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छत्तीसगढ़ का प्रथम मखाना प्रसंस्करण
चर्चा में क्यों?
5 दिसंबर, 2021 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गोधन न्याय योजना की राशि के अंतरण कार्यक्रम में रायपुर ज़िले के आरंग विकासखंड के ग्राम लिंगाडीह में छत्तीसगढ़ के प्रथम मखाना प्रसंस्करण केंद्र ‘मखाना खेती, प्रसंस्करण एवं विपणन केंद्र’ का वर्चुअल शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री ने गोधन न्याय योजना के राशि अंतरण कार्यक्रम में ‘गोधन न्याय मिशन’ के सुचारू संचालन के लिये 50 लाख रुपए की राशि जारी की।
- इस अवसर पर उन्होंने लिंगाडीह के ओजस फार्म में मखाने की खेती प्रारंभ करने वाले स्वर्गीय कृष्ण कुमार चंद्राकर दाऊ जी के नाम पर इस फार्म में उत्पादित मखाना की ‘दाऊजी’ ब्रांड नाम से लॉन्चिंग की।
- लिंगाडीह के ‘मखाना खेती, प्रसंस्करण एवं विपणन केंद्र’ द्वारा किसानों को मखाना खेती हेतु नि:शुल्क तकनीकी जानकारी, मखाना प्रक्षेत्र का समय-समय पर भ्रमण कराया जाता है और खेती का प्रशिक्षण दिया जाता है।
- इस केंद्र द्वारा किसानों के लिये मखाना बीज की उपलब्धता के साथ-साथ मखाने की खरीदी भी की जाती है।
- तालाब के साथ-साथ एक से डेढ़ फीट गहरे खेत में मखाने की खेती की जा सकती है। मखाने की खेती से प्रति एकड़ लगभग 70 हज़ार रुपए का शुद्ध लाभ अर्जित किया जा सकता है।
- बिहार के मिथिला क्षेत्र की पहचान से जुड़े मखाना की खेती छत्तीसगढ़ के रायपुर, धमतरी और महासमुंद के बेहद सीमित क्षेत्र में की जा रही है।
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छत्तीसगढ़ को मिला मोस्ट इंप्रूव्ड स्टेट इन एनवायरनमेंट अवार्ड
चर्चा में क्यों?
5 दिसंबर, 2021 को इंडिया टुडे स्टेट ऑफ स्टेट्स 2021 कान्क्लेव में मोस्ट इंप्रूव्ड स्टेट इन एनवायरनमेंट कैटेगरी में छत्तीसगढ़ को प्रथम पुरस्कार से नवाज़ा गया है। इंडिया टुडे के सीनियर एसोसिएट एडिटर राहुल नरोन्हा ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को यह पुरस्कार सौंपा।
प्रमुख बिंदु
- इंडिया टुडे द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार छत्तीसगढ़ राज्य वर्ष 2018 में 17वें, वर्ष 2019 में 6वें तथा वर्ष 2020 में दूसरे पायदान पर रहते हुए वर्ष 2021 में पहले पायदान पर है।
- इसी तरह इंडिया स्टेट ऑफ दी फारेस्ट रिपोर्ट के अनुसार राज्य के वन क्षेत्र में वृद्धि दर्ज की गई है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा पर्यावरण संरक्षण की दिशा में किये गए कार्यों की यह एक बड़ी उपलब्धि है।
- छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा वातावरण में वायु की गुणवत्ता जाँचने के लिये 18 वायु गुणवत्ता स्टेशन स्थापित किये गए हैं।
- वायु प्रदूषण से सर्वाधिक प्रभावित तीन प्रमुख नगर निगमों- रायपुर, भिलाई, कोरबा में राष्ट्रीय साफ वायु प्रोग्राम के तहत माइक्रो एक्शन प्लान तैयार किये गए हैं।
- वायु में सल्फर की मात्रा 37 प्रतिशत तक कम हो गई है। यह 2016 में 26.02 माइक्रोग्राम थी, जो 2020 में घटकर 16.34 माइक्रोग्राम हो गई। इसी प्रकार दैनिक नाइट्रोजन डाइऑक्साइड सकेंद्रण में भी 17 प्रतिशत की कमी आई है। यह 24.11 माइक्रोग्राम से घटकर 19.88 माइक्रोग्राम रह गई है।
- इसी तरह राज्य सरकार ने वाटर क्वालिटी मॉनिटरिंग प्रोग्राम के तहत राज्य की 7 प्रमुख नदियों में पानी की गुणवत्ता जाँचने के लिये 27 स्टेशन स्थापित किये हैं। इनमें 5 प्रमुख नदियों- खारून, महानदी, हसदेव, केलो और शिवनाथ का पानी पीने योग्य पाया गया है। इसके अलावा पानी की गुणवत्ता जाँचने के लिये 10 स्टेशन बनाए जा रहे हैं।
- छत्तीसगढ़ की लगभग 28.8 मिलियन आबादी में 6 मिलियन लोग शहरी क्षेत्रों में निवास करते हैं। शहरी क्षेत्रों से लगभग एक हज़ार 650 टन ठोस कचरा प्रतिदिन एकत्र होता है। राज्य सरकार द्वारा पूरे राज्य में मिशन क्लीन सिटी प्रोग्राम चलाया जा रहा है।
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पर्यावरण योद्धा अवार्ड
चर्चा में क्यों?
हाल ही में गौतम बुद्ध की जन्मस्थली लुंबिनी (नेपाल) में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरण सम्मेलन में छत्तीसगढ़ की राजधानी एवं शहर रायपुर निवासी खुशी ठाकुर को अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरण योद्धा अवार्ड से सम्मानित किया गया है।
प्रमुख बिंदु
- खुशी ठाकुर को पीपल, नीम एवं तुलसी अभियान के नेपाल की संस्था ‘ग्रीन यूथ ऑफ लुंबिनी (नेपाल)’ और ‘कमला जलाधार संरक्षण अभियान, जनकपुर (नेपाल)’ तथा ‘दीदीजी फाउंडेशन संयुक्त प्रयास’ से सम्मानित किया गया है।
- खुशी ठाकुर ने पर्यावरण के प्रति अपनी जागरूकता को लेकर वैश्विक स्तर पर यह अवार्ड प्राप्त किया है।
- उल्लेखनीय है कि खुशी ठाकुर साइंस कॉलेज, रायपुर में बीएससी प्रथम वर्ष की छात्रा है। वह क्रिकेट में भी राष्ट्रीय स्तर की खिलाड़ी हैं।
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कायाकल्प स्वच्छ अस्पताल योजना में रायपुर को मिला सांत्वना पुरस्कार
चर्चा में क्यों?
4 दिसंबर, 2021 को राज्य स्तर पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा कायाकल्प स्वच्छ अस्पताल योजनाओं में वर्ष 2021 में छत्तीसगढ़ राज्य के रायपुर ज़िले के शासकीय अस्पताओं को सांत्वना पुरस्कार मिला है।
प्रमुख बिंदु
- रायपुर ज़िले के सांत्वना पुरस्कार प्राप्त अस्पताओं में भाठागांव, भनपुरी, राजातालाब और हीरापुर शामिल है।
- उल्लेखनीय है कि स्वास्थ्य विभाग की योजनानुसार राज्य के 8 ज़िला अस्पतालों, 32 सिविल अस्पताओं व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, 160 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, 10 शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं 151 उपस्वास्थ्य केंद्रों को स्थापित किया गया था।
- स्वास्थ्य केंद्रों द्वारा 70 फीसद या अधिक अंक हासिल किये गए हैं।
- ज़िला अस्पताल की श्रेणी में ज़िला अस्पताल बलरामपुर ने 89.1 फीसद अंक प्राप्त कर प्रथम स्थान प्राप्त किया है।
- ज़िला अस्पताल बलौदा बाज़ार को 88.6 फीसद अंक प्राप्त कर द्वितीय स्थान प्राप्त किया है।
- ज़िला अस्पताल की श्रेणी में कुल 18 पुरस्कारों की घोषणा की गई है।
- प्रथम पुरस्कार पाने वाले ज़िला अस्पताल को 50 लाख रुपए एवं द्वितीय पुरस्कार पाने वाले ज़िला अस्पताल को 20 लाख रुपए की राशि और प्र्रशस्ति-पत्र दिया जाएगा।
- राज्य में सिविल अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की श्रेणी में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नगरी ज़िला धमतरी ने 89.1 फीसद अंक हासिल कर प्रथम स्थान प्राप्त किया है।
- वहीं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सीतापुर ज़िला सरगुजा को 88.6 फीसद अंक हासिल कर दूसरा स्थान हासिल किया। इस श्रेणी में कुल 32 केंद्रों को पुरस्कृत किया गया है।
- इसमें प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले को 15 लाख रुपए और द्वितीय स्थान को 10 लाख रुपए की राशि और प्रशस्ति-पत्र दिया जाएगा।
- अन्य 30 केंद्रों को सांत्वना पुरस्कार के रूप में एक लाख की राशि और प्रशस्ति-पत्र दिया जाएगा।
- शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में नवापारा अव्वल
- शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के तहत यूपी, एचसी नवापारा ज़िला सरगुजा ने 99.2 फीसद अंक के साथ प्रथम स्थान, यूपी, एससी शंकरपुरा ज़िला राजनांद गांव ने 88.5 अंक के साथ द्वितीय स्थान प्राप्त किया है।
- इस श्रेणी में कुल 19 शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को पुरस्कृत किया गया है। प्रथम स्थान वालों को दो लाख व द्वितीय को डेढ़ लाख रुपए और अन्य 17 को सांत्वना पुरस्कार के रूप में 50 हज़ार रुपए और प्रशस्ति-पत्र दिया जाएगा।
- प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की श्रेणी में कुल 160 अस्पतालों को पुरस्कृत किया गया, इसमें 24 विजेताओं को दो लाख रुपए और अन्य 146 को 50 हज़ार रुपए और प्रशस्ति-पत्र दिया जाएगा।
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एशियन थाईबॉक्सिंग में रजत पदक
चर्चा में क्यों?
3 से 5 दिसंबर, 2021 को वर्ल्ड थाई बॉक्सिंग पेडरेशन और एशियन थाई बॉक्सिंग पेडरेशन के तत्त्वावधान में हैदराबाद के सरुरनगर इंडोर स्टेडियम में एशियन थाई बॉक्सिंग प्रतियोगिता आयोजित की गई, जिसमे छत्तीसगढ़ के 2 खिलाडियों को रजत पदक मिला।
प्रमुख बिंदु
- थाई बॉक्सिंग इंडियन पेडरेशन की टीम में छत्तीसगढ़ के 6 खिलाड़ी शामिल हैं, इन्हीं में से दुर्ग के रोहित जगने और कनिका चंद्राकर ने रजत पदक जीत लिया।
- छत्तीसगढ़ थाई बॉक्सिंग से अनीस मेमन ने बताया कि इसमें भारत सहित 12 एशियाई देश की टीम आमंत्रित थी।
- यहाँ 14 से 16 वर्षीय आयु वर्ग में रोहित जगने को महाराष्ट्र के खिलाड़ी ने 52-56 से हरा दिया। इस तरह वह रजत जीता।
- महिला वर्ग में दुर्ग की कनिका चंद्राकर ने भी महाराष्ट्र से हारकर फाइनल में रजत पदक जीता।
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