राजीव गांधी नवोदय विद्यालय और रुद्रपुर में एएन झा इंटर कॉलेज को सैनिक स्कूल के रूप में चलाने का प्रस्ताव रखा गया है।
- केंद्र सरकार की ओर से देश भर में 100 सैनिक स्कूल खोले जाने का निर्णय लिया गया है। इसके लिये राज्यों से मानकों को पूरा करने वाले स्कूलों के प्रस्ताव मांगे गए थे।
- उत्तराखंड में राजीव गांधी नवोदय विद्यालय, देहरादून और एएन झा इंटर कॉलेज, रुद्रपुर सैनिक स्कूल के लिये तकरीबन सभी मानकों को पूरा कर रहे हैं। दोनों का प्रस्ताव तैयार कर केंद्र सरकार को भेजा जा रहा है। प्रस्ताव भेजे जाने के बाद केंद्र की टीम संबंधित स्कूलों का निरीक्षण करेगी।
- गौरतलब है कि प्रदेश में अभी मात्र एक सैनिक स्कूल घोड़ाखाल में है, जिसका पूरा संचालन रक्षा मंत्रालय करता है। हालाँकि रुद्रप्रयाग ज़िले के जखोली में भी सैनिक स्कूल खोलने की कवायद पिछले कई साल से चल रही है। इस स्कूल को मंज़ूरी भी मिल गई थी, लेकिन सैनिक कल्याण और शिक्षा विभाग के बीच तालमेल की कमी के चलते इस स्कूल के भवन निर्माण का मामला पिछले काफी समय से रुका हुआ है।
- रक्षा मंत्रालय ने शैक्षणिक सत्र 2022-23 के लिये देशभर के जिन 21 नए सैनिक स्कूलों को खोलने की मंज़ूरी दी थी, उनमें देहरादून के भाऊवाला में स्थित जीआरडी वर्ल्ड स्कूल भी शामिल था, लेकिन स्कूल की मान्यता संबंधी शिकायत पर इसमें प्रवेश को स्थगित रखा गया है।
- सैनिक स्कूल खोलने के लिये मानकों को लेकर स्थिति स्पष्ट न होने से प्रदेश से प्रस्ताव भेजने में देरी हुई। पहले यह बताया गया कि इसके लिये 25 एकड़ भूमि की ज़रूरत होगी, लेकिन बाद में पता चला कि आठ एकड़ भूमि में भी सैनिक स्कूल खुल सकता है। स्थिति स्पष्ट होने के बाद विभाग की ओर से इसका प्रस्ताव तैयार किया गया।
- प्रदेश में सैनिक स्कूल खोलने के लिये केंद्र सरकार की ओर से अनुदान दिया जाएगा। इससे ज़रूरी संसाधन जुटाए जा सकेंगे। हालाँकि, विभागीय अधिकारियों का कहना है कि चयनित किये गए दोनों स्कूल सैनिक स्कूल के सभी मानकों को पूरा करते हैं।
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नेपाल सीमा तक बनने वाली सड़क पर हाथियों के लिये बनेंगे अंडरपास
चर्चा में क्यों?
6 सितंबर, 2022 को नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) के परियोजना निदेशक योगेंद्र शर्मा ने बताया कि एनएचएआई की ओर से बनबसा में जगबूड़ा से नेपाल सीमा (चांदनी दुधारा) तक बनाई जाने वाली चार किमी. लंबी सड़क पर वन्यजीवों, खासकर हाथियों के अबाध आवागमन के मद्देनज़र अंडरपास बनाए जाएंगे।
प्रमुख बिंदु
- एनएचएआई के परियोजना निदेशक योगेंद्र शर्मा ने बताया कि वन्यजीवों के मूवमेंट के लिये सात सौ पचास मीटर की लंबाई में 25 जगहों पर अंडरपास बनाने की योजना है। संबंधित कार्य को 18 महीने में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
- एनएचएआई के अधिकारियों का दावा है कि कुमाऊँ में पहली बार वन्यजीवों के मूवमेंट के लिये अंडर पास बनेगा। इस महत्त्वाकांक्षी योजना की टेंडर प्रक्रिया चल रही है।
- गौरतलब है कि नेपाल सरकार चांदनी दुधारा में ड्राईपोर्ट बनवा रही है। इस ड्राईपोर्ट को भारत से जोड़ने के लिये एनएचएआई बनबसा से नेपाल सीमा तक चार किमी. फोरलेन सड़क बनाने जा रहा है।
- एनएचएआई के अधिकारियों के अनुसार शारदा नदी पर पुल भी बनेगा। रेलवे ओवरब्रिज भी तैयार किया जाएगा। यहाँ पर एक संयुक्त जाँच चौकी (इमिग्रेशन, वन, पुलिस, एसएसबी और कस्टम) भी बनाई जाएगी।
- रक्षा एवं पर्यटन राज्यमंत्री अजय भट्ट ने बताया कि आवागमन को बेहतर और सुविधाजनक बनाने के लिये प्रयास किया जा रहा है। नेपाल सीमा तक महत्त्वपूर्ण सड़क बनाने की दिशा में कार्य प्रस्तावित है। इस योजना पर 225 करोड़ रुपए खर्च होंगे। बागेश्वर-टनकपुर रेलवे लाइन के लिये फाइनल लाइन सर्वे का काम चल रहा है, जिसके दिसंबर तक पूरा होने की उम्मीद है।
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