मुख्यमंत्री ने एमएसएर्मई नीति के प्रस्ताव को दी मंजूरी | झारखंड | 06 Jun 2023
चर्चा में क्यों?
5 जून, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार झारखंड सरकार द्वारा तैयार की गई एमएसएर्मई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग) नीति के प्रस्ताव को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मंजूरी दे दी है। अब वित्त व विधि विभाग की मंजूरी के लिये इस प्रस्ताव को भेज दिया गया है, इसके बाद इसे कैबिनेट में भेजा जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- जानकारी के अनुसार झारखंड सरकार ने एमएसएर्मई के लिये न केवल नीति बनाई है, बल्कि इसके लिये अलग निदेशालय का भी गठन करने जा रही है। निदेशालय के गठन के प्रस्ताव को प्रशासनिक पदवर्ग समिति की मंजूरी के लिये भेजा जाएगा।
- सरकार एमएसएर्मई उद्योगों को 10 करोड़ रुपए तक सब्सिडी देगी। साथ ही एमएसएर्मई उद्योगों द्वारा अपने कर्मचारियों के इपीएफ और इएसआई की राशि जमा करने पर सरकार प्रति कर्मचारी एक हज़ार रुपए प्रति माह की राशि भी देगी।
- झारखंड सरकार ने एमएसएर्मई नीति के प्रस्ताव में लिखा है कि झारखंड में पूर्व से 2.33 लाख एमएसएर्मई कार्यरत हैं। एमएसएमई सेक्टर में ज्यादा से ज्यादा रोज़गार मिलता है और इसको ध्यान में रखते हुए एमएसएमई के लिये अलग से नीति बनाई गई है जिसका नाम एमएसएमई पॉलिसी 2023 रखा गया है।
- सरकार ने इसके उद्देश्यों के संबंध में कहा है कि इस नीति का मुख्य उद्देश्य है एमएसएमई उद्योगों का विकास हो, ताकि रोज़गार का दरवाज़ा खुल सके। नीति में नये एमएसएमई उद्योगों के विकास के साथ-साथ पुराने उद्योगों के भी जीर्णोद्धार की बात कही गई है।
- प्रस्ताव में लिखा गया है कि एमएसएमई के लिये अलग से निदेशालय का गठन किया जाएगा और सभी ज़िलों में डिस्ट्रिक्ट एमएसएमई (डीएमसी) सेंटर भी खोला जाएगा।
- एमएसएमई निदेशालय पहली बार उद्योग लगा रहे उद्यमियों को पूरी सहायता करेगा। निदेशालय डीएमसी को मार्गदर्शन देगा और मॉनिटरिंग भी करेगा। साथ ही राज्य व केंद्र सरकार के एमएसएमई योजना और कार्यक्रमों को राज्य में लागू करेगा। राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को बढ़ावा देने का काम करेगा।
- एमएसएमई निदेशालय के आवश्यक निगम, बोर्ड या प्राधिकार का गठन करेगा, सब्सिडी व अन्य सहायता प्रदान करेगा। दूसरी ओर डीएमसी उद्यमियों को केंद्र व राज्य की योजनाओं का लाभ लेने में सहायता करेगा, उनके निबंधन से लेकर सिंगल विंडो क्लीयरेंस में सहायता करेगा, उद्यमियों को उद्योग लगाने में आ रही तकनीकी समस्याओं को दूर करेगा, ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में उत्पादन व सेवा इकाइयों के विस्तार में सहयोग करेगा, नियमित रूप से कार्यशाला व प्रशिक्षण का आयोजन करेगा, एमएसएमई कलस्टर स्थापित करने में सहयोग करेगा।
- एमएसएमई को तीन वर्गों में बाँटा गया है- एक करोड़ रुपए तक की लागत वाले प्लांट माइक्रो इंटरप्राइज कहलाएंगे, 10 करोड़ तक की लागत वाले प्लांट स्मॉल इंटरप्राइज कहलाएंगे, वहीं 50 करोड़ रुपए की लागत और अधिकतम 250 करोड़ रुपए के टर्नओवर वाले प्लांट मीडियम इंटरप्राइज कहलाएंगे।
- झारखंड एमएसएमई पॉलिसी 2023 में कंप्रेहेंसिव प्रोजेक्ट इन्वेस्टमेंट सब्सिडी का प्रावधान किया गया है। इसके तहत माइक्रो इंटरप्राइजेज को एक करोड़ रुपए तक, स्मॉल इंटरप्राइजेज को पाँच करोड़ रुपए तक व मीडियम इंटरप्राइजेज को 10 करोड़ रुपए तक की सब्सिडी दी जाएगी।
- एसटी, एससी, महिला व दिव्यांग उद्यमी को पाँच प्रतिशत की अतिरिक्त सब्सिडी दी जाएगी, साथ ही स्टांप ड्यूटी व निबंधन में भी शत-प्रतिशत छूट दी जाएगी।
- क्वालिटी सर्टिफिकेशन में भी सरकार 10 लाख रुपए तक की सहायता देगी, पेटेंट कराने पर भी 10 लाख रुपए का अनुदान दिया जाएगा।
- विदेशों में उत्पाद ले जाने पर भी छूट : विदेशों में अपने उत्पादों की बिक्री के लिये किसी प्रदर्शनी में भाग लेने पर सरकार एक प्रदर्शनी के लिये चार लाख रुपए व एयर फेयर में 50 हज़ार रुपए की सहायता देगी।