उत्तर प्रदेश Switch to English
उत्तर प्रदेश सरकार ने पेश किया 33 हज़ार 700 करोड़ रुपए का अनुपूरक बजट
चर्चा में क्यों?
5 दिसंबर, 2022 को उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में शहरीकरण, औद्योगीकरण और धार्मिक विरासत स्थलों को विकसित करने के उद्देश्य से विधानसभा में वित्त वर्ष 2022-23 के लिये 33,769 करोड़ रुपए का अनुपूरक बजट पेश किया।
प्रमुख बिंदु
- उत्तर प्रदेश विधानमंडल सत्र के पहले दिन वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने अनुपूरक बजट पेश किया।
- 33,769 करोड़ रुपए के कॉर्पस में से 14,000 करोड़ रुपए नई योजनाओं के लिये आवंटित किये गए हैं। अगले वर्ष फरवरी में होने वाले उत्तर प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के आयोजन के लिये 56 करोड़ रुपए का प्रस्ताव रखा गया है।
- पूरक बजट में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के लिये कॉर्पस के साथ, सरकार ने कहा कि इसका लक्ष्य राज्य में 1 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था का निर्माण करना है। इसके लिये, सरकार का मार्गदर्शन करने के लिये नियुक्त परामर्श एजेंसी को 35 करोड़ रुपए की प्रतिपूर्ति का प्रावधान किया गया है।
- राज्य सरकार ने इस बजट में ‘नए शहरों’के बुनियादी ढाँचे और समग्र विकास के लिये 4,000 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है।
- पर्यटन, इलेक्ट्रिक वाहन, सौर ऊर्जा, स्टार्टअप और औद्योगिक पार्कों की स्थापना जैसे क्षेत्रों के लिये घोषित नई नीतियों के तहत दिये गए प्रोत्साहनों के लिये भी धन आवंटित किया जाएगा।
- औद्योगिक पार्क स्थापित करने में निवेश करने वाले निवेशकों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिये 300 करोड़ रुपए का कोष आवंटित किया जाएगा, जबकि 100 करोड़ रुपए स्टार्टअप की स्थापना से जुड़े प्रोत्साहन के लिये रखा गया है।
- पूरक बजट में स्मार्ट सिटी मिशन के लिये 899 करोड़ रुपए तथा नई सौर नीति 2022 के तहत सौर शहर स्थापित करने की सरकार की योजना के अनुरूप अयोध्या सौर शहर के विकास के लिये 5 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
- अपने पूरक बजट में, सरकार ने नई घोषित इलेक्ट्रिक वाहन नीति के तहत सब्सिडी के लिये 100 करोड़ रुपए आवंटित किये हैं, जबकि 1,000 नई बसों की खरीद के लिये 200 करोड़ रुपए, राज्य में ईको टूरिज्म विकसित करने के लिये 20 करोड़ रुपए और कुकरैल नाइट सफारी विकसित करने के लिये एक करोड़ रुपए का प्रावधान किया है।
- बजट में उत्तर प्रदेश में विभिन्न औद्योगिक विकास प्राधिकरणों को ऋण देने के लिये 800 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा, बिजली क्षेत्र में परियोजनाओं और योजनाओं के वित्तपोषण के लिये 5,900 करोड़ रुपए अलग रखे जाएंगे।
- उत्तर प्रदेश के चार शहरों- वाराणसी, नोएडा, आगरा और लखनऊ में अगले साल जी-20 लीडरशिप समिट के कार्यक्रमों की मेजबानी की जानी है, इन आयोजनों के लिये पूरक बजट में 25 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। सूचना एवं संचार सेवाओं के विकास के लिये बजट में 804 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
- प्रदेश में सड़कों के निर्माण एवं रैंपिंग के लिये 2337 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा, गन्ना विकास परिषद द्वारा निर्मित सड़कों के विकास के लिये 155 करोड़ रुपए अलग रखे जाएंगे। राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में खेलों को बढ़ावा देने के सरकार के प्रयासों के तहत स्टेडियम और ओपन जिम बनाने और विकसित करने के लिये 15 करोड़ रुपए अलग रखे गए हैं।
- पूरक बजट में कृषि ऋण सब्सिडी के लिये 190 करोड़ रुपए का प्रावधान भी है।
- आध्यात्मिक पर्यटन के लिये अपने प्रयास को जारी रखते हुए, सरकार ने नैमिषारण्य में वेद विज्ञान केंद्र में सड़कों और सुविधाओं के विकास जैसे धार्मिक आकर्षण के आसपास के स्थानों को विकसित करने के लिये 5 करोड़ रुपए खर्च करने की योजना बनाई है।
बिहार Switch to English
बिहार के धर्मेंद्र सिंह ने 1 मिनट में सिर से फोड़े 21 बेल, बनाया 7वाँ विश्व रिकॉर्ड
चर्चा में क्यों?
5 दिसंबर, 2022 को नेताजी वर्ल्ड रिकॉर्ड फाउंडेशन द्वारा आयोजित सिर से कच्चे बेल फोड़ने की ऑनलाइन प्रतियोगिता में बिहार के धर्मेंद्र सिंह ने 1 मिनट में सिर से 21 कच्चे बेल फोड़कर वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम किया।
प्रमुख बिंदु
- नेताजी वर्ल्ड रिकॉर्ड फाउंडेशन द्वारा आयोजित इस ऑनलाइन प्रतियोगिता में 32 देशों के खिलाड़ियों ने भाग लिया था। इस प्रतियोगिता में दूसरे नंबर पर चीन के खिलाड़ी ने 17 बेल फोड़े और तीसरे नंबर पर पाकिस्तान के खिलाड़ी ने 15 बेल फोड़े।
- इंडिया के हैमर हेड मैन की उपाधि से सम्मानित धर्मेंद्र सिंह कैमुर ज़िले के रामगढ़ के रहने वाले हैं। वह वर्तमान में त्रिपुरा स्टेट राइफल्स के जवान हैं।
- उल्लेखनीय है कि धर्मेंद्र सिंह ने पहले से 6 विश्व रिकॉर्ड अपने नाम दर्ज किये थे, जिसमें सिर से नारियल तोड़ने, कच्चे बेल तोड़ने, दाँत से सरिया मोड़ने, सिर से सरिया मोड़ने, स्किपिंग, बैक साइड से सरिया मोड़ने जैसी प्रतियोगिताएँ शामिल हैं। धर्मेंद्र सिंह का नाम गिनीज बुक में भी दर्ज है।
राजस्थान Switch to English
राजस्थान ग्रामीण पर्यटन योजना लागू
चर्चा में क्यों?
5 दिसंबर, 2022 को राज्य सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये घोषित ‘राजस्थान ग्रामीण पर्यटन योजना’को लागू कर दिया गया है। योजना के माध्यम से राज्य सरकार द्वारा गाँवों के जीवन, कला संस्कृति और विरासत को प्रदर्शित करने वाली पर्यटन इकाइयों को बढ़ावा दिया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- विदित है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये राज्य बजट में ‘राजस्थान ग्रामीण पर्यटन योजना’की घोषणा की थी।
- योजना के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यटन इकाइयाँ स्थापित होने से स्थानीय लोक कला को प्रोत्साहन और हस्तशिल्प का संरक्षण होगा। इससे ग्रामीण इलाकों में स्थानीय लोगों के लिये रोज़गार के अवसर भी उपलब्ध हो सकेंगे।
- ‘राजस्थान ग्रामीण पर्यटन योजना’के तहत ग्रामीण पर्यटन इकाइयों को देय लाभ-
- स्टांप ड्यूटी में 100 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। आरंभ में 25 प्रतिशत स्टांप ड्यूटी देय होगी, पर्यटन इकाई शुरू होने का प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करने पर पुनर्भरण किया जाएगा।
- देय एवं जमा एसजीएसटी का 10 वर्षों तक 100 प्रतिशत पुनर्भरण किया जाएगा।
- ‘मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना’ के तहत 25 लाख रुपए तक के ऋण पर 8 प्रतिशत के स्थान पर 9 प्रतिशत ब्याज अनुदान दिया जाएगा।
- ग्रामीण पर्यटन इकाइयों को भू-संपरिवर्तन एवं बिल्डिंग प्लान अनुमोदन की ज़रूरत नहीं होगी।
- वन विभाग के अधीन क्षेत्र में ग्रामीण पर्यटन का प्रोत्साहन राज्य इको टूरिज्म पॉलिसी, 2021 के प्रावधानों के अनुसार किया जाएगा।
- स्थानीय लोक कलाकारों एवं हस्तशिल्पियों तथा ग्रामीण स्टार्टअप को अनुमोदन एवं देय लाभों में प्राथमिकता दी जाएगी।
- ‘राजस्थान ग्रामीण पर्यटन योजना’की विशेषताएँ-
- ग्रामीण गेस्ट हाउस: ग्रामीण क्षेत्रों में गेस्ट हाउस पंजीकृत किये जाएंगे, जिनमें 6-10 कमरे होंगे। ये कमरे पर्यटकों के ठहरने के लिये किराए पर उपलब्ध होंगे। गेस्ट हाउस में पर्यटकों के भोजन की व्यवस्था भी होगी।
- कृषि पर्यटन इकाई: कृषि भूमि पर अनुमोदित पर्यटन इकाई न्यूनतम 2,000 वर्ग मीटर एवं अधिकतम 2 हेक्टेयर पर स्थापित होगी। इसके 90 प्रतिशत हिस्से में कृषि और बागवानी कार्य, ऊँट फार्म, घोड़ा फार्म, पक्षी एवं पशुधन, फसल बोने के लिये, हस्तशिल्प, बगीचे आदि गतिविधियों के द्वारा पर्यटकों को ग्रामीण परिवेश उपलब्ध करवाया जाएगा।
- कैंपिंग साइट: कृषि भूमि पर न्यूनतम 1,000 वर्गमीटर एवं अधिकतम एक हेक्टेयर पर कैंपिंग साइट स्थापित हो सकेगी। इसके 10 प्रतिशत हिस्से पर टेंट में अस्थायी आवास की व्यवस्था होगी। शेष हिस्से में ऊँट फार्म, घोड़ा फार्म, पशुधन, बगीचे आदि गतिविधियाँ होंगी।
- कैरावैन पार्क: कृषि भूमि पर न्यूनतम 1,000 वर्ग मीटर एवं अधिकतम 1 हेक्टेयर पर कैरावैन पार्क स्थापित हो सकेगा। इस पर अतिथियों के वाहन पार्क किये जाने के बुनियादी सुविधाओं का विकास होगा।
- होम स्टे (पेईंग गेस्ट हाउस): पर्यटन विभाग द्वारा पूर्व में जारी होम स्टे (पेईंग गेस्ट हाउस) स्कीम ग्रामीण क्षेत्र में भी लागू है। इसके तहत आवास मालिक द्वारा स्वयं के आवास में पर्यटकों को 5 कमरों तक आवास सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
- उल्लेखनीय है कि इस योजना के तहत ग्रामीण गेस्ट हाउस, कृषि पर्यटन इकाई, कैंपिंग साइट, कैरावैन पार्क का प्रोजेक्ट अनुमोदन और पंजीकरण पर्यटन विभाग के संबधित पर्यटक स्वागत केंद्र द्वारा किया जाएगा। साथ ही ग्रामीण पर्यटन इकाइयों के लिये 15 फीट चौड़ी सड़क होना आवश्यक होगा।
राजस्थान Switch to English
राजीविका का इंडिया पोस्ट पैमेंट बैंक तथा फीनो पैमेंट बैंक के साथ एमओयू
चर्चा में क्यों?
5 दिसंबर, 2022 को राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद (राजीविका) द्वारा मिशन ‘वन जीपी -वन बीसी’प्रोजेक्ट के अंर्तगत राज्य के 17 ज़िलों में स्वयं सहायता समूहों की प्रशिक्षित एवं आईआईबीएफ सर्टिफाइड महिलाओं को बीसी सखी के रूप में लगाने हेतु इंडिया पोस्ट पैमेंट बैंक तथा फीनो पैमेंट बैंक के साथ एमओयू किया गया।
प्रमुख बिंदु
- इसके अतिरिक्त 25 नवंबर, 2022 को ‘पे-नियर बाय’फिनटेक ऐजेंसी के साथ 8 ज़िलों में भी बीसी सखी लगाने हेतु एमओयू किया गया था। इस प्रकार अभी तक 25 ज़िलों में बीसी सखी लगाने के लिये एमओयू किया जा चुका है एवं अतिशीघ्र ही शेष 8 ज़िलों के लिये एयरटेल पेमेंट बैंक से एमओयू किया जाना है।
- इसके साथ ही 25 अगस्त, 2022 को राज्य स्तरीय महिला समानता दिवस आयोजन कार्यक्रम के अवसर पर 4825 बीसी सखी लगाए जाने हेतु बैंक ऑफ बड़ौदा, राजस्थान क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, राजस्थान मरुधरा ग्रामीण बैंक, आईसीआईसीआई बैंक तथा आईडीएफसी बैंकों के साथ भी बीसी सखी लगाए जाने हेतु एमओयू किया जा चुका है।
- उल्लेखनीय है कि विभिन्न बैंकों के माध्यम से लगाई गई बीसी सखी संबंधित ग्राम पंचायत में ग्रामीण क्षेत्र के निवासियों तथा स्वयं सहायता समूहों के परिवारों को नि:शुल्क बैंकिग सेवाएँ उपलब्ध करवा रही हैं। इससे उन्हें डोर स्टेप बैंकिंग सुविधाओं का लाभ मिल रहा है। साथ ही इन बीसी सखियों की आमदनी का एक अच्छा जरिया बनने से उनका सशक्तीकरण, आत्मनिर्भरता तथा बैंकिंग कौशल में वृद्धि हो रही है।
- डोर स्टेप बैंकिंग सेवाओं में प्रमुख रूप से बचत खाता खोलना, रकम निकासी, रकम जमा करने के साथ-साथ बैंकिंग सेवाओं के अन्य प्रोडेक्टस जैसे बीमा एवं पेंशन योजनाओं में नामांकन की सुविधाएँ उपलब्ध करवाने के साथ पेंशन वितरण, डीबीटी का पैसा निकासी की सुविधा शामिल हैं।
मध्य प्रदेश Switch to English
कूनो नेशनल पार्क में दक्षिण अफ्रीका से जल्द आएंगे 12 नए चीते, एमओयू को मिली मंजूरी
चर्चा में क्यों?
4 दिसंबर, 2022 को श्योपुर ज़िले के राष्ट्रीय कूनो अभयारण्य के डीएफओ प्रकाश शर्मा ने मीडिया को बताया कि कूनो नेशनल पार्क में जल्द ही दक्षिण अफ्रीका से 12 चीते आने वाले हैं। दक्षिण अफ्रीका के वन और पर्यावरण मंत्री बारबरा क्रीसी ने प्रोजेक्ट चीता के लिये भारत के साथ एमओयू को मंज़ूरी दे दी है। दस्तावेज़ अब राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा के पास है।
प्रमुख बिंदु
- डीएफओ प्रकाश शर्मा ने बताया कि भारत आने के लिये दक्षिण अफ्रीका में बीते साढ़े तीन माह से 12 चीतों को क्वारंटाइन में रखा गया है। इन चीतों को आगामी 15 दिसंबर तक भारत के श्योपुर कूनो में लाया जा सकता है। पार्क में नए आने वाले चीतों के लिये आठ नए बाड़े भी बनाकर तैयार किये गए हैं।
- गौरतलब है कि जुलाई 2022 में भारत ने दक्षिण अफ्रीका से चीता प्रोजेक्ट के लिये 12 चीतों को दिये जाने का आग्रह किया था। नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से एक साथ चीते लाकर भारत में बसाए जाने थे।
- चीतों के चयन से लेकर इनको क्वारंटीन करने तक की तैयारी नामीबिया के साथ ही दक्षिण अफ्रीका में भी उसी समय पूरी कर ली गई थी, लेकिन दक्षिण अफ्रीका से चीता लाने का एमओयू साइन नहीं हो पाया था, जिसकी वजह से नामीबिया से आठ चीते भारत आ गए, लेकिन दक्षिण अफ्रीका में चिह्नित किये गए 12 चीते क्वारंटीन बाड़ों में ही बंद रह गए।
- विदित है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 सितंबर, 2022 को श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया से लाए गए आठ चीतों को छोड़ा था।
उत्तराखंड Switch to English
प्रदेश में खुलेंगे 100 आँचल कैफे, उत्पादों की होगी मार्केटिंग
चर्चा में क्यों?
5 दिसंबर, 2022 को दुग्ध विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने देहरादून के घंटाघर स्थित एमडीडीए कॉम्पलेक्स में ‘आँचल कैफे’ का उद्घाटन करते हुए आँचल दूध से बने उत्पादों की मार्केटिंग और रोज़गार के लिये प्रदेश भर में इस तरह के 100 आँचल कैफे खोले जाने की घोषणा की।
प्रमुख बिंदु
- मंत्री सौरभ बहुगुणा ने कहा कि विभाग की ओर से आँचल कैफे बनाकर दिया जाएगा, जो कमीशन के आधार पर संचालित होगा। आँचल कैफे आवंटन में शहीदों के आश्रितों, राज्य आंदोलनकारी, दिव्यांग, महिलाओं, युवाओं को प्राथमिकता दी गई है।
- आँचल कैफे में लोगों को दूध के अलावा आइसक्रीम, दही, लस्सी, शेक, घी, पनीर समेत अन्य दुग्ध उत्पाद एक ही जगह पर उपलब्ध होंगे।
- विभागीय मंत्री ने कहा कि आँचल का पहला कैफे शहीद जगदीश प्रसाद की पत्नी कंचनी देवी को आवंटित किया गया है। दो माह के भीतर देहरादून के महत्त्वपूर्ण स्थानों पर 10 आँचल कैफे और स्थापित किये जाएंगे।
- उन्होंने कहा कि दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिये सरकार ने भूसे में 50 प्रतिशत सब्सिडी देने का निर्णय लिया है।
मध्य प्रदेश Switch to English
इंटरनेशनल मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप में देहरादून की अर्चना ने भाला फेंक में जीता गोल्ड
चर्चा में क्यों?
3-4 दिसंबर, 2022 को कुआलालंपुर, मलेशिया में आयोजित इंटरनेशनल मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप में देहरादून की अर्चना बिष्ट ने शॉटपुट (भाला फेंक) में स्वर्ण पदक जीता।
प्रमुख बिंदु
- ओएनजीसी में सहायक सुपरिनटेंडेंट के पद पर कार्यरत अर्चना बिष्ट वरिष्ठ भाजपा नेत्री एवं प्रदेश मंत्री महिला मोर्चा वंदना बिष्ट की छोटी बहन हैं।
- खेल के अलावा अर्चना बिष्ट सामाजिक कार्य भी करती हैं और आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों फ्री कोचिंग भी देती हैं।
- उल्लेखनीय है कि अर्चना बिष्ट इससे पहले 2016 में ऑस्ट्रेलिया में प्रतिभाग कर चुकी हैं। अर्चना बिष्ट इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ एथलेटिक फेडरेशन की लेवल वन कोच भी हैं। इनके द्वारा तैयार किये गए बच्चों ने इसी साल नेशनल एथलेटिक्स प्रतियोगिता गुवाहाटी में प्रतिभाग करते हुए बेहतर प्रदर्शन किया था।
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