प्रयागराज शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 29 जुलाई से शुरू
  संपर्क करें
ध्यान दें:

छत्तीसगढ स्टेट पी.सी.एस.

  • 07 Apr 2023
  • 0 min read
  • Switch Date:  
छत्तीसगढ़ Switch to English

ग्रामीण एवं कुटीर उद्योग नीति-2022

चर्चा में क्यों?

5 अप्रैल, 2023 छत्तीसगढ़ जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार राज्य सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे-छोटे कुटीर उद्योगों के माध्यम से ग्रामीणों को रोज़गार प्रदान कर उनकी आमदनी को बढ़ाने के उद्देश्य से ग्रामीण एवं कुटीर उद्योग नीति-2022 लागू की गई है।

प्रमुख बिंदु 

  • विदित है कि छत्तीसगढ़ में लागू नवीन औद्योगिक नीति, सिंगल विंडो सिस्टम, कच्चे माल की पर्याप्त उपलब्धता के परिणमास्वरूप राज्य में औद्योगिक विकास को गति मिली है। इसी दिशा में राज्य सरकार द्वारा एक कदम और आगे बढ़ाते हुए ग्रामीण एवं कुटीर उद्योग नीति-2022 लागू की गई है।
  • मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर निर्मित छत्तीसगढ़ की नई औद्योगिक नीति 2019-24 निवेशकों को आकर्षित करने में सफल रही है। पिछले चार वर्षों में 2218 नवीन उद्योग स्थापित हुए जिनमें 21 हज़ार 457 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश हुआ है और 40 हज़ार से अधिक लोगों को रोज़गार प्राप्त हुआ है।
  • राज्य में ग्रामीण एवं कुटीर उद्योग को प्रोत्साहन देने के तहत 600 करोड़ रुपए की लागत से 300 रूरल इंडस्ट्रीयल पार्क की स्थापना को स्वीकृति दी गई है। साथ ही 5 वर्षों के भीतर प्रत्येक ग्राम पंचायत में एक ग्रामीण औद्योगिक पार्क बनाए जाने का लक्ष्य रखा गया है।
  • इस नीति में छोटे निवेशकों को सेवा क्षेत्र में उद्यम के लिये प्रोत्साहित किया जा रहा है। ऐसे विकासखंडों जिनमें पारंपरिक रूप से ग्रामीण एवं कुटीर उद्योग प्रचलित है, उन्हें उच्च प्राथमिकता विकासखंड के रूप में वर्गीकृत कर सामान्य से अधिक अनुदान प्रदान किये जा रहे हैं।
  • इस नीति के अंतर्गत अनुदान प्राप्त करने के लिये यह आवश्यक नहीं कि इकाई ग्रामीण क्षेत्र में ही स्थापित हो। ग्रामीण क्षेत्रों की भाँति ही शहरी क्षेत्रों में अर्बन इंडस्ट्रीयल पार्क की स्थापना का कार्य भी किया जा रहा है।
  • राज्य की पारंपरिक कलाओं जैसे हैंडलूम वीविंग, मधुमक्खी पालन, लाख, जड़ी बुटी संग्रहण, बेल मेटल, ढोकरा शिल्प, बाँस शिल्प, गोबर एवं गौ मूत्र से बने उत्पाद, वनोपज से बने उत्पाद, अगरबत्ती, मोमबत्ती निर्माण, सिलाई, बुनाई इत्यादि को उच्च प्राथमिकता एवं प्राथमिकता निर्धारित कर विशेष प्रोत्साहन प्रदान किये जा रहे हैं।
  • इस नीति के तहत महिलाओं, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति को 10 प्रतिशत अतिरिक्त प्रोत्साहन दिये जाने का प्रावधान है। आईटीआई, पॉलिटेक्निक आदि में ग्रामीण एवं कुटीर उद्योग के लिये उपयुक्त प्रौद्योगिकी तथा भविष्य के लिये उपयुक्त प्रौद्योगिकी में प्रशिक्षण देने की व्यवस्था की जाएगी।

 Switch to English
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow