त्वरित सुनवाई हर अभियुक्त का अधिकार | उत्तर प्रदेश | 07 Mar 2022
चर्चा में क्यों?
हाल ही में उच्चतम न्यायालय ने आगरा सेंट्रल ज़ेल में 14 वर्षों से बंद 12 उम्रकैदियों की याचिका पर उत्तर प्रदेश को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। ऐसे में त्वरित सुनवाई का अधिकार एवं न्यायिक देरी का मुद्दा पुन: चर्चा में आ गया है।
प्रमुख बिंदु
- उच्चतम न्यायालय के न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी और जे.के. माहेश्वरी की पीठ ने यह नोटिस जारी किया है।
- उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश की आगरा सेंट्रल ज़ेल में बंद 14 साल से ज़्यादा की सज़ा भुगत चुके 12 उम्रकैदियों ने रिहाई और ज़मानत के लिये उच्चतम न्यायालय का दरवाज़ा खटखटाया था। इन कैदियों की अपीलें उच्च न्यायालय में वर्षों से लंबित हैं।
- उत्तर प्रदेश में उम्रकैद की सज़ा पाए अभियुक्तों के 14 वर्ष से ज़्यादा कैद भुगत चुके और अपील पर सुनवाई न होने का यह पहला मामला नहीं है।
- गत 25 फरवरी को भी मुख्य न्यायाधीश एन.वी. रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने एक ऐसे ही मामले में 14 वर्ष से ज़्यादा सज़ा भुगत चुके और 10 वर्ष से ज़मानत अर्ज़ी और अपील उच्च न्यायालय में लंबित होने के तथ्य का संज्ञान लेते हुए अभियुक्त रितु पाल को ज़मानत दे दी थी।
बिहार को नवीनगर से मिलेगी 559 मेगावाट बिजली | बिहार | 07 Mar 2022
चर्चा में क्यों?
6 मार्च, 2022 को औरंगाबाद में नवीनगर बिजलीघर की 660 मेगावाट की तीसरी यूनिट ने लगातार 72 घंटे के ट्रायल रन को पूरा कर लिया। अब इस तीसरी यूनिट से बिहार को 559 मेगावाट बिजली मिलेगी।
प्रमुख बिंदु
- बिजलीघर को इसी महीने से व्यावसायिक उत्पादन करने की मंज़ूरी मिल जाएगी। अब नवीनगर की तीनों यूनिट चालू हो गई हैं, इस कारण बिहार को 1122 मेगावाट के बदले 1680 मेगावाट बिजली यहाँ से मिलेगी।
- दरअसल, बिजलीघर से व्यावसायिक उत्पादन के पहले किसी भी यूनिट को लगातार फुल लोड में 72 घंटे चलाना होता है। केंद्रीय विद्युत विनियामक आयोग (सीईआरसी) के मानदंडों का पालन करते हुए नवीनगर यूनिट को सफलतापूर्वक कमीशन कर लिया गया।
- 19,412 करोड़ रुपए की लागत से सुपरक्रिटिकल तकनीक पर आधारित 660 मेगावाट की तीन इकाइयों के साथ कुल 1980 मेगावाट की यह कोयला आधारित परियोजना बिहार के औरंगाबाद ज़िले के बारून प्रखंड में स्थित है।
- विद्युत मंत्रालय ने इस परियोजना की 84.8 प्रतिशत बिजली बिहार को आवंटित की है। बाकी बिजली उत्तर प्रदेश, झारखंड और सिक्किम को आवंटित की गई है।
- नवीनगर की पहली यूनिट का वाणिज्यिक प्रचालन 6 सितंबर, 2019 को तथा दूसरी यूनिट का 23 जुलाई, 2021 को हुआ था।
- वर्तमान में एनटीपीसी ने बिहार में कुल 76,246 करोड़ रुपए के निवेश से कुल 6 संयंत्रों द्वारा 8410 मेगावाट की विद्युत स्थापित उत्पादन क्षमता हासिल की है, जबकि बाढ़ थर्मल परियोजना की 1320 मेगावाट की परियोजना निर्माणाधीन है।
- एनटीपीसी प्रवक्ता विश्वनाथ चंदन ने कहा कि बिहार को 5362 मेगावाट का विद्युत आवंटन है, जो नवीनगर की तीसरी यूनिट से मिलने वाली 559 मेगावाट के बाद बढ़कर 5921 मेगावाट हो जाएगा।
एमपीटी सदर्न स्पाइसेज़ का शुभारंभ | मध्य प्रदेश | 07 Mar 2022
चर्चा में क्यों?
6 मार्च, 2022 को मध्य प्रदेश की पर्यटन, संस्कृति और धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व मंत्री उषा ठाकुर ने होटल पलाश रेजिडेंसी में ‘एमपीटी सदर्न स्पाइसेज़’ (MPT Southern Spices) का शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- इस अवसर पर मंत्री उषा ठाकुर ने कहा कि पर्यटन निगम के इस नवाचार से भीमबेटका, साँची और भोपाल आने वाले पर्यटकों और आमजन को दक्षिण भारतीय व्यंजनों का ऑथेंटिक स्वाद मिलेगा, साथ ही निगम के व्यवसाय में भी वृद्धि होगी।
- कैफेटेरिया की सफलता पर इसे निगम के अन्य होटलों में भी संचालित किया जाएगा।
- प्रबंध संचालक पर्यटन विकास निगम एस. विश्वनाथन ने बताया कि कैफेटेरिया को दक्षिण भारतीय व्यंजनों के लिये विशेष रूप से नवीनीकृत कर दक्षिण भारत के अनुरूप थीम रखी गई है।
- कैफटेरिया में साउथ इंडियन व्यंजनों को विशेष रूप से तैयार करने के लिये सभी अत्याधुनिक और उपयोगी किचन उपकरण भी स्थापित किये गए हैं। लगभग 1200 वर्ग फीट में तैयार ‘एमपीटी सदर्न स्पाइसेज़’ की क्षमता 40 व्यक्तियों की है। अतिथियों की संख्या में वृद्धि होने पर क्षमता में वृद्धि की जा सकती है।
- ‘एमपीटी सदर्न स्पाइसेज़’ का मुख्य आकर्षण साउथ इंडियन थाली है, जो वेज और नॉनवेज दोनों ही मीनू में उपलब्ध है। साथ ही आने वाले पर्यटक और आमजन को अप्पम, पूटे, इडियप्पम, केरला परोठा, परूप्पू वाडा, पोडी इडली, वडाई, बनाना बज्जी, मिर्ची बज्जी और दक्षिण भारत की पायसम खीर का लजीज स्वाद भी मिलेगा।
बुधनी बनेगा देश का पहला वाटर प्लस और अद्भुत शहर | मध्य प्रदेश | 07 Mar 2022
चर्चा में क्यों?
6 मार्च, 2022 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सीहोर ज़िले के बुधनी शहर के गौरव दिवस के अवसर पर विभिन्न विकास कार्यों का लोकार्पण एवं भूमि-पूजन करते हुए कहा कि बुधनी को देश का पहला वाटर प्लस और अद्भुत शहर बनाया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री ने कहा कि इंदौर देश का पहला वाटर प्लस महानगर बन चुका है। बुधनी को भी देश के छोटे शहरों की श्रेणी में पहला वाटर प्लस शहर बनाया जाएगा। बुधनी शहर को स्वच्छ और सुंदर बनाने के साथ यहाँ स्वास्थ्य, पर्यावरण, शिक्षा और रोज़गार के क्षेत्र में भी उत्कृष्ट कार्य किये जाएंगे।
- इससे पहले मुख्यमंत्री ने बुधनी में 44 करोड़ 56 लाख रुपए की लागत से बने सीवरेज सिस्टम का लोकार्पण और 59 करोड़ के निर्माण और विकास कार्यों का लोकार्पण एवं भूमि-पूजन किया।
- उन्होंने बुधनी के जर्रापुर में निजी क्षेत्र की ‘विहान फूड इंडस्ट्री’ का भूमि-पूजन किया। कृषि आधारित इस उद्योग से क्षेत्र के किसानों को बेहतर दाम मिलेंगे और रोज़गार के अवसर बढ़ेंगे। फूड इंडस्ट्री से 900 लोगों को रोज़गार मिलेगा।
- मुख्यमंत्री ने नगर के विकास में भागीदार बनने वाले नागरिकों, व्यवसायियों और सामाजिक संगठन के प्रतिनिधियों को भी सम्मानित किया, साथ ही शासन की विभिन्न योजनाओं में हितलाभ भी वितरित किये।
- मुख्यमंत्री ने अगले वर्ष से बुधनी के गौरव दिवस पर 3 दिवसीय कार्यक्रम आयोजित करने, बुधनी के खिलौना व्यवसाय को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने तथा बुधनी में सीएम राइज स्कूल खोलने की घोषणा भी की।
- उन्होंने कहा कि एक माह में सभी घरों के निस्तारी पानी को सीवरेज प्लांट से जोड़ा जाएगा। मुख्यमंत्री ने नागरिकों से अपील की कि खुले में शौच, सड़क पर कचरा फेंकने और पॉलीथिन के उपयोग आदि को छोड़ने का संकल्प लें।
‘मिलावट से मुक्ति अभियान’ के तहत दूध टेस्टिंग की सुविधा | मध्य प्रदेश | 07 Mar 2022
चर्चा में क्यों?
6 मार्च, 2022 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के जन्म-दिवस पर एमपी स्टेट को-ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन लिमिटेड द्वारा प्रदेश में 1600 साँची मिल्क पार्लर पर ‘मिलावट से मुक्ति अभियान’ में दूध टेस्टिंग की सुविधा का शुभारंभ किया गया।
प्रमुख बिंदु
- दूध में मिलावट की जाँच के लिये सभी साँची पार्लर्स पर टेस्टिंग किट उपलब्ध कराई गई है। टेस्टिंग किट में यूरिया, डिटर्जेंट/साबुन, माल्टोज़, ग्लूकोज़, सुक्रोज़ की जाँच करने की स्ट्रिप उपलब्ध कराई गई है, जिससे उपभोक्ता तुरंत ही दूध में मिलावट की जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।
- उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने 11 नवंबर, 2020 को राजधानी भोपाल से प्रदेश में ‘मिलावट से मुक्ति अभियान’ की शुरुआत की थी।
- इस अभियान के तहत वर्तमान में 15 चलित प्रयोगशालाएँ चलाई जा रही हैं। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने 8 फरवरी, 2022 को छिंदवाड़ा, नीमच और भिंड के लिये तीन नई चलित प्रयोगशालाओं की सौगात दी थी।
- इन चलित प्रयोगशालाओं में नागरिक 10 रुपए के शुल्क में आसानी से खाद्य पदार्थों की जाँच करा सकते हैं।
चिकित्सा आधार पर वित्तीय सहायता प्राप्त करने वालों के लिये पोर्टल लॉन्च | हरियाणा | 07 Mar 2022
चर्चा में क्यों?
5 मार्च, 2022 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मुख्यमंत्री राहत कोष के तहत चिकित्सा आधार पर वित्तीय सहायता प्राप्त करने वालों की सुविधा के लिये ‘सरल पोर्टल’ लॉन्च किया।
प्रमुख बिंदु
- अब आर्थिक सहायता के लिये आवेदक सरल पोर्टल के माध्यम से इस सुविधा का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। आवेदक अपनी पीपीपी आईडी के माध्यम से सरल पोर्टल पर आवेदन कर सकते हैं।
- मुख्यमंत्री राहत कोष से मिलने वाली आर्थिक सहायता की राशि सीधे आवेदक या लाभार्थी के बैंक खाते में ट्रांसफर की जाएगी, साथ ही 22 और गंभीर बीमारियों को मुख्यमंत्री राहत कोष में शामिल करने का निर्णय लिया गया है।
- आवेदक अपने चिकित्सा बिल, ओपीडी बिल आदि जैसे अन्य संबंधित दस्तावेजों को अपलोड कर मुख्यमंत्री राहत कोष से चिकित्सा आधार पर वित्तीय सहायता के लिये आवेदन कर सकते हैं।
- मुख्यमंत्री के ओएसडी सुधांशु गौतम ने पोर्टल की जानकारी देते हुए बताया कि ज्यों ही आवेदक आर्थिक सहायता के लिये पोर्टल पर अपना आवेदन डालेगा त्यों ही आवेदन को संबंधित क्षेत्र के सांसद, विधायक, अध्यक्ष ज़िला परिषद, अध्यक्ष ब्लॉक समिति, मेयर/एमसी के अध्यक्ष के पास के लॉगिन किया जाएगा और ये जनप्रतिनिधि पाँच दिन के भीतर अपनी सिफारिश के साथ उपायुक्त को भेजेंगे।
- उपायुक्त संबंधित तहसीलदार को भूमि विवरण और सिविल सर्जन को चिकित्सा दस्तावेजों के सत्यापन के लिये भेजेगा।
- हर पखवाड़े में ज़िला स्तरीय समिति की बैठक होगी जिसमें चिकित्सा आधार पर वित्तीय सहायता प्रदान करने के मामलों की समीक्षा कर रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजेगी।
मुख्यमंत्री ने किसानों के हित में की बड़ी घोषणा | छत्तीसगढ़ | 07 Mar 2022
चर्चा में क्यों?
6 मार्च, 2022 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गोधन न्याय योजना के राशि अंतरण कार्यक्रम के दौरान राज्य के किसानों के हित में एक बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि किसान खाद-बीज के अग्रिम उठाव की तरह सोसाइटियों और गौठानों से वर्मी कंपोस्ट एवं सुपर कंपोस्ट का भी अग्रिम उठाव कर सकेंगे।
प्रमुख बिंदु
- इस मौके पर मुख्यमंत्री ने गोधन न्याय योजना के तहत गौठानों में गोबर बेचने वाले पशुपालक ग्रामीणों सहित गौठान समितियों तथा महिला स्व-सहायता समूहों को कुल 5 करोड़ 38 लाख रुपए की राशि का ऑनलाइन अंतरण किया।
- इसके साथ ही उन्होंने गौठान समितियों और महिला स्व-सहायता समूहों को उनकी गतिविधियों के बेहतर संचालन के लिये एंडवास राशि उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिये।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि गोधन न्याय योजना से 2 लाख 8 हज़ार से ज़्यादा लोगों को लाभ हो रहा है। इनमें 45 प्रतिशत महिलाएँ हैं। राज्य में अभी तक 10 हज़ार 591 गौठानों के निर्माण की स्वीकृति दी जा चुकी है। इनमें से 8 हज़ार 48 गौठान निर्मित हो चुके हैं।
- राज्य के 2800 गौठान स्वावलंबी हो चुके हैं, जो राज्य में निर्मित एवं संचालित गौठानों की संख्या का एक-तिहाई से भी अधिक है। ये स्वावलंबी गौठान अब पशुपालक ग्रामीणों से गोबर खरीदी में स्वयं की पूंजी का निवेश करने लगे हैं।
- गोधन न्याय योजना में गोबर खरीदी के एवज में ग्रामीणों और पशुपालकों को अब तक कुल 131 करोड़ 93 लाख रुपए का भुगतान किया गया जा चुका है। गोबर खरीदी के एवज में गौठान समितियों को अब तक 48.05 करोड़ रुपए तथा महिला स्व-सहायता समूहों को 31.34 करोड़ रुपए के लाभांश का भुगतान किया जा चुका है।
- इस अवसर पर कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रवींद्र चौबे ने कहा कि छत्तीसगढ़ की गौठान और गोधन न्याय योजना की पूरे देश में चर्चा हो रही है। देश के अलग-अलग राज्य इस योजना को अपने यहाँ लागू कर रहे हैं।
- गोधन न्याय योजना को झारखंड ने जस-का-तस अपने राज्य में लागू करने का निर्णय लेते हुए इसे अपने बजट में शामिल किया है। वहीं उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वहाँ के लोगों से गोबर खरीदी की योजना शुरू करने का वादा किया। इससे पहले भी संसद में कृषि मामलों की स्थायी समिति गोधन न्याय योजना को पूरे देश में लागू करने की मांग कर चुकी है।
- 4 मार्च, 2022 को भारत सरकार के थिंक-टैंक नीति आयोग ने ट्वीट करके पूरे देश को बताया है कि बस्तर और दंतेवाड़ा की महिलाएँ किस तरह महुआ-लड्डू, चाय, जैम, जेली और कुकीज जैसे खाद्य पदार्थ तैयार करके खुद को आर्थिक रूप से मज़बूत कर रही हैं।
राष्ट्रीय सुपरक्रॉस प्रतियोगिता 2022 एवं फ्री स्टाइल मोटोक्रॉस प्रतियोगिता | छत्तीसगढ़ | 07 Mar 2022
चर्चा में क्यों?
5 से 6 मार्च, 2022 तक छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के आउटडोर स्टेडियम में दो दिवसीय राष्ट्रीय सुपरक्रॉस प्रतियोगिता, 2022 एवं फ्री स्टाइल मोटोक्रॉस प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
प्रमुख बिंदु
- इस प्रतियोगिता का आयोजन खेल एवं युवा कल्याण विभाग तथा छत्तीसगढ़ मोटर स्पोर्ट्स एसोसिएशन के संयुक्त तत्त्वावधान में किया गया।
- इस प्रतियोगिता में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी शामिल हुए और स्टेडियम में स्वयं बाइक चलाते हुए प्रवेश कर मंच तक पहुँचे और सभी बाइकर्स तथा खेल-प्रेमी दर्शकों का उत्साहवर्द्धन किया।
- इस प्रतियोगिता में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के बाइक राइडर्स ने भाग लिया। इस प्रतियोगिता में कुल 8 वर्गों में रेस आयोजित की गई। इन रेसिंग प्रतियोगिता के मध्य फ्री स्टाइल मोटोक्रॉस का प्रदर्शन विदेशी बाइकर के द्वारा किया गया।
- इस प्रतियोगिता की विभिन्न रेस में छत्तीसगढ़ के प्रतिभागियों के लिये भी विशेष श्रेणी रखी गई है, जिसमें केवल छत्तीसगढ़ के बाइकर को अवसर मिला।
- उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय सुपरक्रॉस प्रतियोगिता, 2022 एवं फ्री स्टाइल मोटोक्रॉस का आयोजन रायपुर में किया गया, जो देश में पहली बार किसी आउटडोर स्टेडियम में फ्लड लाइट में आयोजित किया गया है।
- प्रतियोगिता का मूल उद्देश्य युवाओं को रोड-रेज एवं आम रास्तों पर स्टंट इत्यादि से रोकना एवं एक विशेष स्थल पर उनको मौका प्रदाय कर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने का अवसर देना है।
- अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अत्यधिक लोकप्रिय, रोमांच, गति एवं साहस से भरपूर इस विशेष खेल को छत्तीसगढ़ में भी स्थापित करना छत्तीसगढ़ मोटर स्पोर्ट्स एसोसिएशन का उद्देश्य रहा है।
घस्यारी उत्सव | उत्तराखंड | 07 Mar 2022
चर्चा में क्यों?
6 मार्च, 2022 को उत्तराखंड के उत्तरकाशी ज़िले के गंगोत्री घाटी में स्थित छोटे-से गाँव मथोली में ‘घस्यारी उत्सव’ का आयोजन किया गया।
प्रमुख बिंदु
- कार्यक्रम का आयोजन बकरी छाप फेम प्रदीप पँवार ने किया था। इस उत्सव के आयोजन का उद्देश्य ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देना और परंपरा का संरक्षण करना था।
- कार्यक्रम में कुल 50 महिलाओं ने हिस्सा लिया। आयोजकों ने महिलाओं की पाँच टीमों का गठन किया था और प्रतियोगिता के विजेताओं को 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर सम्मानित किया जाएगा।
- इस अवसर पर महिलाओं ने पारंपरिक ‘टांडी नृत्य’ भी किया।
- स्थानीय भाषा में ‘घस्यारी’ शब्द का प्रयोग उन महिलाओं के लिये किया जाता है, जो चरागाहों और जंगलों से पशुओं के लिये चारा लाती हैं।
उत्तराखंड में पिछले 10 वर्षों में मतदाताओं में 30% की वृद्धि | उत्तराखंड | 07 Mar 2022
चर्चा में क्यों?
हाल ही में समुदायों के लिये सामाजिक विकास (एसडीसी) फाउंडेशन द्वारा जारी विधानसभा चुनावों पर रिपोर्ट ‘दशकीय चुनावी विकास और जनसांख्यिकीय चुनौती, 2012-22’ के अनुसार हिमालयी राज्य उत्तराखंड ने पिछले दस वर्षों में मतदाताओं की संख्या में 30 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है।
प्रमुख बिंदु
- समुदायों के लिये सामाजिक विकास (एसडीसी) फाउंडेशन ने 2012 से 2022 के चुनावों तक पाँच राज्यों- उत्तर प्रदेश, मणिपुर, पंजाब, उत्तराखंड और गोवा का तुलनात्मक विश्लेषण करते हुए यह रिपोर्ट तैयार की है।
- रिपोर्ट के अनुसार, उत्तराखंड में मतदाताओं में 30 प्रतिशत, पंजाब में 21 प्रतिशत, उत्तर प्रदेश में 18-19 प्रतिशत, मणिपुर में 14 प्रतिशत तथा गोवा में 13 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।
- वर्ष 2012 में उत्तराखंड में 63,77,330 मतदाता थे, जो 2022 के विधानसभा चुनाव में बढ़कर 82,66,644 हो गए हैं।
- एसडीसी फाउंडेशन के संस्थापक अनूप नौटियाल ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में मतदाताओं की संख्या में काफी तेज़ी से वृद्धि हुई है।