छत्तीसगढ़ Switch to English
राज्य लघु वनोपज संघ का भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के साथ अनुबंध
चर्चा में क्यों?
5 अक्टूबर, 2021 को छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा राज्य में लघु वनोपज संग्रहण कार्य को उन्नत और बेहतर बनाने के लिये भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) से अनुबंध किया गया है।
प्रमुख बिंदु
- इस अनुबंध के अंतर्गत भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के संस्थान छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ को संग्रहण, भंडारण तथा प्रसंस्करण हेतु नवीनतम उपकरण एवं तकनीकी मार्गदर्शन उपलब्ध कराएंगे।
- समझौते के तहत उपलब्ध आधुनिकतम उपकरणों तथा तकनीकी का प्रयोग लघु वनोपज संग्रहण में लगे लोगों की मेहनत कम करेगा तथा उन्नत संग्रहण सुनिश्चित होगा। साथ ही नई तकनीक के प्रयोग से वनोपजों की साफ-सफाई, छटाई, गोदामीकरण में सुधार एवं सरलता के साथ ‘छत्तीसगढ़ हर्बल्स’ में नए उत्पादों का समावेश होगा और वन-धन केंद्रों की उत्पादन क्षमता में भी वृद्धि होगी।
- इसके अलावा आईसीएआर के विभिन्न संस्थानों से उपलब्ध तकनीकी के प्रयोग से संग्राहकों तथा स्व-सहायता समूहों को अधिक आमदनी, बढ़ा हुआ लाभांश तथा छत्तीसगढ़ लघु वनोपज संघ द्वारा संचालित समाज कल्याण की योजनाओं, जैसे- सामाजिक सुरक्षा, बीमा, छात्रवृत्ति आदि का अधिक-से-अधिक लाभ मिलेगा।
- उल्लेखनीय है कि इससे पहले छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा कोदो-कुटकी एवं रागी के बेहतर प्रसंस्करण कार्य के लिये भारतीय मिलेट अनुसंधान संस्थान (आईआईएमआर) के साथ समझौता किया जा चुका है।
- यह अनुबंध राज्य सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ में लघु वनोपज संग्राहक आदिवासी तथा अन्य परंपरागत वनवासी परिवारों की बेहतरी की दिशा में उठाया गया एक महत्त्वपूर्ण कदम है।
- उल्लेखनीय है कि आईसीएआर भारत सरकार के कृषि एवं कृषि कल्याण मंत्रालय के अधीन कृषि अनुसंधान तथा शिक्षा के अंतर्गत कार्यरत् एक स्वशासी संस्था है। यह देश में कृषि, उद्यानिकी, मत्स्यपालन तथा पशुविज्ञान में समन्वय स्थापित करने एवं मार्गदर्शन देने वाली सर्वोच्च संस्था है।
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