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मात्स्यिकी महाविद्यालय कबीरधाम का नामकरण पद्मश्री स्वर्गीय पुनाराम निषाद के नाम पर
चर्चा में क्यों?
6 मई, 2022 को छत्तीसगढ़ शासन द्वारा मात्स्यिकी महाविद्यालय कबीरधाम का नामकरण पद्मश्री स्वर्गीय पुनाराम निषाद के नाम पर पर किये जाने का आदेश जारी कर दिया गया।
प्रमुख बिंदु
- मात्स्यिकी महाविद्यालय कबीरधाम अब स्वर्गीय पुनाराम निषाद मात्स्यिकी महाविद्यालय के नाम से जाना जाएगा।
- उल्लेखनीय है कि नवीन मछली नीति निर्माण कमेटी द्वारा सर्वसम्मति से मात्स्यिकी महाविद्यालय कबीरधाम का नामकरण पद्मश्री स्वर्गीय पुनाराम निषाद के नाम पर करने हेतु शासन को प्रस्ताव भेजा गया था।
- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सहमति के उपरांत राज्य शासन द्वारा मात्स्यिकी महाविद्यालय कबीरधाम का नामकरण पद्मश्री स्वर्गीय पुनाराम निषाद के नाम पर किया गया है।
- उल्लेखनीय है कि मात्स्यिकी महाविद्यालय कबीरधाम छत्तीसगढ़ का एकमात्र मात्स्यिकी महाविद्यालय है, जिसका लोकार्पण 8 जुलाई, 2018 को छत्तीसगढ़ के तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह ने किया था।
- गौरतलब है कि पद्मश्री स्वर्गीय पुनाराम निषाद छत्तीसगढ़ में महाभारत कथा गायन की लोकप्रिय विधा ‘पंडवानी’ के वेदमती शैली के लोकप्रिय गायक थे। अपनी विलक्षण प्रतिभा के बल पर उन्होंने ‘पंडवानी’ को देश-विदेश में लोकप्रिय बनाया।
- उनकी कला को देखते हुए वर्ष 1974 में भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने उन्हें ताम्र-पत्र से नवाज़ा था। ‘पंडवानी’ गायन के लिये भारत सरकार ने वर्ष 2005 में उन्हें पद्मश्री प्रदान किया था।
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