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घस्यारी उत्सव
चर्चा में क्यों?
6 मार्च, 2022 को उत्तराखंड के उत्तरकाशी ज़िले के गंगोत्री घाटी में स्थित छोटे-से गाँव मथोली में ‘घस्यारी उत्सव’ का आयोजन किया गया।
प्रमुख बिंदु
- कार्यक्रम का आयोजन बकरी छाप फेम प्रदीप पँवार ने किया था। इस उत्सव के आयोजन का उद्देश्य ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देना और परंपरा का संरक्षण करना था।
- कार्यक्रम में कुल 50 महिलाओं ने हिस्सा लिया। आयोजकों ने महिलाओं की पाँच टीमों का गठन किया था और प्रतियोगिता के विजेताओं को 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर सम्मानित किया जाएगा।
- इस अवसर पर महिलाओं ने पारंपरिक ‘टांडी नृत्य’ भी किया।
- स्थानीय भाषा में ‘घस्यारी’ शब्द का प्रयोग उन महिलाओं के लिये किया जाता है, जो चरागाहों और जंगलों से पशुओं के लिये चारा लाती हैं।
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उत्तराखंड में पिछले 10 वर्षों में मतदाताओं में 30% की वृद्धि
चर्चा में क्यों?
हाल ही में समुदायों के लिये सामाजिक विकास (एसडीसी) फाउंडेशन द्वारा जारी विधानसभा चुनावों पर रिपोर्ट ‘दशकीय चुनावी विकास और जनसांख्यिकीय चुनौती, 2012-22’ के अनुसार हिमालयी राज्य उत्तराखंड ने पिछले दस वर्षों में मतदाताओं की संख्या में 30 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है।
प्रमुख बिंदु
- समुदायों के लिये सामाजिक विकास (एसडीसी) फाउंडेशन ने 2012 से 2022 के चुनावों तक पाँच राज्यों- उत्तर प्रदेश, मणिपुर, पंजाब, उत्तराखंड और गोवा का तुलनात्मक विश्लेषण करते हुए यह रिपोर्ट तैयार की है।
- रिपोर्ट के अनुसार, उत्तराखंड में मतदाताओं में 30 प्रतिशत, पंजाब में 21 प्रतिशत, उत्तर प्रदेश में 18-19 प्रतिशत, मणिपुर में 14 प्रतिशत तथा गोवा में 13 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।
- वर्ष 2012 में उत्तराखंड में 63,77,330 मतदाता थे, जो 2022 के विधानसभा चुनाव में बढ़कर 82,66,644 हो गए हैं।
- एसडीसी फाउंडेशन के संस्थापक अनूप नौटियाल ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में मतदाताओं की संख्या में काफी तेज़ी से वृद्धि हुई है।
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