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स्टेट पी.सी.एस.

  • 07 Apr 2023
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उत्तर प्रदेश Switch to English

‘अटल बिहारी वाजपेयी पावरलूम विद्युत फ्लैट रेट योजना’

चर्चा में क्यों?

5 अप्रैल, 2023 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में राज्य की ‘अटल बिहारी वाजपेयी पावरलूम विद्युत फ्लैट रेट योजना’ को मंजूरी दी गई। इस योजना पर 400 करोड़ रुपए का खर्च आएगा।

प्रमुख बिंदु 

  • ‘अटल बिहारी वाजपेयी पावरलूम विद्युत फ्लैट रेट योजना’के तहत सरकार ने प्रदेश के पावरलूम बुनकरों को बड़ी राहत देते हुए बिजली बिल पर फ्लैट रेट की सुविधा दी है। शहरों में पाँच किलोवाट कनेक्शन वाले पावरलूम कनेक्शन धारकों को आधे हार्स पावर पर 400 और एक हार्स पावर पर 800 रुपए देना होगा। गाँवों में यह क्रमशः 300 और 600 रुपए होगा।
  • इस योजना का लाभ एक अप्रैल 2023 से दिया जाएगा। वहीं, हथकरघा पर 80 और पावरलूम लगाने पर 60 फीसदी तक अनुदान मिलेगा।
  • पाँच किलोवाट अधिक भार वाले पावरलूम कनेक्शन-धारकों को 700 रुपए प्रति हार्स पावर, अधिकतम 9100 रुपए हर माह अनुदान दिया जाएगा। इस अनुदान को बिल में कम कर दिया जाएगा।
  • वहीं, सूक्ष्म, लघु उद्यम निर्यात प्रोत्साहन तथा खादी ग्रामोद्योग हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग विभाग की ओर से लाए गए प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी दी। बेरोज़गार को रोज़गार से जोड़ने के लिये ‘झलकारी बाई कोरी हथकरघा एवं पावरलूम विकास योजना’ शुरू की गई है। बुनकरों को हथकरघा के दो अनुमानित मूल्यों पर 50 हज़ार रुपए और 80 हज़ार रुपए का अनुदान दिया जाएगा।
  • निजी क्षेत्र में कर्मचारियों को बोनस नहीं देने वाले नियोक्ता को अब जेल नहीं होगी। इस प्रस्ताव के तहत बोनस संदाय अधिनियम-1965 में संशोधन को मंजूरी देते हुए छह माह तक सजा के प्रावधान को समाप्त कर दिया गया है।
  • नए प्रावधान के तहत जुर्माने की राशि जो एक हज़ार रुपए थी, उसे बढ़ाकर दस हजार रुपए कर दिया गया है। इसमें भी शमन की व्यवस्था दी गई है।
  • विदित है कि अब तक कर्मचारियों को बोनस नहीं देने पर नियोक्ता को छह माह की सजा या 1000 रुपए जुर्माना अथवा सजा व जुर्माना दोनों लगाए जाने का प्रावधान था।


उत्तर प्रदेश Switch to English

मुलायम सिंह यादव मरणोपरांत पद्म विभूषण से सम्मानित

चर्चा में क्यों?

5 अप्रैल, 2023 को नई दिल्ली के राष्ट्रपति भवन में आयोजित पद्म पुरस्कार (द्वितीय संस्करण) में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उत्तर प्रदेश के समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव को मरणोपरांत (Posthumously) पद्म विभूषण से सम्मानित किया। उनकी तरफ से यह सम्मान उनके बेटे अखिलेश यादव ने ग्रहण किया।

प्रमुख बिंदु 

  • विदित है कि मुलायम सिंह यादव का लंबी बीमारी के बाद पिछले साल अक्टूबर में निधन हो गया था। मुलायम सिंह उस वक्त मैनपुरी सीट से लोकसभा सांसद थे। यह सीट रिक्त होने के बाद कराए गए चुनाव में उनकी बहू डिंपल यादव निर्वाचित होकर लोकसभा पहुँची हैं।
  • उल्लेखनीय है कि मुलायम सिंह यादव का राजनीतिक करियर काफी लंबा रहा। वह उत्तर प्रदेश के तीन बार सीएम और नौ बार विधायक रहे। अपने राजनीतिक जीवन में उन्हें रक्षा मंत्रालय जैसी अहम जिम्मेदारी भी मिली थी।
  • 2023 में मुलायम सिंह यादव के अलावा कर्नाटक के पूर्व सीएम एसएम कृष्णा, मणिपुर में बीजेपी के अध्यक्ष थौनाओजम चौबा सिंह और त्रिपुरा के दिवंगत नेता नरेंद्र चंद्र देबबर्मा को भी पद्म विभूषण दिया गया है।
  • विदित है कि गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या को पद्म पुस्कार विजेताओं के नामों की घोषणा हुई थी। उनमें से एक नाम उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम दिवंगत मुलायम सिंह यादव का भी था।
  • गौरतलब है कि पद्म विभूषण सम्मान भारत सरकार की ओर से दिये जाने वाला दूसरा उच्च नागरिक सम्मान है। इस साल कुल 106 लोगों को पद्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया है, जिनमें 6 पद्म विभूषण, 9 पद्म भूषण और 91 पद्म श्री सम्मान शामिल हैं।


बिहार Switch to English

सुपर 30 के संचालक आनंद कुमार को मिला पद्म श्री पुरस्कार

चर्चा में क्यों?

5 अप्रैल, 2023 को नई दिल्ली के राष्ट्रपति भवन में आयोजित पद्म पुरस्कार (द्वितीय संस्करण) में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बिहार के प्रसिद्ध संस्थान सुपर-30 के संचालक आनंद कुमार को पद्म पुरस्कार से सम्मानित किया।

प्रमुख बिंदु 

  • उल्लेखनीय है कि आनंद कुमार प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी के लिये प्रसिद्ध संस्थान सुपर-30 के संचालक हैं। उन्हें शिक्षा के क्षेत्र में अतुलनीय कार्य करने के लिये यह पुरस्कार प्रदान किया गया है।
  • पद्म पुरस्कार देश के सर्वोच्च सम्मानों में से एक है। इस साल कुल 106 लोगों को पद्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया है, जिनमें 6 पद्म विभूषण, 9 पद्म भूषण और 91 पद्म श्री सम्मान शामिल हैं।
  • इस अवसर पर आनंद कुमार ने कहा कि पद्म पुरस्कार मिलने के बाद उनकी जिम्मेदारी बढ़ी है। दूसरे राज्यों के छात्रों को शामिल करने के लिये सुपर 30 कार्यक्रम का और विस्तार करना चाहते हैं और इस साल के आखिर तक ऑनलाइन शिक्षा भी शुरू करना चाहते हैं।


राजस्थान Switch to English

प्रदेश की चार हस्तियाँ को पद्म श्री से सम्मानित

चर्चा में क्यों?

5 अप्रैल, 2023 को नई दिल्ली के राष्ट्रपति भवन में आयोजित पद्म पुरस्कार (द्वितीय संस्करण) में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राजस्थान की चार हस्तियों को पद्मश्री से सम्मानित किया।

प्रमुख बिंदु 

  • पद्म पुरस्कार के दूसरे संस्करण में सामाजिक कार्य, सार्वजनिक जीवन, विज्ञान, अभियांत्रिकी, व्यापार, उद्योग, मेडिसिन साहित्य, शिक्षा, खेल, सिविल सेवा और कला के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाली नामचीन हस्तियों को देश के सर्वश्रेष्ठ नागरिक पुरस्कारों पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री से सम्मानित किया गया।
  • उल्लेखनीय है कि 25 जनवरी, 2023 को इन पुरस्कारों के विजेताओं के नामों की घोषणा की गई थी। उन विजेताओं को गत 22 मार्च को राष्ट्रपति भवन में आयोजित पद्म पुरस्कार सम्मान समारोह के पहले संस्करण में पुरस्कार प्रदान किये गए थे। शेष बचे हुए पुरस्कार विजेताओं को अब राष्ट्रपति ने पद्म पुरस्कारों से सम्मानित किया।
  • प्रदेश के पुरस्कार प्राप्त करने वालों में गज़ल गायकी और शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिये अहमद हुसैन और मोहम्मद हुसैन को, सामाजिक कार्य के लिये डूंगरपुर के सामाजिक कार्यकर्त्ता मूलचंद लोढ़ा को और सामाजिक क्षेत्र में ही उत्कृष्ट कार्य हेतु जयपुर के लक्ष्मण सिंह लापोडिया शामिल हैं।
  • डूंगरपुर ज़िला के आदिवासी बहुल बांगड़ इलाके से ताल्लुक रखने वाले मूलचंद लोढ़ा आदिवासियों के उत्थान के लिये जागरण जन सेवा मंडल नामक संस्था चलाते हैं। मूलचंद लोढ़ा इस क्षेत्र के आदिवासी और पिछड़े इलाकों में चिकित्सा, शिक्षा और आदिवासियों के कल्याण के लिये पिछले 5 दशक से लगातार कार्य कर रहे हैं। इनके उत्कृष्ट कार्यों के लिये उन्हें वर्ष 2023 का पद्म श्री सम्मान दिया गया है।
  • गज़ल गायकी के उस्ताद अहमद हुसैन तथा मोहम्मद हुसैन बंधुओं का पहला एल्बम गुलदस्ता 1980 में रिलीज हुआ था और अभी तक इनके 50 से ज्यादा एल्बम आ चुके हैं। वर्ष 2000 में इनको संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है।
  • हुसैन बंधुओं ने पूरी दुनिया में गज़ल और शास्त्रीय संगीत के चैरिटी शो करके समाज सेवा में भी काफी योगदान दिया है।
  • लक्ष्मण सिंह लापोडिया को भी राष्ट्रपति द्वारा पद्म पुरस्कार सम्मान समारोह के पहले संस्करण के दौरान 22 मार्च को पद्म श्री से सम्मानित किया जा चुका है।
  • उन्होंने जयपुर ज़िले में जल संरक्षण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य किया है। जल संरक्षण के लिये परंपरागत चौका पद्धति से 5 लाख वर्ग मीटर ज़मीन को सिंचित और उपजाऊ बनाया है। इलाके के करीब 100 गाँवों में जल संरक्षण के लिये उन्होंने उल्लेखनीय कार्य किये हैं।


राजस्थान Switch to English

राज्य सरकार और फ्राँस डेवलपमेंट एजेंसी के मध्य हुआ समझौता

चर्चा में क्यों?

5 अप्रैल, 2023 को जयपुर में शासन सचिवालय में आयोजित बैठक में राज्य की मुख्य सचिव उषा शर्मा ने बताया कि राज्य सरकार और फ्राँस डेवलपमेंट एजेंसी के मध्य समझौता हुआ है, जिसमें फ्राँस डेवलपमेंट एजेंसी के सहयोग से क्रियान्वित होने वाली ‘राजस्थान वानिकी एवं जैव विविधता विकास परियोजना’ के अंतर्गत वृहद् स्तर पर वृक्षारोपण किया जाएगा, जिससे प्रदेश के हरित क्षेत्र में वृद्धि होगी।

प्रमुख बिंदु 

  • इस अवसर पर राज्य के प्रधान मुख्य वन संरक्षक डॉ. डी.एन. पाण्डेय एवं फ्राँस डेवलपमेंट एजेंसी के भारत में कंट्री डायरेक्टर बोसले ब्रूनो ने समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं।   
  • ‘राजस्थान वानिकी एवं जैव विविधता विकास परियोजना’ से प्रदेश के वानिकी एवं जैव विविधता क्षेत्र में एक नए दौर की शुरूआत होगी। इसके लिये फ्राँस डेवलपमेंट एजेंसी को आश्वस्त किया कि राज्य सरकार परियोजना में गुणवत्ता सुनिश्चित करते हुए सभी लक्ष्यों को निर्धारित समय में प्राप्त करेगी।
  • वन विभाग की इस महत्त्वाकांक्षी परियोजना के अंतर्गत आगामी 8 वर्ष में 13 ज़िलों में 1693.91 करोड़ रुपए व्यय होंगे, जिसका 70 प्रतिशत अंश (1185.28 करोड़ रुपए) फ्राँस डेवलपमेंट एजेंसी एवं 30 प्रतिशत अंश (508.62 करोड़ रुपए) राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।
  • परियोजना निदेशक मुनीश कुमार गर्ग ने बताया कि राज्य के भरतपुर, कोटा, टोंक के साथ अलवर, बारां ,भीलवाड़ा, बूंदी, दौसा, धौलपुर, जयपुर, झालावाड़, करौली एवं सवाई माधोपुर ज़िलों में परियोजना के तहत विविध कार्य करवाए जाएंगे। 55000 हैक्टेयर क्षेत्र में वृक्षारोपण के साथ ही वन विभाग के अधिकृत क्षेत्रों के अतिरिक्त बाहरी क्षेत्रों में भी 55 लाख पौधों का वितरण किया जाएगा।
  • भरतपुर के केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान, बीसलपुर, टोंक व कोटा के कन्जर्वेशन रिजर्व, कोटा के भैंसरोडगढ़ सैंक्चुअरी व बूंदी की रामगढ़ विषधारी सैंक्चुअरी एवं मुकुंदरा हिल्स टाईगर रिजर्व में जीवों के निर्बाध जीवन के अनुकूल वातावरण बनाने के लिये व्यापक विकास कार्य किये जाएंगे। वन क्षेत्रों में लगभग 610 किलोमीटर की सीमाओं को पक्की दीवार से सुरक्षित किया जाएगा। 


मध्य प्रदेश Switch to English

राष्ट्रपति ने मध्य प्रदेश की तीन विभूतियों को पद्म श्री पुरस्कार प्रदान किया

चर्चा में क्यों?

5 अप्रैल, 2023 को नई दिल्ली के राष्ट्रपति भवन में आयोजित पद्म पुरस्कार (द्वितीय संस्करण) में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने मध्य प्रदेश की तीन विभूतियों को वर्ष 2023 के पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया।

प्रमुख बिंदु 

  • विदित है कि राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल में नागरिक अलंकरण समारोह के दूसरे चरण में वर्ष 2023 के लिये 3 पद्म विभूषण, 5 पद्म भूषण और सैंतालिस पद्म श्री पुरस्कार प्रदान किये गए।
  • कला के क्षेत्र में रमेश परमार और श्रीमती शांति परमार तथा चिकित्सा के क्षेत्र में डॉ. मुनीश्वर चंद्र डावर को पद्मश्री से सम्मानित किया गया।
  • झाबुआ के कलाकार दंपत्ति रमेश परमार और श्रीमती शांति परमार पिछले 3 दशकों से झाबुआ की सुप्रसिद्ध जनजातीय गुड़िया और पारंपरिक जनजातीय परिधान के निर्माण में लगे हुए हैं।
  • जबलपुर के चिकित्सक डॉ. डावर किफायती इलाज़ से समाज के कमजोर वर्ग के लोगों की सेवा कर रहे हैं।


मध्य प्रदेश Switch to English

मुख्यमंत्री ने ‘हिरवार सूक्ष्म सिंचाई परियोजना’ का लोकार्पण किया

चर्चा में क्यों?

5 अप्रैल, 2023 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शहडोल ज़िले के ग्राम बहेरिया में 116 करोड़ 78 लाख रुपए लागत की ‘हिरवार सूक्ष्म सिंचाई परियोजना’ का लोकार्पण किया।

प्रमुख बिंदु 

  • इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि शहडोल ज़िले कि हिरवार सूक्ष्म सिंचाई परियोजना से 37 ग्रामों में किसानों की 7481 हेक्टेयर भूमि में सिंचाई सुविधा का विस्तार होगा, जिससे किसानों की जिंदगी बदलेगी और उनके खेत लहलहा उठेंगे।
  • इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने शहडोल ज़िले के ही ब्यौहारी में 327.51 करोड़ रुपए लागत की भन्नी वृहद् सूक्ष्म दबाव सिंचाई परियोजना का शिलान्यास किया।
  • मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार द्वारा किसानों के हित में अनेक योजनाएँ संचालित की जा रही हैं। किसानों के खेत तक पानी पहुँचाने के लिये बड़े पैमाने पर कार्य हो रहा है। प्रदेश में सिंचाई का रकबा निरंतर बढ़ रहा है।    

हरियाणा Switch to English

हरियाणा कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग, ग्रुप (ख) निदेशालय तथा क्षेत्रीय कार्यालय, सेवा नियम, 2023 को मंजूरी

चर्चा में क्यों?

5 अप्रैल, 2023 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में चंडीगढ़ में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा कौशल विकास तथा औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग, ग्रुप (ख) निदेशालय तथा क्षेत्रीय कार्यालय, सेवा नियम, 2023 को मंजूरी प्रदान की गई।

प्रमुख बिंदु 

  • नये नियमों में सहायक निदेशक (तकनीकी), वरिष्ठ शिक्षुता पर्यवेक्षक, प्रधानाचार्य, उप-प्रधानाचार्य के पद के लिये शैक्षणिक योग्यता इंजीनियरिंग में डिग्री निर्धारित की गई है।
  • विदित है कि वर्तमान में मौजूदा नियमों के अनुसार उपरोक्त पदों के लिये इंजीनियरिंग में डिप्लोमा/डिग्री निर्धारित योग्यता थी।
  • वित्त एवं योजना अधिकारी, प्रधानाचार्य (फुटवियर), प्रशिक्षण अधिकारी (बीटीसी) शिक्षुता तथा प्लेसमेंट अधिकारी के नये सृजित पदों को भरने हेतु नियमों में प्रावधान किया गया है तथा जो पद समाप्त हुए हैं या अपग्रेड हुए हैं, उन पदों को नियमों से हटाया गया है।
  • कंप्यूटर पर कार्य करने की प्रवीणता लाने के लिये कंप्यूटर एप्रीशिएशन एवं एप्लीकेशन में राज्य पात्रता परीक्षा (एसईटीसी) पास करने का प्रावधान किया गया है।

हरियाणा Switch to English

आयुष चिकित्सा प्रतिपूर्ति नीति का मसौदा तैयार

चर्चा में क्यों?

5 अप्रैल, 2023 को मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में चंडीगढ़ में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में सरकारी कर्मचारियों, पेंशनधारकों और उनके आश्रितों को बड़ी राहत देते हुए आयुष चिकित्सा प्रतिपूर्ति नीति के मसौदा को मंजूर किया गया।

प्रमुख बिंदु 

  • इस नीति का उद्देश्य राज्य सरकार के सभी लाभार्थियों तक अपनी पहुँच के माध्यम से आयुष प्रणाली का उत्थान करना है।
  • चूँकि इन लाभार्थियों में से अधिकांश आयुष चिकित्सा पद्धति के तहत अपना इलाज करवा रहे हैं, लेकिन सूचीबद्ध आयुष अस्पताल नहीं होने के कारण उन्हें अपने बिलों की प्रतिपूर्ति करवाने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा था। इन्हीं कठिनाइयों को देखते हुए आयुष चिकित्सा प्रतिपूर्ति नीति का मसौदा तैयार किया गया है।
  • इस नीति के अनुसार, सभी सरकारी आयुष संस्थान, निजी आयुष अस्पताल, जिनके पास एनएबीएच प्रमाणपत्र और प्रवेश स्तर के एनएबीएच प्रमाणपत्र हैं, उन्हें इस नीति के तहत सूचीबद्ध किया जाएगा। इससे आयुष निजी चिकित्सकों को बढ़ावा मिलेगा क्योंकि वे अपने अस्पतालों को सूचीबद्ध करवा सकते हैं।
  • हरियाणा सरकार के कर्मचारी, पेंशनभोगी और उनके आश्रित राज्य सरकार के तहत आयुष सूचीबद्ध अस्पतालों में पेसेंट के रूप में दाखिल होकर अपनी बीमारी का इलाज करा सकते हैं।
  • कुछ योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा पद्धतियों की पुरानी बीमारी के रोगियों के बाह्य उपचार के दौरान भी प्रतिपूर्ति की जाएगी क्योंकि योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा अस्पतालों में बाह्य रोगियों को उपचार कराने के लिये कोई दवा निर्धारित नहीं है।
  • निश्चित पैकेज दरों को आयुष की सभी धाराओं अर्थात आयुर्वेद (96 पैकेज), योग (27 पैकेज) और प्राकृतिक चिकित्सा (30 पैकेज), यूनानी (85 पैकेज), और सिद्ध (49 पैकेज) में परिभाषित किया गया है।
  • इस नीति के तहत सूचीबद्ध निजी अस्पताल कर्मचारियों से निश्चित पैकेज दरों पर शुल्क लेंगे, जिसकी प्रतिपूर्ति बाद में संबंधित विभाग को बिल जमा करने के बाद की जाएगी। कमरे का किराया भी कर्मचारी के मूल वेतन के अनुसार तय किया जाएगा, जो संबंधित अस्पताल द्वारा पात्रता के अनुसार लिया जाएगा और पूरी तरह से प्रतिपूर्ति योग्य होगा।
  • राज्य के सूचीबद्ध निजी अस्पतालों में आयुर्वेद, यूनानी और होम्योपैथी के माध्यम से इनडोर दाखिल होने के दौरान गैर-पैकेज उपचार के मामले में भी कमरे के किराए की पात्रता, प्रयोगशाला दरों और प्रवेश के दौरान दी गई दवाओं की लागत के बराबर प्रतिपूर्ति की जाएगी।
  • इस नीति के तहत दवाओं की प्रतिपूर्ति योग्य सूची भी तैयार की जाएगी, जो निजी आयुष सूचीबद्ध अस्पतालों में इनडोर प्रवेश के दौरान पूरी तरह से प्रतिपूर्ति योग्य होगी।  

छत्तीसगढ़ Switch to English

ग्रामीण एवं कुटीर उद्योग नीति-2022

चर्चा में क्यों?

5 अप्रैल, 2023 छत्तीसगढ़ जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार राज्य सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे-छोटे कुटीर उद्योगों के माध्यम से ग्रामीणों को रोज़गार प्रदान कर उनकी आमदनी को बढ़ाने के उद्देश्य से ग्रामीण एवं कुटीर उद्योग नीति-2022 लागू की गई है।

प्रमुख बिंदु 

  • विदित है कि छत्तीसगढ़ में लागू नवीन औद्योगिक नीति, सिंगल विंडो सिस्टम, कच्चे माल की पर्याप्त उपलब्धता के परिणमास्वरूप राज्य में औद्योगिक विकास को गति मिली है। इसी दिशा में राज्य सरकार द्वारा एक कदम और आगे बढ़ाते हुए ग्रामीण एवं कुटीर उद्योग नीति-2022 लागू की गई है।
  • मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर निर्मित छत्तीसगढ़ की नई औद्योगिक नीति 2019-24 निवेशकों को आकर्षित करने में सफल रही है। पिछले चार वर्षों में 2218 नवीन उद्योग स्थापित हुए जिनमें 21 हज़ार 457 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश हुआ है और 40 हज़ार से अधिक लोगों को रोज़गार प्राप्त हुआ है।
  • राज्य में ग्रामीण एवं कुटीर उद्योग को प्रोत्साहन देने के तहत 600 करोड़ रुपए की लागत से 300 रूरल इंडस्ट्रीयल पार्क की स्थापना को स्वीकृति दी गई है। साथ ही 5 वर्षों के भीतर प्रत्येक ग्राम पंचायत में एक ग्रामीण औद्योगिक पार्क बनाए जाने का लक्ष्य रखा गया है।
  • इस नीति में छोटे निवेशकों को सेवा क्षेत्र में उद्यम के लिये प्रोत्साहित किया जा रहा है। ऐसे विकासखंडों जिनमें पारंपरिक रूप से ग्रामीण एवं कुटीर उद्योग प्रचलित है, उन्हें उच्च प्राथमिकता विकासखंड के रूप में वर्गीकृत कर सामान्य से अधिक अनुदान प्रदान किये जा रहे हैं।
  • इस नीति के अंतर्गत अनुदान प्राप्त करने के लिये यह आवश्यक नहीं कि इकाई ग्रामीण क्षेत्र में ही स्थापित हो। ग्रामीण क्षेत्रों की भाँति ही शहरी क्षेत्रों में अर्बन इंडस्ट्रीयल पार्क की स्थापना का कार्य भी किया जा रहा है।
  • राज्य की पारंपरिक कलाओं जैसे हैंडलूम वीविंग, मधुमक्खी पालन, लाख, जड़ी बुटी संग्रहण, बेल मेटल, ढोकरा शिल्प, बाँस शिल्प, गोबर एवं गौ मूत्र से बने उत्पाद, वनोपज से बने उत्पाद, अगरबत्ती, मोमबत्ती निर्माण, सिलाई, बुनाई इत्यादि को उच्च प्राथमिकता एवं प्राथमिकता निर्धारित कर विशेष प्रोत्साहन प्रदान किये जा रहे हैं।
  • इस नीति के तहत महिलाओं, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति को 10 प्रतिशत अतिरिक्त प्रोत्साहन दिये जाने का प्रावधान है। आईटीआई, पॉलिटेक्निक आदि में ग्रामीण एवं कुटीर उद्योग के लिये उपयुक्त प्रौद्योगिकी तथा भविष्य के लिये उपयुक्त प्रौद्योगिकी में प्रशिक्षण देने की व्यवस्था की जाएगी।

उत्तराखंड Switch to English

लोक भाषाओं के लेखकों को हर साल मिलेगा ‘उत्तराखंड साहित्य गौरव सम्मान’

चर्चा में क्यों?

5 अप्रैल, 2023 को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून में आयोजित उत्तराखंड भाषा संस्थान की बैठक में घोषणा की कि इस साल राज्य सरकार की ओर से लोक भाषाओं व लोक साहित्य में कुमाऊँनी, गढ़वाली, राज्य की बोलियों व उपबोलियों, हिन्दी, पंजाबी, उर्दू में महाकाव्य, खंडकाव्य रचना, काव्य रचना और साहित्य व अन्य गद्य विधाओं के लिये ‘उत्तराखंड साहित्य गौरव सम्मान’दिया जाएगा।

प्रमुख बिंदु 

  • उल्लेखनीय है कि सचिवालय में वर्ष 2014 के बाद पहली बार मुख्यमंत्री धामी की अध्यक्षता में संस्थान की प्रबंध कार्यकारिणी सभा की बैठक हुई, जिसमें बताया गया कि लोक भाषाएँ व बोलियाँ राज्य की पहचान व गौरव हैं तथा आगामी मई में भव्य समारोह आयोजित कर उत्कृष्ट साहित्यकारों को सम्मानित किया जाएगा।
  • मुख्यमंत्री ने कहा कि धन अभाव के कारण अपनी पुस्तकों का प्रकाशन नहीं करा पाने वाले राज्य के रचनाकारों को भाषा संस्थान की ओर से आर्थिक सहायता के रूप में आंशिक अनुदान दिया जाएगा।
  • यह भाषा संस्थान की एक बहुआयामी योजना होगी, जिसमें शोध पत्रों का वाचन, भाषा संबंधी विचार विनिमय, साहित्यिक शोभा यात्रा, लोक भाषा सम्मेलन आदि कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे।
  • उन्होंने राज्य के प्रत्येक जनपद में राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय भाषा सम्मेलन आयोजन करने के तथा प्रत्येक जनपद के एक प्राथमिक विद्यालय में डिजिटल व ई-पुस्तकालय स्थापित करने के भी निर्देश दिये।
  • बैठक के दौरान राज्य में नेशनल बुक ट्रस्ट के साथ मिलकर पुस्तक मेले में साहित्यिक संगोष्ठियों के आयोजन की भी स्वीकृति दी गई।
  • बैठक में उत्तराखंड भाषा संस्थान की ओर से साहित्यिक व शोध पत्रिकाओं के प्रकाशन पर भी सहमति बनी। इसके साथ ही लोक भाषाओं के मानकीकरण के लिये कार्यशालाओं व प्रशिक्षण कार्यक्रमों के आयोजन की स्वीकृति दी गई।
  • राज्य में विभिन्न क्षेत्रों में गढ़वाली, कुमाऊँनी व जौनसारी बोलियों को बोलने वाले व लिखने वाले अलग-अलग हैं, जिनके लेखन में शब्दों का विभेद है। गढ़वाली एवं कुमाऊँनी बोली भाषा वर्तनी के मानकीकरण की आवश्यकता है। संस्थान की ओर से उत्तराखंड में जनपद व राज्य स्तरीय भाषायी प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी।


उत्तराखंड Switch to English

डिम्मर गाँव आदर्श संस्कृत ग्राम के रूप में चयनित

चर्चा में क्यों?

5 अप्रैल, 2023 को उत्तराखंड के देहरादून में शिक्षा एवं संस्कृत शिक्षा विभाग के सहायक निदेशक डॉ. चंडी प्रसाद घिल्डियाल ने बताया कि प्रदेश के संस्कृत निदेशालय ने राज्य के 13 ज़िलों में 13 आदर्श संस्कृत ग्राम बनाने का लक्ष्य रखा है, जिसके अंतर्गत चमोली ज़िले के डिम्मर गाँव का चयन किया गया है।

प्रमुख बिंदु 

  • डिम्मर गाँव में महिलाओं से लेकर बच्चों और बुजुर्गों को संस्कृत भाषा सिखाई जाएगी। इसके लिये गाँव में एक संस्कृत प्रशिक्षित व्यक्ति का चयन किया जाएगा, जो ग्रामीणों को संस्कृत भाषा बोलना सिखाएगा। इसके लिये उसे 12000 रुपए प्रतिमाह मानदेय भी दिया जाएगा।
  • विदित है कि कर्णप्रयाग-सिमली मोटर मार्ग पर कर्णप्रयाग से 7 किलोमीटर की दूरी पर डिम्मर गाँव स्थित है। 500 परिवारों के इस गाँव में लगभग 250 ब्राह्मण, 150 राजपूत और 100 अनुसूचित जाति के परिवार रहते हैं। डिम्मर गाँव के डिमरी ब्राह्मण बदरीनाथ धाम में पूजा-अर्चना का जिम्मा सँभालते हैं। साथ ही, वह माता मूर्ति से लेकर जोशीमठ नृसिंह मंदिर में भी पूजा का दायित्व सँभालते हैं।
  • बदरीनाथ धाम के गाडू घड़ा का संचालन भी डिम्मर गाँव से होता है। इसके अलावा बदरीनाथ धाम की तीर्थयात्रा संपन्न होने के बाद बदरीनाथ के रावल भी डिम्मर गाँव के लक्ष्मी नारायण मंदिर में पूजा के लिये पहुँचते हैं। इन सब धार्मिक कार्यक्रमों में अधिकाधिक संस्कृत का प्रयोग होता है। इसलिये इस योजना के तहत डिम्मर गाँव का चयन किया गया है।
  • इसके तहत अब गाँव के सभी वर्गों के लोगों को संस्कृत भाषा बोलना सिखाया जाएगा। साथ ही, गाँव में संस्कृत ग्राम शिक्षा समिति का गठन भी किया जाएगा। समिति की ओर से प्रतिमाह संस्कृत भाषा पर चर्चा की जाएगी। इसकी मानिटरिंग संस्कृत शिक्षा विभाग करेगा।
  • उल्लेखनीय है कि डिम्मर गाँव में वर्ष 1918 से संस्कृत महाविद्यालय का संचालन हो रहा है। पूर्व में डिमरी ब्राह्मणों की ओर से ही महाविद्यालय का संचालन किया जाता था। मौजूदा समय में महाविद्यालय को श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति की ओर से संचालित किया जाता है।
  • यहाँ कक्षा छह से आचार्य तक की कक्षाओं का संचालन होता है। डिमरी परिवारों ने महाविद्यालय के संचालन के लिये अपनी 30 नाली भूमि भी दान में दी थी और यहाँ एक छात्रावास भी है।
  • गौरतलब है कि संस्कृत देश की द्वितीय राजभाषा है। इसके प्रचार-प्रसार के लिये सभी को आगे आने की आवश्यकता है।  

उत्तराखंड Switch to English

हरिद्वार-ऋषिकेश के लिये री-डेवलपमेंट प्लान, दून में बनेगी कैपिटल सिटी

चर्चा में क्यों?

5 अप्रैल, 2023 को मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार धर्मनगरी हरिद्वार और योग नगरी ऋषिकेश की ऐतिहासिक विरासतों का संरक्षण करते हुए राज्य सरकार री-डेवलपमेंट प्लान ला रही है। वहीं, रायपुर में कैपिटल सिटी और जौलीग्रांट में एयरोसिटी निर्माण की प्रक्रिया भी आगे बढ़ने लगी है।

प्रमुख बिंदु 

  • मैकेंजी ग्लोबल ने हाल ही में इस बदलाव का प्रस्तुतिकरण भी दिया है। इसके तहत कृषि भूमि का अधिग्रहण कर उस पर ग्रीन फील्ड टाउनशिप विकसित करने की भी योजना है।
  • हरिद्वार में चार क्षेत्रों देवपुरा से भूपतवाला (दूधा धारी चौक), हर की पौड़ी और आसपास के 1.5 किमी. क्षेत्र, कनखल क्षेत्र में दक्ष मंदिर व सन्यास रोड और भूपतवाला से सप्तऋषि आश्रम में भारत माता मंदिर तक हेरिटेज मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है।
  • इसके तहत भारत माता मंदिर, हर की पौड़ी, मनसा देवी, माया मंदिर, नारायणी शिला मंदिर, सती कुंड, दक्ष मंदिर, हनुमान मंदिर और चंडी देवी मंदिर को शामिल किया जाएगा। जबकि ऋषिकेश में तीन क्षेत्रों को इसके लिये चिन्ह्ति किया गया है।
  • जानकारी के अनुसार राज्य सरकार रायपुर में 85 हेक्टेयर भूमि पर कैपिटल सिटी बनाने जा रही है। इसके लिये वन विभाग ने 60 हेक्टेयर ज़मीन भी दे दी है।
  • रायपुर में कैपिटल सिटी बनाने से सरकार की करीब 200 एकड़ भूमि पर बनी सरकारी इमारतें खाली हो जाएंगी। मैकेंजी ग्लोबल का आकलन है कि यह संपत्ति 5000 से 6000 करोड़ कीमत की होगी। इसस शहरों में बड़े पैमाने पर विकास का खाका तैयार हो सकेगा। वहीं, इन क्षेत्रों में निर्माण पर एक्सट्रनल डेवलपमेंट चार्ज देना होगा।
  • यह कैपिटल सिटी उत्तर में रायपुर से थानो रोड तक, दक्षिण में हरिद्वार रोड तक, पश्चिम में ऑर्डिनेंस फैक्ट्री सीमा को छोड़कर नाले के पूरब तक और पूरब में भोपालपानी, बडासी ग्रांट व कालीमाटी ग्राम की सीमा तक बनेगी।
  • 60 हेक्टेयर भूमि पर सचिवालय, विधानसभा, निदेशालय, प्रोजेक्ट ऑफिस बनेंगे। जबकि महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज के पास 25 हेक्टेयर ज़मीन पर आवासीय और व्यावसायिक प्रोजेक्ट का निर्माण किया जाएगा। निजी निवेश करने वालों को यहाँ 30 साल तक छूट मिलेगी।
  • जौलीग्रांट एयरपोर्ट के पास राज्य सरकार एयरोसिटी बनाने जा रही है। इसमें इंफोर्मेशन टेक्नोलॉजी, मेडिकल, हॉस्पिटैलिटी और कॉमर्शियल कांप्लेक्स बनेंगे। यहाँ एयरपोर्ट से संबंधित इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग, हेलीपोर्ट, नाइट लैंडिंग की सुविधा भी मिल सकती है।
  • इससे पाँच से छह हजार युवाओं को रोज़गार मिलेगा। हर साल यहाँ पाँच से छह हजार करोड़ का कारोबार होगा। राज्यवासियों को उच्च गुणवत्ता की स्वास्थ्य सुविधाएँ मिल सकेंगी।
  • यह 100 एकड़ ज़मीन पर बनेगा। इसमें 50 एकड़ में आईटी सिटी, 20 एकड़ में मेडि सिटी, 15 एकड़ में कॉमर्शियल और 15 एकड़ में हॉस्पिटैलिटी का प्रोजेक्ट बनेगा।
  • यहाँ विदेशों की तर्ज पर पार्क स्थापित किया जाएगा। पार्क में जॉगिंग, साइकिलिंग ट्रैक और ध्यान लगाने के लिये हट की व्यवस्था होगी। साथ ही लैंड स्केपिंग और आस्ट्रेलियन ग्रास लगाने पर विचार चल रहा है। वहीं, हर मौसम में पार्कों में फूल और हरियाली नज़र आएगी।

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