उत्तर प्रदेश Switch to English
एकेटीयू में एनईपी पाठ्यक्रम तैयार करने के लिये कमेटी का गठन
चर्चा में क्यों?
6 जून, 2022 को एकेटीयू (डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी) के कुलपति प्रो. प्रदीप कुमार मिश्र ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 (एनईपी) आधारित शैक्षणिक पाठ्यक्रम को विश्वविद्यालय में लागू करने के प्रस्ताव को तैयार करने के लिये समिति का गठन किया है।
प्रमुख बिंदु
- पाठ्यक्रम तैयार करने के लिये बनाई गई समिति का अध्यक्ष प्रति कुलपति प्रो. मनीष गौड़ को बनाया है। समिति में डीन एकेडमिक और समन्वयक प्रो. नीतेश पुरोहित, डॉ. आर.के. अग्रवाल, डॉ. सारिका श्रीवास्तव तथा डॉ. प्रभाकर गुप्ता भी शामिल हैं।
- कुलपति प्रो. प्रदीप कुमार मिश्र ने समिति से पाठ्यक्रमों को चिह्नित कर सत्र 2022-23 से लागू करने के लिये प्रस्ताव तैयार कर एक महीने में प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
- इसके साथ ही संस्थानों के शिक्षकों और विभाग के उत्कृष्ट कार्यों के लिये अवार्ड देने के लिये एक समिति का गठन किया गया है। एकेटीयू अब अपने संबद्ध संस्थानों में रिसर्च और डेवलपमेंट कार्यक्रम को बढ़ावा देने और प्रोत्साहित करने के लिये अवार्ड देगा।
बिहार Switch to English
बिहार के दो ज़िलों में पेट्रोलियम भंडार की खोज की ONGC को मिली मंज़ूरी
चर्चा में क्यों?
6 जून, 2022 को बिहार सरकार ने राज्य के समस्तीपुर और बक्सर ज़िलों में तेल रिज़र्व की मौज़ूदगी का आकलन करने के लिये ओएनजीसी को पेट्रोलियम एक्सप्लोरेशन लाइसेंस (पीईएल) की मंज़ूरी दे दी है।
प्रमुख बिंदु
- उल्लेखनीय है कि गंगा बेसिन में समस्तीपुर और बक्सर में तेल भंडार की जानकारी मिलने के बाद ओएनजीसी ने दोनों ब्लॉकों में खोज के लिये लाइसेंस के लिये आवेदन किया था।
- समस्तीपुर में 308.32 वर्ग किमी. क्षेत्र में तेल की खोज अत्याधुनिक तकनीक से की जानी है। वहीं बक्सर के 52.13 वर्ग किमी. क्षेत्र में पेट्रोलियम पदार्थ की खोज की जाएगी।
- पहला चरण नवीनतम भूकंपीय डाटा रिकॉर्ड़िग प्रणाली का उपयोग करके 2डी भूकंपीय सर्वेक्षण करने का होगा। इसके बाद उन्नत तकनीक का उपयोग करके भू-रासायनिक सर्वेक्षण शुरू होगा। सर्वेक्षणों को आने वाले दिनों में गुरुत्वाकर्षण चुंबकीय और मैग्नेटो-टेल्यूरिक (एमटी) सर्वेक्षणों के साथ पूरा किया जाएगा।
- गौरतलब है कि बिहार के कुछ हिस्सों में पहले भी तेल भंडार की खोज की जा चुकी है, लेकिन कोई व्यावसायिक सफलता हाथ नहीं लगी थी। हालाँकि, इसने आगे की खोज के लिये मूल्यवान भूवैज्ञानिक जानकारी जुटाने में मदद की थी।
राजस्थान Switch to English
एनीमियामुक्त राजस्थान के लिये ‘शक्ति दिवस’
चर्चा में क्यों?
6 जून, 2022 को राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के शासन सचिव डॉ. पृथ्वी ने बताया कि राजस्थान को एनीमियामुक्त करने के लिये चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग अन्य विभागों के साथ मिलकर हर माह के प्रथम मंगलवार को ‘शक्ति दिवस’ के रूप में आयोजित करेगा।
प्रमुख बिंदु
- इस अभियान के तहत बच्चों, महिलाओं व किशोरियों में एनीमिया की दर कम करने के लिये विभिन्न गतिविधियाँ आयोजित की जाएंगी ।
- ‘शक्ति दिवस’ आंगनबाड़ी केंद्रों, राजकीय विद्यालयों, हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर, उपस्वास्थ्य केंद्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, सीएचसी, डिस्पेंसरी, उपज़िला तथा ज़िला अस्पताल में आयोजित किया जाएगा।
- एनीमिया की स्क्रीनिंग, हीमोग्लोबिन की जाँच व एनीमिया का उपचार, आयरन की टेबलेट्स का वितरण, एनीमिया संबंधी जागरूकता तथा व्यवहार परिवर्तन हेतु गतिविधियाँ ‘शक्ति दिवस’ पर आयोजित की आंगनबाड़ी।
- ‘शक्ति दिवस’ पर आंगनबाड़ी केंद्रों एवं चिकित्सा संस्थानों में 6 माह से 59 माह तक के बच्चों, 5 से 9 वर्ष तक के विद्यालय नहीं जाने वाले बच्चों, 10 से 19 वर्ष की किशोरी बालिकाओं, 20 से 24 वर्ष की विवाहित महिलाओं, गर्भवती महिलाओं तथा धात्री माताओं में एनीमियामुक्ति के लिये विभिन्न गतिविधियाँ आयोजित की जाएंगी।
- इसी प्रकार राजकीय विद्यालयों में अवकाश समाप्ति पर कक्षा 1 से 12वीं तक के बच्चों में एनीमियामुक्ति के लिये विभिन्न गतिविधियाँ आयोजित की जाएंगी।
छत्तीसगढ़ Switch to English
मुख्यमंत्री ने कांकेरवासियों को दी ‘हमर लैब’ की सौगात
चर्चा में क्यों?
6 जून, 2022 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने प्रदेशव्यापी भेंट-मुलाकात कार्यक्रम के दौरान कांकेर ज़िले के कमलदेव ज़िला चिकित्सालय में अत्याधुनिक इंटीग्रेटेड ‘हमर लैब’ का लोकार्पण किया।
प्रमुख बिंदु
- ‘हमर लैब’ अत्याधुनिक उपकरणों के साथ एक इंटीग्रेटेड हेल्थ लैब है। यहाँ जाँच से संबंधित सभी संसाधनों का उपयोग एक स्थान पर करते हुए गुणवत्तापूर्ण जाँच सेवाएँ मरीजों को उपलब्ध कराई जाएंगी। इससे मरीजों को बाहर महँगे दरों पर जाँच की समस्या से भी राहत मिलेगी।
- अब एक ही छत के नीचे मरीजों को अलग-अलग 120 प्रकार के स्वास्थ्य जाँच की सुविधा मिलेगी। इनमें कैंसर और टीबी जैसी बीमारियों की जाँच भी शामिल है।
- ‘हमर लैब’ में हेमेटोलॉजी से संबंधित 15 प्रकार की जाँच, क्लीनिकल पैथोलॉजी से संबंधित 39 प्रकार की जाँच, बायोकेमेस्ट्री से संबंधित 42 प्रकार की जाँच, सिरोलॉजी से संबंधित 8 प्रकार की जाँच, माइक्रोबॉयलोजी से संबंधित 10 प्रकार की जाँच के साथ ही हिस्टोपैथोलॉजी व सायटोलॉजी से संबंधित 6 प्रकार की जाँच की सुविधाएँ मिलेंगी।
- इसके अलावा मुख्यमंत्री ने कांकेर ज़िला मुख्यालय के अलबेलापारा स्थित मातृ एवं शिशु रोग अस्पताल का शुभारंभ किया। इससे पूर्व यहाँ आदर्श महिला महाविद्यालय संचालित किया जा रहा था। कोरोनाकाल में इसे कोविड-19 अस्पताल में परिवर्तित किया गया था, जिसके पश्चात् ज़िला चिकित्सालय कांकेर में संचालित मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य अस्पताल को यहाँ स्थानांतरित किया गया है।
छत्तीसगढ़ Switch to English
सहकारी शक्कर कारखाना पंडरिया और राम्हेपुर ने रिकवरी दर में राष्ट्रीय स्तर पर रचा नया कीर्तिमान
चर्चा में क्यों?
हाल ही में छत्तीसगढ़ के कबीरधाम ज़िले में स्थापित दो सहकारी शक्कर कारखानों लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल सहकारी शक्कर कारखाना मर्यादित पंडरिया और भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना राम्हेपुर, कवर्धा ने रिकवरी दर में राष्ट्रीय स्तर पर क्रमश: पहले और दूसरे स्थान पर रहते हुए नया कीर्तिमान रचा है।
प्रमुख बिंदु
- दोनों ही कारखानों ने देश के सभी सहकारी शक्कर कारखानों को रिकवरी के मामले में पीछे छोड़ दिया है। लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल सहकारी शक्कर कारखाना मर्यादित पंडरिया पेराई सत्र 2021-22 में 13.12 प्रतिशत रिकवरी के साथ पूरे देश में पहले नंबर पर तथा भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना राम्हेपुर, कवर्धा 11.8 प्रतिशत रिकवरी के साथ पूरे देश में दूसरे नंबर पर रहा।
- रिकवरी दर अधिक होने से ज़िले के 18 हज़ार 497 किसानों को 53.83 करोड़ रुपए की अतिरिक्त राशि प्राप्त होगी। इससे वित्तीय वर्ष में किसानों को 280.7 करोड़ रुपए का भुगतान किया जाएगा।
- इन किसानों को रिकवरी दर पर 53.83 करोड़ रुपए की अतिरिक्त राशि प्राप्त होगी, साथ ही किसानों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत 50.58 करोड़ रुपए का लाभ मिलेगा।
- लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल सहकारी शक्कर कारखाना मर्यादित पंडरिया में पेराई सत्र 2021-22 में किसानों से 29 लाख 5 हज़ार 338 मीट्रिक टन गन्ने की खरीदी की गई। वहीं भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना राम्हेपुर, कवर्धा में किसानों से 34 लाख 5 हज़ार 3 मीट्रिक टन गन्ने की खरीद की गई है।
- गौरतलब है कि गन्ने की दर एफआरपी से तय होती है, जिसमें न्यूनतम 9.50 प्रतिशत रिकवरी या उससे कम पर 275.50 रुपए प्रति क्विंटल दर से दिया जाता है। 9.50 प्रतिशत से अधिक रिकवरी आने पर प्रति 0.1 प्रतिशत पर 2.90 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ता जाता है।
उत्तराखंड Switch to English
भारत ने अपना पहला लिक्विड मिरर टेलीस्कोप चालू किया
चर्चा में क्यों?
हाल ही में उत्तराखंड के नैनीताल में स्थित देवस्थल वेधशाला परिसर में भारत ने अपना पहला ‘लिक्विड मिरर टेलीस्कोप’ इंटरनेशनल लिक्विड मिरर टेलीस्कोप (ILMT) शुरू किया है।
प्रमुख बिंदु
- यह एशिया का सबसे बड़ा इंटरनेशनल लिक्विड मिरर टेलीस्कोप (ILMT) है, जिसे समुद्र तल से 2,450 मीटर की ऊँचाई पर स्थापित किया गया है।
- इस टेलीस्कोप को नैनीताल के आर्यभट्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ ऑब्जर्वेशनल साइंसेज (ARIES) के स्वामित्व वाले देवस्थल वेधशाला परिसर में स्थापित किया गया है।
- खगोल विज्ञान अनुसंधान के लिये विकसित किया गया यह दुनिया का पहला लिक्विड-मिरर टेलीस्कोप है। यह दुनिया में कहीं भी चालू होने वाला अपनी तरह का अकेला टेलीस्कोप है।
- इस टेलीस्कोप का उपयोग दुनिया के किनारे पर मौज़ूद आकाशगंगाओं और अन्य खगोलीय तत्त्वों का निरीक्षण करने के लिये किया जाएगा।
- इस टेलीस्कोप को बेल्जियम, कनाडा, पोलैंड और उज्बेकिस्तान के सहयोग से भारत द्वारा स्थापित किया गया है। इसे बेल्जियम में एडवांस्ड मेकैनिकल एंड ऑप्टिकल सिस्टम्स कॉर्पोरेशन और सेंटर स्पैटियल डी लीज में डिजाइन किया गया और बनाया गया था।
- पारंपरिक दूरबीनों में एकल या घुमावदार सतहों के संयोजन के साथ पॉलिश किये गए काँच के दर्पण होते हैं और विशिष्ट रातों में विशेष खगोलीय पिंडों का निरीक्षण करने के लिये उपयोग किये जाते हैं, जबकि तरल दर्पण दूरबीन (लिक्विड मिरर टेलीस्कोप) परावर्तक तरल पदार्थों, जैसे- मरकरी से बनी होती हैं और सितारों, आकाशगंगाओं, सुपरनोवा विस्फोटों, क्षुद्रग्रहों से लेकर अंतरिक्ष मलबे तक सभी संभावित खगोलीय पिंडों को कैप्चर करते हुए आकाश की एक पट्टी का अवलोकन करता है।
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