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इंटीग्रेटेड सोलर मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट
चर्चा में क्यों?
8 मार्च 2025 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने गौतम बुद्ध नगर (नोएडा) में अवाडा समूह की 5 गीगावाट (GW) एकीकृत सौर विनिर्माण इकाई का शिलान्यास किया, साथ ही 1.5 गीगावाट सौर मॉड्यूल विनिर्माण इकाई का लोकार्पण किया।
- अवाडा ग्रुप एक प्रमुख भारतीय हरित ऊर्जा कंपनी है, जिसका मुख्यालय मुंबई में स्थित है, जो सौर, पवन, पंप हाइड्रो और हरित ईंधन के माध्यम से नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन में कार्यरत है।
मुद्दे के बारे में:
- मुख्यमंत्री के अनुसार यह पहल न केवल अक्षय ऊर्जा में हमारे राज्य के योगदान को मज़बूत करती है बल्कि रोज़गार को भी बढ़ावा देती है और 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के हमारे दृष्टिकोण का समर्थन करती है।
- यह प्रयास वर्ष 2026-2027 तक उत्तर प्रदेश के सौर ऊर्जा उत्पादन को 22,000 मेगावाट तक पहुँचाने के लक्ष्य में योगदान देता है।
- मुख्यमंत्री ने इसे 2070 तक शुद्ध-शून्य कार्बन उत्सर्जन प्राप्त करने के दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम बताया।
नवीकरणीय ऊर्जा
- नवीकरणीय ऊर्जा प्राकृतिक, पुनःपूर्ति योग्य स्रोतों जैसे सौर, पवन, जल विद्युत, बायोमास, भू-तापीय और ज्वार से प्राप्त ऊर्जा है।
- ये स्रोत सतत् और पर्यावरण के अनुकूल हैं, जिससे जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम होती है।
- प्रकार:
- कच्छ की खाड़ी और सुंदरवन जैसे तटीय क्षेत्र ज्वारीय ऊर्जा की संभावनाएँ प्रदान करते हैं।
- सौर ऊर्जा: सौर पैनलों या सौर तापीय प्रणालियों का उपयोग करके सूर्य के विकिरण से प्राप्त की जाती है।
- पवन ऊर्जा: पवन टर्बाइनों द्वारा पवन की गतिज ऊर्जा को विद्युत् में परिवर्तित करके उत्पन्न की जाती है।
- जलविद्युत: प्रवाहित जल (नदियों, बाँधों, झरनों) की ऊर्जा का उपयोग करके उत्पादित।
- बायोमास ऊर्जा: हीटिंग, विद्युत् और जैव ईंधन के लिये पौधों के अवशेषों और पशु अपशिष्ट जैसे कार्बनिक पदार्थों से निर्मित।
- भू-तापीय ऊर्जा: विद्युत उत्पादन और प्रत्यक्ष तापन के लिये पृथ्वी की आंतरिक ऊष्मा (गर्म पानी, भाप) से प्राप्त।
- ज्वारीय एवं तरंग ऊर्जा: विद्युत उत्पन्न करने के लिये समुद्री जल की गति (गुरुत्वाकर्षण खिंचाव या सतही तरंगें) का उपयोग करती है।


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महापुरुषों पर नई योजनाएँ
चर्चा में क्यों?
हाल ही में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने 10 नई महत्त्वाकांक्षी योजनाएँ महापुरुषों के नाम से शुरू करने की घोषणा की, ताकि उनके योगदान को चिरस्थायी बनाया जा सके।
मुख्य बिंदु
- इन योजनाओं के माध्यम से कृषि, उद्योग, शिक्षा और सामाजिक कल्याण के क्षेत्रों में विकास होगा। इसके अलावा, यह पहल रोज़गार सृजन, महिला सशक्तीकरण और बौद्धिक विकास को भी बढ़ावा देगी।
- महत्त्वपूर्ण योजनाएँ
- माता शबरी के नाम पर कृषि मंडियों में कैंटीन और विश्रामालय: माता शबरी के नाम पर कृषि मंडियों में कैंटीन और विश्रामालय बनाए जाएंगे, जिससे किसानों और श्रमिकों को सस्ती दर पर भोजन और विश्राम की सुविधा उपलब्ध होगी। इसी प्रकार, सरकार ने अयोध्या में भी शबरी के नाम पर एक भोजनालय स्थापित किया है।
- सरदार पटेल के नाम पर जनपदीय आर्थिक क्षेत्र: प्रत्येक परिवार से कम-से-कम एक व्यक्ति को रोज़गार से जोड़ने के उद्देश्य से जनपदीय आर्थिक क्षेत्र को रोज़गार जोन के रूप में विकसित किया जाएगा।
- प्रत्येक ज़िले की विशेषताओं और संभावनाओं के आधार पर 100 एकड़ भूमि में इसे PPP मॉडल के आधार पर विकसित किया जाएगा। यह पहल देश के पहले गृहमंत्री सरदार पटेल को समर्पित होगी।
- माता अहिल्याबाई होल्कर के नाम पर श्रमजीवी महिला हॉस्टल: कामकाज़ी महिलाओं के लिये वाराणसी, मेरठ, प्रयागराज, गोरखपुर, कानपुर नगर, झाँसी और आगरा में वर्किंग वुमेन हॉस्टल स्थापित किये जाएंगे।
- सांस्कृतिक पुनर्जागरण की अग्रदूत अहिल्याबाई होल्कर के 300वें जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में यह हॉस्टल उनके नाम पर समर्पित किये जाएंगे।
- महारानी लक्ष्मीबाई मेधावी छात्रा स्कूटी योजना: भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की महान वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई के नाम पर मेधावी छात्राओं को स्कूटी प्रदान करने की योजना लागू की गई है।
- संत कबीरदास के नाम पर सीएम मित्र पार्क योजना: मानवता और श्रम के महत्त्व को प्रचारित करने वाले संत कबीरदास के नाम पर प्रदेश में 10 टेक्सटाइल पार्क स्थापित किये जाएंगे।
- लखनऊ-हरदोई में निर्माणाधीन पीएम मित्र पार्क को भी संत कबीर को समर्पित किया गया है।
- संत रविदास के नाम पर चर्मोद्योग पार्क: समाज में समानता और श्रम की प्रतिष्ठा को बढ़ावा देने वाले संत रविदास के नाम पर प्रदेश में दो लेदर पार्क विकसित किये जाएंगे। इनमें से एक लेदर पार्क आगरा में स्थापित होगा।
- यह योजना चर्म उद्योग को एक नई दिशा देने के साथ-साथ हज़ारों कारीगरों और श्रमिकों के लिये रोज़गार के अवसर प्रदान करेगी।
- भारत रत्न चौधरी चरण सिंह के नाम पर लखनऊ में सीड पार्क: पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न चौधरी चरण सिंह के नाम पर लखनऊ में सीड पार्क की स्थापना की जाएगी।
- इस पहल का उद्देश्य किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले बीज और कृषि से संबंधित संसाधन प्रदान करना है।
- नगरीय क्षेत्रों में पुस्तकालय भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर: भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मशताब्दी वर्ष को चिह्नित करते हुए प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में पुस्तकालय स्थापित करने के लिये बजटीय प्रावधान किया गया है।
- भारत रत्न डॉ. भीमराव आंबेडकर के नाम पर छात्रावास: समाज कल्याण छात्रावासों के पुनर्निर्माण और नव निर्माण की योजना डॉ. भीमराव आंबेडकर को समर्पित की गई है।
- इस पहल से दलित, पिछड़े और आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग के छात्रों को शिक्षा में सहायता प्राप्त होगी।
- बिरसा मुंडा को समर्पित दो जनजातीय संग्रहालय: बिरसा मुंडा के 150वें जन्मवर्ष को जनजातीय गौरव वर्ष के रूप में मनाने के उद्देश्य से मिर्ज़ापुर और सोनभद्र में दो जनजातीय संग्रहालय स्थापित किये जाएंगे। इस परियोजना के लिये बजट में आवश्यक धनराशि का प्रावधान किया गया है।

