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प्लास्टिक कचरा प्रबंधन में केदारनाथ धाम शिखर पर
चर्चा में क्यों?
4 नवंबर, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार नई दिल्ली में शहरी एवं आवास मंत्रालय और राष्ट्रीय नगरीय कार्य संस्थान की ओर से प्लास्टिक और ठोस कूड़ा प्रबंधन के लिये आयोजित अर्बन लार्ननाथोन में सभी राज्यों के शहरी निकायों में उत्तराखंड का केदारनाथ धाम प्लास्टिक कचरा प्रबंधन में देशभर में शिखर पर रहा।
प्रमुख बिंदु
- देशभर में उत्तराखंड के केदारनाथ धाम में प्लास्टिक कचरा संग्रहण के लिये लागू डिजिटल डिपोजिट रिफंड सिस्टम को पहला स्थान मिला है, जबकि बैणी सेना स्वयं सहायता समूह हल्द्वानी ठोस कूड़ा प्रबंधन में दूसरे स्थान पर रहा।
- नगर निगम हल्द्वानी में बैणी सेना स्वयं सहायता समूह 57 वार्डों में घर-घर कूड़ा संग्रहण कर रहा है। इसके साथ सिंगल यूज़ प्लास्टिक, सार्वजनिक स्थानों पर कूड़ा न फेंकने के लिये लोगों को जागरूक कर रहा है। 70 प्रतिशत परिवारों और दुकानों से यूज़र चार्ज लेकर समूह प्रतिमाह 35 लाख रुपए की आय प्राप्त कर रहा है।
- कार्यक्रम में शहरी एवं आवास मंत्रालय ने उत्तराखंड को अर्बन लार्ननाथोन-2023 के विजेता और उपविजेता का पुरस्कार दिया। नगर निगम हल्द्वानी के मेयर जोगेंद्र रौतेला और शहरी विकास विभाग के सहायक निदेशक विनोद कुमार ने पुरस्कार प्राप्त किया।
- विदित है कि पिछली चारधाम यात्रा में रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन और शहरी विकास विभाग ने केदारनाथ धाम में प्लास्टिक कूड़ा संग्रहण के लिये डिजिटल डिपोजिट रिफंड सिस्टम को लागू किया था।
- 7 जनवरी, 2023 को केंद्र सरकार ने इस सिस्टम को राष्ट्रीय डिजिटल पुरस्कार से सम्मानित किया। इस प्रबंधन के तहत ऊखीमठ विकासखंड को प्लास्टिक रेगुलेटेड ज़ोन घोषित किया गया।
- इसके अलावा प्लास्टिक पानी की बोतल पर क्यूआर लगाए गए। क्यूआर कोड के आधार पर विक्रेता ग्राहक से अतिरिक्त धनराशि लेता था। खरीदने वाला व्यक्ति जब खाली बोतल को निर्धारित दुकानों पर वापस लौटाता है तो उसे अतिरिक्त राशि लौटाई जाती है। केदारनाथ धाम में 15 डिजिटल डिपोजिट रिफंड सिस्टम केंद्र बनाए गए।
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प्रदेश में सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट के पाँच प्रस्तावों को मिली मंज़ूरी
चर्चा में क्यों?
3 नवंबर, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार उत्तराखंड के ऊर्जा सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम की अध्यक्षता में गठित राज्यस्तरीय समिति ने सौर ऊर्जा प्रस्ताव की समीक्षा कर 5.26 मेगावाट के पाँच सौर प्रोजेक्ट लगाने के प्रस्तावों को मंज़ूरी दी है।
प्रमुख बिंदु
- इसमें ईविंसिया रेन्युवल प्राइवेट लिमिटेड, सहारा साय प्राइवेट लिमिटेड, टेक्नोक्स इंजीनियरिंग एंड सर्विस, सहारा साय, काशी विश्वनाथ स्टील टैक्सटाइल्स मिल लिमिटेड कुल 5.26 मेगावाट (5265 किलोवाट) के सोलर प्रोजेक्ट लगाएंगी। इसमें 24 करोड़ का निवेश किया जाएगा।
- विदित है कि उत्तराखंड अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी ने सौर नीति के तहत जुलाई 2023 में सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट लगाने के लिये आवेदन मांगे थे, जिसमें 20 मेगावाट क्षमता के सात प्रोजेक्ट के प्रस्ताव मिले।
- ऊर्जा सचिव ने बताया कि ग्लोबल वार्मिंग को लेकर पीएम के संकल्प पर कार्बन उत्सर्जन कम करने को राज्य सरकार हरित ऊर्जा को बढ़ावा दे रही है।
- ज्ञातव्य है कि प्रदेश में 13 अप्रैल, 2023 को नई सौर ऊर्जा नीति लागू की गई। प्रदेश में मुख्यमंत्री सोलर स्वरोज़गार योजना चलाई गई है। इसके अलावा उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन के घरेलू उपभोक्ताओं के लिये रूफटॉप सोलर पावर प्लांट लगाने हेतु प्रदेश सरकार अतिरिक्त सब्सिडी दे रही है।
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