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छत्तीसगढ़ के गोधन न्याय और मितान योजना को मिली प्रशंसा
चर्चा में क्यों?
6 जुलाई, 2022 को छत्तीसगढ़ की महत्त्वाकांक्षी ‘गोधन न्याय योजना’ और ‘मितान योजना’ को गुजरात के अहमदाबाद में आयोजित डिजिटल इंडिया सप्ताह में सराहना मिली है।
प्रमुख बिंदु
- गौरतलब है कि गुजरात के अहमदाबाद स्थित गांधीनगर महात्मा मंदिर में 4 से 9 जुलाई, 2022 तक डिजिटल इंडिया सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है।
- छत्तीसगढ़ की ओर से कॉन्फ्रेंस में भाग लेते हुए इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के विशेष सचिव एवं छत्तीसगढ़ इन्फोटेक प्रमोशन सोसायटी के मुख्य कार्यपालन अधिकारी समीर विश्नोई ने राज्य की महत्त्वाकांक्षी मितान योजना की विस्तृत जानकारी प्रदान की।
- विश्नोई ने बताया कि राज्य शासन द्वारा प्रारंभ की गई ‘मितान योजना’ का मुख्य उद्देश्य शासकीय सेवा वितरण प्रणाली में सुधार लाते हुए नागरिकों को घर पहुँच सेवा का लाभ प्रदान करना है। इसके अलावा गोधन न्याय योजना की भी जानकारी प्रदान की गई।
- केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव राजेंद्र कुमार ने राज्य सरकार द्वारा नवाचार का प्रयोग करते हुए संचालित योजनाओं और छत्तीसगढ़ के नवीन पहलुओं की प्रशंसा की है।
- सीएससी के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. दिनेश त्यागी ने मितान योजना की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह नागरिक सशक्तीकरण के लिये आईटी का वास्तविक उपयोग है। अनेक देशों में इस तरह की पहल होने लगी हैं।
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छह सिंचाई योजनाओं के लिये 15.94 करोड़ रुपए स्वीकृत
चर्चा में क्यों?
6 जुलाई, 2022 को छत्तीसगढ़ शासन ने प्रदेश की छह सिंचाई परियोजनाओं के लिये 15 करोड़ 94 लाख 20 हजार रुपए स्वीकृत किये हैं।
प्रमुख बिंदु
- सरगुजा जिले के विकासखंड-बतौली की ‘सेदम व्यपवर्तन योजना’ की नहर में पक्का चैनल निर्माण के लिये 2 करोड़ 11 लाख 78 हजार रुपए स्वीकृत किये गए हैं। योजना के पूरा होने से 202 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा मिल सकेगी।
- विकासखंड बतौली के ‘सलियाडीह जलाशय’ की नहर में मिट्टी कार्य, पक्की संरचनाओं एवं पक्की चैनल निर्माण कार्य के लिये 1 करोड़ 99 लाख 87 हजार रुपए स्वीकृत किये गए हैं। योजना के पूरा होने से 202 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा मिल सकेगी।
- जशपुर जिले के विकासखंड-पत्थलगाँव के ‘तमता जलाशय योजना’ का जीर्णोद्धार कार्य के लिये 5 करोड़ 92 लाख 42 हजार रुपए स्वीकृत हुए हैं। योजना के पूरा होने से 1160 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा मिल सकेगी।
- विकासखंड बगीचा की ‘कोदोधारा जलाशय योजना’ के निर्माण कार्य के लिये 2 करोड़ 24 लाख 62 हजार रुपए स्वीकृत हुए हैं। योजना के पूरा होने से 195 हेक्टेयर खरीफ क्षेत्र में सिंचाई सुविधा मिल सकेगी।
- कोरिया जिले के खड़गंवा विकासखंड अंतर्गत ‘उदनापुर जलाशय योजना’ की मुख्य नहर में सी.सी. नाली निर्माण, नहर बेड की सफाई तथा बैंक की ऊँचाई बढ़ाने के कार्य के लिये 2 करोड़ 61 लाख 32 हजार रुपए स्वीकृत हुए हैं। योजना के पूरा होने से 403 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा मिल सकेगी।
- इसी प्रकार सूरजपुर जिले के विकासखंड भैयाथान के ‘चंदरपुर जलाशय’ के जीर्णोद्धार कार्य के लिये 1 करोड़ 4 लाख 19 हजार रुपए स्वीकृत किये गए हैं। योजना के पूरा होने से 214 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा मिल सकेगी।
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‘एनएफएसए के लिये राज्य रैंकिंग सूचकांक’ में छत्तीसगढ़ उन्नीसवें स्थान पर
चर्चा में क्यों?
5 जुलाई, 2022 को जारी ‘एनएफएसए के लिये राज्य रैंकिंग सूचकांक’ के पहले संस्करण में छत्तीसगढ़ पूरे देश में उन्नीसवें स्थान पर है। इस सूचकांक में ओडिशा पहले स्थान पर है।
प्रमुख बिंदु
- केंद्रीय उपभोक्ता कार्य, खाद्य और सार्वजनिक वितरण, वस्त्र और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने ‘एनएफएसए के लिये राज्य रैंकिंग सूचकांक’ का पहला संस्करण जारी किया।
- सामान्य श्रेणी के राज्यों में ‘एनएफएसए के लिये राज्य रैंकिंग सूचकांक’ में ओडिशा 836 स्कोर के साथ शीर्ष स्थान पर है, जबकि उत्तर प्रदेश 0.797 स्कोर के साथ दूसरे और आंध्र प्रदेश 0.794 स्कोर के साथ तीसरे स्थान पर है।
- सामान्य श्रेणी के राज्यों में ‘एनएफएसए के लिये राज्य रैंकिंग सूचकांक’ में छत्तीसगढ़ 654 स्कोर के साथ उन्नीसवें स्थान पर है।
- विशेष श्रेणी के राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में त्रिपुरा 788 स्कोर के साथ पहले स्थान पर है, उसके बाद हिमाचल प्रदेश 0.758 स्कोर के साथ दूसरे और सिक्किम 0.710 स्कोर के साथ तीसरे स्थान पर है।
- इसके अलावा तीन केंद्रशासित प्रदेशों में, जहाँ प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) नकद संचालित है, दादरा और नगर हवेली एवं दमन दीव 802 स्कोर के साथ शीर्ष स्थान पर हैं।
- यह सूचकांक राज्यों के साथ परामर्श के बाद देश भर में एनएफएसए के कार्यान्वयन और विभिन्न सुधार पहलों की स्थिति और प्रगति का दस्तावेजीकरण करने का प्रयास करता है।
- यह राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा किये गए सुधारों पर प्रकाश डालता है तथा सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा एक क्रॉस-लर्निंग वातावरण और स्केल-अप सुधार उपायों का निर्माण करता है।
- वर्तमान सूचकांक काफी हद तक एनएफएसए वितरण पर केंद्रित है और इसमें भविष्य में खरीद, पीएमजीकेएवाई वितरण शामिल होगा।
- राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की रैंकिंग के लिये सूचकांक तीन प्रमुख स्तंभों पर बनाया गया है, जो टीपीडीएस के माध्यम से एनएफएसए के एंड-टू-एंड कार्यान्वयन को कवर करता है। ये स्तंभ हैं- i) एनएफएसए- कवरेज, लक्ष्यीकरण और अधिनियम के प्रावधान, ii) डिलीवरी प्लेटफॉर्म, और iii) पोषण संबंधी पहल।
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