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राजस्थान स्टेट पी.सी.एस.

  • 06 Sep 2022
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राजस्थान के दो शिक्षक ‘राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार’ से सम्मानित

चर्चा में क्यों?

5 सितंबर, 2022 को शिक्षक दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने विज्ञान भवन नई दिल्ली में राजस्थान के दो शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार-2022 से सम्मानित किया। 

प्रमुख बिंदु 

  • गौरतलब है कि इस वर्ष देश भर से 46 शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिये चुना गया था, जिनमें राजस्थान के दो शिक्षक दुर्गाराम मुवाल और सुनीता गुलाटी भी शामिल थे। 
  • राष्ट्रपति द्वारा शिक्षकों को सम्मानस्वरूप प्रत्येक को रजत पदक, 50 हज़ार रुपए की पुरस्कार राशि का चेक और प्रमाण-पत्र प्रदान किया गया।
  • उदयपुर ज़िले की फलासिया पंचायत समिति के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय पारगियापाडा स्कूल के शिक्षक दुर्गाराम मुवाल ने आदिवासी स्कूल में बच्चों को पढ़ाना शुरू किया और बच्चों के परिजनों के पास जाकर उन्हें स्कूल भेजने के लिये जागरूक किया।  बालश्रम के खिलाफ गाँव में जागरूकता अभियान चलाया और कई घरों में जाकर बच्चों में पढ़ने की अलख जगाई।  तस्करी के बारे में सूचनाएँ जुटाकर बच्चों को तस्करों के चंगुल से छुड़ाने का भी सराहनीय कार्य किया।
  • बीकानेर ज़िले के राजकीय मूक-बधिर विद्यालय की शिक्षिका सुनीता गुलाटी को वर्ष 2017 में सामान्य शिक्षक के रूप में विद्यालय में नियुक्ति मिली थी, जिसके बाद से उन्होंने मूक-बधिर बच्चों के लिये काम करना प्रारंभ किया। उन्होंने बच्चों के साथ रहते हुए स्पेशल टीचर के रूप में ट्रेनिंग ली और फिर रिहैबिलेशन कौंसिल ऑफ इंडिया में रजिस्ट्रेशन करवाया। मूक-बधिर बच्चों को हर तरह की मुश्किलों के लिये तैयार किया, जिसके बाद बच्चों ने नेशनल लेवल के साइंस कॉम्पिटिशन में तीन अवार्ड भी जीते।
  • गौरतलब है कि शिक्षक दिवस के अवसर पर शिक्षा मंत्रालय का स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग प्रतिवर्ष 5 सितंबर को एक राष्ट्रीय समारोह का आयोजन करता है, जिसमें देश के सर्वश्रेष्ठ शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किये जाते हैं।
  • पुरस्कारों के लिये शिक्षकों का चयन ऑनलाइन तीनस्तरीय चयन प्रक्रिया के ज़रिये पारदर्शी तरीके से किया जाता है।
  • शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान करने का उद्देश्य देश के शिक्षकों के अनूठे योगदान को  रेखांकित करना और ऐसे शिक्षकों का सम्मान करना है, जिन्होंने अपनी प्रतिबद्धता व परिश्रम से न सिर्फ स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार किया है, बल्कि अपने छात्रों के जीवन को भी समृद्ध किया है।

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राज्यस्तरीय शिक्षक पुरस्कार-2022

चर्चा में क्यों?

5 सितंबर, 2022 को राष्ट्रीय शिक्षक दिवस के अवसर पर शिक्षा मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला ने बिरला ऑडिटोरियम में आयोजित राज्यस्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह के दौरान अलग-अलग वर्गों में 98 शिक्षकों को शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने के लिये राज्यस्तरीय शिक्षक पुरस्कार-2022 से सम्मानित किया। 

प्रमुख बिंदु 

  • इसके साथ ही, शिक्षा मंत्री ने प्रदेश के 6 शिक्षा अधिकारियों को भी ज़िला रैंकिंग में श्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिये सम्मानित किया।
  • डॉ. कल्ला ने सम्मानित शिक्षकों के परिचय के लिये एक सम्मान पुस्तिका का विमोचन भी किया। साथ ही आर. केस एम. बी. के. ऐप को लॉन्च किया। यह ऐप कक्षा 3 से 8 तक के विद्यार्थियों के लिये अत्यंत उपयोगी साबित होगा।
  • अतिरिक्त मुख्य सचिव, शिक्षा पवन कुमार गोयल ने शिक्षकों को प्रेरणा का स्रोत बताया और शिक्षा में संसाधनों का विवेकपूर्ण इस्तेमाल करने का सुझाव दिया। शिक्षा में कोरोना काल के दौरान लर्निंग लॉस की भरपाई करने के लिये राजस्थान सरकार के नवाचार राजस्थान के शिक्षा में बढ़ते कदम को विभाग की एक महत्त्वाकांक्षी योजना बताया।

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शिक्षा मंत्री ने किया ‘मिशन बुनियाद’ का शुभारंभ

चर्चा में क्यों?

5 सितंबर, 2022 को शिक्षा मंत्री डॉ. बी- डी- कल्ला ने शिक्षा संकुल में राज्य के स्कूली बच्चों के लिये ‘मिशन बुनियाद’का शुभारंभ किया ।

प्रमुख बिंदु

  • मिशन बुनियाद डिजिटल लर्निंग का कार्यक्रम है। इस कार्यक्रम में प्रत्येक विद्यार्थी की समझने की क्षमता के आधार पर उसे व्यक्तिगत पढ़ने की सामग्री सॉफ्टवेयर द्वारा प्रदान की जाती है, जिससे बच्चे स्वयं अपना मूल्यांकन कर सकते हैं।
  • इस कार्यक्रम का उद्देश्य डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर को मज़बूत करके विद्यार्थियों की सीखने की क्षमता बढ़ाना, जेंडर गैप कम करना, ड्रॉप आउट रेट कम करना है।
  • इसके माध्यम से प्रदेश के लगभग 20 लाख विद्यार्थियों को उच्च गुणवत्ता वाली डिजिटल शिक्षा प्राप्त हो सकेगी।
  • मिशन बुनियाद को राजस्थान सरकार द्वारा चिल्ड्रेन इन्वेस्टमेंट फंड फाउंडेशन (CIFF),  कैवल्या एजुकेशन फाउंडेशन (पीरामल फाउंडेशन), जी.डी.आई. पार्टनर्स तथा कोंन्वेजीनियस के सहयोग से शुरू किया गया है। कैवल्या एजुकेशन फाउंडेशन के अनुसार यह कार्यक्रम भारत का सबसे बड़ा पर्सनलाइज्ड ऐडेप्टीव लर्निंग (P.A.L) कार्यक्रम है।
  • इस कार्यक्रम की शुरुआत दिसंबर, 2020 में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में 6 ज़िलों- उदयपुर, सिरोही, भीलवाड़ा, सीकर, धौलपुर और करौली में की गई थी। इन ज़िलों से कक्षा 8 से 12 तक के 24,360 विद्यार्थी प्रोजेक्ट में शामिल हुए और उनके सीखने की क्षमता में औसतन 16 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। 

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