प्रयागराज शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 29 जुलाई से शुरू
  संपर्क करें
ध्यान दें:

हरियाणा स्टेट पी.सी.एस.

  • 07 Jul 2022
  • 0 min read
  • Switch Date:  
हरियाणा Switch to English

हरियाणा आत्मनिर्भर कपड़ा नीति, 2022-25

चर्चा में क्यों?

5 जुलाई, 2022 को हरियाणा के उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में जल्द ही ‘हरियाणा आत्मनिर्भर कपड़ा नीति, 2022-25’ लागू करेगी। इससे प्रदेश में टेक्सटाइल उद्योग को गति मिलेगी, साथ ही एमएसएमई को भी बढ़ावा मिलेगा।

प्रमुख बिंदु

  • दुष्यंत चौटाला ने कहा कि एमएसएमई क्षेत्र में जहाँ प्रदेश को राष्ट्रीय स्तर पर तीसरा स्थान हासिल हुआ है, वहीं वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी ‘स्टेट ईज ऑफ डूईंग बिजनेस’ के पाँचवें संस्करण में हरियाणा को टॉप अचीवर्स कैटेगरी में स्थान मिला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हरियाणा को एमएसएमई के क्षेत्र में किये गए उल्लेखनीय कार्यों के लिये सम्मानित किया था।
  • उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार की उद्योगों को अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र प्रदान करने की प्रतिबद्धता के कारण ही हरियाणा की ‘ईज ऑफ डूईंग बिजनेस’, ‘ईज ऑफ लॉजिस्टिक्स’ और ‘एक्सपोर्ट रेडीनेस’ में उत्कृष्ट रैंकिंग आई है।
  • इसके अतिरिक्त, निर्यात तैयारी सूचकांक (भूमि बंद श्रेणी), 2021 में राज्य को पहला तथा ‘लॉजिस्टिक्स ईज एक्रॉस डिफरेंट स्टेटस सर्वे, 2021’ में दूसरा स्थान मिला है।
  • दुष्यंत चौटाला ने बताया कि प्रदेश सरकार की हरियाणा उद्यम और रोज़गार नीति, 2020, एमएसएमई नीति, 2019 हरियाणा कृषि-व्यवसाय और खाद्य प्रसंस्करण नीति, 2018 आदि कई ऐसी नीतियाँ हैं, जिनसे राज्य के एमएसएमई को बहुत लाभ हुआ है और युवाओं के लिये रोजगार के अवसर बढ़े हैं।

हरियाणा Switch to English

‘एनएफएसए के लिये राज्य रैंकिंग सूचकांक’ में हरियाणा सत्रहवें स्थान पर

चर्चा में क्यों?

5 जुलाई, 2022 को जारी ‘एनएफएसए के लिये राज्य रैंकिंग सूचकांक’ के पहले संस्करण में हरियाणा पूरे देश में सत्रहवें स्थान पर है। इस सूचकांक में ओडिशा पहले स्थान पर है।

प्रमुख बिंदु

  • केंद्रीय उपभोक्ता कार्य, खाद्य और सार्वजनिक वितरण, वस्त्र और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने ‘एनएफएसए के लिये राज्य रैंकिंग सूचकांक’ का पहला संस्करण जारी किया।
  • सामान्य श्रेणी के राज्यों में ‘एनएफएसए के लिये राज्य रैंकिंग सूचकांक’ में ओडिशा 836 स्कोर के साथ शीर्ष स्थान पर है, जबकि उत्तर प्रदेश 0.797 स्कोर के साथ दूसरे और आंध्र प्रदेश 0.794 स्कोर के साथ तीसरे स्थान पर है।
  • सामान्य श्रेणी के राज्यों में ‘एनएफएसए के लिये राज्य रैंकिंग सूचकांक’ में हरियाणा 661 स्कोर के साथ सत्रहवें स्थान पर है।
  • विशेष श्रेणी के राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में त्रिपुरा 788 स्कोर के साथ पहले स्थान पर है, उसके बाद हिमाचल प्रदेश 0.758 स्कोर के साथ दूसरे और सिक्किम 0.710 स्कोर के साथ तीसरे स्थान पर है।
  • इसके अलावा तीन केंद्रशासित प्रदेशों में, जहाँ प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) नकद संचालित है, दादरा और नगर हवेली एवं दमन दीव 802 स्कोर के साथ शीर्ष स्थान पर हैं।
  • यह सूचकांक राज्यों के साथ परामर्श के बाद देश भर में एनएफएसए के कार्यान्वयन और विभिन्न सुधार पहलों की स्थिति और प्रगति का दस्तावेजीकरण करने का प्रयास करता है।
  • यह राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा किये गए सुधारों पर प्रकाश डालता है तथा सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा एक क्रॉस-लर्निंग वातावरण और स्केल-अप सुधार उपायों का निर्माण करता है।
  • वर्तमान सूचकांक काफी हद तक एनएफएसए वितरण पर केंद्रित है और इसमें भविष्य में खरीद, पीएमजीकेएवाई वितरण शामिल होगा। राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की रैंकिंग के लिये सूचकांक तीन प्रमुख स्तंभों पर बनाया गया है, जो टीपीडीएस के माध्यम से एनएफएसए के एंड-टू-एंड कार्यान्वयन को कवर करता है। ये स्तंभ हैं- i) एनएफएसए- कवरेज, लक्ष्यीकरण और अधिनियम के प्रावधान, ii) डिलीवरी प्लेटफॉर्म, और iii) पोषण संबंधी पहल।

 Switch to English
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2