इंदौर शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 11 नवंबर से शुरू   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

राजस्थान स्टेट पी.सी.एस.

  • 07 Feb 2024
  • 0 min read
  • Switch Date:  
राजस्थान Switch to English

राजस्थान सरकार ने समान नागरिक संहिता (UCC) की योजना बनाई

चर्चा में क्यों ?

राजस्थान के कैबिनेट मंत्री कन्हिया लाल चौधरी ने राज्य विधानसभा को सूचित किया कि सरकार जल्द ही समान नागरिक संहिता (UCC) विधेयक पेश करेगी।

मुख्य बिंदु:

  • प्रस्तावित UCC विधेयक का उद्देश्य विवाह, तलाक और संपत्ति की विरासत से संबंधित समान कानून स्थापित करना है। इसका उद्देश्य धार्मिक तरीकों से बहुविवाह और तलाक जैसी प्रथाओं पर अंकुश लगाना है।
  • उत्तराखंड की तर्ज़ पर, राजस्थान UCC विधेयक आदिवासी समुदाय को छूट देगा, क्योंकि उन्होंने अपने रीति-रिवाज़ों और प्रथाओं को असंगत बताते हुए गंभीर आपत्तियाँ उठाई हैं।

समान नागरिक संहिता (UCC)

  • समान नागरिक संहिता का उल्लेख भारतीय संविधान के अनुच्छेद 44 में किया गया है, जो राज्य की नीति के निदेशक तत्त्व (Directive Principles of State Policy- DPSP) का अंग है।
  • ये निदेशक तत्त्व कानूनी रूप से प्रवर्तनीय नहीं होते हैं, लेकिन नीति निर्माण में राज्य का मार्गदर्शन करते हैं।
    • UCC का कुछ लोगों द्वारा राष्ट्रीय अखंडता और लैंगिक न्याय को बढ़ावा देने के एक तरीके के रूप में समर्थन किया जाता है तो कुछ लोगों द्वारा इसे धार्मिक स्वतंत्रता तथा विविधता के लिये खतरा बताकर इसका विरोध किया जाता है।
  • भारत में गोवा एकमात्र ऐसा राज्य है जहाँ समान नागरिक संहिता लागू है। वर्ष 1961 में पुर्तगाली शासन से स्वतंत्रता के बाद गोवा ने अपने सामान्य पारिवारिक कानून को बनाये रखा, जिसे गोवा नागरिक संहिता (Goa Civil Code) के रूप में जाना जाता है।
    • हाल ही में उत्तराखंड ने भी राज्य विधानसभा में UCC बिल पेश किया है।
  • शेष भारत में धार्मिक या सामुदायिक पहचान के आधार पर विभिन्न पर्सनल लॉज़ (personal laws) का पालन किया जाता है।

 Switch to English
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2