मिशन नंद बाबा | उत्तर प्रदेश | 07 Jun 2023
चर्चा में क्यों?
6 जून, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश के दुग्ध उत्पादक किसानों की आय बढ़ाने और दूध की बिक्री गाँव में ही सुनिश्चित करवाने के उद्देश्य से प्रदेश के पशुधन और दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने ‘मिशन नंद बाबा’ के लोगो का अनावरण किया।
प्रमुख बिंदु
- ‘मिशन नंद बाबा’ के तहत उत्तर प्रदेश में दूध का उत्पादन करने वाले किसानों की आय बढ़ाने का प्रयास होगा। इसके लिये राज्य सरकार नंद बाबा दुग्ध मिशन पर अगले पाँच वर्षों में 1000 करोड़ रुपए खर्च करेगी।
- इस मिशन के तहत गाँवों में दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों द्वारा दुग्ध उत्पादकों को उनके गाँव में ही दूध की बिक्री की सुविधा मुहैया कराई जाएगी।
- ग्रामीण क्षेत्र में दूध का व्यापार आय का एक अतिरिक्त साधन है। इस मिशन के तहत वित्त वर्ष 2023-24 में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर पाँच ज़िलों में पाँच डेयरी किसान उत्पादक संगठन बनाने की योजना है जिसमें महिलाओं को अहम भूमिका दी जाएगी।
- इस मिशन के तहत किसानों को उन्नत नस्ल की स्वदेशी गायों की खरीद में अनुदान के लिये सरकार की तरफ से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। गायों के लिये चारा और पशु आहार बनाने वालों को भी अनुदान दिया जाएगा।
- मिशन नंद बाबा का काम ठीक से चले इसके लिये प्रदेश स्तर पर मुख्य सचिव और जनपद स्तर पर डीएम की अध्यक्षता में समितियाँ बनाई गई हैं। मिशन के जरिये सरकार पूरे प्रदेश में गाय पालने वालों का डेटाबेस भी बनाएगी।
- पशुधन और दुग्ध विकास के अपर मुख्य सचिव रजनीश दुबे कहा कि प्रदेश में डेयरी सेक्टर के अंदर नए-नए उद्योगों में निवेश की अपार संभावना है। इसके लिये सरकार ने उत्तर प्रदेश दुग्धशाला विकास एवं दुग्ध उत्पाद प्रोत्साहन नीति 2022 बनाई है। इस नीति का तालमेल मिशन नंद बाबा से बिठाया जाएगा।
- यह मिशन दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में 25 प्रतिशत से अधिक की वार्षिक वृद्धि लाने में सहायक होगा।
उत्तर प्रदेश के सभी कमिश्नरी पर खुलेगा सैनिक स्कूल, रक्षा मंत्रालय ने दी सहमति | उत्तर प्रदेश | 07 Jun 2023
चर्चा में क्यों?
5 जून, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश के सभी कमिश्नरी पर पीपीपी यानी पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के आधार पर सैनिक स्कूल खोले जाने के प्रस्ताव पर रक्षा मंत्रालय ने अपनी सहमति दे दी है।
प्रमुख बिंदु
- विदित है कि राज्य सरकार ने चार वर्ष पूर्व हर मंडल में एक सैनिक स्कूल खोलने के लिये रक्षा मंत्रालय को अनुरोध पत्र भेजा था, जिसे रक्षा मंत्रालय ने अपनी सहमति दे दी है।
- रक्षा मंत्रालय के सैनिक स्कूल सोसाइटी की ओर से राज्य सरकार को मिले पत्र के आधार पर शासन ने प्रदेश के उन सभी 16 ज़िलों के ज़िलाधिकारियों को पत्र भेजा है, जहाँ नए सैनिक स्कूल खोले जाने है।
- बेसिक एवं माध्यमिक शिक्षा के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार की ओर से संबंधित ज़िलों के डीएम को भेज गए पत्र में कहा गया है कि वे अपने ज़िलों में उपयुक्त राजकीय या सहायता प्राप्त या इच्छुक निजी अथवा एनजीओ की ओर से संचालित विद्यालयों को सैनिक स्कूलों में परिवर्तित करने के लिये अनुरोध कर सकते हैं।
- ये सभी स्कूल PPP (प्राइवेट पब्लिक पार्टनरशिप) के आधार पर आगरा, अलीगढ़, प्रयागराज, आजमगढ़, बस्ती, बरेली, मुरादाबाद, बांदा, झांसी, देवीपाटन, अयोध्या, कानपुर नगर, मेरठ, सहारनपुर, मिर्जापुर तथा वाराणसी में खोले जाएंगे।
- गौरतलब है कि देश में रक्षा मंत्रालय के 25 सैनिक स्कूल हैं जबकि प्रदेश में रक्षा मंत्रालय की ओर से तीन सैनिक स्कूलों का संचालन किया जा रहा हैं जो अमेठी, झाँसी, मैनपुरी में है। इसके अलावा गोरखपुर में एक सैनिक स्कूल बनाने के लिये 90 करोड़ रुपए का प्रावधान राज्य सरकार की ओर से किया गया है। लखनऊ में यूपी सैनिक स्कूल का संचालन किया जा रहा है जो राज्य सरकार द्वारा संचालित किया जाता है।
राजस्थान उच्च न्यायालय और ज़िला न्यायपालिका के लिये नव विकसित ई-आर.टी.आई. पोर्टल का ई-उद्घाटन | राजस्थान | 07 Jun 2023
चर्चा में क्यों?
5 जून, 2023 को राजस्थान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधिपति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह ने राजस्थान उच्च न्यायालय और ज़िला न्यायपालिका के लिये नव विकसित e-RTI Portal का वीडियो कांफ्रेन्सिग के माध्यम से उद्घाटन किया।
प्रमुख बिंदु
- इस अवसर पर मुख्य न्यायाधिपति ऑगस्टीन जार्ज मसीह ने कहा कि यह कदम पारदर्शी, कुशल और सुलभ न्यायिक प्रणाली को प्राप्त करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। पोर्टल से यह सुनिश्चित होगा कि आमजन का यह महत्त्वपूर्ण कानूनी अधिकार जटिल कागजी कार्यवाही और लंबी प्रक्रियाओं में ही उलझकर न रह जाए।
- इस अवसर पर मुख्य न्यायाधिपति ने भारत के मुख्य न्यायाधीश डॉ. डी. वाई. चंद्रचूड़ द्वारा नवीनतम प्रौद्योगिकी के माध्यम से पूरी न्यायपालिका का कंप्यूटरीकरण और डिजीटलीकरण करने की चलाई जा रही मुहिम में इस पोर्टल को एक बढ़ता हुआ कदम बताया।
- राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के एग्जीक्यूटिव चेयरमेन न्यायाधिपति मनींद्र मोहन श्रीवास्तव ने इस अवसर पर कहा कि पोर्टल की सफलता न केवल तकनीकी कौशल पर बल्कि इसके प्रभावी उपयोग के लिये सामूहिक प्रतिबद्धता पर भी निर्भर करेगी। उन्होंने कहा कि यह पोर्टल देश के अन्य संस्थानों के लिये अनुकरणीय उदाहरण बनेगा।
- जोधपुर से विडियो कांफ्रेंसिग से जुड़े न्यायाधिपति अरुण भंसाली ने बताया कि यह पोर्टल न केवल आरटीआई आवेदन दाखिल करने की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करेगा बल्कि सूचना प्रसार की गति और सटीकता को भी बढ़ाएगा।
- उन्होंने कहा कि यह ऐसे एकल व केंद्रीकृत मंच के रूप में काम करेगा, जहाँ नागरिक अपने आवेदन ऑनलाइन प्रस्तुत कर सकते हैं, ऑनलाईन शुल्क जमा करा सकते हैं, आवेदन की स्थिति की जानकारी और समय पर सूचनाएँ भी प्राप्त कर सकते हैं।
- पूरी प्रक्रिया को डिजिटाइज करके, न केवल कागजी कार्रवाई की बाधाओं को समाप्त किया गया है बल्कि आवेदकों और सूचना प्रदाता अधिकारियों को एक सुरक्षित और सुविधाजनक चैनल भी प्रदान किया है।
- उल्लेखनीय है कि सर्वोच्च न्यायालय ने रिट पिटीशन (सिविल) नंबर 1040/2019, प्रवासी लीगल सेल बनाम भारत संघ व अन्य मामले में सभी उच्च न्यायालयों व अधीनस्थ न्यायालयों के लिये सूचना के अधिकार के तहत ई-पोर्टल की क्रियान्विति के लिये निर्देश दिये थे, जिसकी अनुपालना में राजस्थान उच्च न्यायालय की तकनीकी टीम ने निर्देशों में दी गई अवधि से पूर्व ही ई-आर.टी.आई. पोर्टल और उससे संबंधित नियमों को मूर्त रुप प्रदान कर पोर्टल को लॉन्च किया है।
- ई-आर.टी.आई. पोर्टल का लिंक राजस्थान उच्च न्यायालय की अधिकारिक वेबसाईट के होम पेज पर सूचना के अधिकार के टेब में उपलब्ध कराया गया है।
बाढ़ नियंत्रण के लिये कलक्टर ने नियुक्त किये इंसीडेंट कमांडर | राजस्थान | 07 Jun 2023
चर्चा में क्यों?
6 जून, 2023 को राजस्थान के जयपुर में आगामी मानसून सत्र में बाढ़ की संभावना को देखते हुए तथा बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिये एवं जल भराव के क्षेत्रों की मॉनिटरिंग करने के लिये ज़िला कलक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने इंसीडेंट कमांडर की नियुक्ति की है।
प्रमुख बिंदु
- कलक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने बताया कि शहरी क्षेत्र में 22 इंसीडेंट कमांडर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में भी उपखंड अधिकारियों को इंसीडेंट कमांडर की जिम्मेदारी सौंपी है। इंसीडेंट कमांडर संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित कर बाढ़ नियंत्रण एवं बचाव कार्य सुनिश्चित करेंगे।
- जयपुर महानगर में इंसीडेंट कमांडर नगर निगम जयपुर हैरिटेज/ग्रेटर एवं जयपुर विकास प्राधिकरण से समन्वय कर संसाधनों का आकलन करना एवं बाढ़ की स्थिति में राहत गतिविधियों का संचालन करेंगे।
- जल भराव की स्थिति में जल निकासी का प्रबंध करना, प्रभावित इलाकों में आवश्यक दवाईयों का छिड़काव करना, बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में विद्यालय भवन, सामुदायिक भवन, आश्रय स्थल एवं पुनर्वास हेतु भवनों को चिन्हित करना एवं प्रभावित परिवारों को पुनर्वासित करवाना इंसीडेंट कमांडर्स की जिम्मेदारी होगी।
- कलक्टर ने बताया कि बाढ़ की स्थिति में ज़िला प्रशासन, पुलिस विभाग एवं सेना के साथ समन्वय कर आवश्यक इंतजाम सुनिश्चित किये जाएंगे।
राज्य में 4508 लाख रुपए से अधिक की 5 बड़ी सीवरेज एवं पेयजल परियोजनाएँ स्वीकृत | हरियाणा | 07 Jun 2023
चर्चा में क्यों?
6 जून, 2023 को हरियाणा के जनस्वास्थ्य एवं सहकारिता मंत्री डॉ. बनवारी लाल की अध्यक्षता में चंडीगढ में आयोजित बैठक में राज्य में 4508 लाख रुपए से अधिक की 5 बड़ी सिवरेज एवं पेयजल योजनाओं को स्वीकृति प्रदान की गई।
प्रमुख बिंदु
- जनस्वास्थ्य एवं सहकारिता मंत्री ने बताया कि अंबाला शहर में टिंबर मार्केट चौक नज़दीक खेड़ा, आर्य नगर चौक नंदी मोहल्ला से दक्षिण डिस्पोजल तक पुरानी सीवरेज व्यवस्था को सीआईपीपी तकनीक से मजबूत बनाया जाएगा, जिस पर लगभग 1349.31 लाख रुपए की लागत आएगी।
- करनाल शहर के 10 वार्डों में सीवरेज प्रणाली को बदलने का कार्य किया जाएगा, जिसमें 425 आरसीसी के मैन हॉल बनाने के अलावा पानी के कनेक्शन किये जाएंगे। इसके लिये लगभग 12037 मीटर लंबी 200 एमएम की पाईप लाईन डाली जाएगी। इस पर लगभग 691.80 लाख रुपए की राशि खर्च किये जाएंगे।
- करनाल शहर में पेयजल के लिये 14 ट्यूबवेल एवं सबमर्सिबल पंप सेट लगाने और पेयजल एवं सीवरेज के लिये नई पाईप लाईन के कार्य को स्वीकृति प्रदान की गई है। इस कार्य पर 759.60 लाख रुपए की राशि खर्च की जाएगी। इस प्रकार करनाल शहर में सीवरेज एवं पेयजल योजनाओं पर 1451 लाख रुपए से अधिक की लागत आएगी।
- ‘महाग्राम योजना’ के तहत हिसार ज़िले के गाँव सीसवाल में सीवरेज लाइन बिछाने का कार्य किया जाएगा। इस कार्य पर 1167.77 लाख रुपए खर्च किये जाएंगे। सीसवाल में लोगों को पर्याप्त मात्रा में स्वच्छ पेयजल मुहैया करवाने के लिये पेयजल योजना पर पहले ही कार्य किया जा रहा है।
- कैथल ज़िले के गाँव कौल में सीवरेज लाइन एवं 2.50 एमएलडी के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण किया जाएगा। इसके अलावा मैन पंपिंग स्टेशन को चालू करने आदि के कार्य पर 540.89 लाख रुपए की राशि व्यय की जाएगी। इन परियोजनाओं को आगामी माह में शुरू किया जाएगा।
- जनस्वास्थ्य मंत्री ने अधिकारियों को मेवात रैनीवेल परियोजना को जल्द पूरा करने और पिंजौर व मोरनी क्षेत्र की पेयजल समस्या का तुरंत प्रभाव से निदान करने के निर्देश दिये। इसके अलावा उन्होंने रेवाड़ी के रघुनाथपुरा, इब्राहिम बिशनुपर में जलघर का जल्द निर्माण करने के लिये आवश्यक औपचारिकताएँ पूरी करने के निर्देश भी दिये।
पहुँच विहीन ग्रामों के लिये ‘डॉक्टर तुमचो दुआर’कार्यक्रम का मुख्यमंत्री ने हरी झंडी दिखाकर किया शुभारंभ | छत्तीसगढ़ | 07 Jun 2023
चर्चा में क्यों?
6 जून, 2023 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केशकाल विकासखंड के ग्राम बेड़मा में आयोजित कार्यक्रम में ज़िला प्रशासन की नवीन पहल ‘डॉक्टर तुमचो दुआर’का हरी झंडी दिखाकर शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- इस पायलेट प्रोजेक्ट के अंतर्गत ज़िले के बड़ेराजपुर एवं फरसगाँव विकासखंडों के पहुँच विहीन ग्रामों में चिकित्सा सुविधाएँ टेलीमेडिसिन के माध्यम से उपलब्ध कराई जाएंगी। इसके लिये एक कॉल सेंटर की स्थापना और कॉल सेंटर में 24 घंटे कर्मचारियों की ड्युटी लगाई जाएगी।
- कॉल सेंटर से कॉल प्राप्त करते ही डॉक्टर, एएनएम एवं अन्य कर्मचारियों से बने दल को सूचित किया जाएगा। डॉक्टर द्वारा बीमार व्यक्ति एवं उनके परिजनों से चर्चा कर टेली कॉन्फ्रेसिंग से परामर्श दिया जाएगा एवं गंभीर रोगी जिन्हें तुरंत इलाज की आवश्यकता होगी उनके लिये वाहन के साथ डॉक्टर एवं उनका दल घर पहुँचकर रोगी का इलाज करेंगे। आवश्यक होने पर उन्हें अस्पताल लाकर उपचार किया जाएगा।
- विदित है कि ज़िले में दूरस्थ इलाकों में उपचार हेतु हाट बाज़ार क्लिनिक योजना पहले ही सफलतापूर्वक संचालित की जा रही है। ऐसे में ‘डॉक्टर तुमचो दुआर’द्वारा ज़िले के पहुँच विहीन ग्रामों में भी सुलभ स्वास्थ्य सुविधाएँ उपलब्ध कराने तथा टेलीमेडिसिन के माध्यम से अधिक से अधिक लोगों तक चिकित्सा सुविधाएँ उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है।
- इस योजना के सफल होने पर अन्य विकासखंडों में भी योजना का प्रसार किया जाएगा। यह योजना शासन की सबके लिये समान न्याय, समान सुविधाओं की पहल पर आधारित है।
देहरादून में डाक विभाग की नई शुरुआत | उत्तराखंड | 07 Jun 2023
चर्चा में क्यों?
6 जून, 2023 को उत्तराखंड के डाक सेवा निदेशक अनुसूया प्रसाद चमोला ने बताया कि डाक विभाग अब स्पीड पोस्ट व पार्सल को हवाई सेवा के माध्यम से दिल्ली पहुँचा रहा है। इसके लिये डाक विभाग ने एक हवाई कंपनी के साथ करार किया है। अभी तक यह काम ट्रेन के जरिये किया जाता था।
प्रमुख बिंदु
- गौरतलब है कि डाक विभाग ने रेलवे के साथ मिलकर एक विशेष रेल मेल सर्विस (आरएमएस) शुरू की थी। इसके तहत देहरादून समेत पर्वतीय ज़िलों से दून स्थित मुख्य डाकघर में आने वाले स्पीड पोस्ट व पार्सल को दो ट्रेनों (मसूरी एक्सप्रेस/योगा एक्सप्रेस) के जरिये देहरादून से दिल्ली पहुँचाया जाता था। लेकिन, मसूरी एक्सप्रेस को दिल्ली पहुँचने में लंबा समय लगता है।
- इसे देखते हुए आरएमएस से मसूरी एक्सप्रेस को हटा दिया गया है। इसके बदले अब डाक विभाग एक हवाई कंपनी की फ्लाइट से स्पीड पोस्ट व पार्सल भेज रहा है। हालाँकि हरिद्वार से चलने वाली योगा एक्सप्रेस ट्रेन से स्पीड पोस्ट व पार्सल भेजे जा रहे हैं, लेकिन विभाग इस ट्रेन के स्थान पर भी दूसरी हवाई कंपनी का विकल्प तलाश रहा है।
- विदित है कि अभी फिलहाल उन पार्सल और डाक को हवाई सेवा के जरिये दिल्ली पहुँचाया जा रहा है जो महत्त्वपूर्ण हैं। जिसके चलते सप्ताह भर में पहुँचने वाली स्पीड पोस्ट व पार्सल कुछ ही दिन में लोगों तक पहुँच जा रही है। जबकि अन्य स्पीड पोस्ट व पार्सल को विभागीय वाहन से हरिद्वार पहुँचाने के बाद ट्रेन से अहमदाबाद पहुँचाया जा रहा है।
- जीपीओ में दिनभर में सौ से ज्यादा पार्सल बुक किये जा रहे हैं। इनमें वे भी पार्सल शामिल हैं जो विदेश जाने वाले होते हैं। जबकि दून समेत पर्वतीय इलाकों के अन्य डाक घरों में देशभर के लिये बुक होने वाले पार्सल भी देर शाम को जीपीओ ही आते हैं।
प्रदेश में पाँच महीने में 12 बाघ-बाघिनों की मौत | उत्तराखंड | 07 Jun 2023
चर्चा में क्यों?
5 जून, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार देशभर में बाघों के संरक्षण के तहत किये जा रहे प्रयासों के बीच उत्तराखंड में लगातार बाघों की मौत हो रही है। यहाँ बीते पाँच महीनों में 12 बाघ-बाघिनों की मौत हो चुकी है।
प्रमुख बिंदु
- उत्तराखंड वन विभाग के मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक डॉ. समीर सिन्हा ने बताया कि प्रदेश में इस साल अभी तक 12 बाघों की मौत हुई है। सबसे ज्यादा मौतें सेंट्रल तराई क्षेत्र में हुई हैं। ज्यादातर मौतें आपसी संघर्ष या किसी दुर्घटना में हुई हैं। मुख्य वन संरक्षक कुमाऊँ को विस्तृत जाँच रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया है।
- विदित है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस वर्ष अप्रैल में देश में बाघ गणना-2022 के आँकड़े जारी किये थे। उसमें पिछले चार वर्षों मेंबाघों की संख्या में 6.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाई गई है। देशभर में बाघों की संख्या करीब 3167 बताई गई है।
- वर्ष 2018 की गणना के अनुसार उत्तराखंड में बाघों की संख्या 442 है। अभी राज्यवार आँकड़े जारी नहीं किये गए हैं, लेकिन उत्तराखंड वन विभाग के अधिकारी इन्हीं आँकड़ों के आधार पर प्रदेश में बाघों की संख्या बढ़ने की संभावना जता रहे हैं। इसके उलट जिस तेजी से बाघों की मौत हो रही है, उससे तस्वीर का रंग धुंधला भी हो सकता है।
- राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण की ओर से जारी आँकड़ों के अनुसार, देशभर में इस साल बीते पाँच महीनों में कुल 76 बाघों की मौत हुई है। इनमें 12 बाघ केवल उत्तराखंड में मारे गए। उत्तराखंड में इस साल बाघ की पहली मौत का मामला जनवरी में कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में सामने आया था। उसके बाद फरवरी में तीन बाघ नैनीताल और रामनगर में मृत पाए गए। फिर मार्च में दो बाघ चकराता रेंज हल्द्वानी और रामनगर डिविजन में मारे गए।
- अप्रैल में कॉर्बेट की ढेला रेंज में एक बाघ मृत पाया गया। मई में दो बाघ कालागढ़ डिविजन और कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में मारे गए, जबकि तीन बाघों की मौत का आँकड़ा अभी तक वेबसाइट पर अपडेट नहीं किया गया है। बाघों की मौत के कारण अलग-अलग हैं। वर्ष 2022 में 12 महीने में नौ बाघों की मौत दर्ज की गई थी।
- गौरतलब है कि वर्ष 2001 से मई 2023 तक उत्तराखंड में मृत बाघों की संख्या 181 है।