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स्टेट पी.सी.एस.

  • 06 Oct 2023
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उत्तर प्रदेश Switch to English

कहानीकार योगेंद्र आहूजा को ‘आनंद सागर स्मृति कथाक्रम सम्मान’

चर्चा में क्यों?

4 अक्तूबर, 2023 को आनंद सागर स्मृति कथाक्रम सम्मान समिति की बैठक में कहानीकार योगेंद्र आहूजा को ‘आनंद सागर स्मृति कथाक्रम सम्मान’दिये जाने का निर्णय लिया गया।

प्रमुख बिंदु

  • बैठक में संयोजक शैलेंद्र सागर, वरिष्ठ कहानीकार शिवमूर्ति, रंगकर्मी अखिलेश और लेखिका रजनी गुप्त शामिल रहीं।
  • आनंद सागर स्मृति कथाक्रम सम्मान के अंतर्गत 21 हज़ार रुपए व सम्मान चिह्न प्रदान किया जाएगा। यह सम्मान पाँच नवंबर को समारोह में दिया जाएगा।
  • वरिष्ठ साहित्यकार शैलेंद्र सागर ने बताया कि 1 दिसंबर, 1969 को उत्तर प्रदेश के बदायूँ में जन्मे योगेंद्र आहूजा हिन्दी कथा साहित्य के विशिष्ट एवं चर्चित कहानीकार हैं। उन्होंने उत्तराखंड के काशीपुर तथा उत्तर प्रदेश के बरेली ज़िले में शिक्षा ग्रहण की। योगेंद्र आहूजा की पहली कहानी प्रतिष्ठित पत्रिका पहल में 1991 में प्रकाशित हुई। इसके बाद लेखक ने मर्सिया, गलत, एक पुरानी कहानी, खाना, लफ्फाज, कुश्ती, एक्यूरेट, पैथोलॉजी जैसी लोकप्रिय कहानियाँ लिखीं।
  • योगेंद्र आहूजा का पहला कहानी संग्रह अंधेरे में हँसी 2004 में प्रकाशित हुआ। अभी हाल ही में पुस्तक टूटते तारों तल प्रकाशित को पूर्व में कथा पुरस्कार, परिवेश सम्मान, विजय वर्मा सम्मान, रमाकांत स्मृति पुरस्कार, स्पंदन सम्मान और प्रेमचंद स्मृति सम्मान मिल चुका है।


बिहार Switch to English

पटना देश का दूसरा और मुज़फ्फरपुर तीसरा प्रदूषित शहर

चर्चा में क्यों?

4 अक्तूबर, 2023 को जारी रेस्पायरर लिविंग साइंसेज की रिपोर्ट के अनुसार बिहार की राजधानी पटना देश का दूसरा सर्वाधिक प्रदूषित शहर है, वहीं तीसरे नंबर पर मुज़फ्फरपुर है।

प्रमुख बिंदु

  • रिपोर्ट के मुताबिक, पटना 97.7 माइक्रो/घनमीटर के साथ दूसरे स्थान पर है, लेकिन पिछले वर्ष यहाँ वायु गुणवत्ता में 24 प्रतिशत की गिरावट देखी गई।
  • ध्यान देने योग्य है कि इन शीर्ष 10 शहरों में सात शहर दिल्ली-एनसीआर और बिहार के हैं, जो गंगा के मैदानी भाग का हिस्सा हैं।
  • क्लाईमेट ट्रेंड्स की निदेशक आरती खोसला के अनुसार इस विश्लेषण से पता चलता है कि पिछले कुछ वर्षों में गंगा के मैदानी शहरों की वायु गुणवत्ता में सुधार हुआ है।
  • हालाँकि, भारी प्रदूषण को देखते हुए इन शहरों में देश में सबसे अधिक पीएम स्तर का अनुभव जारी है। इसलिये प्रदूषण बढने के कारणों की पड़ताल किया जाना बेहद ज़रूरी है, ताकि सुधारात्मक उपाय किये जा सकें।


राजस्थान Switch to English

‘e-Journey of Chief Minister's Office, Rajasthan’ एवं ‘Quotes Shri Ashok Gehlot’ पुस्तक प्रसारित

चर्चा में क्यों?

4 अक्तूबर, 2023 को राजस्थान के सूचना प्रौद्योगिकी और संचार विभाग द्वारा तैयार पुस्तक ‘e-Journey of Chief Minister's Office, Rajasthan’ एवं ‘Quotes Shri Ashok Gehlot’ प्रसारित की गई है, जिसमें आईटी क्षेत्र में हुए विकास कार्यों की जानकारी तस्वीरों के साथ दर्शाई गई है।

प्रमुख बिंदु

  • इसके साथ ही विभाग द्वारा लॉन्च की गई विभिन्न योजनाओं एवं प्रमुख संस्थानों के बारे में भी जानकारी साझा की गई है।
  • ‘Quotes Shri Ashok Gehlot’ पुस्तक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के विज़न को ‘Quotes’ के रूप में संकलित किया गया है।
  • साथ ही, भारतीय संविधान, लोकतंत्र, युवा, महिला सशक्तीकरण, आईटी, किसान, दलित, शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण, मानवता, कला एवं संस्कृति के बारे में भी मुख्यमंत्री के विचारों को संकलित किया गया है।


राजस्थान Switch to English

प्रदेश को मिले 100 नए फर्स्ट रिस्पॉन्स व्हीकल

चर्चा में क्यों?

5 अक्तूबर, 2023 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में कानून-व्यवस्था संधारण हेतु पुलिस के आधुनिकीकरण की दिशा में निरंतर कार्य करने के क्रम में मुख्यमंत्री आवास से 100 फर्स्ट रिस्पॉन्स व्हीकल (एफआरवी) को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

प्रमुख बिंदु

  • ये वाहन विभिन्न ज़िलों के पुलिस बेड़े में शामिल किये जाएंगें।
  • इन सभी वाहनों को आधुनिक मोबाईल डाटा टर्मिनल (एमडीटी), कैमरा, एनवीआर, वायरलेस सेट, जीपीएस पब्लिक एड्रेस सिस्टम, फर्स्ट एड बॉक्स, स्ट्रेचर, हेलमेट एवं अन्य आपातकालीन उपकरणों से युक्त किया गया है।
  • उक्त वाहन कमांड कंट्रोल सेंटर्स में ईआरएस डायल 112 से जुड़े रहेंगे तथा इनकी वास्तविक लोकेशन को ट्रैक भी किया जा सकेगा।
  • आमजन द्वारा आपातकालीन स्थिति में डायल 112 पर की गई सभी कॉल्स नज़दीकी एफआरवी को भेजी जाएगी, जिससे उन्हें त्वरित सहायता मिलेगी और अपराधों की बेहतर रोकथाम भी सुनिश्चित हो सकेगी।


हरियाणा Switch to English

एशियन गेम्स: सुनील मलिक ने 13 साल बाद ग्रीको रोमन कुश्ती में दिलाया पदक

चर्चा में क्यों?

4 अक्तूबर, 2023 को हरियाणा के सोनीपत ज़िले के गाँव डबरपुर के पहलवान सुनील मलिक ने चीन के हांगझोऊ में चल रहे एशियन गेम्स में देश के लिये ग्रीको रोमन 87 किलोग्राम भारवर्ग में 13 साल बाद पदक दिलाया है।

प्रमुख बिंदु

  • सुनील मलिक ने एशियाई खेल में अपना पहला पदक जीतने के लिये किर्गिस्तान के अताबेक अजीसबेकोव को 2-1 से हराया।
  • भारतीय पहलवान ने एशियन गेम्स 2023 में राउंड ऑफ 16 से अपने अभियान की शुरुआत की थी, जहाँ उन्होंने चीन के फेई पेंग को 4-3 से हराया था।
  • इसके बाद उन्होंने ताजिकिस्तान के सुखरोब अब्दुलखेव पर 9-1 की बड़ी जीत दर्ज की। हालाँकि, मौजूदा एशियाई चैंपियन को ईरान के नासेर अलीजादेह के खिलाफ 5-1 से हार का सामना करना पड़ा।
  • प्रतियोगिता में देश का प्रतिनिधित्व कर रहे सोनीपत के गाँव फतेहपुर के ज्ञानेंद्र ईरान के पहलवान व गाँव जुआं के नीरज उज्बेकिस्तान के पहलवान से हारकर बाहर हो गए हैं।
  • विदित है कि सुनील के द्वारा जीता गया यह कांस्य पदक 13 साल पहले चीन के गुआंगझोऊ में रविंदर सिंह और सुनील कुमार राणा के कांस्य पदक जीतने के बाद ग्रीको-रोमन कुश्ती में भारत का पहला पदक था। उसके बाद वर्ष 2014 व 2018 में ग्रीको रोमन में कोई पदक नहीं मिल सका।
  • इससे पहले सुनील इसी वर्ष अगस्त में रोमानिया कप में स्वर्ण पदक, अप्रैल में कज़ाखिस्तान के अस्ताना में हुई सीनियर एशियन कुश्ती चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीत चुके हैं।
  • गौरतलब है कि सुनील कुमार ने भारत के 27 साल के इंतजार को खत्म करते हुए दिल्ली में 2020 एशियाई चैंपियनशिप में भी स्वर्ण पदक हासिल किया था।
  • सुनील इससे पहले भी वर्ष 2018 में हुए राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण, 2019 में हुई विश्व रैंकिंग सीरीज़ में रजत व वर्ष 2019 में हुई सीनियर एशियन चैंपियनशिप में रजत पदक जीतकर देश का मान बढ़ा चुके हैं।

 


हरियाणा Switch to English

‘एटम ऑन व्हील अभियान’ की शुरुआत

चर्चा में क्यों?

5 अक्तूबर, 2023 को हरियाणा के फतेहाबाद ज़िले के गाँव गोरखपुर स्थित गोरखपुर हरियाणा अणु परियोजना संयंत्र से कॉरपोरेशन के परियोजना निदेशक आरएस बरवाल ने न्यूक्लियर पावर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया द्वारा संचालित ग्रामीण एकीकरण कार्यक्रम के तहत एटम ऑन व्हील अभियान की शुरुआत की।

प्रमुख बिंदु

  • विदित है कि आम जनता में परमाणु ऊर्जा को लेकर अलग-अलग तरह की भ्रांतियाँ फैली हुई हैं। इन्हीं भ्रांतियों को दूर करने के लिये यह राष्ट्रव्यापी अभियान चलाया गया है।
  • एटम ऑन व्हील अभियान का मुख्य उद्देश्य परमाणु ऊर्जा को लेकर आम जन की भ्रांतियाँ दूर करना है। इसके लिये एटम ऑन व्हील नाम से बस तैयार की गई है, जिसमें परमाणु ऊर्जा के उत्पादन से लेकर उसके फायदे बताने के लिये प्रदर्शनी लगाई गई है। यह प्रदर्शनी बस गाँव-गाँव में जाएगी। बस में तीन से चार सदस्यीय टीम रहेगी, जो ग्रामीणों के सवालों का जवाब भी देगी।
  • एटम ऑन व्हील अभियान हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात व आंध्र प्रदेश में चलाया जाएगा। हर राज्य में चार महीने तक अभियान चलेगा, जिसमें हर महीने 60 से 70 गाँवों को कवर किया जाएगा।
  • सबसे पहले फतेहाबाद ज़िले के 240 गाँवों में चार महीनों तक यह बस लोगों को परमाणु ऊर्जा के विषय में जागरूक करेगी। बस हर गाँव के पंचायत भवन, स्कूलों, चिकित्सा केंद्रों, सामुदायिक केंद्रों के बाहर खड़ी की जाएगी। हरियाणा के बाद बस को राजस्थान में भेजा जाएगा।
  • कॉरपोरेशन की ओर से तैयार करवाई गई वातानुकूलित बस में परमाणु ऊर्जा के उत्पादन, खपत, विशेषता, देश में चल रहे संयंत्रों और परमाणु ऊर्जा के उपयोग, प्रभाव और सुरक्षा से जुड़ी जानकारियों को एग्जिबिट्स और पैनल के जरिये दर्शाया गया है।
  • इसके अलावा बस के बाहर की तरफ एलईडी और प्रोजेक्टर्स लगाए गए हैं, जिनमें काफी रोचक जानकारियाँ दिखेंगी।
  • कॉरपोरेशन अधिकारियों के मुताबिक फतेहाबाद ज़िले के गाँव गोरखपुर स्थित संयंत्र में पहले चरण में 700-700 मेगावाट की दो यूनिट का निर्माण चल रहा है। पहली यूनिट का काम साल 2028 तक पूरा होगा।
  • गौरतलब है कि साल 2014 में गाँव गोरखपुर में अणु परियोजना के संयंत्र का शिलान्यास तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने किया था।
  • पूरी तरह स्वदेशी तकनीकी के इस संयंत्र में कुल 2800 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा। यहाँ 700-700 मेगावाट की चार यूनिट बनेंगी। सारा कार्य साल 2036 तक पूरा होगा। इस संयंत्र निर्माण पर 50 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे।


उत्तराखंड Switch to English

वैश्विक निवेशक सम्मेलन: दिल्ली रोड शो में 19,385 करोड़ रुपए के निवेश पर करार

चर्चा में क्यों?

4 अक्तूबर, 2023 को वैश्विक निवेशक सम्मेलन के लिये नई दिल्ली में हुए रोड शो में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 19,385 करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव के एमओयू पर हस्ताक्षर किये।

प्रमुख बिंदु

  • एमओयू के तहत जेएस डब्ल्यू एनर्जी 1500 मेगावाट क्षमता के अल्मोड़ा में दो पंप स्टोरेज परियोजनाएँ स्थापित करने में 15,000 करोड़ रुपए का निवेश करेगी, जिसे अगले पाँच से छह वर्षों में विकसित किया जाएगा।
  • अल्मोड़ा के जोसकोटे गाँव में साइट-एक में यह योजना निचला बांध-जलाशय कोसी नदी से आठ से 10 किमी. की दूरी पर प्रस्तावित है।
  • इसके अलावा अल्मोड़ा के कुरचौन गाँव में साइट-दो में यह ऊपरी जलाशय कोसी नदी से 16 किमी. की दूरी पर प्रस्तावित है।
  • इस योजना से एक बड़ी आबादी को पेयजल की आपूर्ति व कृषि के लिये सिंचाई की सुविधा मिलेगी। साथ ही 1000 लोगों को रोज़गार के अवसर मिलेंगे।
  • इसके अलावा, यथार्थ हॉस्पिटल ने चिकित्सा में, डीएस ग्रुप ने फूड प्रोसेसिंग में, डिक्सन टेक्नोलॉजी ने इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण में, रेडिशन ग्रुप ने होटल में, ओबरॉय समूह ने रिसॉर्ट में, एसएलएमजी ने वेलनेस में और कोमयूस्म, टीडब्ल्यूआई, बीएसएस ने कुल 4385 करोड़ रुपए के एमओयू किये। इससे प्रदेश में हज़ारों लोगों को रोज़गार के अवसर उपलब्ध होंगे।
  • विदित है कि लंदन, बर्मिंघम, नई दिल्ली में हुए रोड शो में अब तक 40 हज़ार करोड़ रुपए के निवेश पर करार हुआ है।
  • रोड शो में निवेशकों के साथ हुआ करार वैश्विक निवेशक सम्मेलन की सफलता को दर्शाता है। इससे राज्य में पंप स्टोरेज प्लांट, सीमेंट, ट्रेनिंग सेंटर, पेयजल, कुमाऊँ के प्राचीन मंदिरों में अवस्थापना विकास, सौंदर्यीकरण के लिये मानसखंड मंदिर माला मिशन में सीएसआर के तहत सहयोग मिलेगा।


छत्तीसगढ़ Switch to English

बस्तर की देवगुड़ियाँ और मातागुड़ियाँ हुई लिपिबद्ध

चर्चा में क्यों?

5 अक्टूबर, 2023 को छत्तीसगढ़ जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार राज्य शासन की मंशानुरूप छत्तीसगढ़ के आदिवासी बहुल बस्तर अंचल के आदिवासियों के विरासत में आस्था का केंद्र देवगुड़ियों-मातागुड़ियों को संरक्षित एवं संवर्धित करने की दिशा में बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के द्वारा इन देवगुड़ियों-मातागुड़ियों को लिपिबद्ध किया गया है।

प्रमुख बिंदु

  • विदित है कि छत्तीसगढ़ के आदिवासी बहुल बस्तर अंचल में सदियों से अनेक जनजातीय समुदाय निवासरत हैं। इन जनजातीय समुदायों की अपनी अलग सांस्कृतिक विरासत है। आदिवासियों के विरासत में आस्था का केंद्र देवगुड़ी-मातागुड़ी है, जिसकी जनजातीय समुदायों में अपनी महत्ता है।
  • बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के द्वारा विभिन्न मदों के अभिसरण से इन देवगुड़ियों-मातागुड़ियों का जीर्णोद्धार करने सहित उन्हें सँवारने के लिये व्यापक पहल की गई है।
  • जनजातीय समुदाय के अधिकांश समूह प्रकृति पूजक हैं, वे पेड़-पौधों में अपने देवी-देवताओं का वास मानते हैं और इसी आस्था के फलस्वरूप वनों को बचाने के लिये अहम भूमिका निभा रहे हैं। यही वजह है कि इन देवस्थलों पर बहुतायत मात्रा में पेड़-पौधे पाए जाते हैं।
  • इन देवस्थलों के परिसरों में वृहद स्तर पर फलदार एवं छायादार पौधरोपण किया जा रहा है। इसके साथ ही उत्त देवस्थलों का सामुदायिक वनाधिकार मान्यता पत्र प्रदान कर देवगुड़ियों एवं मातागुड़ियों सहित गोटुल एवं प्राचीन मृतक स्मारकों के भूमि को संरक्षित करने के उद्देश्य से संबंधित देवी-देवताओं के नाम से भूमि को राजस्व अभिलेख में दर्ज किया गया है।
  • वहीं इन देवगुड़ियों-मातागुड़ियों और गोटुल एवं प्राचीन मृतक स्मारकों को उनके नाम से सामुदायिक वनाधिकार मान्यता पत्र जारी किया गया है, ताकि इन सांस्कृतिक-सामाजिक धरोहरों के परिसरों को अवैध कब्जा से बचाया जा सके। साथ ही इन धरोहरों के संरक्षण एवं संवर्धन की दिशा में स्थानीय जनजातीय समुदाय की सहभागिता सुनिश्चित किया जा सके।
  • देश में पहली बार छत्तीसगढ़ राज्य एवं बस्तर संभाग देश का ऐसा संभाग है, जो आदिवासी समुदायों की आस्था एवं जीवित परंपराओं के केंद्र मातागुडी, देवगुडी, गोटूल, प्राचीन मृतक स्मारक, सेवा-अर्जी स्थल आदि के संरक्षण, संवर्धन तथा परिरक्षण के लिये प्रतिबद्ध है।
  • अनुसूचित जनजाति एवं अन्य परंपरागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम के तहत देवी-देवताओं के नाम से ग्राम सभा को 2453 सामुदायिक वनाधिकार पत्र प्रदान किये गए हैं। इनमें कुल 7075 मातागुडी, देवगुडी, गोटूल, प्राचीन मृतक स्मारक के लिये 2607.20 हेक्टेयर (6466 एकड़) भूमि राजस्व अभिलेखों में प्रविष्टि कर संरक्षित किया गया है।
  • बस्तर संभाग में कुल 22884 बैगा, सिरहा, मांझी, गुनिया, गायता, पुजारी, बजनिया, अटपहरिया आदि को राजीव गांधी भूमिहीन कृषक मजदूर न्याय योजना अंतर्गत पंजीकृत करके प्रत्येक को प्रतिवर्ष 7000 रुपए प्रदान किया जा रहा है।
  • बस्तर में क्षेत्रवार आदिवासी समुदायों के देवी-देवताओं की वाचिक परंपरा में प्रचलित मान्यताओं को लेखबद्ध कर उन्हें जारी किये गए सामुदायिक वन अधिकार के प्रपत्रों को संकलित कर ‘पुरखती कागजात’नामक (भाग एक) पुस्तिका तैयार की गई है। ‘पुरखती कागजात’(भाग-दो) में संरक्षित खसरों का संकलन है, जिसमें भुईया के माध्यम से खसरे के कैफियत कॉलम में मातागुडी, देवगुड़ी के नाम व रकबा उल्लेखित कर राजस्व अभिलेख संरक्षित किया गया है।
  • बस्तर अंचल की आस्था और सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण एवं संवर्धन की दिशा में 6283 देवगुड़ी और मातागुड़ी में से 3244 का जीर्णोद्धार की स्वीकृति दी गई है और अब तक 2320 देवगुड़ी एवं मातागुड़ियों का जीर्णोद्धार कार्य पूर्ण किया जा चुका है। वहीं स्वीकृत 297 गोटुल निर्माण कार्यों में से 200 कार्यो को पूर्ण किया गया है।
  • बस्तर संभाग के अंतर्गत कुल 7075 देवगुड़ियों एवं मातागुड़ियों सहित गोटुल एवं प्राचीन मृतक स्मारकों में से 3619 देवगुड़ी-मातागुड़ी और गोटुल एवं मृतक स्मारक राजस्व, गैर वनभूमि, निजी भूमि तथा अन्य मदों की भूमि पर अवस्थित हैं, जिससे 898 हेक्टेयर रकबा भूमि संरक्षित है।
  • वहीं शेष सभी 3456 देवगुड़ियों-मातागुड़ियों और घोटुल एवं प्राच्य मृतक स्मारकों का सामुदायिक वनाधिकार मान्यता पत्र समुदाय को प्रदान कर करीब 1709 हेक्टेयर रकबा भूमि संरक्षित किया गया है। लगभग 6466 एकड़ राजस्व भूमि को देव-मातागुड़ी के रूप में संरक्षित किया गया है।
  • बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण-
    • बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण का गठन राज्य शासन द्वारा 27 फरवरी, 2019 को किया गया था। इसके अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष तथा सदस्य स्थानीय जनप्रतिनिधियों को बनाया गया है।
    • प्राधिकरण का मुख्य उद्देश्य बस्तर क्षेत्र में आदिवासियों की संस्कृति का परिरक्षण, संवर्धन एवं संरक्षण करना है, इस प्राधिकरण के अंतर्गत क्षेत्र तथा ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विकास के लिये अन्य कार्य स्वीकृत किये जा रहे हैं।
    • प्राधिकरण अंतर्गत संभाग के बस्तर, कोंडागाँव, नारायणपुर, कांकेर, दंतेवाड़ा, बीजापुर एवं सुकमा ज़िले समाहित हैं।

  


मध्य प्रदेश Switch to English

खेलो एमपी यूथ गेम्स - 2023 में इंदौर बना ओवरऑल चैंपियन

चर्चा में क्यों?

5 अक्तूबर, 2023 को मध्य प्रदेश में टी.टी. नगर स्टेडियम, भोपाल में पहले खेलो एमपी यूथ गेम्स-2023 का समापन हुआ, जिसमें इंदौर ज़िले ने शानदार खेल का प्रदर्शन करते हुए ओवरऑल चैंपियनशिप की ट्रॉफी प्राप्त की।

प्रमुख बिंदु

  • इंदौर 42 स्वर्ण, 32 रजत और 24 काँस्य सहित कुल 98 पदक लेकर पहले स्थान पर रहा। जबलपुर 24 स्वर्ण, 27 रजत और 35 काँस्य पदक, कुल 86 पदक लेकर दूसरे स्थान पर रहा। भोपाल ने 24 स्वर्ण, 27 रजत और 35 काँस्य पदक लेकर कुल 77 पदक के साथ तीसरे स्थान पर अपनी जगह बनाई। उज्जैन 9 स्वर्ण, 13 रजत और 17 काँस्य पदक सहित कुल 39 पदकों के साथ चौथे स्थान पर रहा।
  • खेलो एमपी यूथ गेम्स में दलीय एवं व्यक्तिगत खेल के खिलाड़ियों को प्रथम पुरस्कार 31 हज़ार रुपए, द्वितीय पुरस्कार 21 हज़ार रुपए, तृतीय और चतुर्थ पुरस्कार पाने वाले खिलाड़ियों को 11 हज़ार रुपए से पुरस्कृत किया गया। एमपी यूथ गेम्स में कुल 2 करोड़ रुपए की राशि पुरस्कार के रूप में वितरित की गई।
  • उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल में पहली बार हुए खेलो इंडिया यूथ गेम्स की सफलता के बाद घोषणा की थी कि ‘खेलो इंडिया यूथ गेम्स’ की तर्ज पर मध्य प्रदेश में ‘खेलो एमपी यूथ गेम्स’का आयोजन भी किया जाएगा। इस कड़ी में 12 से 28 सितम्बर तक प्रदेश में विभिन्न चरणों में खेल प्रतियोगिताएँ आयोजित की गईं।
  • खेलो एमपी यूथ गेम्स का आयोजन प्रदेश के सभी 52 ज़िलों के 313 विकासखंडों में किया गया।
  • यूथ गेम्स 4 चरणों, ब्लॉक, ज़िला, संभाग एवं राज्य-स्तर पर किया गया। ब्लॉक-स्तरीय चयन स्पर्धा 12 से 14 सितंबर, ज़िला-स्तरीय प्रतियोगिता 16 से 18 सितंबर, संभाग-स्तरीय 20 से 23 सितंबर तथा राज्य-स्तरीय खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन 1 से 5 अक्तूबर तक किया गया।
  • राज्य-स्तर पर प्रदेश के 8 संभाग भोपाल, ग्वालियर, इंदौर, जबलपुर, रीवा, सागर, उज्जैन एवं शहडोल की टीमों ने सहभागिता की।
  • 24 खेलों में राज्य-स्तरीय प्रतियोगिताएँ प्रदेश के 7 शहर भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, शिवपुरी, उज्जैन, रीवा एवं जबलपुर में हुईं।
  • ज़िला एवं संभाग स्तर पर प्रदेश में प्रचलित 18 खेल एथलेटिक्स, बॉस्केट-बॉल, बैडमिंटन, बॉक्सिंग, फुटबॉल, हॉकी, जूडो, कबड्डी, खो-खो, मलखंब, तैराकी, वेट-लिफ्टिंग, कुश्ती, टेबिल-टेनिस, योगासन, व्हॉलीबॉल, टेनिस और शतरंज का आयोजन किया गया।
  • राज्य-स्तर पर 6 खेल ताइक्वांडो, फैंसिंग, रोइंग, क्याकिंग-कनोइंग, शूटिंग एवं आर्चरी जैसे खेलों का आयोजन किया गया।
  • राज्य-स्तर पर एथलेटिक्स, शूटिंग प्रतियोगिताएँ स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स शिवपुरी में हुईं। भोपाल के टी.टी. नगर स्टेडियम में बॉक्सिंग, ताक्वांडो, जूडो, फैंसिंग, टेनिस, फुटबॉल, व्हॉलीबॉल, कुश्ती, शतरंज प्रतियोगिताएँ खेली गईं।
  • भोपाल की बड़ी झील में कयाकिंग-केनोइंग और रोइंग तथा प्रकाश तरण पुष्कर में तैराकी प्रतियोगिता, इंदौर के बॉस्केट-बॉल कॉम्प्लेक्स में बॉस्केट-बॉल और वेट-लिफ्टिंग प्रतियोगिताएँ तथा एमरॉल्ड हाइट्स स्कूल में टेबल-टेनिस के मुकाबले हुए।
  • ग्वालियर में मध्य प्रदेश बैडमिंटन अकादमी बेडमिंटन और मध्य प्रदेश महिला हॉकी अकादमी कम्पू ग्वालियर में हॉकी की प्रतियोगिताएँ, स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स उज्जैन में मलखंब और योगासन, जबलपुर के रानीताल स्पोर्टस कॉम्प्लेक्स में खो-खो एवं तीरंदाजी तथा स्पोर्टस कॉम्प्लेक्स रीवा में कबड्डी के शानदार मुकाबले खेले गए।


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