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उत्तर प्रदेश स्टेट पी.सी.एस.

  • 07 Apr 2023
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‘अटल बिहारी वाजपेयी पावरलूम विद्युत फ्लैट रेट योजना’

चर्चा में क्यों?

5 अप्रैल, 2023 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में राज्य की ‘अटल बिहारी वाजपेयी पावरलूम विद्युत फ्लैट रेट योजना’ को मंजूरी दी गई। इस योजना पर 400 करोड़ रुपए का खर्च आएगा।

प्रमुख बिंदु 

  • ‘अटल बिहारी वाजपेयी पावरलूम विद्युत फ्लैट रेट योजना’के तहत सरकार ने प्रदेश के पावरलूम बुनकरों को बड़ी राहत देते हुए बिजली बिल पर फ्लैट रेट की सुविधा दी है। शहरों में पाँच किलोवाट कनेक्शन वाले पावरलूम कनेक्शन धारकों को आधे हार्स पावर पर 400 और एक हार्स पावर पर 800 रुपए देना होगा। गाँवों में यह क्रमशः 300 और 600 रुपए होगा।
  • इस योजना का लाभ एक अप्रैल 2023 से दिया जाएगा। वहीं, हथकरघा पर 80 और पावरलूम लगाने पर 60 फीसदी तक अनुदान मिलेगा।
  • पाँच किलोवाट अधिक भार वाले पावरलूम कनेक्शन-धारकों को 700 रुपए प्रति हार्स पावर, अधिकतम 9100 रुपए हर माह अनुदान दिया जाएगा। इस अनुदान को बिल में कम कर दिया जाएगा।
  • वहीं, सूक्ष्म, लघु उद्यम निर्यात प्रोत्साहन तथा खादी ग्रामोद्योग हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग विभाग की ओर से लाए गए प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी दी। बेरोज़गार को रोज़गार से जोड़ने के लिये ‘झलकारी बाई कोरी हथकरघा एवं पावरलूम विकास योजना’ शुरू की गई है। बुनकरों को हथकरघा के दो अनुमानित मूल्यों पर 50 हज़ार रुपए और 80 हज़ार रुपए का अनुदान दिया जाएगा।
  • निजी क्षेत्र में कर्मचारियों को बोनस नहीं देने वाले नियोक्ता को अब जेल नहीं होगी। इस प्रस्ताव के तहत बोनस संदाय अधिनियम-1965 में संशोधन को मंजूरी देते हुए छह माह तक सजा के प्रावधान को समाप्त कर दिया गया है।
  • नए प्रावधान के तहत जुर्माने की राशि जो एक हज़ार रुपए थी, उसे बढ़ाकर दस हजार रुपए कर दिया गया है। इसमें भी शमन की व्यवस्था दी गई है।
  • विदित है कि अब तक कर्मचारियों को बोनस नहीं देने पर नियोक्ता को छह माह की सजा या 1000 रुपए जुर्माना अथवा सजा व जुर्माना दोनों लगाए जाने का प्रावधान था।


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मुलायम सिंह यादव मरणोपरांत पद्म विभूषण से सम्मानित

चर्चा में क्यों?

5 अप्रैल, 2023 को नई दिल्ली के राष्ट्रपति भवन में आयोजित पद्म पुरस्कार (द्वितीय संस्करण) में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उत्तर प्रदेश के समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव को मरणोपरांत (Posthumously) पद्म विभूषण से सम्मानित किया। उनकी तरफ से यह सम्मान उनके बेटे अखिलेश यादव ने ग्रहण किया।

प्रमुख बिंदु 

  • विदित है कि मुलायम सिंह यादव का लंबी बीमारी के बाद पिछले साल अक्टूबर में निधन हो गया था। मुलायम सिंह उस वक्त मैनपुरी सीट से लोकसभा सांसद थे। यह सीट रिक्त होने के बाद कराए गए चुनाव में उनकी बहू डिंपल यादव निर्वाचित होकर लोकसभा पहुँची हैं।
  • उल्लेखनीय है कि मुलायम सिंह यादव का राजनीतिक करियर काफी लंबा रहा। वह उत्तर प्रदेश के तीन बार सीएम और नौ बार विधायक रहे। अपने राजनीतिक जीवन में उन्हें रक्षा मंत्रालय जैसी अहम जिम्मेदारी भी मिली थी।
  • 2023 में मुलायम सिंह यादव के अलावा कर्नाटक के पूर्व सीएम एसएम कृष्णा, मणिपुर में बीजेपी के अध्यक्ष थौनाओजम चौबा सिंह और त्रिपुरा के दिवंगत नेता नरेंद्र चंद्र देबबर्मा को भी पद्म विभूषण दिया गया है।
  • विदित है कि गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या को पद्म पुस्कार विजेताओं के नामों की घोषणा हुई थी। उनमें से एक नाम उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम दिवंगत मुलायम सिंह यादव का भी था।
  • गौरतलब है कि पद्म विभूषण सम्मान भारत सरकार की ओर से दिये जाने वाला दूसरा उच्च नागरिक सम्मान है। इस साल कुल 106 लोगों को पद्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया है, जिनमें 6 पद्म विभूषण, 9 पद्म भूषण और 91 पद्म श्री सम्मान शामिल हैं।


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