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उत्तर प्रदेश पुरोहित कल्याण बोर्ड एवं एकीकृत मंदिर सूचना प्रणाली
चर्चा में क्यों?
6 जुलाई, 2022 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा पुरोहित कल्याण बोर्ड के गठन एवं एकीकृत मंदिर सूचना प्रणाली शुरू करने के संबंध में संबंधित विभागों को निर्देश दिये गए।
प्रमुख बिंदु
- लोक कल्याण संकल्प पत्र-2022 की घोषणा के अनुरूप बुजुर्ग संतों, पुरोहितों एवं पुजारियों के कल्याण के लिये पुरोहित कल्याण बोर्ड का गठन किया जाएगा।
- इस बोर्ड के अंतर्गत मौलवियों को भी शामिल करते हुए सभी धर्मों के संतों एवं पुजारियों का चिह्नांकन एवं सत्यापन जल्द किया जाएगा।
- धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये एकीकृत मंदिर सूचना प्रणाली की शुरुआत की जाएगी, जिसमें हिंदू, बौद्ध, जैन, सिख आदि धार्मिक संप्रदायों से जुड़े धर्मस्थलों के बारे में विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी।
- इसी प्रकार मस्जिदों के बारे में भी एक विशिष्ट पोर्टल बनाया जाएगा, जिसे बाद में एकीकृत मंदिर सूचना प्रणाली से जोड़ दिया जाएगा।
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‘एनएफएसए के लिये राज्य रैंकिंग सूचकांक’ में उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर
चर्चा में क्यों?
5 जुलाई, 2022 को जारी ‘एनएफएसए के लिये राज्य रैंकिंग सूचकांक’ के पहले संस्करण में उत्तर प्रदेश पूरे देश में दूसरे स्थान पर है। इस सूचकांक में ओडिशा पहले स्थान पर है।
प्रमुख बिंदु
- केंद्रीय उपभोक्ता कार्य, खाद्य और सार्वजनिक वितरण, वस्त्र और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने ‘एनएफएसए के लिये राज्य रैंकिंग सूचकांक’ का पहला संस्करण जारी किया।
- सामान्य श्रेणी के राज्यों में ‘एनएफएसए के लिये राज्य रैंकिंग सूचकांक’ में ओडिशा 836 स्कोर के साथ शीर्ष स्थान पर है, जबकि उत्तर प्रदेश 0.797 स्कोर के साथ दूसरे और आंध्र प्रदेश 0.794 स्कोर के साथ तीसरे स्थान पर है।
- विशेष श्रेणी के राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में त्रिपुरा 788 स्कोर के साथ पहले स्थान पर है। उसके बाद हिमाचल प्रदेश 0.758 स्कोर के साथ दूसरे और सिक्किम 0.710 स्कोर के साथ तीसरे स्थान पर है।
- इसके अलावा तीन केंद्रशासित प्रदेशों में, जहाँ प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) नकद संचालित है, दादरा और नगर हवेली एवं दमन दीव 802 स्कोर के साथ शीर्ष स्थान पर हैं।
- यह सूचकांक राज्यों के साथ परामर्श के बाद देश भर में एनएफएसए के कार्यान्वयन और विभिन्न सुधार पहलों की स्थिति और प्रगति का दस्तावेजीकरण करने का प्रयास करता है।
- यह राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा किये गए सुधारों पर प्रकाश डालता है तथा सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा एक क्रॉस-लर्निंग वातावरण और स्केल-अप सुधार उपायों का निर्माण करता है।
- वर्तमान सूचकांक काफी हद तक एनएफएसए वितरण पर केंद्रित है और इसमें भविष्य में खरीद, पीएमजीकेएवाई वितरण शामिल होगा।
- राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की रैंकिंग के लिये सूचकांक तीन प्रमुख स्तंभों पर बनाया गया है, जो टीपीडीएस के माध्यम से एनएफएसए के एंड-टू-एंड कार्यान्वयन को कवर करता है। ये स्तंभ हैं- i) एनएफएसए- कवरेज, लक्ष्यीकरण और अधिनियम के प्रावधान, ii) डिलीवरी प्लेटफॉर्म, और iii) पोषण संबंधी पहल।
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