लखनऊ शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 23 दिसंबर से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

बिहार स्टेट पी.सी.एस.

  • 07 Jul 2022
  • 0 min read
  • Switch Date:  
बिहार Switch to English

बिहार में खुलेगा मेगा स्किल सेंटर

चर्चा में क्यों?

हाल ही में बिहार के श्रम संसाधन विभाग ने राज्यभर में युवाओं को रोजगार से जोड़ने, उन्हें रोजगार संबंधित ट्रेनिंग देने के लिये सभी ज़िलों में मेगा स्किल सेंटर की स्थापना संबंधी प्रस्ताव तैयार किया है।

प्रमुख बिंदु

  • मेगा स्किल सेंटर के अंतर्गत न केवल एक ही छत के नीचे युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा, बल्कि युवाओं का कौशल विकास और प्रशिक्षण देकर उन्हें स्वावलंबी भी बनाया जाएगा। स्किल सेंटर में युवाओं को 90 प्रकार के ट्रेड का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
  • मेगा स्किल सेंटर के पहले चरण में पटना, नालंदा व दरभंगा में सेंटर खोला जाएगा। इन केंद्रों पर हर साल दो हज़ार से ढ़ाई हज़ार बच्चों को प्रशिक्षित किया जाएगा।
  • इस सेंटर से बेरोजगारों को काफी हद तक रोजगार पाने में मदद मिल सकेगी। स्किल सेंटर में विभिन्न प्रकार के तकनीकी प्रशिक्षण के ज़रिये युवाओं को कमाई के लिये दक्ष बनाया जाएगा।
  • श्रम विभाग युवाओं के लिये निम्नलिखित कार्यक्रम चला रहा है-
    • सभी ज़िलों में बृहद् स्तर पर नियोजन मेला और नियोजन कैंप का आयोजन किया जा रहा है।
    • डोमेन स्किल में युवाओं को ट्रेड विशेष में रोज़गारपरक प्रशिक्षण दिया जाता है तथा रोज़गार सहायता प्रदान की जाती है।
    • कौशल युवा प्रोग्राम के तहत युवाओं को बुनियादी कंप्यूटर प्रशिक्षण, भाषा कौशल, व्यवहार कौशल प्रशिक्षण दिया जाता है।
    • प्रधानमंत्री कौशल युवा प्रोग्राम के तहत रोज़गार के उन्मुखीकरण के लिये प्रशिक्षण दिया जाता है।
    • आईटीआई संस्थानों में प्रशिक्षण की गुणवत्ता बढ़ाने के लिये उच्चस्तरीय सेंटर ऑफ एक्सेलेंस बनाया जा रहा है।
  • राज्य में 90 प्रकार के ट्रेड प्रशिक्षण के लिये स्किल सेंटर्स पर एग्रीकल्चर, एयरोस्पेस एंड एविएशन, कृषि, कपड़ा, ऑटोमोटिव, कैपिटल गुड्स, निर्माण, इलेक्ट्रॉनिक्स व हार्डवेयर, खाद्य प्रसंस्करण, ग्रीन जॉब्स, हैंडीक्रॉफ्ट्स, हेल्थ केयर, आयरन एंड स्टील, माइनिंग, पावर, रबर, टेलकम व टेक्सटाइलस से जुड़े रोजगार के लिये कोर्स उपलब्ध होंगे।
  • शॉर्ट टर्म कोर्स के तहत छात्रों को कम-से-कम 300 घंटे और अधिकतम 1500 घंटे प्रशिक्षण दिया जाएगा। इन केंद्रों का संचालन निजी कंपनियों द्वारा किया जाएगा।

बिहार Switch to English

‘एनएफएसए के लिये राज्य रैंकिंग सूचकांक’ में बिहार सातवें स्थान पर

चर्चा में क्यों?

5 जुलाई, 2022 को जारी ‘एनएफएसए के लिये राज्य रैंकिंग सूचकांक’ के पहले संस्करण में बिहार पूरे देश में सातवें स्थान पर है। इस सूचकांक में ओडिशा पहले स्थान पर है।

प्रमुख बिंदु

  • केंद्रीय उपभोक्ता कार्य, खाद्य और सार्वजनिक वितरण, वस्त्र और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने ‘एनएफएसए के लिये राज्य रैंकिंग सूचकांक’ का पहला संस्करण जारी किया।
  • सामान्य श्रेणी के राज्यों में ‘एनएफएसए के लिये राज्य रैंकिंग सूचकांक’ में ओडिशा 836 स्कोर के साथ शीर्ष स्थान पर है, जबकि उत्तर प्रदेश 0.797 स्कोर के साथ दूसरे और आंध्र प्रदेश 0.794 स्कोर के साथ तीसरे स्थान पर है।
  • सामान्य श्रेणी के राज्यों में ‘एनएफएसए के लिये राज्य रैंकिंग सूचकांक’ में बिहार 783 स्कोर के साथ सातवें स्थान पर है।
  • विशेष श्रेणी के राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में त्रिपुरा 788 स्कोर के साथ पहले स्थान पर है, उसके बाद हिमाचल प्रदेश 0.758 स्कोर के साथ दूसरे और सिक्किम 0.710 स्कोर के साथ तीसरे स्थान पर है।
  • इसके अलावा तीन केंद्रशासित प्रदेशों में, जहाँ प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) नकद संचालित है, दादरा और नगर हवेली एवं दमन दीव 802 स्कोर के साथ शीर्ष स्थान पर हैं।
  • यह सूचकांक राज्यों के साथ परामर्श के बाद देश भर में एनएफएसए के कार्यान्वयन और विभिन्न सुधार पहलों की स्थिति और प्रगति का दस्तावेजीकरण करने का प्रयास करता है।
  • यह राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा किये गए सुधारों पर प्रकाश डालता है तथा सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा एक क्रॉस-लर्निंग वातावरण और स्केल-अप सुधार उपायों का निर्माण करता है।
  • वर्तमान सूचकांक काफी हद तक एनएफएसए वितरण पर केंद्रित है और इसमें भविष्य में खरीद, पीएमजीकेएवाई वितरण शामिल होगा।
  • राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की रैंकिंग के लिये सूचकांक तीन प्रमुख स्तंभों पर बनाया गया है, जो टीपीडीएस के माध्यम से एनएफएसए के एंड-टू-एंड कार्यान्वयन को कवर करता है। ये स्तंभ हैं- i) एनएफएसए- कवरेज, लक्ष्यीकरण और अधिनियम के प्रावधान, ii) डिलीवरी प्लेटफॉर्म, और iii) पोषण संबंधी पहल।

 Switch to English
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2