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स्टेट पी.सी.एस.

  • 06 Sep 2023
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उत्तर प्रदेश Switch to English

उत्तर प्रदेश के तीन शिक्षक राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित

चर्चा में क्यों?

5 सितंबर, 2023 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शिक्षक दिवस के अवसर पर नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित समारोह में उत्तर प्रदेश के तीन शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2023 से सम्मानित किया।

प्रमुख बिंदु

  • उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने विज्ञान भवन में आयोजित समारोह में देशभर के कुल 75 चयनित शिक्षकों को वर्ष 2023 के राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया।
  • इस शिक्षक सम्मान समारोह में सभी पुरस्कृत शिक्षकों को पुरस्कार स्वरूप 50 हज़ार रुपए नकद, प्रशस्ति-पत्र, शॉल, श्रीफल दिया गया।
  • इस वर्ष राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिये उत्तर प्रदेश के तीन शिक्षकों को चुना गया था, जिन्हें राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित किया गया। सम्मानित शिक्षकों में मेरठ के के. एन. इंटरनेशनल स्कूल के प्रिंसिपल सुधांशु शेखर पांडा, बुलंदशहर के चंद्र प्रकाश अग्रवाल और फतेहपुर की आशिया फारूकी शामिल हैं।
  • विदित है कि चंद्र प्रकाश अग्रवाल ने शिक्षा के क्षेत्र में बुलंदशहर जनपद का नाम उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश में सुर्खियों में लाने का काम किया है। शिवकुमार जनता इंटर कॉलेज बुलंदशहर का पहला हाईटेक स्कूल है और यहाँ बेटियों को नि:शुल्क शिक्षा दी जाती है। शिक्षा के क्षेत्र में इस स्कूल का योगदान पूरे बुलंदशहर में सबसे बेहतर है। विद्यालय में आर्यभट्ट खगोलीयशाला स्थापित की गई है, जिसमें विद्यार्थियों को खगोलीय ज्ञान की जानकारी दी जाती है।
  • फतेहपुर नगर क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय अस्ती की शिक्षिका आशिया फारूकी ने नवाचार के दम पर विद्यालय का कायाकल्प किया। अकेले पाँच कक्षाओं का संचालन कर ज्वायफुल लर्निंग से बच्चों में शिक्षा के प्रति रुचि पैदा की। इसका परिणाम है कि तीन वर्ष में स्कूल में पंजीकृत बच्चों की संख्या 250 पहुँच गई।
  • राष्ट्रीय शिक्षक दिवस:
    • वर्ष 1962 से प्रतिवर्ष 5 सितंबर को मनाए जाने वाले इस दिवस का उद्देश्य भारत में स्कूल अध्यापकों, शोधकर्त्ताओं और प्रोफेसरों सहित अन्य शिक्षकों के योगदान का सम्मान करना है।
    • भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने छात्रों के उत्सव के अनुरोध की प्रतिक्रिया में उनके जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाने का सुझाव दिया था।
  • राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार:
    • राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार का उद्देश्य देश के कुछ बेहतरीन शिक्षकों के अनूठे योगदान का जश्न मनाना तथा उन शिक्षकों को सम्मानित करना है, जिन्होंने अपनी प्रतिबद्धता के माध्यम से न केवल शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार किया है, बल्कि अपने छात्रों के जीवन को भी समृद्ध बनाया है।
    • ये पुरस्कार प्रत्येक वर्ष 5 सितंबर को भारत के राष्ट्रपति द्वारा प्रदान किये जाते हैं।
    • पुरस्कार में एक रजत पदक, एक प्रमाण-पत्र एवं 50,000 रुपए की नकद राशि शामिल है।
    • इस वर्ष पुरस्कार के दायरे में स्कूली शिक्षा तथा साक्षरता विभाग द्वारा चयनित शिक्षकों के अतिरिक्त  उच्च शिक्षा विभाग एवं कौशल विकास मंत्रालय द्वारा चयनित शिक्षकों को भी शामिल किया गया है।



उत्तर प्रदेश Switch to English

प्रदेश के 94 शिक्षकों को मिला राज्य शिक्षक पुरस्कार

चर्चा में क्यों?

  • 5 सितंबर, 2023 को शिक्षक दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोक भवन में आयोजित कार्यक्रम में बेसिक शिक्षा विभाग तथा माध्यमिक शिक्षा विभाग के 94 शिक्षकों को अपने क्षेत्र में विशिष्ट कार्य करने के लिये राज्य शिक्षक पुरस्कार प्रदान किये।

प्रमुख बिंदु

  • राज्य शिक्षक पुरस्कार प्राप्त करने वाले शिक्षकों में बेसिक शिक्षा परिषद के 75 शिक्षक और माध्यमिक शिक्षा विभाग के 19 शिक्षक शामिल हैं।
  • इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्राथमिक विद्यालयों के 02 लाख 09 हज़ार से अधिक अध्यापकों को टैबलेट वितरण, 18,381 उच्च प्राथमिक विद्यालयों एवं कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में स्मार्ट लैब्स की स्थापना की कार्यवाही तथा 880 आई.टी.सी. लैब्स का शुभारंभ भी किया।


बिहार Switch to English

बिहार के 3 शिक्षकों को मिला राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार

चर्चा में क्यों?

  • 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के अवसर पर नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में आयोजित एक समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2023 के लिये चयनित बिहार के तीन शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार प्रदान किये।

प्रमुख बिंदु

  • उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने विज्ञान भवन में आयोजित समारोह में देशभर के कुल 75 चयनित शिक्षकों को वर्ष 2023 के राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया।
  • इस शिक्षक सम्मान समारोह में सभी पुरस्कृत शिक्षकों को पुरस्कार स्वरूप 50 हज़ार रुपए नकद, प्रशस्ति-पत्र, शॉल, श्रीफल दिया गया।
  • समारोह में बिहार के कैमूर ज़िला स्थित आदर्श बालिका प्लस टू उच्च माध्यमिक विद्यालय रामगढ़ के शिक्षक अनिल कुमार सिंह, सीतामढ़ी स्थित माध्यमिक विद्यालय मधुबन के शिक्षक द्विजेंद्र कुमार और किशनगंज स्थित हाईस्कूल सिंघिया की शिक्षिका कुमारी गुड्डी को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार दिया गया।
  • राष्ट्रीय शिक्षक दिवस
    • वर्ष 1962 से प्रतिवर्ष 5 सितंबर को मनाए जाने वाले इस दिवस का उद्देश्य भारत में स्कूल अध्यापकों, शोधकर्त्ताओं और प्रोफेसरों सहित अन्य शिक्षकों के योगदान का सम्मान करना है।
    • भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने छात्रों के उत्सव के अनुरोध की प्रतिक्रिया में उनके जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाने का सुझाव दिया था।
  • राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार:
    • राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार का उद्देश्य देश के कुछ बेहतरीन शिक्षकों के अनूठे योगदान का जश्न मनाना तथा उन शिक्षकों को सम्मानित करना है, जिन्होंने अपनी प्रतिबद्धता के माध्यम से न केवल शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार किया है, बल्कि अपने छात्रों के जीवन को भी समृद्ध बनाया है।
    • ये पुरस्कार प्रत्येक वर्ष 5 सितंबर को भारत के राष्ट्रपति द्वारा प्रदान किये जाते हैं।
    • पुरस्कार में एक रजत पदक, एक प्रमाण-पत्र एवं 50,000 रुपए की नकद राशि शामिल है।
    • इस वर्ष पुरस्कार के दायरे में स्कूली शिक्षा तथा साक्षरता विभाग द्वारा चयनित शिक्षकों के अतिरिक्त  उच्च शिक्षा विभाग एवं कौशल विकास मंत्रालय द्वारा चयनित शिक्षकों को भी शामिल किया गया है।
       

बिहार Switch to English

बिहार के 20 शिक्षकों को मिला राजकीय शिक्षक पुरस्कार

चर्चा में क्यों?

  • 5 सितंबर, 2023 को बिहार के शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर ने पटना में 20 सरकारी शिक्षकों को राजकीय शिक्षक पुरस्कार प्रदान किये। राजकीय शिक्षक पुरस्कार के लिये चयनित 20 सरकारी शिक्षकों में सात महिला शिक्षक हैं।

प्रमुख बिंदु

  • यह सम्मान समारोह श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल पटना में आयोजित हुआ, जिसमें शिक्षकों को पुरस्कारस्वरूप 15 हज़ार रुपए का चेक, अंग-वस्त्रम और स्मृति चिह्न प्रदान किये गए।
  • सम्मान समारोह के दौरान प्राथमिक शिक्षा निदेशक शिक्षक कल्याण कोष में अधिकतम राशि जमा करने वाले प्रथम तीन ज़िलों के ज़िला शिक्षा पदाधिकारियों को पुरस्कृत किया गया।
  • पटना ज़िले के राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय की प्राचार्य पूनम सिन्हा, राजकीय मूक-बधिर बालक विद्यालय के प्राचार्य सुबीर बनर्जी और प्राथमिक विद्यालय की शिक्षिका नीतू शाही को सम्मानित किया गया।
  • इसके अलावा कटिहार के अर्जुन कुमार साहा, मधुबनी के हाईस्कूल, मलमल की संगीता कुमारी और वैशाली के मध्य विद्यालय, हरिहरपुर के शिक्षक उमेश कुमार यादव को भी सम्मानित किया गया है।


राजस्थान Switch to English

राजस्थान की दो महिला शिक्षकों को मिला राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार

चर्चा में क्यों?

5 सितंबर, 2023 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शिक्षक दिवस के अवसर पर नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित समारोह में राजस्थान की दो महिला शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2023 से सम्मानित किया।

प्रमुख बिंदु

  • उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने विज्ञान भवन में आयोजित समारोह में देशभर के कुल 75 चयनित शिक्षकों को वर्ष 2023 के राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया।
  • इस शिक्षक सम्मान समारोह में सभी पुरस्कृत शिक्षकों को पुरस्कारस्वरूप 50 हज़ार रुपए नकद, प्रशस्ति-पत्र, शॉल, श्रीफल दिया गया।
  • इस वर्ष राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिये राजस्थान की दो महिला शिक्षकों को चुना गया था, जिन्हें राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित किया गया। सम्मानित शिक्षिकाओं में अलवर ज़िले की आशा सुमन और जोधपुर में प्रिंसिपल डॉ. शीला आसोपा शामिल हैं।
  • आशा सुमन अलवर में बच्चियों को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग देती हैं तो वहीं जोधपुर में प्रिंसिपल डॉ. शीला आसोपा ने कड़ी मेहनत से साईन लैंग्वेज तैयार कर बच्चों को शब्द ज्ञान कराया।
  • राष्ट्रीय शिक्षक दिवस:
    • वर्ष 1962 से प्रतिवर्ष 5 सितंबर को मनाए जाने वाले इस दिवस का उद्देश्य भारत में स्कूल अध्यापकों, शोधकर्त्ताओं और प्रोफेसरों सहित अन्य शिक्षकों के योगदान का सम्मान करना है।
    • भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने छात्रों के उत्सव के अनुरोध की प्रतिक्रिया में उनके जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाने का सुझाव दिया था।
  • राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार:
      • राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार का उद्देश्य देश के कुछ बेहतरीन शिक्षकों के अनूठे योगदान का जश्न मनाना तथा उन शिक्षकों को सम्मानित करना है, जिन्होंने अपनी प्रतिबद्धता के माध्यम से न केवल शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार किया है, बल्कि अपने छात्रों के जीवन को भी समृद्ध बनाया है।
      • ये पुरस्कार प्रत्येक वर्ष 5 सितंबर को भारत के राष्ट्रपति द्वारा प्रदान किये जाते हैं।
      • पुरस्कार में एक रजत पदक, एक प्रमाण-पत्र एवं 50,000 रुपए की नकद राशि शामिल है।
      • इस वर्ष पुरस्कार के दायरे में स्कूली शिक्षा तथा साक्षरता विभाग द्वारा चयनित शिक्षकों के अतिरिक्त  उच्च शिक्षा विभाग एवं कौशल विकास मंत्रालय द्वारा चयनित शिक्षकों को भी शामिल किया गया है।

 


मध्य प्रदेश Switch to English

राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2023 से सम्मानित हुए प्रदेश के पाँच शिक्षक

चर्चा में क्यों?

  • 5 सितंबर, 2023 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शिक्षक दिवस के अवसर पर नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित समारोह में मध्य प्रदेश के पाँच शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार, 2023 से सम्मानित किया।

प्रमुख बिंदु

  • उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने विज्ञान भवन में आयोजित समारोह में देशभर के कुल 75 चयनित शिक्षकों को वर्ष 2023 के राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार प्रदान किये।
  • इस शिक्षक सम्मान समारोह में सभी पुरस्कृत शिक्षकों को पुरस्कारस्वरूप 50 हज़ार रुपए नकद, प्रशस्ति-पत्र, शॉल, श्रीफल दिया गया।
  • राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने समारोह में नर्मदापुरम की सारिका घारू, इंदौर की चेतना खंबेटे, भोपाल के डॉ. यशपाल सिंह, दतिया के रविकांत मिश्रा और रतलाम की सीमा अग्निहोत्री को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार प्रदान किया।
  • नर्मदापुरम के पिपरिया स्थित शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की शिक्षिका सारिका घारू ने जनजातीय छात्रों का नामांकन बढ़ाने के लिये अपनी कक्षा को मस्ती की पाठशाला बनाया। इनके परिश्रम से विद्यालय के जनजातीय छात्रों ने कई पुरस्कार प्राप्त किये हैं।
  • इंदौर के केंद्रीय विद्यालय नंबर 2, बीएसएफ की शिक्षिका चेतना खंबेटे  18 वर्षों से रुचिकर तरीके से जीवविज्ञान का अध्यापन कर रहीं हैं। इन्होंने विज्ञान प्रयोगशाला के लिये 3-डी मॉडल और इंटरएक्टिव शिक्षण सामग्री विकसित की है।
  • भोपाल के एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय के डॉ. यशपाल सिंह को सामाजिक बदलाव लाने और शिक्षण क्षेत्र के प्रयासों के लिये पुरस्कृत किया गया। छात्रों को ज्ञान देने के साथ उन्होंने पर्यावरण संरक्षण जैसे मुद्दों और बाल विवाह, दहेज़ जैसी कुरीतियों के विरुद्ध समाज में जागरूकता लाने का सराहनीय प्रयास किया है।
  • दतिया के बीकर स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय के रविकांत मिश्रा को तकनीक के उपयोग से शिक्षा को सरल और रोमांचक बनाने के लिये पुरस्कृत किया गया। उन्होंने अपने यूट्यूब चैनल पर पढ़ाने, पीएम ई-विद्या राष्ट्रीय चैनलों पर सजीव कक्षा लेने और स्वास्थ्य जैसे महत्त्वपूर्ण मुद्दों पर जागरूकता लाने जैसे कई कदम उठाए हैं।
  • रतलाम के सीएम राइज शासकीय विनोबा उच्चतर माध्यमिक शाला की सीमा अग्निहोत्री को सूचना प्रौद्योगिकी के माध्यम से शिक्षण सामग्री को आनंददायक बनाने के लिये सम्मानित किया गया। शिक्षा को रुचिकर बनाने के लिये उन्होंने समुदाय को शामिल कर कहानी पढ़ने की प्रतियोगिता, समाचार-पत्र लेखन, नाटक और नृत्य प्रतियोगिता आयोजित की है।
  • राष्ट्रीय शिक्षक दिवस:
    • वर्ष 1962 से प्रतिवर्ष 5 सितंबर को मनाए जाने वाले इस दिवस का उद्देश्य भारत में स्कूल अध्यापकों, शोधकर्त्ताओं और प्रोफेसरों सहित अन्य शिक्षकों के योगदान का सम्मान करना है।
    • भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने छात्रों के उत्सव के अनुरोध की प्रतिक्रिया में उनके जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाने का सुझाव दिया था।
  • राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार:
    • राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार का उद्देश्य देश के कुछ बेहतरीन शिक्षकों के अनूठे योगदान का जश्न मनाना तथा उन शिक्षकों को सम्मानित करना है, जिन्होंने अपनी प्रतिबद्धता के माध्यम से न केवल शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार किया है, बल्कि अपने छात्रों के जीवन को भी समृद्ध बनाया है।
    • ये पुरस्कार प्रत्येक वर्ष 5 सितंबर को भारत के राष्ट्रपति द्वारा प्रदान किये जाते हैं।
    • पुरस्कार में एक रजत पदक, एक प्रमाण-पत्र एवं 50,000 रुपए की नकद राशि शामिल है।
    • इस वर्ष पुरस्कार के दायरे में स्कूली शिक्षा तथा साक्षरता विभाग द्वारा चयनित शिक्षकों के अतिरिक्त  उच्च शिक्षा विभाग एवं कौशल विकास मंत्रालय द्वारा चयनित शिक्षकों को भी शामिल किया गया है।


हरियाणा Switch to English

हरियाणा के साइंस टीचर सत्यपाल सिंह राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित

चर्चा में क्यों?

  • 5 सितंबर, 2023 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शिक्षक दिवस के अवसर पर नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित समारोह में हरियाणा के रेवाड़ी ज़िले के गाँव बुड़ौली स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल के साइंस टीचर सत्यपाल सिंह को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2023 से सम्मानित किया।

प्रमुख बिंदु

  • उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने विज्ञान भवन में आयोजित समारोह में देशभर के कुल 75 चयनित शिक्षकों को वर्ष 2023 के राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया।
  • इस शिक्षक सम्मान समारोह में सभी पुरस्कृत शिक्षकों को पुरस्कार स्वरूप 50 हज़ार रुपए नकद, प्रशस्ति-पत्र, शॉल, श्रीफल दिया गया।
  • गाँव बुड़ौली स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल के साइंस टीचर सत्यपाल सिंह हरियाणा के एकमात्र ऐसे टीचर हैं, जिन्हें इस वर्ष राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से नवाजा गया। इससे पहले उन्हें वर्ष 2021 में राज्य शिक्षक का भी पुरस्कार मिल चुका है।
  • रेवाड़ी के रहने वाले सत्यपाल सिंह की पहली पोस्टिंग रेवाड़ी के ही गाँव टांकड़ी के राजकीय उच्च स्कूल में बतौर विज्ञान अध्यापक वर्ष 2002 में हुई थी। उस समय स्कूल की प्रयोगशाला ज़र्जर हालत में थी। उन्होंने अपने प्रयासों से प्रयोगशाला को श्रेष्ठ प्रयोगशाला बनाया और अतिरिक्त कक्षाएँ लगाकर स्टूडेंट को विज्ञान विषय में पारंगत किया। रेवाड़ी के ही गाँव प्राणपुरा स्कूल में पोस्टिंग के दौरान भी उन्होंने वहाँ की लैब को बेहतर बनाया।
  • सत्यपाल सिंह कक्षा तीसरी से लेकर 8वीं तक के स्टूडेंट के लिये किताबें भी लिख चुके हैं। कक्षा तीसरी, चौथी व पाँचवीं की झरोखा ईवीएस किताब पूरे हरियाणा में पढ़ाई जा रही है। वहीं छठी से आठवीं तक की विज्ञान मॉड्यूल की किताब लिखी, जो स्टूडेंट के साथ ही शिक्षकों के लिये भी लाभकारी रही।
  • इसके अतिरिक्त वे 10 बार राज्य स्तर पर विज्ञान प्रदर्शनी में व राष्ट्र स्तरीय विज्ञान प्रदर्शनी में स्टूडेंट के साथ सहभागिता कर चुके हैं। उनके मार्गदर्शन में 45 विद्यार्थियों का राष्ट्रीय साधन एवं योग्यता छात्रवृत्ति परीक्षा, यानी (NMMS) के लिये चयन हुआ है। वहीं खुद के खर्च पर 3 राज्यस्तरीय विज्ञान प्रयोगशालाएँ उनके द्वारा तैयार कराई जा चुकी हैं।
  • SCERT में टीचरों व बच्चों के लिये चॉकलेट ऐप उनके द्वारा तैयार किया गया। दीक्षा ऐप तथा SCERT के लिये वीडियो मॉड्यूल तैयार किये। इसके अलावा कोविड काल में स्टूडेंट के ई-लर्निंग के लिये यू-ट्यूब चैनल व वीडियो बनाए गए।
  • राष्ट्रीय शिक्षक दिवस:
    • वर्ष 1962 से प्रतिवर्ष 5 सितंबर को मनाए जाने वाले इस दिवस का उद्देश्य भारत में स्कूल अध्यापकों, शोधकर्त्ताओं और प्रोफेसरों सहित अन्य शिक्षकों के योगदान का सम्मान करना है।
    • भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने छात्रों के उत्सव के अनुरोध की प्रतिक्रिया में उनके जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाने का सुझाव दिया था।
  • राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार:
    • राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार का उद्देश्य देश के कुछ बेहतरीन शिक्षकों के अनूठे योगदान का जश्न मनाना तथा उन शिक्षकों को सम्मानित करना है, जिन्होंने अपनी प्रतिबद्धता के माध्यम से न केवल शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार किया है, बल्कि अपने छात्रों के जीवन को भी समृद्ध बनाया है।
    • ये पुरस्कार प्रत्येक वर्ष 5 सितंबर को भारत के राष्ट्रपति द्वारा प्रदान किये जाते हैं।
    • पुरस्कार में एक रजत पदक, एक प्रमाण-पत्र एवं 50,000 रुपए की नकद राशि शामिल है।
    • इस वर्ष पुरस्कार के दायरे में स्कूली शिक्षा तथा साक्षरता विभाग द्वारा चयनित शिक्षकों के अतिरिक्त  उच्च शिक्षा विभाग एवं कौशल विकास मंत्रालय द्वारा चयनित शिक्षकों को भी शामिल किया गया है।


झारखंड Switch to English

झारखंड के दो शिक्षक राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित

चर्चा में क्यों?

  • 5 सितंबर, 2023 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शिक्षक दिवस के अवसर पर नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित समारोह में झारखंड के दो शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2023 से सम्मानित किया।
  • प्रमुख बिंदु  
  • उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने विज्ञान भवन में आयोजित समारोह में देशभर के कुल 75 चयनित शिक्षकों को वर्ष 2023 के राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया।
  • इस शिक्षक सम्मान समारोह में सभी पुरस्कृत शिक्षकों को पुरस्कारस्वरूप 50 हज़ार रुपए नकद, प्रशस्ति-पत्र, शॉल, श्रीफल दिया गया।
  • इस वर्ष राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिये झारखंड के दो शिक्षकों को चुना गया था, जिन्हें राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित किया गया। सम्मानित शिक्षकों में मध्य विद्यालय दीवानखाना चतरा के प्रभारी प्रधानाध्यापक मो. इजाजुल हक और सैनिक स्कूल तिलैया कोडरमा के कंप्यूटर साइंस के शिक्षक मनोरंजन पाठक शामिल हैं।
  • विदित है कि मध्य विद्यालय दीवानखाना के प्रभारी प्रधानाध्यापक मो. इजाजुल हक को यह सम्मान खेल-खेल में बच्चों को पढ़ाने, सामाजिक कार्यों के तहत छात्रों की बेहतरी के लिये हमेशा कार्य करने, अभिवंचित वर्ग के बच्चों को शिक्षा से जोड़ने, कला आधारित बच्चों को पढ़ाने पर दिया गया। वर्ष 2022 में उन्हें बेस्ट टीचर डिस्ट्रिक अवॉर्ड भी मिला था।
  • राष्ट्रीय शिक्षक दिवस:
    • वर्ष 1962 से प्रतिवर्ष 5 सितंबर को मनाए जाने वाले इस दिवस का उद्देश्य भारत में स्कूल अध्यापकों, शोधकर्त्ताओं और प्रोफेसरों सहित अन्य शिक्षकों के योगदान का सम्मान करना है।
    • भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने छात्रों के उत्सव के अनुरोध की प्रतिक्रिया में उनके जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाने का सुझाव दिया था।
  • राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार:
    • राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार का उद्देश्य देश के कुछ बेहतरीन शिक्षकों के अनूठे योगदान का जश्न मनाना तथा उन शिक्षकों को सम्मानित करना है, जिन्होंने अपनी प्रतिबद्धता के माध्यम से न केवल शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार किया है, बल्कि अपने छात्रों के जीवन को भी समृद्ध बनाया है।
    • ये पुरस्कार प्रत्येक वर्ष 5 सितंबर को भारत के राष्ट्रपति द्वारा प्रदान किये जाते हैं।
    • पुरस्कार में एक रजत पदक, एक प्रमाण-पत्र एवं 50,000 रुपए की नकद राशि शामिल है।
    • इस वर्ष पुरस्कार के दायरे में स्कूली शिक्षा तथा साक्षरता विभाग द्वारा चयनित शिक्षकों के अतिरिक्त  उच्च शिक्षा विभाग एवं कौशल विकास मंत्रालय द्वारा चयनित शिक्षकों को भी शामिल किया गया है।
       

छत्तीसगढ़ Switch to English

राज्य शिक्षक सम्मान पुरस्कार-2023 की घोषणा

चर्चा में क्यों?

  • 5 सितंबर, 2023 को छत्तीसगढ़ के स्कूल शिक्षा मंत्री रविंद्र चौबे ने राजभवन के दरबार हॉल में आयोजित राज्यस्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह में राज्य शिक्षक सम्मान पुरस्कार 2023 के लिये 52 शिक्षकों के नाम की घोषणा की। चयनित शिक्षकों को आगामी वर्ष शिक्षक दिवस के मौके पर सम्मानित एवं पुरस्कृत किया जाएगा।

प्रमुख बिंदु

  • उल्लेखनीय है कि राजभवन के दरबार हॉल में राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन के मुख्य आतिथ्य एवं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में आयोजित गरिमामय समारोह में 52 शिक्षकों को राज्यस्तरीय शिक्षक सम्मान पुरस्कार वर्ष 2022 से सम्मानित किया गया तथा आगामी वर्ष सम्मानित होने वाले शिक्षकों के नामों की घोषणा की गई।
  • शिक्षक दिवस के अवसर पर आयोजित राज्यस्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह में चार उत्कृष्ट शिक्षकों- रायपुर ज़िले की ममता अहार (प्रधानपाठिका) को डॉ. पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी स्मृति पुरस्कार, कोंडागाँव ज़िले की मधु तिवारी (प्रधान अध्यापिका) को डॉ. मुकुटधर पांडेय स्मृति पुरस्कार, रायगढ़ ज़िले की रश्मि वर्मा (व्याख्याता) को डॉ. बलदेव प्रसाद मिश्र स्मृति पुरस्कार और खैरागढ़-छुईखदान-गंडई ज़िले की इंदिरा चंद्रवंशी (शिक्षक एल.बी.) को गजानन माधव मुक्तिबोध स्मृति पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
  • इसी तरह प्रधान पाठक व्याख्याता, उच्च क्षेणी शिक्षक, शिक्षक, शिक्षक एल. बी. तथा सहायक शिक्षक एल. बी., वर्ग के 48 उत्कृष्ट शिक्षकों को वर्ष 2022 के लिये राज्यस्तरीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
  • राज्य शिक्षक सम्मान पुरस्कार वर्ष 2023 के लिये चयनित शिक्षक-
    • व्याख्याता नेहा नाथ और शिक्षक एलबी कुमारी माधुरी उके (ज़िला दंतेवाड़ा)
    • प्रधान पाठक मधु सोनवानी और व्याख्याता नीतु सिंह यादव (ज़िला सरगुजा)
    • व्याख्याता एलबी रीता गिरि और प्रधान पाठक विनिता सिंह (ज़िला सूरजपुर)
    • व्याख्याता एलबी धमेंद्र कुमार साहू और व्याख्याता डॉ. भरतलाल साहसी (ज़िला बालोद)
    • व्याख्याता एलबी टुमनु गोसाईं और अयोध किशोर गुप्ता (ज़िला जशपुर)
    • प्रधान पाठक जयमाला और हपका मुत्ता (ज़िला सुकमा)
    • सहायक शिक्षक नीलकंठ कोमरे और अंगद सलामें (ज़िला मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी)
    • सहायक शिक्षक स्वप्निल सिंह पवार और शिक्षक एलबी अर्चना सामुएल मसीह (ज़िला गौरेला-पेंड्रा-मरवाही)
    • व्याख्याता एलबी मानस साहू और सहायक शिक्षक एलबी महादीप जंघेल (ज़िला खैरागढ़-छुईखदान-गंडई)
    • व्याख्याता सेवक राम निषाद और व्याख्याता एलबी पवन कुमार सेन (ज़िला उत्तर बस्तर कांकेर)
    • व्याख्याता तनुजा देवांगन और उच्च श्रेणी शिक्षक सरस्वती नाग (ज़िला कोंडागाँव)
    • सहायक शिक्षक एलबी श्वेता सोनी और अर्पणा मिश्रा (ज़िला कोरिया)
    • व्याख्याता एलबी गोकुल दास जंघेल और जयप्रकाश साहू (ज़िला राजनांदगाँव)
    • शिक्षक एलबी कविता हिरवानी और व्याख्याता एलबी लता मानिकपुरी (ज़िला नारायणपुर)
    • व्याख्याता एलबी दिनेश कुमार चतुर्वेदी और सहायक शिक्षक एलबी कामता प्रसाद सिंह (ज़िला जांजगीर-चांपा)
    • सहायक शिक्षक एलबी सुनिता यादव और व्याख्याता पूनम सिंह साहू (ज़िला सारंगढ़-बिलाईगढ़)
    • सहायक शिक्षक एलबी हिमकल्याणी और व्याख्याता एलबी भुवनलाल साहू (ज़िला बेमेतरा)
    • व्याख्याता प्रमोद कुमार कन्नौजे और व्याख्याता एलबी शैलेंद्र कुमार नायक (ज़िला महासमुंद)
    • शिक्षक श्याम कुमार गुप्ता और प्रधान पाठक विनोद कुमार पंथ (ज़िला बलरामपुर)
    • शिक्षक एलबी डॉ. सत्यनारायण तिवारी और प्रधान पाठक जितेंद्र गेंदले (ज़िला मुंगेली)
    • सहायक शिक्षक एलबी डिगेश्वर कुमार साहू और उच्च श्रेणी शिक्षक किशोर कुमार निर्मलकर (ज़िला गरियाबंद)
    • व्याख्याता एलबी ज्योति मगर और डॉ. आशीष नायक (ज़िला धमतरी)
    • प्रधान पाठक डॉ. मनीषा त्रिपाठी और सुशील कुमार गुप्ता (ज़िला रायगढ़)
    • व्याख्याता भुपेंद्र कुमार राठौर और सहायक शिक्षक वसुंधरा कुर्रे (ज़िला कोरबा)
    • व्याख्याता मीरा हिरवानी और मोहम्मद अकबर खान (ज़िला जगदलपुर)
    • प्रधान पाठक पवन कुमार सिन्हा और शिक्षक एलबी ककेम नारायण (ज़िला बीजापुर)

  


उत्तराखंड Switch to English

प्रदेश के 17 शिक्षकों को मिला शैलेश मटियानी पुरस्कार

चर्चा में क्यों?

  • 5 सितंबर, 2023 को राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि.) ने शिक्षक दिवस के अवसर पर देहरादून राजभवन में 17 शिक्षकों को शैलेश मटियानी राज्य शैक्षिक पुरस्कार से सम्मानित किया।

प्रमुख बिंदु

  • शैलेश मटियानी राज्य शैक्षिक पुरस्कार से सम्मानित शिक्षकों में प्रारंभिक शिक्षा के 10, माध्यमिक के छह और प्रशिक्षण संस्थान से एक शिक्षक शामिल हैं।
  • कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पुरस्कार की धनराशि बढ़ाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि शैलेश मटियानी पुरस्कार की धनराशि को 10,000 रुपए से बढ़ाकर 21,000 रुपए किया गया है।
  • विदित है कि शिक्षा विभाग की ओर से शैलेश मटियानी राज्य शैक्षिक पुरस्कार 2022 की घोषणा इस साल फरवरी में की गई थी, लेकिन इन पुरस्कारों के लिये चयनित शिक्षकों को पुरस्कृत नहीं किया जा सका था। अब शिक्षक दिवस पर राजभवन में आयोजित समारोह में इन शिक्षकों को पुरस्कृत किया गया।
  • प्रारंभिक शिक्षा में पौड़ी ज़िले से आशा बुडाकोटी, उत्तरकाशी से संजय कुमार कुकसाल, देहरादून से ऊषा गौड़, हरिद्वार से संजय कुमार, टिहरी से उत्तम सिंह राणा, चंपावत से रवीश चंद्र पंचौली, बागेश्वर से सुरेश चंद्र सती, पिथौरागढ़ से गंगा आर्य एवं नैनीताल से डॉ. आशा बिष्ट को सम्मानित किया गया।
  • माध्यमिक शिक्षा में उत्तरकाशी से लोकेंद्रपाल सिंह, देहरादून से संजय कुमार, पिथौरागढ़ से दमयंती चंद, बागेश्वर से त्रिभुवन चंद, अल्मोड़ा से डॉ. प्रभाकर जोशी, ऊधमसिंह नगर से निर्मल कुमार को पुरस्कृत किया गया।
  • इसके अलावा प्रशिक्षण संस्थान से ज़िला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान बागेश्वर के प्रवक्ता डॉ. शैलेंद्र सिंह धपोला को सम्मानित भी किया गया।




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