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स्टेट पी.सी.एस.

  • 07 Jan 2023
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उत्तर प्रदेश Switch to English

उत्तर प्रदेश दिवस पर प्रदेश भर में होंगे भव्य आयोजन, हर ज़िले को मिलेगा तीन लाख का बजट

चर्चा में क्यों?

6 जनवरी, 2023 को उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्रा ने उत्तर प्रदेश दिवस के अवसर पर 24 से 26 जनवरी तक लखनऊ सहित प्रदेश के सभी ज़िलों में भव्य आयोजन किये जाने के संबंध में दिशा निर्देश जारी किये।

प्रमुख बिंदु 

  • मुख्य सचिव के मुताबिक राज्य स्तरीय समारोह लखनऊ के अवश शिल्प ग्राम में होगा। उन्होंने इस आयोजन में सभी विभागों की सहभागिता सुनिश्चित करने के निर्देश दिये हैं।
  • संस्कृति विभाग की ओर से प्रत्येक ज़िले को आयोजन के लिये 3 लाख रुपए का बजट दिया जाएगा। उत्तर प्रदेश दिवस के अवसर पर खादी एवं ग्रामोद्योग, एमएसएमई एवं स्वयं सहायता समूहों की ओर से ओडीओपी के स्टाल लगाकर उत्पादों का विक्रय एवं प्रचार-प्रसार किया जाएगा।
  • ज़िला स्तर पर तीन दिवसीय केंद्रीय कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। सरकार की विकास योजनाओं और उपलब्धियों की प्रदर्शनी लगाई जाएगी। खेल विभाग की ओर से खो-खो, कबड्डी, शूटिंग बॉल, बालीबाल बाल, क्रिकेट, टेनिस, दौड़, बाधा दौड़ प्रतियोगिताएँ की जाएंगी।

उत्तर प्रदेश Switch to English

उत्तर प्रदेश मे वेब सीरीज पर मिलेगी भारी सब्सिडी

चर्चा में क्यों?

5 जनवरी, 2023 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुंबई में बॉलीवुड के फिल्म निर्देशकों और कलाकारों के साथ आयोजित बैठक में कहा कि यूपी सरकार प्रदेश में निर्मित होने वाली वेब सीरीज पर 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी और वेब फिल्मों की लागत पर 25 प्रतिशत तक की छूट की दिशा में काम करने जा रही है।

प्रमुख बिंदु

  • गौरतलब है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मुंबई दौरे के दौरान उनकी बॉलीवुड हस्तियों के साथ हुई बैठक में उत्तर प्रदेश को ‘मोस्ट फिल्म फ्रेंडली स्टेट इन इंडिया’के तौर पर प्रमोट किया गया।
  • इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि वेब सीरीज और वेब फिल्मों के साथ ही स्टूडियो और लैब के लिये 25 प्रतिशत तक की सब्सिडी उपलब्ध कराने की दिशा में काम किया जाएगा।
  • बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश को 64वें और 68वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में ‘मोस्ट फिल्म फ्रेंडली स्टेट’का दर्जा मिला है।
  • फिल्म निर्माता मधुर भंडारकर ने कहा कि मुख्यमंत्री ने सब्सिडी की बात की है, उससे नए फिल्म निर्माताओं को मदद मिलेगी।
  • बैठक में अभिनेता सुनील शेट्टी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कहा कि ‘बॉलीवुड बायकॉट’टैग को हटाया जाए, ताकि बॉलीवुड की बिगड़ी छवि को सुधारा जा सके। उन्होंने यह संदेश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक पहुँचाने का आग्रह भी किया।

बिहार Switch to English

देश के तीन शीर्ष थानों में बिहार का अरवल महिला थाना शामिल

चर्चा में क्यों?

5 जनवरी, 2023 को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बिहार के अरवल महिला पुलिस थाना को वर्ष 2022 के लिये देश के शीर्ष तीन थानों में चुना है।

प्रमुख बिंदु

  • अरवल महिला पुलिस थाने का चयन अनुसंधान व केसों के निष्पादन, अपराध रोकने की पहल, मामलों में आरोप पत्र दायर करने की तेज गति आदि में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के आधार पर किया गया है।
  • उल्लेखनीय है कि देश के सर्वश्रेष्ठ तीन थानों में ओडिशा के गंजाम ज़िले का अस्का थाना और उत्तराखंड के चंपावत ज़िले का बनवास पुलिस थाना भी शामिल है।
  • 20 जनवरी, 2023 को नई दिल्ली मे आयोजित पुलिस महानिदेशकों के सम्मेलन में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा इन सभी पुलिस थानों के थानाध्यक्षों को पुस्कृत किया जाएगा। प्रथम तीन में किसे कौन-सी रैंकिंग मिलेगी, इसकी घोषणा भी उसी दिन होगी।
  • सितंबर, 2022 में केंद्रीय गृह मंत्रालय की टीम ने अरवल महिला थाने का निरीक्षण किया था। इस दौरान गृह मंत्रालय की टीम ने पुलिस थाने के रजिस्टर में लंबित मामलों की संख्या, उपलब्ध सुविधाओं की जाँच की और स्थानीय नागरिकों से फीडबैक भी लिये।
  • अरवल महिला थाने में महिलाओं के लिये बैठने की व्यवस्था, महिलाओं के साथ आने वाले बच्चों को खेलने के लिये सभी प्रकार की सुविधाएँ मौजूद हैं। इस पुलिस थाने में दिव्यांगों व वृद्धों के लिये रैंप भी बना हुआ है और महिला तथा पुरूष हवालात अलग-अलग हैं।
  • उल्लेखनीय है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय अपराध नियंत्रण और आम नागरिकों के साथ व्यवहार आदि मानकों पर देश के शीर्ष थानों का निर्धारण करता है।

राजस्थान Switch to English

सेवा प्रदायगी और जन अभियोग निराकरण में राजस्थान देश में अव्वल

चर्चा में क्यों?

6 जनवरी, 2023 को राजस्थान के जन अभियोग निराकरण विभाग के राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने बताया कि भारत सरकार द्वारा चलाए गए अभियान ‘सुशासन सप्ताह- प्रशासन गाँवों की ओर- 2022’ के तहत राजस्थान ने दो श्रेणियों- सेवा प्रदायगी (सर्विस डिलीवरी) एवं जन अभियोग निराकरण में संपूर्ण देश में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। 

प्रमुख बिंदु 

  • जन अभियोग निराकरण विभाग के राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने बताया कि भारत सरकार द्वारा वर्ष 2022 के दौरान चलाए गए ‘सुशासन सप्ताह- प्रशासन गाँवों की ओर’ अभियान के दौरान संपूर्ण देश में जन अभियोग (Public Grievances)के 53 लाख 80 हज़ार प्रकरण निस्तारित किये गए, जिसमें से राजस्थान ने 23 लाख 36 हज़ार प्रकरण निस्तारित कर प्रथम स्थान प्राप्त किया। 
  • सेवा प्रदायगी (Service Delivery) के पूरे देश में वर्ष 2022 में अभियान के दौरान 310 लाख प्रकरण निस्तारित हुए, जिसमें से राजस्थान ने सेवा प्रदायगी के 149 लाख आवेदन निस्तारित कर प्रथम स्थान प्राप्त किया।
  • उन्होंने बताया कि सेवा प्रदायगी में ज़िला अलवर 16 लाख 45 हज़ार प्रकरण निस्तारित कर प्रथम स्थान पर जबकि जयपुर 14 लाख 53 हज़ार प्रकरण निस्तारित कर द्वितीय तथा सीकर ज़िला 12 लाख 92 हज़ार प्रकरण निस्तारित कर तृतीय स्थान पर रहा।
  • इसी प्रकार जन अभियोग निराकरण में ज़िला जयपुर 2लाख 62 हज़ार प्रकरण निस्तारित कर प्रथम स्थान पर, जोधपुर एक लाख 19 हज़ार  प्रकरण निस्तारित कर द्वितीय और अलवर ज़िला एक लाख 17 हज़ार प्रकरण निस्तारित कर तृतीय स्थान पर रहा।  
  • उल्लेखनीय है कि राज्य को अग्रणी बनाने में जन अभियोग निराकरण विभाग के राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग द्वारा प्रत्येक माह वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से की जाने वाली संभाग स्तरीय समीक्षा का बहुत बड़ा योगदान रहा। इससे फील्ड के अधिकारियों में आमजन की परिवेदनाओं के प्रति संवेदनशीलता में वृद्धि हुई।
  • राज्य स्तरीय जन अभियोग निराकरण समिति के अध्यक्ष पुखराज पाराशर ने कहा कि जन शिकायतों के निवारण के लिये राजस्थान संपर्क पोर्टल पर 24×7 शिकायत दर्ज करने की सुविधा दी गई है तथा मिशन मोड में प्रत्येक माह में त्रिस्तरीय जनसुनवाई ग्राम स्तर, उपखंड स्तर एवं ज़िला स्तर पर की जा रही है।
  • निदेशक लोक सेवाएँ एवं संयुक्त शासन सचिव डॉ. ओमप्रकाश बैरवा ने बताया कि संवेदनशील, पारदर्शी एवं जवाबदेह सुशासन की स्थापना के लिये लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी को अधिनियमित करने वाले अग्रणी राज्यों में रहते हुए राजस्थान वर्ष 2011 में राजस्थान लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी अधिनियम लाने के साथ ही 2012 में सुनवाई का अधिकार अधिनियम लाने वाला प्रथम राज्य है। 
  • उन्होंने बताया कि प्रदेश में वर्तमान में आमजन को राजस्थान लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी अधिनियम के तहत अधिसूचित 308 सेवाओं की समयबद्ध प्रदायगी के साथ ही त्वरित एवं पारदर्शी व्यवस्था के तहत 624 सेवाओं की प्रदायगी ऑनलाइन की जा रही है, ताकि आमजन को दूरस्थ कार्यालयों में बार-बार चक्कर नहीं लगाना पड़े।

राजस्थान Switch to English

पश्चिमी राजस्थान उद्योग हस्तशिल्प उत्सव

चर्चा में क्यों?

6जनवरी, 2023 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जोधपुर के रावण का चबूतरा मैदान में ‘पश्चिमी राजस्थान उद्योग हस्तशिल्प उत्सव’ का उद्घाटन किया। ‘विकासशील राजस्थान-उद्यमशील राजस्थान’की मुख्य थीम पर केंद्रित 33वाँ उत्सव 15 जनवरी तक चलेगा। 

प्रमुख बिंदु 

  • मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उत्सव में केंद्रीय पंडाल, औद्योगिक प्रदर्शनी, विकास प्रदर्शनी, सी-वर्ल्ड, आदिदेव महादेव की प्रतिमा आदि का अवलोकन किया। उन्होंने प्रदर्शित उत्पादों व मॉडल्स आदि की जानकारी लेकर लोगों का हौसला बढ़ाया।
  • यह आयोजन जोधपुर ज़िला प्रशासन, ज़िला उद्योग केंद्र उद्यम प्रोत्साहन संस्थान, जयपुर तथा नोडल एजेंसी मरुधरा इंडस्ट्रीज एसोसिएशन, जोधपुर के संयुक्त तत्वावधान में किया जा रहा है।
  • इसमें लगभग 750 स्टॉल्स स्थापित हैं। इसमें देश के 18 राज्यों से 700 से अधिक हस्तशिल्पी हिस्सा ले रहे हैं। इसके अलावा केंद्र एवं राज्य सरकार के विभिन्न विभागों द्वारा उत्सव में अपने स्टेक होल्डर को विपणन सहयोग प्रदान किया जा रहा है।
  • इस बार उत्सव की मुख्य थीम ‘विकासशील राजस्थान - उद्यमशील राजस्थान’ है। इसे परिलक्षित करते हुए केंद्रीय पंडाल में औद्योगिक क्षेत्र में विकसित की गई आधारभूत सुविधाओं एवं क्षेत्र के समग्र औद्योगिक विकास का दिग्दर्शन कराने वाली औद्योगिक परियोजनाओं के मॉडल्स का सुंदर प्रदर्शन किया जा रहा है। इसके साथ ही राजस्थान के विकास एवं गांधीवादी विचारधारा प्रदर्शित करने हेतु जीवंत पैनोरमा आकर्षण का केंद्र होगा।
  • इस उत्सव का सूत्रपात 33 वर्ष पूर्व जोधपुर सूचना केंद्र में एक लघु औद्योगिक प्रदर्शनी के रूप में हुआ था। इसके अगले वर्ष पुराने स्टेडियम में इसने उद्योग मेले का स्वरूप पाया। वर्ष 1991 में मात्र 80 स्टॉल्स के साथ प्रारंभ यह उत्सव निरंतर व्यापकता पाता गया।
  • इस बार उत्सव स्थल पर राजस्थान के अधिकांश ज़िलों के अलावा विभिन्न राज्यों यथा दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, जम्मू कश्मीर, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, गुजरात, पंजाब, पश्चिम बंगाल एवं उत्तराखंड आदि के लघु-कुटीर औद्योगिक व हस्तशिल्प इकाइयों को अपनी भागीदारी निभाते हुए अपने उत्पादों के प्रदर्शन एवं विक्रय का लाभ प्राप्त होगा।  

मध्य प्रदेश Switch to English

बिजली के अवैध उपयोग की सूचना देने पर मिलेगा पुरस्कार

चर्चा में क्यों?

6 जनवरी, 2023 को मध्य प्रदेश जनसंपर्क विभाग से मिली जानकारी के अनुसार मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने बिजली चोरी की रोकथाम के लिये इनाम योजना घोषित की है।

प्रमुख बिंदु   

  • अवैध उपयोग की सूचना देने पर निर्धारित शर्तों के अधीन पारितोषिक देने का प्रावधान है। सूचना के आधार पर राशि वसूली होने पर सफल सूचनाकर्त्ता को 10 प्रतिशत राशि का भुगतान किया जाएगा। इस राशि की अधिकतम सीमा नहीं है।
  • बिजली के अवैध उपयोग/चोरी के संबंध में मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा कंपनी मुख्यालय एवं क्षेत्रीय मुख्यालयों के अलावा क्षेत्रीय महाप्रबंधकों को भी लिखित अथवा दूरभाष पर सूचना दी जा सकती है। सूचनाकर्त्ता की जानकारी गोपनीय रखने की जिम्मेदारी संबंधित अधिकारी की रहेगी।
  • कंपनी के अधिकारी-कर्मचारी को सूचनाकर्त्ता नहीं माना जाएगा। सूचनाकर्त्ता को प्रोत्साहन राशि का भुगतान कंपनी मुख्यालय से किया जाएगा। प्रोत्साहन राशि सीधे सूचनाकर्त्ता के बैंक खाते में जमा की जाएगी।
  • प्रकरण बनाने एवं राशि वसूली करने वाले विभागीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों को भी ढाई प्रतिशत राशि प्रोत्साहन के रूप में दी जाएगी।
  • कंपनी मुख्यालय में इस योजना के क्रियान्वयन के लिये विज़िलेंस सेल गठित किया गया है। इस विज़िलेंस सेल को भी सूचना भेजी जा सकती है। 

मध्य प्रदेश Switch to English

जल-संसाधन विभाग को सिंचाई में हासिल हुई विशेष उपलब्धियाँ

चर्चा में क्यों?

6 जनवरी, 2023 को मध्य प्रदेश जल-संसाधन विभाग ने बीते वर्षों में सिंचाई के क्षेत्र में हासिल की गई अनेक उपलब्धियों का ब्यौरा जारी किया।

प्रमुख बिंदु  

  • इस अवसर पर मध्य प्रदेश के जल-संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने कहा है कि सिंचाई क्षमता में बीते दो साल में 3 लाख 48 हज़ार हेक्टेयर क्षेत्र की वृद्धि हुई है।
  • विभाग द्वारा वर्तमान में 37 लाख 7 हज़ार हेक्टेयर सिंचाई क्षमता विकसित की जा चुकी है। तवा परियोजना के कमांड में जायद फसल के लिये किसानों को 89 हज़ार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा मिल रही है।
  • वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 में 840.3 करोड़ रुपए के राजस्व की वसूली की गई है। वहीं 2022-23 में सितंबर तक 266.11 करोड़ रुपए राजस्व की वसूली की जा चुकी है।
  • विभाग ने वर्ष 2020-21 में एक लाख 15 हज़ार हेक्टेयर सिंचाई क्षमता विकसित करने के लक्ष्य के विरूद्ध एक लाख 16 हज़ार हेक्टेयर सिंचाई क्षमता विकसित की। वहीं 2021-22 के लक्ष्य एक लाख 70 हज़ार हेक्टेयर के विरूद्ध एक लाख 71 हज़ार हेक्टेयर क्षेत्र में नवीन सिंचाई क्षमता विकसित की गई। कुल सिंचाई क्षमता बढ़ाकर 40 लाख हेक्टेयर करने के लक्ष्य को 31 दिसंबर, 2023 तक पूर्ण कर लिया जाएगा।
  • विभाग द्वारा मध्य प्रदेश में बीते दो वर्ष में कुल 126 नयी वृहद, मध्यम और लघु सिंचाई परियोजनाएँ शुरू की गईं। इनमें चार वृहद्, 10 मध्यम और 112 लघु परियोजनाएँ शामिल हैं। इन सभी 126 सिंचाई परियोजनाओं की लागत 6 हज़ार 700 करोड़ रुपए है। इन नयी सिंचाई परियोजनाओं से 3 लाख 34 हज़ार हेक्टेयर सिंचाई क्षमता विकसित होगी।
  • मध्य प्रदेश में बहु प्रतीक्षित केन-बेतवा लिंक राष्ट्रीय परियोजना का कार्य जल्द शुरू किया जाएगा। 44 हज़ार 605 करोड़ रुपए लागत की इस राष्ट्रीय परियोजना से प्रदेश के सूखाग्रस्त बुंदेलखंड क्षेत्र के 8 लाख 11 हज़ार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी। साथ ही लगभग 41 लाख आबादी को पेयजल की सुगम आपूर्ति होगी।
  • इस परियोजना से 103 मेगावॉट बिजली का उत्पादन होगा, जिसका पूर्ण उपयोग मध्य प्रदेश करेगा। केन-बेतवा लिंक परियोजना से राज्य के 10 ज़िलों की 28 तहसील के 2040 ग्राम लाभांवित होंगे।
  • मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में भू-जल स्तर को बढ़ाने, पेयजल संकट को दूर करने और सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से ‘अटल भू-जल योजना’ प्रारंभ की गई है। लगभग 314 करोड़ 54 लाख रूपए लागत की इस परियोजना में प्रदेश के 6 ज़िलों के 9 विकासखंड के 678 गाँवों में जन-भागीदारी से जल-संवर्धन एवं भू-जल स्तर में सुधार के कार्य किये जा रहे हैं।
  • मध्य प्रदेश के ग्वालियर और चंबल अंचल में सिंचाई एवं पेयजल आपूर्ति के लिये 6,601 करोड़ की ‘श्रीमंत माधवराव सिंधिया नवीन बहुउद्देश्यीय सिंचाई परियोजना’ प्रारंभ की जा रही है। इस परियोजना से प्रदेश के गुना, शिवपुरी और श्योपुर ज़िले में 2 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी और 6 जलाशय का निर्माण होगा। साथ ही सिंचाई, पेयजल, मछली पालन, पर्यटन एवं रोज़गार के अवसर में वृद्धि होगी। क्षेत्र का भू-जल स्तर भी बढ़ेगा।
  • गौरतलब है कि सूक्ष्म सिंचाई पद्धति पर आधारित योजनाओं का निर्माण करने वाला मध्य प्रदेश देश का अग्रणी राज्य है। विभाग की वर्तमान में निर्माणाधीन 55 वृहद् एवं मध्यम सिंचाई परियोजनाओं में आधुनिक दबाव युक्त पाइप आधारित सूक्ष्म सिंचाई पद्धति का उपयोग किया जा रहा है।
  • जल-संसाधन विभाग ने बांध सुरक्षा अधिनियम-2021 के प्रावधानों को लागू करने के लिये विशेषज्ञ समिति का गठन करने वाला मध्य प्रदेश देश का अग्रणी राज्य है। मध्य प्रदेश में ‘डेम सेफ्टी रिव्यू पैनल’ गठित है। पिछले 5 वर्ष में 148 करोड़ रुपए की लागत से 25 बांध की मरम्मत का कार्य किया जा चुका है। आने वाले 5 वर्ष में 27 बांध की सुरक्षा एवं मरम्मत की जाएगी। इसके लिये विश्व बैंक के सहयोग से 551 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी जा चुकी है। 

झारखंड Switch to English

जमशेदपुर पुलिस ने क्यूआर कोड आधारित बीट सिस्टम अपनाया

चर्चा में क्यों?

6 जनवरी, 2023 को पूर्वी सिंहभूमि ज़िले के एसएसपी प्रभात कुमार ने जमशेदपुर के साकची स्थित कंपोजिट कंट्रोल रूम (सीसीआर) में क्यूआर कोड स्कैनिंग सिस्टम के जरिये स्मार्ट पुलिसिंग का शुभारंभ किया।

प्रमुख बिंदु 

  • जमशेदपुर शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में फैले 1500 से अधिक बीट पॉइंट्स ने क्यूआर कोड-आधारित ई-बीट सिस्टम को अपनाया है। नई प्रणाली के तहत, जमशेदपुर पुलिस की गश्ती टीमों के पास ज़िले भर में स्कैन-थ्रू क्यूआर कोड होंगे।
  • संबंधित थानों के प्रभारी अधिकारियों को क्यूआर कोड की स्कैनिंग के साथ-साथ वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा कड़ी निगरानी के साथ डेटा बनाए रखना होगा ताकि गश्त करने वाले दल अपने कर्तव्य से बच न सकें।
  • पिछली पारंपरिक लॉगबुक प्रणाली के तहत, बीट पुलिस को अपनी धड़कनों के साथ स्थापित स्वाइपिंग मशीनों के माध्यम से मैन्युअल रूप से अपने मूवमेंट्स को रिकॉर्ड करना पड़ता था। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि पुरानी व्यवस्था में हेरफेर की गुंजाइश थी क्योंकि उचित निगरानी नहीं थी।
  • नई प्रणाली के साथ, बीट पुलिस को अपने मोबाइल फोन से अपने मार्गों पर रखे क्यूआर कोड को स्कैन करना होगा। ऐप आधारित क्यूआर कोड चेहरे की पहचान का उपयोग करता है और पुलिस अधिकारियों को बेहतर और त्वरित प्रतिक्रिया के लिये फोटो डाउनलोड करने और टिप्पणियाँ लिखने की अनुमति देता है। कंट्रोल रूम से भी सिस्टम की रियल टाइम आधार पर मॉनिटरिंग की जा सकेगी।
  • जैसे ही बीट पुलिसकर्मी कोड को स्कैन करेगा, प्रभारी अधिकारी को न सिर्फ कन्फर्मेशन मिलेगा, बल्कि जीपीएस के जरिये उसकी गतिविधि को भी ट्रैक किया जा सकेगा। ऐप में दर्ज की गई टिप्पणियों को भविष्य की पुलिसिंग और योजना के लिये संगृहीत और विश्लेषण किया जा सकता है।
  • नई प्रणाली के शुभारंभ के दौरान एसएसपी प्रभात कुमार ने बताया कि शुरुआत में साकची में 27 क्यूआर और बिस्टुपुर में 30 क्यूआर कोड लगाए गए हैं।
  • ये क्यूआर कोड प्रमुख आभूषण दुकानों, बैंकों और होटलों में स्थापित किये गए हैं, जहाँ गश्त करने वाली पार्टियों को नियमित रूप से नजर रखनी होती है। ज़िले भर में जल्द ही ऐसे क्यूआर कोड की संख्या बढ़ाकर 1,500 की जाएगी, ताकि निर्दोष पुलिस पेट्रोलिंग से व्यवसायियों, बैंकों, स्कूलों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों को सुरक्षित किया जा सके।

झारखंड Switch to English

श्री सम्मेद शिखरजी को ईको टूरिज़्म ज़ोन एवं पर्यटन से हटाया गया

चर्चा में क्यों?

5 जनवरी, 2023 को केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने झारखंड के गिरिडीह ज़िले में स्थित श्री सम्मेद शिखरजी पर्वत क्षेत्र से जुड़े पर्यावरण की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्र को अधिसूचना की धारा 3 के प्रावधानों और अन्य सभी पर्यटन और ईको-पर्यटन गतिविधियों को लागू करने पर तत्काल रोक रोक लगा दी है।

प्रमुख बिंदु 

  • विदित है कि झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेश यादव को इस संबंध में पत्र लिखा था। सीएम ने पत्र के माध्यम से कहा था कि पारसनाथ सम्मेद शिखर पौराणिक काल से ही जैन समुदाय का विश्व प्रसिद्ध पवित्र एवं पूजनीय तीर्थ स्थल रहा है। मान्यता के अनुसार जैन धर्म के कुल 24 तीर्थंकरों में से 20 तीर्थंकरों ने इसी स्थान पर निर्वाण प्राप्त किया है।
  • उल्लेखनीय है कि केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को पिछले कुछ दिनों में पारसनाथ वन्यजीव अभयारण्य में होने वाली कुछ गतिविधियों के बारे में जैन समाज का प्रतिनिधित्व करने वाले विभिन्न संगठनों से कई ज्ञापन प्राप्त हुए हैं, जिससे जैन धर्म के अनुयायियों की भावनाओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।
  • इन शिकायतों में झारखंड सरकार द्वारा पारसनाथ वन्यजीव अभयारण्य के पर्यावरण संवेदनशील क्षेत्र की अधिसूचना के प्रावधानों का दोषपूर्ण कार्यान्वयन का उल्लेख है और कहा गया है कि राज्य सरकार की इस तरह की लापरवाही से उनकी भावनाओं को ठेस पहुँची है।
  • इस संबंध में केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने इस पूरे मुद्दे और संभावित समाधान पर चर्चा करने के लिये जैन समुदाय के विभिन्न प्रतिनिधियों को आमंत्रित कर उनके साथ एक बैठक की थी। प्रतिनिधि बड़ी संख्या में आए और उन्होंने सम्मेद शिखरजी की वर्तमान स्थिति और स्थान की पवित्रता बनाए रखने के लिये समुदाय की मांगों के बारे में बात की।
  • प्रतिनिधियों को अवगत कराया गया कि पारसनाथ डब्ल्यूएल अभयारण्य की स्थापना तत्कालीन बिहार सरकार द्वारा 1984 में वन्यजीव संरक्षण कानून, 1972 के प्रावधानों के तहत की गई थी, जबकि पर्यावरण की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्र (ईएसजैड) को पर्यावरण (संरक्षण) कानून, 1986 के प्रावधानों के तहत भारत सरकार ने झारखंड की सरकार के साथ परामर्श से 2019 में अधिसूचित किया था।
  • पर्यावरण की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्र संरक्षित क्षेत्रों के आसपास की गतिविधियों को प्रतिबंधित, नियंत्रित और बढ़ावा देकर संरक्षित क्षेत्रों के लिये एक प्रकार का ‘शॉक एब्जॉर्बर’ के रूप में कार्य किया जाता है।
  • ईएसजैड अधिसूचना का उद्देश्य अनियंत्रित पर्यटन को बढ़ावा देना नहीं है, और निश्चित रूप से अभयारण्य की सीमा के भीतर हर प्रकार की विकास गतिविधियों को बढ़ावा देना नहीं है। ईएसजैड की घोषणा वास्तव में अभयारण्य के आसपास और इसलिये, इसकी सीमा के बाहर गतिविधियों को प्रतिबंधित करने के लिये है।
  • पारसनाथ डब्ल्यूएल अभयारण्य की प्रबंध योजना में पर्याप्त प्रावधान हैं जो जैन समुदाय की भावनाओं को प्रतिकूल रूप से प्रभावित करने वाली गतिविधियों को प्रतिबंधित करते हैं, भारत सरकार जैन समुदाय की भावनाओं को देखते हुए समग्र रूप से निगरानी समिति को किसी भी समस्या का समाधान करने के लिये दिशा निर्देश जारी कर सकती है।
  • केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने विशेष रूप से उल्लेख किया कि मंत्रालय स्थापित तथ्य को स्वीकार करता है कि सम्मेद शिखरजी पर्वत क्षेत्र न केवल जैन समुदाय के लिये बल्कि पूरे देश के लिये एक पवित्र जैन धार्मिक स्थान है और मंत्रालय इसकी पवित्रता बनाए रखने के लिये प्रतिबद्ध है।
  • बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि झारखंड की सरकार को पारसनाथ वन्यजीव अभयारण्य की प्रबंध योजना के महत्त्वपूर्ण प्रावधानों को सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया जाए, जो विशेष रूप से वनस्पतियों या जीवों को नुकसान पहुँचाने, पालतू जानवरों के साथ आने, तेज संगीत बजाने या लाउडस्पीकरों का उपयोग करने, स्थलों या धार्मिक और सांस्कृतिक महत्त्व के स्थानों जैसे पवित्र स्मारक, झीलों, चट्टानों, गुफाओं और मंदिरों को गंदा करने; और शराब, ड्रग्स और अन्य नशीले पदार्थों की बिक्री; पारसनाथ पहाड़ी पर अनधिकृत शिविर और ट्रेकिंग आदि को प्रतिबंधित करता है।
  • झारखंड सरकार को निर्देशित किया गया है इन प्रावधानों का कड़ाई से पालन करे। राज्य सरकार को पारसनाथ पहाड़ी पर शराब और माँसाहारी खाद्य पदार्थों की बिक्री और खपत पर प्रतिबंध को सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया गया है।
  • इसके अलावा, पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 की धारा 3 की उप-धारा (3) के तहत उपरोक्त पर्यावरण की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्र अधिसूचना के प्रावधानों की प्रभावी निगरानी के लिये, केंद्र सरकार ने इस अधिसूचना की धारा 5 के तहत एक निगरानी समिति का गठन किया है।
  • राज्य सरकार को निर्देश दिया गया है कि जैन समुदाय से दो सदस्य और स्थानीय आदिवासी समुदाय से एक सदस्य को इस निगरानी समिति में स्थायी आमंत्रित के रूप में रखा जाए, जिससे महत्त्वपूर्ण हितधारकों द्वारा उचित भागीदारी और निरीक्षण किया जा सके।  

उत्तराखंड Switch to English

उत्तराखंड के प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. अरुण कुकसाल को मिलेगा प्रतिष्ठित राहुल सांकृत्यायन पर्यटन पुरस्कार

चर्चा में क्यों?

6 जनवरी, 2023 को उत्तराखंड के प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. अरुण कुकसाल को उनकी चर्चित पुस्तक ‘चले साथ पहाड़’ के लिये ‘पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा प्रतिष्ठित’राहुल सांकृत्यायन पर्यटन पुरस्कार, 2020-21 के अंतर्गत प्रथम पुरस्कार के लिये चुना गया है।

प्रमुख बिंदु 

  • पौड़ी गढ़वाल के चामी गाँव में डॉ. अरुण कुकसाल का जन्म 8 अक्टूबर 1959 को हुआ था। वर्तमान में वे श्रीकोट-श्रीनगर में रहते हैं। डॉ. अरुण कुकसाल पौड़ी के मनरेगा विभाग में लोकपाल पद पर कार्य कर रहे हैं। अरुण कुकसाल ने अब तक सात पुस्तकों की रचना की है।
  • डॉ. अरुण कुकसाल हिमालयी समाज के सामाजिक, आर्थिक, शैक्षिक, सांस्कृतिक और साहित्यिक मुद्दों पर प्रकाशित पत्र-पत्रिकाओं तथा सोशल मीडिया में नियमित लेखन से जुड़े हैं। इनकी उद्यमिता विकास, यात्रा साहित्य तथा सामाजिक-सांस्कृतिक विषयक 7 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं।
  • गौरतलब है की पूर्व में डॉ. अरुण कुकसाल को उद्यमिता शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिये ‘राष्ट्रीय उद्यमी उत्प्रेरणा प्रशिक्षक सम्मान’ प्राप्त हुआ है।
  • वर्तमान में डॉ. अरुण कुकसाल अपने पैतृक गाँव चामी में बच्चों, युवाओं और महिलाओं के लिये पुस्तकालय संचालन, कंप्यूटर प्रशिक्षण और कैरियर मार्गदर्शन के कार्य में सक्रिय हैं। साथ ही, लोकपाल (मनरेगा), पौड़ी (गढ़वाल) के पद पर अपनी विशेषज्ञ सेवाएँ प्रदान कर रहें हैं। 

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