उत्तर प्रदेश पुरोहित कल्याण बोर्ड एवं एकीकृत मंदिर सूचना प्रणाली | उत्तर प्रदेश | 07 Jul 2022
चर्चा में क्यों?
6 जुलाई, 2022 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा पुरोहित कल्याण बोर्ड के गठन एवं एकीकृत मंदिर सूचना प्रणाली शुरू करने के संबंध में संबंधित विभागों को निर्देश दिये गए।
प्रमुख बिंदु
- लोक कल्याण संकल्प पत्र-2022 की घोषणा के अनुरूप बुजुर्ग संतों, पुरोहितों एवं पुजारियों के कल्याण के लिये पुरोहित कल्याण बोर्ड का गठन किया जाएगा।
- इस बोर्ड के अंतर्गत मौलवियों को भी शामिल करते हुए सभी धर्मों के संतों एवं पुजारियों का चिह्नांकन एवं सत्यापन जल्द किया जाएगा।
- धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये एकीकृत मंदिर सूचना प्रणाली की शुरुआत की जाएगी, जिसमें हिंदू, बौद्ध, जैन, सिख आदि धार्मिक संप्रदायों से जुड़े धर्मस्थलों के बारे में विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी।
- इसी प्रकार मस्जिदों के बारे में भी एक विशिष्ट पोर्टल बनाया जाएगा, जिसे बाद में एकीकृत मंदिर सूचना प्रणाली से जोड़ दिया जाएगा।
‘एनएफएसए के लिये राज्य रैंकिंग सूचकांक’ में उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर | उत्तर प्रदेश | 07 Jul 2022
चर्चा में क्यों?
5 जुलाई, 2022 को जारी ‘एनएफएसए के लिये राज्य रैंकिंग सूचकांक’ के पहले संस्करण में उत्तर प्रदेश पूरे देश में दूसरे स्थान पर है। इस सूचकांक में ओडिशा पहले स्थान पर है।
प्रमुख बिंदु
- केंद्रीय उपभोक्ता कार्य, खाद्य और सार्वजनिक वितरण, वस्त्र और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने ‘एनएफएसए के लिये राज्य रैंकिंग सूचकांक’ का पहला संस्करण जारी किया।
- सामान्य श्रेणी के राज्यों में ‘एनएफएसए के लिये राज्य रैंकिंग सूचकांक’ में ओडिशा 836 स्कोर के साथ शीर्ष स्थान पर है, जबकि उत्तर प्रदेश 0.797 स्कोर के साथ दूसरे और आंध्र प्रदेश 0.794 स्कोर के साथ तीसरे स्थान पर है।
- विशेष श्रेणी के राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में त्रिपुरा 788 स्कोर के साथ पहले स्थान पर है। उसके बाद हिमाचल प्रदेश 0.758 स्कोर के साथ दूसरे और सिक्किम 0.710 स्कोर के साथ तीसरे स्थान पर है।
- इसके अलावा तीन केंद्रशासित प्रदेशों में, जहाँ प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) नकद संचालित है, दादरा और नगर हवेली एवं दमन दीव 802 स्कोर के साथ शीर्ष स्थान पर हैं।
- यह सूचकांक राज्यों के साथ परामर्श के बाद देश भर में एनएफएसए के कार्यान्वयन और विभिन्न सुधार पहलों की स्थिति और प्रगति का दस्तावेजीकरण करने का प्रयास करता है।
- यह राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा किये गए सुधारों पर प्रकाश डालता है तथा सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा एक क्रॉस-लर्निंग वातावरण और स्केल-अप सुधार उपायों का निर्माण करता है।
- वर्तमान सूचकांक काफी हद तक एनएफएसए वितरण पर केंद्रित है और इसमें भविष्य में खरीद, पीएमजीकेएवाई वितरण शामिल होगा।
- राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की रैंकिंग के लिये सूचकांक तीन प्रमुख स्तंभों पर बनाया गया है, जो टीपीडीएस के माध्यम से एनएफएसए के एंड-टू-एंड कार्यान्वयन को कवर करता है। ये स्तंभ हैं- i) एनएफएसए- कवरेज, लक्ष्यीकरण और अधिनियम के प्रावधान, ii) डिलीवरी प्लेटफॉर्म, और iii) पोषण संबंधी पहल।
बिहार में खुलेगा मेगा स्किल सेंटर | बिहार | 07 Jul 2022
चर्चा में क्यों?
हाल ही में बिहार के श्रम संसाधन विभाग ने राज्यभर में युवाओं को रोजगार से जोड़ने, उन्हें रोजगार संबंधित ट्रेनिंग देने के लिये सभी ज़िलों में मेगा स्किल सेंटर की स्थापना संबंधी प्रस्ताव तैयार किया है।
प्रमुख बिंदु
- मेगा स्किल सेंटर के अंतर्गत न केवल एक ही छत के नीचे युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा, बल्कि युवाओं का कौशल विकास और प्रशिक्षण देकर उन्हें स्वावलंबी भी बनाया जाएगा। स्किल सेंटर में युवाओं को 90 प्रकार के ट्रेड का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
- मेगा स्किल सेंटर के पहले चरण में पटना, नालंदा व दरभंगा में सेंटर खोला जाएगा। इन केंद्रों पर हर साल दो हज़ार से ढ़ाई हज़ार बच्चों को प्रशिक्षित किया जाएगा।
- इस सेंटर से बेरोजगारों को काफी हद तक रोजगार पाने में मदद मिल सकेगी। स्किल सेंटर में विभिन्न प्रकार के तकनीकी प्रशिक्षण के ज़रिये युवाओं को कमाई के लिये दक्ष बनाया जाएगा।
- श्रम विभाग युवाओं के लिये निम्नलिखित कार्यक्रम चला रहा है-
- सभी ज़िलों में बृहद् स्तर पर नियोजन मेला और नियोजन कैंप का आयोजन किया जा रहा है।
- डोमेन स्किल में युवाओं को ट्रेड विशेष में रोज़गारपरक प्रशिक्षण दिया जाता है तथा रोज़गार सहायता प्रदान की जाती है।
- कौशल युवा प्रोग्राम के तहत युवाओं को बुनियादी कंप्यूटर प्रशिक्षण, भाषा कौशल, व्यवहार कौशल प्रशिक्षण दिया जाता है।
- प्रधानमंत्री कौशल युवा प्रोग्राम के तहत रोज़गार के उन्मुखीकरण के लिये प्रशिक्षण दिया जाता है।
- आईटीआई संस्थानों में प्रशिक्षण की गुणवत्ता बढ़ाने के लिये उच्चस्तरीय सेंटर ऑफ एक्सेलेंस बनाया जा रहा है।
- राज्य में 90 प्रकार के ट्रेड प्रशिक्षण के लिये स्किल सेंटर्स पर एग्रीकल्चर, एयरोस्पेस एंड एविएशन, कृषि, कपड़ा, ऑटोमोटिव, कैपिटल गुड्स, निर्माण, इलेक्ट्रॉनिक्स व हार्डवेयर, खाद्य प्रसंस्करण, ग्रीन जॉब्स, हैंडीक्रॉफ्ट्स, हेल्थ केयर, आयरन एंड स्टील, माइनिंग, पावर, रबर, टेलकम व टेक्सटाइलस से जुड़े रोजगार के लिये कोर्स उपलब्ध होंगे।
- शॉर्ट टर्म कोर्स के तहत छात्रों को कम-से-कम 300 घंटे और अधिकतम 1500 घंटे प्रशिक्षण दिया जाएगा। इन केंद्रों का संचालन निजी कंपनियों द्वारा किया जाएगा।
‘एनएफएसए के लिये राज्य रैंकिंग सूचकांक’ में बिहार सातवें स्थान पर | बिहार | 07 Jul 2022
चर्चा में क्यों?
5 जुलाई, 2022 को जारी ‘एनएफएसए के लिये राज्य रैंकिंग सूचकांक’ के पहले संस्करण में बिहार पूरे देश में सातवें स्थान पर है। इस सूचकांक में ओडिशा पहले स्थान पर है।
प्रमुख बिंदु
- केंद्रीय उपभोक्ता कार्य, खाद्य और सार्वजनिक वितरण, वस्त्र और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने ‘एनएफएसए के लिये राज्य रैंकिंग सूचकांक’ का पहला संस्करण जारी किया।
- सामान्य श्रेणी के राज्यों में ‘एनएफएसए के लिये राज्य रैंकिंग सूचकांक’ में ओडिशा 836 स्कोर के साथ शीर्ष स्थान पर है, जबकि उत्तर प्रदेश 0.797 स्कोर के साथ दूसरे और आंध्र प्रदेश 0.794 स्कोर के साथ तीसरे स्थान पर है।
- सामान्य श्रेणी के राज्यों में ‘एनएफएसए के लिये राज्य रैंकिंग सूचकांक’ में बिहार 783 स्कोर के साथ सातवें स्थान पर है।
- विशेष श्रेणी के राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में त्रिपुरा 788 स्कोर के साथ पहले स्थान पर है, उसके बाद हिमाचल प्रदेश 0.758 स्कोर के साथ दूसरे और सिक्किम 0.710 स्कोर के साथ तीसरे स्थान पर है।
- इसके अलावा तीन केंद्रशासित प्रदेशों में, जहाँ प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) नकद संचालित है, दादरा और नगर हवेली एवं दमन दीव 802 स्कोर के साथ शीर्ष स्थान पर हैं।
- यह सूचकांक राज्यों के साथ परामर्श के बाद देश भर में एनएफएसए के कार्यान्वयन और विभिन्न सुधार पहलों की स्थिति और प्रगति का दस्तावेजीकरण करने का प्रयास करता है।
- यह राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा किये गए सुधारों पर प्रकाश डालता है तथा सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा एक क्रॉस-लर्निंग वातावरण और स्केल-अप सुधार उपायों का निर्माण करता है।
- वर्तमान सूचकांक काफी हद तक एनएफएसए वितरण पर केंद्रित है और इसमें भविष्य में खरीद, पीएमजीकेएवाई वितरण शामिल होगा।
- राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की रैंकिंग के लिये सूचकांक तीन प्रमुख स्तंभों पर बनाया गया है, जो टीपीडीएस के माध्यम से एनएफएसए के एंड-टू-एंड कार्यान्वयन को कवर करता है। ये स्तंभ हैं- i) एनएफएसए- कवरेज, लक्ष्यीकरण और अधिनियम के प्रावधान, ii) डिलीवरी प्लेटफॉर्म, और iii) पोषण संबंधी पहल।
‘एनएफएसए के लिये राज्य रैंकिंग सूचकांक’ में राजस्थान पंद्रहवें स्थान पर | राजस्थान | 07 Jul 2022
चर्चा में क्यों?
5 जुलाई, 2022 को जारी ‘एनएफएसए के लिये राज्य रैंकिंग सूचकांक’ के पहले संस्करण में राजस्थान पूरे देश में पंद्रहवें स्थान पर है। इस सूचकांक में ओडिशा पहले स्थान पर है।
प्रमुख बिंदु
- केंद्रीय उपभोक्ता कार्य, खाद्य और सार्वजनिक वितरण, वस्त्र और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने ‘एनएफएसए के लिये राज्य रैंकिंग सूचकांक’ का पहला संस्करण जारी किया।
- सामान्य श्रेणी के राज्यों में ‘एनएफएसए के लिये राज्य रैंकिंग सूचकांक’ में ओडिशा 836 स्कोर के साथ शीर्ष स्थान पर है, जबकि उत्तर प्रदेश 0.797 स्कोर के साथ दूसरे और आंध्र प्रदेश 0.794 स्कोर के साथ तीसरे स्थान पर है।
- सामान्य श्रेणी के राज्यों में ‘एनएफएसए के लिये राज्य रैंकिंग सूचकांक’ में राजस्थान 694 स्कोर के साथ पंद्रहवें स्थान पर है।
- विशेषश्रेणी के राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में त्रिपुरा 788 स्कोर के साथ पहले स्थान पर है, उसके बाद हिमाचल प्रदेश 0.758 स्कोर के साथ दूसरे और सिक्किम 0.710 स्कोर के साथ तीसरे स्थान पर है।
- इसके अलावा, तीन केंद्रशासित प्रदेशों में, जहाँ प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) नकद संचालित है, दादरा और नगर हवेली और दमन दीव 802 स्कोर के साथ शीर्ष स्थान पर हैं।
- यह सूचकांक राज्यों के साथ परामर्श के बाद देश भर में एनएफएसए के कार्यान्वयन और विभिन्न सुधार पहलों की स्थिति तथा प्रगति का दस्तावेजीकरण करने का प्रयास करता है।
- यह राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा किये गए सुधारों पर प्रकाश डालता है तथा सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा एक क्रॉस-लर्निंग वातावरण और स्केल-अप सुधार उपायों का निर्माण करता है।
- वर्तमान सूचकांक काफी हद तक एनएफएसए वितरण पर केंद्रित है और इसमें भविष्य में खरीद, पीएमजीकेएवाई वितरण शामिल होगा।
- राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की रैंकिंग के लिये सूचकांक तीन प्रमुख स्तंभों पर बनाया गया है, जो टीपीडीएस के माध्यम से एनएफएसए के एंड-टू-एंड कार्यान्वयन को कवर करता है। ये स्तंभ हैं- i) एनएफएसए- कवरेज, लक्ष्यीकरण और अधिनियम के प्रावधान, ii) डिलीवरी प्लेटफॉर्म, और iii) पोषण संबंधी पहल।
‘एनएफएसए के लिये राज्य रैंकिंग सूचकांक’ में मध्य प्रदेश छठे स्थान पर | मध्य प्रदेश | 07 Jul 2022
चर्चा में क्यों?
5 जुलाई, 2022 को जारी ‘एनएफएसए के लिये राज्य रैंकिंग सूचकांक’ के पहले संस्करण में मध्य प्रदेश पूरे देश में छठवें स्थान पर है। इस सूचकांक में ओडिशा पहले स्थान पर है।
प्रमुख बिंदु
- केंद्रीय उपभोक्ता कार्य, खाद्य और सार्वजनिक वितरण, वस्त्र और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने ‘एनएफएसए के लिये राज्य रैंकिंग सूचकांक’ का पहला संस्करण जारी किया।
- सामान्य श्रेणी के राज्यों में ‘एनएफएसए के लिये राज्य रैंकिंग सूचकांक’ में ओडिशा 836 स्कोर के साथ शीर्ष स्थान पर है, जबकि उत्तर प्रदेश 0.797 स्कोर के साथ दूसरे और आंध्र प्रदेश 0.794 स्कोर के साथ तीसरे स्थान पर है।
- सामान्य श्रेणी के राज्यों में ‘एनएफएसए के लिये राज्य रैंकिंग सूचकांक’ में मध्य प्रदेश 786 स्कोर के साथ छठे स्थान पर है।
- विशेष श्रेणी के राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में त्रिपुरा 788 स्कोर के साथ पहले स्थान पर है, उसके बाद हिमाचल प्रदेश 0.758 स्कोर के साथ दूसरे और सिक्किम 0.710 स्कोर के साथ तीसरे स्थान पर है।
- इसके अलावा, तीन केंद्रशासित प्रदेशों में, जहाँ प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) नकद संचालित है, दादरा और नगर हवेली एवं दमन दीव 802 स्कोर के साथ शीर्ष स्थान पर हैं।
- यह सूचकांक राज्यों के साथ परामर्श के बाद देश भर में एनएफएसए के कार्यान्वयन और विभिन्न सुधार पहलों की स्थिति एवं प्रगति का दस्तावेजीकरण करने का प्रयास करता है।
- यह राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा किये गए सुधारों पर प्रकाश डालता है तथा सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा एक क्रॉस-लर्निंग वातावरण और स्केल-अप सुधार उपायों का निर्माण करता है।
- वर्तमान सूचकांक काफी हद तक एनएफएसए वितरण पर केंद्रित है और इसमें भविष्य में खरीद, पीएमजीकेएवाई वितरण शामिल होगा।
- राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की रैंकिंग के लिये सूचकांक तीन प्रमुख स्तंभों पर बनाया गया है, जो टीपीडीएस के माध्यम से एनएफएसए के एंड-टू-एंड कार्यान्वयन को कवर करता है। ये स्तंभ हैं- i) एनएफएसए- कवरेज, लक्ष्यीकरण और अधिनियम के प्रावधान, ii) डिलीवरी प्लेटफॉर्म, और iii) पोषण संबंधी पहल।
हरियाणा आत्मनिर्भर कपड़ा नीति, 2022-25 | हरियाणा | 07 Jul 2022
चर्चा में क्यों?
5 जुलाई, 2022 को हरियाणा के उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में जल्द ही ‘हरियाणा आत्मनिर्भर कपड़ा नीति, 2022-25’ लागू करेगी। इससे प्रदेश में टेक्सटाइल उद्योग को गति मिलेगी, साथ ही एमएसएमई को भी बढ़ावा मिलेगा।
प्रमुख बिंदु
- दुष्यंत चौटाला ने कहा कि एमएसएमई क्षेत्र में जहाँ प्रदेश को राष्ट्रीय स्तर पर तीसरा स्थान हासिल हुआ है, वहीं वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी ‘स्टेट ईज ऑफ डूईंग बिजनेस’ के पाँचवें संस्करण में हरियाणा को टॉप अचीवर्स कैटेगरी में स्थान मिला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हरियाणा को एमएसएमई के क्षेत्र में किये गए उल्लेखनीय कार्यों के लिये सम्मानित किया था।
- उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार की उद्योगों को अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र प्रदान करने की प्रतिबद्धता के कारण ही हरियाणा की ‘ईज ऑफ डूईंग बिजनेस’, ‘ईज ऑफ लॉजिस्टिक्स’ और ‘एक्सपोर्ट रेडीनेस’ में उत्कृष्ट रैंकिंग आई है।
- इसके अतिरिक्त, निर्यात तैयारी सूचकांक (भूमि बंद श्रेणी), 2021 में राज्य को पहला तथा ‘लॉजिस्टिक्स ईज एक्रॉस डिफरेंट स्टेटस सर्वे, 2021’ में दूसरा स्थान मिला है।
- दुष्यंत चौटाला ने बताया कि प्रदेश सरकार की हरियाणा उद्यम और रोज़गार नीति, 2020, एमएसएमई नीति, 2019 हरियाणा कृषि-व्यवसाय और खाद्य प्रसंस्करण नीति, 2018 आदि कई ऐसी नीतियाँ हैं, जिनसे राज्य के एमएसएमई को बहुत लाभ हुआ है और युवाओं के लिये रोजगार के अवसर बढ़े हैं।
‘एनएफएसए के लिये राज्य रैंकिंग सूचकांक’ में हरियाणा सत्रहवें स्थान पर | हरियाणा | 07 Jul 2022
चर्चा में क्यों?
5 जुलाई, 2022 को जारी ‘एनएफएसए के लिये राज्य रैंकिंग सूचकांक’ के पहले संस्करण में हरियाणा पूरे देश में सत्रहवें स्थान पर है। इस सूचकांक में ओडिशा पहले स्थान पर है।
प्रमुख बिंदु
- केंद्रीय उपभोक्ता कार्य, खाद्य और सार्वजनिक वितरण, वस्त्र और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने ‘एनएफएसए के लिये राज्य रैंकिंग सूचकांक’ का पहला संस्करण जारी किया।
- सामान्य श्रेणी के राज्यों में ‘एनएफएसए के लिये राज्य रैंकिंग सूचकांक’ में ओडिशा 836 स्कोर के साथ शीर्ष स्थान पर है, जबकि उत्तर प्रदेश 0.797 स्कोर के साथ दूसरे और आंध्र प्रदेश 0.794 स्कोर के साथ तीसरे स्थान पर है।
- सामान्य श्रेणी के राज्यों में ‘एनएफएसए के लिये राज्य रैंकिंग सूचकांक’ में हरियाणा 661 स्कोर के साथ सत्रहवें स्थान पर है।
- विशेष श्रेणी के राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में त्रिपुरा 788 स्कोर के साथ पहले स्थान पर है, उसके बाद हिमाचल प्रदेश 0.758 स्कोर के साथ दूसरे और सिक्किम 0.710 स्कोर के साथ तीसरे स्थान पर है।
- इसके अलावा तीन केंद्रशासित प्रदेशों में, जहाँ प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) नकद संचालित है, दादरा और नगर हवेली एवं दमन दीव 802 स्कोर के साथ शीर्ष स्थान पर हैं।
- यह सूचकांक राज्यों के साथ परामर्श के बाद देश भर में एनएफएसए के कार्यान्वयन और विभिन्न सुधार पहलों की स्थिति और प्रगति का दस्तावेजीकरण करने का प्रयास करता है।
- यह राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा किये गए सुधारों पर प्रकाश डालता है तथा सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा एक क्रॉस-लर्निंग वातावरण और स्केल-अप सुधार उपायों का निर्माण करता है।
- वर्तमान सूचकांक काफी हद तक एनएफएसए वितरण पर केंद्रित है और इसमें भविष्य में खरीद, पीएमजीकेएवाई वितरण शामिल होगा। राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की रैंकिंग के लिये सूचकांक तीन प्रमुख स्तंभों पर बनाया गया है, जो टीपीडीएस के माध्यम से एनएफएसए के एंड-टू-एंड कार्यान्वयन को कवर करता है। ये स्तंभ हैं- i) एनएफएसए- कवरेज, लक्ष्यीकरण और अधिनियम के प्रावधान, ii) डिलीवरी प्लेटफॉर्म, और iii) पोषण संबंधी पहल।
मुख्यमंत्री ने 251 योजनाओं की रखी आधारशिला, 17 योजनाओं का किया उद्घाटन | झारखंड | 07 Jul 2022
चर्चा में क्यों?
6 जुलाई, 2022 को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गोड्डा कॉलेज, गोड्डा में राज्य सरकार की महत्त्वपूर्ण योजनाओं का उद्घाटन, शिलान्यास एवं लाभुकों के बीच परिसंपत्ति का वितरण किया।
प्रमुख बिंदु
- कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने 00 लाख रुपए की लागत से बने नए समाहरणालय का उद्घाटन एवं 5801.90 लाख रुपए की लागत से बनने वाली गोड्डा पुलिसलाइन का शिलान्यास किया।
- मुख्यमंत्री द्वारा कुल 17 योजनाओं का उद्घाटन किया गया, जिनकी कुल लागत 80 लाख रुपए है, वहीं उन्होंने 251 योजनाओं का शिलान्यास किया, जिनकी कुल लागत 15397.84 लाख रुपए है।
- इसके अलावा मुख्यमंत्री ने 1345 लाभुकों के बीच सरकार की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं के तहत 28 लाख रुपए की परिसंपत्तियों का भी वितरण किया।
- इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के प्रखंड और पंचायतों में भी मॉडल स्कूल बनाए जाएंगे, जिनमें निजी विद्यालयों की तरह सभी सुविधाएँ मिलेंगी।
‘एनएफएसए के लिये राज्य रैंकिंग सूचकांक’ में झारखंड दसवें स्थान पर | झारखंड | 07 Jul 2022
चर्चा में क्यों?
5 जुलाई, 2022 को जारी ‘एनएफएसए के लिये राज्य रैंकिंग सूचकांक’ के पहले संस्करण में झारखंड पूरे देश में दसवें स्थान पर है। इस सूचकांक में ओडिशा पहले स्थान पर है।
प्रमुख बिंदु
- केंद्रीय उपभोक्ता कार्य, खाद्य और सार्वजनिक वितरण, वस्त्र और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने ‘एनएफएसए के लिये राज्य रैंकिंग सूचकांक’ का पहला संस्करण जारी किया।
- सामान्य श्रेणी के राज्यों में ‘एनएफएसए के लिये राज्य रैंकिंग सूचकांक’ में ओडिशा 836 स्कोर के साथ शीर्ष स्थान पर है, जबकि उत्तर प्रदेश 0.797 स्कोर के साथ दूसरे और आंध्र प्रदेश 0.794 स्कोर के साथ तीसरे स्थान पर है।
- सामान्य श्रेणी के राज्यों में ‘एनएफएसए के लिये राज्य रैंकिंग सूचकांक’ में झारखंड 754 स्कोर के साथ दसवें स्थान पर है।
- विशेष श्रेणी के राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में त्रिपुरा 788 स्कोर के साथ पहले स्थान पर है, उसके बाद हिमाचल प्रदेश 0.758 स्कोर के साथ दूसरे और सिक्किम 0.710 स्कोर के साथ तीसरे स्थान पर है।
- इसके अलावा तीन केंद्रशासित प्रदेशों में, जहाँ प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) नकद संचालित है, दादरा और नगर हवेली एवं दमन दीव 802 स्कोर के साथ शीर्ष स्थान पर हैं।
- यह सूचकांक राज्यों के साथ परामर्श के बाद देश भर में एनएफएसए के कार्यान्वयन और विभिन्न सुधार पहलों की स्थिति और प्रगति का दस्तावेजीकरण करने का प्रयास करता है।
- यह राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा किये गए सुधारों पर प्रकाश डालता है तथा सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा एक क्रॉस-लर्निंग वातावरण और स्केल-अप सुधार उपायों का निर्माण करता है।
- वर्तमान सूचकांक काफी हद तक एनएफएसए वितरण पर केंद्रित है और इसमें भविष्य में खरीद, पीएमजीकेएवाई वितरण शामिल होगा।
- राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की रैंकिंग के लिये सूचकांक तीन प्रमुख स्तंभों पर बनाया गया है, जो टीपीडीएस के माध्यम से एनएफएसए के एंड-टू-एंड कार्यान्वयन को कवर करता है। ये स्तंभ हैं- i) एनएफएसए- कवरेज, लक्ष्यीकरण और अधिनियम के प्रावधान, ii) डिलीवरी प्लेटफॉर्म, और iii) पोषण संबंधी पहल।
छत्तीसगढ़ के गोधन न्याय और मितान योजना को मिली प्रशंसा | छत्तीसगढ़ | 07 Jul 2022
चर्चा में क्यों?
6 जुलाई, 2022 को छत्तीसगढ़ की महत्त्वाकांक्षी ‘गोधन न्याय योजना’ और ‘मितान योजना’ को गुजरात के अहमदाबाद में आयोजित डिजिटल इंडिया सप्ताह में सराहना मिली है।
प्रमुख बिंदु
- गौरतलब है कि गुजरात के अहमदाबाद स्थित गांधीनगर महात्मा मंदिर में 4 से 9 जुलाई, 2022 तक डिजिटल इंडिया सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है।
- छत्तीसगढ़ की ओर से कॉन्फ्रेंस में भाग लेते हुए इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के विशेष सचिव एवं छत्तीसगढ़ इन्फोटेक प्रमोशन सोसायटी के मुख्य कार्यपालन अधिकारी समीर विश्नोई ने राज्य की महत्त्वाकांक्षी मितान योजना की विस्तृत जानकारी प्रदान की।
- विश्नोई ने बताया कि राज्य शासन द्वारा प्रारंभ की गई ‘मितान योजना’ का मुख्य उद्देश्य शासकीय सेवा वितरण प्रणाली में सुधार लाते हुए नागरिकों को घर पहुँच सेवा का लाभ प्रदान करना है। इसके अलावा गोधन न्याय योजना की भी जानकारी प्रदान की गई।
- केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव राजेंद्र कुमार ने राज्य सरकार द्वारा नवाचार का प्रयोग करते हुए संचालित योजनाओं और छत्तीसगढ़ के नवीन पहलुओं की प्रशंसा की है।
- सीएससी के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. दिनेश त्यागी ने मितान योजना की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह नागरिक सशक्तीकरण के लिये आईटी का वास्तविक उपयोग है। अनेक देशों में इस तरह की पहल होने लगी हैं।
छह सिंचाई योजनाओं के लिये 15.94 करोड़ रुपए स्वीकृत | छत्तीसगढ़ | 07 Jul 2022
चर्चा में क्यों?
6 जुलाई, 2022 को छत्तीसगढ़ शासन ने प्रदेश की छह सिंचाई परियोजनाओं के लिये 15 करोड़ 94 लाख 20 हजार रुपए स्वीकृत किये हैं।
प्रमुख बिंदु
- सरगुजा जिले के विकासखंड-बतौली की ‘सेदम व्यपवर्तन योजना’ की नहर में पक्का चैनल निर्माण के लिये 2 करोड़ 11 लाख 78 हजार रुपए स्वीकृत किये गए हैं। योजना के पूरा होने से 202 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा मिल सकेगी।
- विकासखंड बतौली के ‘सलियाडीह जलाशय’ की नहर में मिट्टी कार्य, पक्की संरचनाओं एवं पक्की चैनल निर्माण कार्य के लिये 1 करोड़ 99 लाख 87 हजार रुपए स्वीकृत किये गए हैं। योजना के पूरा होने से 202 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा मिल सकेगी।
- जशपुर जिले के विकासखंड-पत्थलगाँव के ‘तमता जलाशय योजना’ का जीर्णोद्धार कार्य के लिये 5 करोड़ 92 लाख 42 हजार रुपए स्वीकृत हुए हैं। योजना के पूरा होने से 1160 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा मिल सकेगी।
- विकासखंड बगीचा की ‘कोदोधारा जलाशय योजना’ के निर्माण कार्य के लिये 2 करोड़ 24 लाख 62 हजार रुपए स्वीकृत हुए हैं। योजना के पूरा होने से 195 हेक्टेयर खरीफ क्षेत्र में सिंचाई सुविधा मिल सकेगी।
- कोरिया जिले के खड़गंवा विकासखंड अंतर्गत ‘उदनापुर जलाशय योजना’ की मुख्य नहर में सी.सी. नाली निर्माण, नहर बेड की सफाई तथा बैंक की ऊँचाई बढ़ाने के कार्य के लिये 2 करोड़ 61 लाख 32 हजार रुपए स्वीकृत हुए हैं। योजना के पूरा होने से 403 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा मिल सकेगी।
- इसी प्रकार सूरजपुर जिले के विकासखंड भैयाथान के ‘चंदरपुर जलाशय’ के जीर्णोद्धार कार्य के लिये 1 करोड़ 4 लाख 19 हजार रुपए स्वीकृत किये गए हैं। योजना के पूरा होने से 214 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा मिल सकेगी।
‘एनएफएसए के लिये राज्य रैंकिंग सूचकांक’ में छत्तीसगढ़ उन्नीसवें स्थान पर | छत्तीसगढ़ | 07 Jul 2022
चर्चा में क्यों?
5 जुलाई, 2022 को जारी ‘एनएफएसए के लिये राज्य रैंकिंग सूचकांक’ के पहले संस्करण में छत्तीसगढ़ पूरे देश में उन्नीसवें स्थान पर है। इस सूचकांक में ओडिशा पहले स्थान पर है।
प्रमुख बिंदु
- केंद्रीय उपभोक्ता कार्य, खाद्य और सार्वजनिक वितरण, वस्त्र और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने ‘एनएफएसए के लिये राज्य रैंकिंग सूचकांक’ का पहला संस्करण जारी किया।
- सामान्य श्रेणी के राज्यों में ‘एनएफएसए के लिये राज्य रैंकिंग सूचकांक’ में ओडिशा 836 स्कोर के साथ शीर्ष स्थान पर है, जबकि उत्तर प्रदेश 0.797 स्कोर के साथ दूसरे और आंध्र प्रदेश 0.794 स्कोर के साथ तीसरे स्थान पर है।
- सामान्य श्रेणी के राज्यों में ‘एनएफएसए के लिये राज्य रैंकिंग सूचकांक’ में छत्तीसगढ़ 654 स्कोर के साथ उन्नीसवें स्थान पर है।
- विशेष श्रेणी के राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में त्रिपुरा 788 स्कोर के साथ पहले स्थान पर है, उसके बाद हिमाचल प्रदेश 0.758 स्कोर के साथ दूसरे और सिक्किम 0.710 स्कोर के साथ तीसरे स्थान पर है।
- इसके अलावा तीन केंद्रशासित प्रदेशों में, जहाँ प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) नकद संचालित है, दादरा और नगर हवेली एवं दमन दीव 802 स्कोर के साथ शीर्ष स्थान पर हैं।
- यह सूचकांक राज्यों के साथ परामर्श के बाद देश भर में एनएफएसए के कार्यान्वयन और विभिन्न सुधार पहलों की स्थिति और प्रगति का दस्तावेजीकरण करने का प्रयास करता है।
- यह राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा किये गए सुधारों पर प्रकाश डालता है तथा सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा एक क्रॉस-लर्निंग वातावरण और स्केल-अप सुधार उपायों का निर्माण करता है।
- वर्तमान सूचकांक काफी हद तक एनएफएसए वितरण पर केंद्रित है और इसमें भविष्य में खरीद, पीएमजीकेएवाई वितरण शामिल होगा।
- राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की रैंकिंग के लिये सूचकांक तीन प्रमुख स्तंभों पर बनाया गया है, जो टीपीडीएस के माध्यम से एनएफएसए के एंड-टू-एंड कार्यान्वयन को कवर करता है। ये स्तंभ हैं- i) एनएफएसए- कवरेज, लक्ष्यीकरण और अधिनियम के प्रावधान, ii) डिलीवरी प्लेटफॉर्म, और iii) पोषण संबंधी पहल।
उत्तराखंड में गठित होगा खेल विकास कोष | उत्तराखंड | 07 Jul 2022
चर्चा में क्यों?
6 जुलाई, 2022 को उत्तराखंड की खेल एवं युवा कल्याण मंत्री रेखा आर्य ने विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक में एक ‘खेल विकास कोष’ का गठन करने के निर्देश दिये।
प्रमुख बिंदु
- उन्होंने अधिकारियों को केरल, हरियाणा और ओडिशा की नीतियों का अध्ययन करने को कहा, ताकि खेल विभाग आर्थिक रूप से मजबूत हो और खिलाड़ियों के लिये आवश्यक संसाधन उपलब्ध हो सकें।
- योजना के तहत कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (सीएसआर) और अन्य संसाधनों से फंड उपलब्ध कराया जाएगा।
- उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी 29 अगस्त (खेल दिवस) को औपचारिक रूप से ‘खेल छात्रवृत्ति योजना’ का शुभारंभ करेंगे।
- ‘मुख्यमंत्री उभरते खिलाड़ी प्रोत्साहन योजना’ के तहत प्रत्येक जिले के 150 युवाओं (8-14 वर्ष आयु वर्ग) को 1500 रुपए प्रतिमाह छात्रवृत्ति दी जाएगी। यह खेल कौशल विकसित करने में मदद के साथ ही भविष्य के खिलाड़ियों के पोषण के लिये सहायता प्रदान करेगी।
‘एनएफएसए के लिये राज्य रैंकिंग सूचकांक’ में उत्तराखंड 24वें स्थान पर | उत्तराखंड | 07 Jul 2022
चर्चा में क्यों?
5 जुलाई, 2022 को जारी ‘एनएफएसए के लिये राज्य रैंकिंग सूचकांक’ के पहले संस्करण में उत्तराखंड पूरे देश में 24वें पायदान पर है। इस सूचकांक में ओडिशा पहले और उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर हैं।
प्रमुख बिंदु
- केंद्रीय उपभोक्ता कार्य, खाद्य और सार्वजनिक वितरण, वस्त्र और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने ‘एनएफएसए के लिये राज्य रैंकिंग सूचकांक’ का पहला संस्करण जारी किया।
- सामान्य श्रेणी के राज्यों में ‘एनएफएसए के लिये राज्य रैंकिंग सूचकांक’ में ओडिशा 836 स्कोर के साथ शीर्ष स्थान पर है, जबकि उत्तर प्रदेश 0.797 स्कोर के साथ दूसरे और आंध्र प्रदेश 0.794 स्कोर के साथ तीसरे स्थान पर है।
- विशेष श्रेणी के राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में त्रिपुरा 788 स्कोर के साथ पहले स्थान पर है, उसके बाद हिमाचल प्रदेश 0.758 स्कोर के साथ दूसरे और सिक्किम 0.710 स्कोर के साथ तीसरे स्थान पर है।
- इसके अलावा तीन केंद्रशासित प्रदेशों में, जहाँ प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) नकद संचालित है, दादरा और नगर हवेली एवं दमन दीव 802 स्कोर के साथ शीर्ष स्थान पर हैं।
- एनएफएसए लागू करने के मामले में उत्तराखंड का प्रदर्शन न केवल राष्ट्रीय स्तर, बल्कि पूर्वोत्तर व हिमालयी 14 राज्यों में भी काफी पीछे रहा है। इस सूची में त्रिपुरा पहले, हिमाचल प्रदेश दूसरे और सिक्किम तीसरे नंबर पर है, जबकि उत्तराखंड 0.637 स्कोर के साथ पांचवें स्थान पर है।
- यह सूचकांक राज्यों के साथ परामर्श के बाद देश भर में एनएफएसए के कार्यान्वयन और विभिन्न सुधार पहलों की स्थिति एवं प्रगति का दस्तावेजीकरण करने का प्रयास करता है।
- यह राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा किये गए सुधारों पर प्रकाश डालता है और सभी राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा एक क्रॉस-लर्निंग वातावरण और स्केल-अप सुधार उपायों का निर्माण करता है।
- वर्तमान सूचकांक काफी हद तक एनएफएसए वितरण पर केंद्रित है और इसमें भविष्य में खरीद, पीएमजीकेएवाई वितरण शामिल होगा।
- राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की रैंकिंग के लिये सूचकांक तीन प्रमुख स्तंभों पर बनाया गया है, जो टीपीडीएस के माध्यम से एनएफएसए के एंड-टू-एंड कार्यान्वयन को कवर करता है। ये स्तंभ हैं- i) एनएफएसए- कवरेज, लक्ष्यीकरण और अधिनियम के प्रावधान, ii) डिलीवरी प्लेटफॉर्म, और iii) पोषण संबंधी पहल।