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राजस्थान फिल्म पर्यटन प्रोत्साहन नीति-2022
चर्चा में क्यों?
6 अप्रैल, 2022 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में राजस्थान को फिल्म डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करने के उद्देश्य से राजस्थान फिल्म पर्यटन प्रोत्साहन नीति-2022 को मंज़ूरी दी गई।
प्रमुख बिंदु
- मंत्रिमंडल के इस निर्णय से राज्य में फिल्म शूटिंग को प्रोत्साहन मिलेगा। इससे फिल्मों से जुड़े विविध क्षेत्रों में रोज़गार सृजन के साथ-साथ कला एवं संस्कृति के संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा तथा फिल्मों के माध्यम से राजस्थान के पर्यटन स्थलों का देश और दुनिया में प्रचार-प्रसार होगा।
- उल्लेखनीय है कि राजस्थान राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय फिल्म निर्माताओं के लिये पसंदीदा राज्य रहा है। यहाँ के विश्वविख्यात किले-महलों, हवेलियों, मरुस्थल, अभयारण्यों सहित विभिन्न लोकेशनों पर फिल्म शूटिंग के लिये फिल्म निर्माता उत्सुक रहते हैं।
- इस नीति के माध्यम से राजस्थानी भाषा में फिल्म निर्माण को प्रोत्साहित करने के लिये आर्थिक सहायता, अवार्ड और नकद पुरस्कार के प्रावधान प्रस्तावित किये गए हैं।
- इसके साथ ही, देशी एवं विदेशी फिल्म निर्माताओं को राजस्थान में शूटिंग करने पर वित्तीय परिलाभ एवं अनुदान दिया जाना भी प्रस्तावित किया गया है।
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राजस्थान मंत्रिमंडल के महत्त्वपूर्ण निर्णय
चर्चा में क्यों?
6 अप्रैल, 2022 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में पब्लिक फाइनेंशियल मैनेजमेंट ट्रेनिंग सोसायटी के गठन तथा राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालयों में उप-प्रधानाचार्य के कैडर का गठन करने सहित अन्य महत्त्वपूर्ण निर्णय लिये गए।
प्रमुख बिंदु
- बैठक में उप स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, उप-ज़िला अस्पताल, ज़िला अस्पताल तथा मेडिकल कॉलेज सहित सभी राजकीय चिकित्सा संस्थानों में नि:शुल्क आईपीडी और ओपीडी उपचार योजना का नामकरण ‘मुख्यमंत्री नि:शुल्क निरोगी राजस्थान योजना’ किये जाने का निर्णय लिया गया।
- उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस वित्तीय वर्ष के बजट में प्रदेश के सभी राजकीय चिकित्सा संस्थानों में नि:शुल्क आईपीडी और ओपीडी उपचार उपलब्ध कराने की घोषणा की थी।
- मंत्रिमंडल ने पब्लिक फाइनेंशियल मैनेजमेंट ट्रेनिंग सोसायटी के गठन का निर्णय किया है। इस सोसायटी द्वारा प्रस्तावित सर्वोत्तम श्रेणी के पब्लिक फाइनेंशियल मैनेजमेंट एंड ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट का संचालन किया जाएगा।
- इससे राज्य में सरकारी अधिकारियों-कर्मचारियों एवं अन्य हितधारकों की क्षमता को अधिक समग्र एवं व्यापक बनाया जा सकेगा। इस सोसायटी का राजस्थान सोसायटी रजिस्ट्रेशन अधिनियम, 1958 के तहत पंजीयन कराया जाएगा।
- मंत्रिमंडल ने राजस्थान शैक्षिक (राज्य एवं अधीनस्थ) सेवा नियम (द्वितीय संशोधन), 2022 का अनुमोदन किया है। इससे राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालयों में शैक्षिक कार्यों के सुचारु संचालन तथा पर्यवेक्षण को बेहतर बनाने के लिये उप-प्रधानाचार्य (लेवल-14) के पद का कैडर स्थापित किया जा सकेगा।
- मंत्रिमंडल ने राजस्थान ज़िला न्यायालय लिपिकवर्गीय स्थापन नियम-1986 (नियम 7-ग) में संशोधन को मंज़ूरी दी है। मंत्रिमंडल के निर्णय से इस नियम में विहित ‘उत्कृष्ट खिलाड़ियों’ की अभिव्यक्ति को अधिक स्पष्टता और व्यापकता प्रदान की जा सकेगी, जिससे पात्र खिलाड़ियों को बेहतर अवसर उपलब्ध होंगे।
- मंत्रिमंडल ने श्रीगंगानगर में मिनी सचिवालय के निर्माणकार्य के लिये राजस्थान राज्य सड़क विकास एवं निर्माण निगम को कार्यकारी एजेंसी के रूप में नियुक्त करने का निर्णय लिया है।
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रूफटॉप सोलर में राजस्थान दूसरे पायदान पर
चर्चा में क्यों?
6 अप्रैल, 2022 को अतिरिक्त मुख्य सचिव ऊर्जा एवं चेयरमैन राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम डॉ. सुबोध अग्रवाल ने अक्षय ऊर्जा निगम में अधिकारियों की समीक्षा बैठक में बताया कि केंद्र सरकार द्वारा फरवरी, 22 की जारी रिपोर्ट के अनुसार रूफटॉप सोलर योजना के क्रियान्वयन में गुजरात के बाद राजस्थान दूसरे नंबर पर आ गया है।
प्रमुख बिंदु
- गौरतलब है कि 10 गीगावाट सौर ऊर्जा क्षमता विकसित कर राजस्थान सौर ऊर्जा में पहले से ही प्रथम पायदान पर है। बंजर भूमि पर सोलर सिस्टम लगाने की कुसुम योजना के क्रियान्वयन में भी राजस्थान अग्रणी प्रदेश बना हुआ है।
- डॉ. अग्रवाल ने बताया कि रूफटॉप सोलर में प्रदेश में 748 मेगावाट क्षमता विकसित की जा चुकी है। राज्य में अक्षय ऊर्जा निगम द्वारा योजनाबद्ध तरीके से रूफटॉप सोलर योजना का क्रियान्वयन किया गया है।
- रूफटॉप सोलर योजना को और अधिक सरल बनाने के लिये अब स्टेट पोर्टल के स्थान पर नेशनल पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवाया जा सकेगा। इसी तरह से रूफटॉप सिस्टम लगाने के लिये अब एमएनआरई के एंपेनल्ड वेंडर के साथ ही स्वयं अपने स्तर पर भी सिस्टम लगाने की सुविधा होगी।
- रूफटॉप सोलर सिस्टम लगाने पर आने वाले व्यय को आरंभ में लाभार्थी को स्वयं वहन करना होगा और फिर अनुदान राशि सीधे लाभार्थी को जारी की जाएगी।
- इसके साथ ही नई सरलीकृत व्यवस्था के तहत लाभार्थी सरकार के एंपेनल्ड वेंडर या स्वयं अपनी पसंद का सिस्टम लगाने के लिये स्वतंत्र होंगे। लाभार्थी पर किसी तरह की मैक विशेष का सिस्टम या वेंडर विशेष से ही सिस्टम लगाने की बाध्यता नहीं होगी।
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