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स्टेट पी.सी.एस.

  • 06 Sep 2022
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उत्तर प्रदेश Switch to English

देवरिया के खुर्शीद अहमद ‘राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार’ से सम्मानित

चर्चा में क्यों?

5 सितंबर, 2022 को शिक्षक दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने विज्ञान भवन नई दिल्ली में उत्तर प्रदेश के देवरिया ज़िले के शिक्षक खुर्शीद अहमद को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार-2022 से सम्मानित किया।

प्रमुख बिंदु 

  • उल्लेखनीय है कि इस वर्ष देश भर से 46 शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिये चुना गया था, जिनमें उत्तर प्रदेश से एकमात्र शिक्षक खुर्शीद अहमद भी शामिल थे। 
  • राष्ट्रपति द्वारा खुर्शीद अहमद को सम्मानस्वरूप रजत पदक, 50 हज़ार रुपए की पुरस्कार राशि का चेक और प्रमाण-पत्र प्रदान किया गया।
  • देवरिया में कंपोजिट स्कूल सहवा के खुर्शीद अहमद को यह पुरस्कार विज्ञान शिक्षा में नवाचार के लिये दिया गया है। प्रदेश के बेसिक व माध्यमिक स्कूल के शिक्षकों में अकेले इनका चयन हुआ है।
  • गौरतलब है कि शिक्षक दिवस के अवसर पर शिक्षा मंत्रालय का स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग प्रतिवर्ष 5 सितंबर को एक राष्ट्रीय समारोह का आयोजन करता है, जिसमें देश के सर्वश्रेष्ठ शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किये जाते हैं।
  • पुरस्कारों के लिये शिक्षकों का चयन ऑनलाइन तीनस्तरीय चयन प्रक्रिया के ज़रिये पारदर्शी तरीके से किया जाता है।
  • शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान करने का उद्देश्य देश के शिक्षकों के अनूठे योगदान को  रेखांकित करना और ऐसे शिक्षकों का सम्मान करना है, जिन्होंने अपनी प्रतिबद्धता व परिश्रम से न सिर्फ स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार किया है, बल्कि अपने छात्रों के जीवन को भी समृद्ध किया है।

बिहार Switch to English

बिहार के दो शिक्षक-शिक्षिका ‘राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार’ से सम्मानित

चर्चा में क्यों?

5 सितंबर, 2022 को शिक्षक दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने विज्ञान भवन, नई दिल्ली में बिहार के दो शिक्षक-शिक्षिका सौरव सुमन और निशि कुमारी को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार-2022 से सम्मानित किया।

प्रमुख बिंदु 

  • उल्लेखनीय है कि इस वर्ष देश भर से 46 शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिये चुना गया था, जिनमें बिहार के दो शिक्षक-शिक्षिका भी शामिल थे। 
  • राष्ट्रपति द्वारा दोनों शिक्षक-शिक्षिका को सम्मानस्वरूप रजत पदक, 50 हज़ार रुपए की पुरस्कार राशि का चेक और प्रमाण-पत्र प्रदान किया गया।
  • राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार-2022 से सम्मानित बिहार के इन दो शिक्षकों में महादेव उच्च माध्यमिक विद्यालय खुशरूपुर, पटना की शिक्षिका निशि कुमारी और ललित नारायण लक्ष्मी नारायण प्रोजेक्ट कन्या उच्च विद्यालय त्रिवेणीगंज, सुपौल के शिक्षक सौरव सुमन शामिल हैं।
  • सुपौल के शिक्षक सौरव सुमन ने जहाँ राज्य के सरकारी स्कूलों में तकनीकी क्षेत्र को मज़बूत करने का काम किया है, वहीं पटना की शिक्षिका निशि कुमारी ने बालिका स्वास्थ्य और सेनेटरी पैड पर विशेष योगदान दिया है।
  • गौरतलब है कि शिक्षक दिवस के अवसर पर शिक्षा मंत्रालय का स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग प्रतिवर्ष 5 सितंबर को एक राष्ट्रीय समारोह का आयोजन करता है, जिसमें देश के सर्वश्रेष्ठ शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किये जाते हैं।
  • पुरस्कारों के लिये शिक्षकों का चयन ऑनलाइन तीनस्तरीय चयन प्रक्रिया के ज़रिये पारदर्शी तरीके से किया जाता है।
  • शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान करने का उद्देश्य देश के शिक्षकों के अनूठे योगदान को  रेखांकित करना और ऐसे शिक्षकों का सम्मान करना है, जिन्होंने अपनी प्रतिबद्धता व परिश्रम से न सिर्फ स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार किया है, बल्कि अपने छात्रों के जीवन को भी समृद्ध किया है।

राजस्थान Switch to English

राजस्थान के दो शिक्षक ‘राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार’ से सम्मानित

चर्चा में क्यों?

5 सितंबर, 2022 को शिक्षक दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने विज्ञान भवन नई दिल्ली में राजस्थान के दो शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार-2022 से सम्मानित किया। 

प्रमुख बिंदु 

  • गौरतलब है कि इस वर्ष देश भर से 46 शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिये चुना गया था, जिनमें राजस्थान के दो शिक्षक दुर्गाराम मुवाल और सुनीता गुलाटी भी शामिल थे। 
  • राष्ट्रपति द्वारा शिक्षकों को सम्मानस्वरूप प्रत्येक को रजत पदक, 50 हज़ार रुपए की पुरस्कार राशि का चेक और प्रमाण-पत्र प्रदान किया गया।
  • उदयपुर ज़िले की फलासिया पंचायत समिति के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय पारगियापाडा स्कूल के शिक्षक दुर्गाराम मुवाल ने आदिवासी स्कूल में बच्चों को पढ़ाना शुरू किया और बच्चों के परिजनों के पास जाकर उन्हें स्कूल भेजने के लिये जागरूक किया।  बालश्रम के खिलाफ गाँव में जागरूकता अभियान चलाया और कई घरों में जाकर बच्चों में पढ़ने की अलख जगाई।  तस्करी के बारे में सूचनाएँ जुटाकर बच्चों को तस्करों के चंगुल से छुड़ाने का भी सराहनीय कार्य किया।
  • बीकानेर ज़िले के राजकीय मूक-बधिर विद्यालय की शिक्षिका सुनीता गुलाटी को वर्ष 2017 में सामान्य शिक्षक के रूप में विद्यालय में नियुक्ति मिली थी, जिसके बाद से उन्होंने मूक-बधिर बच्चों के लिये काम करना प्रारंभ किया। उन्होंने बच्चों के साथ रहते हुए स्पेशल टीचर के रूप में ट्रेनिंग ली और फिर रिहैबिलेशन कौंसिल ऑफ इंडिया में रजिस्ट्रेशन करवाया। मूक-बधिर बच्चों को हर तरह की मुश्किलों के लिये तैयार किया, जिसके बाद बच्चों ने नेशनल लेवल के साइंस कॉम्पिटिशन में तीन अवार्ड भी जीते।
  • गौरतलब है कि शिक्षक दिवस के अवसर पर शिक्षा मंत्रालय का स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग प्रतिवर्ष 5 सितंबर को एक राष्ट्रीय समारोह का आयोजन करता है, जिसमें देश के सर्वश्रेष्ठ शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किये जाते हैं।
  • पुरस्कारों के लिये शिक्षकों का चयन ऑनलाइन तीनस्तरीय चयन प्रक्रिया के ज़रिये पारदर्शी तरीके से किया जाता है।
  • शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान करने का उद्देश्य देश के शिक्षकों के अनूठे योगदान को  रेखांकित करना और ऐसे शिक्षकों का सम्मान करना है, जिन्होंने अपनी प्रतिबद्धता व परिश्रम से न सिर्फ स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार किया है, बल्कि अपने छात्रों के जीवन को भी समृद्ध किया है।

राजस्थान Switch to English

राज्यस्तरीय शिक्षक पुरस्कार-2022

चर्चा में क्यों?

5 सितंबर, 2022 को राष्ट्रीय शिक्षक दिवस के अवसर पर शिक्षा मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला ने बिरला ऑडिटोरियम में आयोजित राज्यस्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह के दौरान अलग-अलग वर्गों में 98 शिक्षकों को शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने के लिये राज्यस्तरीय शिक्षक पुरस्कार-2022 से सम्मानित किया। 

प्रमुख बिंदु 

  • इसके साथ ही, शिक्षा मंत्री ने प्रदेश के 6 शिक्षा अधिकारियों को भी ज़िला रैंकिंग में श्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिये सम्मानित किया।
  • डॉ. कल्ला ने सम्मानित शिक्षकों के परिचय के लिये एक सम्मान पुस्तिका का विमोचन भी किया। साथ ही आर. केस एम. बी. के. ऐप को लॉन्च किया। यह ऐप कक्षा 3 से 8 तक के विद्यार्थियों के लिये अत्यंत उपयोगी साबित होगा।
  • अतिरिक्त मुख्य सचिव, शिक्षा पवन कुमार गोयल ने शिक्षकों को प्रेरणा का स्रोत बताया और शिक्षा में संसाधनों का विवेकपूर्ण इस्तेमाल करने का सुझाव दिया। शिक्षा में कोरोना काल के दौरान लर्निंग लॉस की भरपाई करने के लिये राजस्थान सरकार के नवाचार राजस्थान के शिक्षा में बढ़ते कदम को विभाग की एक महत्त्वाकांक्षी योजना बताया।

राजस्थान Switch to English

शिक्षा मंत्री ने किया ‘मिशन बुनियाद’ का शुभारंभ

चर्चा में क्यों?

5 सितंबर, 2022 को शिक्षा मंत्री डॉ. बी- डी- कल्ला ने शिक्षा संकुल में राज्य के स्कूली बच्चों के लिये ‘मिशन बुनियाद’का शुभारंभ किया ।

प्रमुख बिंदु

  • मिशन बुनियाद डिजिटल लर्निंग का कार्यक्रम है। इस कार्यक्रम में प्रत्येक विद्यार्थी की समझने की क्षमता के आधार पर उसे व्यक्तिगत पढ़ने की सामग्री सॉफ्टवेयर द्वारा प्रदान की जाती है, जिससे बच्चे स्वयं अपना मूल्यांकन कर सकते हैं।
  • इस कार्यक्रम का उद्देश्य डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर को मज़बूत करके विद्यार्थियों की सीखने की क्षमता बढ़ाना, जेंडर गैप कम करना, ड्रॉप आउट रेट कम करना है।
  • इसके माध्यम से प्रदेश के लगभग 20 लाख विद्यार्थियों को उच्च गुणवत्ता वाली डिजिटल शिक्षा प्राप्त हो सकेगी।
  • मिशन बुनियाद को राजस्थान सरकार द्वारा चिल्ड्रेन इन्वेस्टमेंट फंड फाउंडेशन (CIFF),  कैवल्या एजुकेशन फाउंडेशन (पीरामल फाउंडेशन), जी.डी.आई. पार्टनर्स तथा कोंन्वेजीनियस के सहयोग से शुरू किया गया है। कैवल्या एजुकेशन फाउंडेशन के अनुसार यह कार्यक्रम भारत का सबसे बड़ा पर्सनलाइज्ड ऐडेप्टीव लर्निंग (P.A.L) कार्यक्रम है।
  • इस कार्यक्रम की शुरुआत दिसंबर, 2020 में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में 6 ज़िलों- उदयपुर, सिरोही, भीलवाड़ा, सीकर, धौलपुर और करौली में की गई थी। इन ज़िलों से कक्षा 8 से 12 तक के 24,360 विद्यार्थी प्रोजेक्ट में शामिल हुए और उनके सीखने की क्षमता में औसतन 16 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। 

मध्य प्रदेश Switch to English

मध्य प्रदेश के दो शिक्षक ‘राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार’ से सम्मानित

चर्चा में क्यों?

5 सितंबर, 2022 को शिक्षक दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने विज्ञान भवन नई दिल्ली में मध्य प्रदेश के दो शिक्षकों नीरज सक्सेना और ओमप्रकाश पाटीदार को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार-2022 से सम्मानित किया।

प्रमुख बिंदु 

  • गौरतलब है कि इस वर्ष देश भर से 46 शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिये चुना गया था, जिनमें मध्य प्रदेश के दो शिक्षक भी शामिल थे।
  • रायसेन ज़िले के शासकीय प्राथमिक शाला सालेगढ़ में पदस्थ शिक्षक नीरज सक्सेना को जनजाति इलाके में शिक्षा के स्वरूप को बदलने के लिये राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उनके जुनून की बदौलत भील जनजाति क्षेत्र के बच्चों के शैक्षणिक स्तर में वृद्धि हुई है। बुनियादी आवश्यकताओं में सुधार कर उन्होंने एक आदर्श स्कूल स्थापित किया है।
  • शाजापुर ज़िले के शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय में पदस्थ विज्ञान के लेक्चरर ओमप्रकाश पाटीदार ने शाजापुर के लिये लोक जैव-विविधता पंजी तैयार करवाई है। उन्होंने विज्ञान को तकनीक से जोड़कर आईसीटी का प्रयोग करते हुए विज्ञान जैसे कठिन विषय को विद्यार्थियों के लिये बेहद सरल बना दिया है।
  • गौरतलब है कि शिक्षक दिवस के अवसर पर शिक्षा मंत्रालय का स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग प्रतिवर्ष 5 सितंबर को एक राष्ट्रीय समारोह का आयोजन करता है, जिसमें देश के सर्वश्रेष्ठ शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किये जाते हैं।
  • पुरस्कारों के लिये शिक्षकों का चयन ऑनलाइन तीनस्तरीय चयन प्रक्रिया के ज़रिये पारदर्शी तरीके से किया जाता है।
  • शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान करने का उद्देश्य देश के शिक्षकों के अनूठे योगदान को  रेखांकित करना और ऐसे शिक्षकों का सम्मान करना है, जिन्होंने अपनी प्रतिबद्धता व परिश्रम से न सिर्फ स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार किया है, बल्कि अपने छात्रों के जीवन को भी समृद्ध किया है।

मध्य प्रदेश Switch to English

14 शिक्षक उत्कृष्टता के लिये राज्यस्तरीय पुरस्कार से सम्मानित

चर्चा में क्यों?

5 सितंबर, 2022 को राष्ट्रीय शिक्षक दिवस के अवसर पर प्रशासन अकादमी स्थित स्वर्ण जयंती ऑडिटोरियम में आयोजित समारोह में प्रदेश के 14 शिक्षकों को ‘राज्यस्तरीय शिक्षक पुरस्कार-2022’ से सम्मानित किया गया।

प्रमुख बिंदु 

  • मध्य प्रदेश के स्कूल शिक्षा (स्वतंत्र प्रभार) और सामान्य प्रशासन राज्य मंत्री इंदर सिंह परमार ने चयनित शिक्षकों को उनके उत्कृष्ट कार्य के लिये शॉल, श्रीफल एवं प्रतीक-चिह्न देकर सम्मानित किया।
  • चयनित शिक्षकों में प्राथमिक श्रेणी में 8 एवं माध्यमिक श्रेणी में 6 शिक्षक शामिल हैं। प्राथमिक श्रेणी में ममता शर्मा, शा.प्र.शाला रघुनाथपुरा खिलचीपुर (ज़िला-राजगढ़), के.के.कुल्मी शा.क.मा.वि. दशहरा मैदान (ज़िला-उज्जैन), विपिन कुमार फौजदार स.शि. शा.प्रा.शाला सलगापुर संकुल शाहपुर (ज़िला- नरसिंहपुर), केशरी प्रसाद तिवारी शा.पूर्व मा.वि.मार्तण्ड (ज़िला- रीवा), अरुण कुमार पटेरिया शा.मा.शाला चिकटा (ज़िला- निवाड़ी), सरिता सिंह प्रा.शि. शा.प्रा.शाला बालक (ज़िला-अनूपपुर), घनश्याम प्रसाद यादव मा.शि. शा.क. प्रा. आश्रम शाला चिढ़ार (ज़िला- मंडला) और आशाराम कुशवाहा शा.प्रा.शाला मदनपुर (ज़िला- टीकमगढ़) का सम्मान किया गया।
  • इसी प्रकार माध्यमिक श्रेणी में सुधाकर पाराशर प्राचार्य शा.सुभाष उत्कृष्टउ.मा.वि. शिवाजी नगर (ज़िला- भोपाल), विजय कुमार श्रीवास्तव उ.मा.शि. उत्कृष्ट उ.मा.वि.विदिशा (ज़िला- विदिशा), जगदीश गुजराती शा. उत्कृष्ट, उ.मा.वि. बड़वानी (ज़िला- बड़वानी), ज्योत्सना मालवीय शा.हाईस्कूल हुडा (ज़िला- झाबुआ), भूपेंद्र कुमार चौधरी शा. उ.मा.वि. चिमनाखोरी (ज़िला- सिवनी) और सारिका घारू, शा. उ.मा.वि. सॉडिया (ज़िला- नर्मदापुरम) का सम्मान किया गया। 
  • दो अन्य शिक्षक राधाकृष्णन केशरी तथा योगेंद्र कोठारी और विशेष श्रेणी में राज्य विज्ञान शिक्षण संस्थान जबलपुर की सुषम्मा जॉनसन को सम्मानित किया गया।
  • नवाचार एवं नव अनुसंधान के लिये राष्ट्रीय स्तर पर चयनित प्रदेश के मेधावी विद्यार्थियों का भी सम्मान किया गया, इनमें नर्मदापुरम से नवश्री ठाकुर, आगर मालवा से लोकेश पाटीदार एवं नीमच से मयंक जैन को सम्मानित किया गया।

मध्य प्रदेश Switch to English

जनजातीय कार्य विभाग की ‘चैंपियन 90’ योजना का हुआ शुभारंभ

चर्चा में क्यों?

5 सितंबर, 2022 को जनजातीय कार्य आयुक्त संजय सिंह ने नवोदय शासकीय स्कूल कटारा हिल्स में ‘चैंपियन-90’ योजना का शुभारंभ किया।

प्रमुख बिंदु 

  • अपर संचालक अनुसूचित जाति विकास संजय वार्ष्णेय ने कहा कि ‘चैंपियन-90’ योजना द्वारा शासकीय विद्यालयों के एससी-एसटी विद्यार्थियों के लिये व्यावसायिक एप्रोच के साथ व्यवस्थित कोचिंग मुहैया कराई जा रही है।
  • इस आवासीय कोचिंग में फिटजी की कोचिंग के साथ अंग्रेज़ी और साइकोलॉजी विषय के शिक्षक भी पढ़ाएंगे। सभी बच्चों के भोजन, आवास एवं पढ़ाई की सर्वोत्तम व्यवस्था की जाएगी।
  • शिक्षक दिवस पर चैंपियन-90 कोचिंग के लिये स्क्रीनिंग टेस्ट द्वारा चयनित 80 बच्चों को फिटजी संस्था द्वारा स्टडी किट और टैबलेट वितरित किये गए।
  • उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश के जनजातीय कार्य विभाग ने निजी कोचिंग संस्थान फिटजी के साथ मिलकर ‘चैंपियन-90’ पहल शुरू की है। यह संस्थान अपने सी.एस.आर. फंड से इन विद्यार्थियों को सभी आधुनिक सुविधाओं से परिपूर्ण कोचिंग सुविधा देगा।
  • इसके साथ ही हर विद्यार्थी को शैक्षणिक तैयारी के लिये एक टैबलेट भी नि:शुल्क प्रदान किया जाएगा। यह टैबलेट कोचिंग संस्थान के शैक्षणिक सॉफ्टवेयर से जुड़ा होगा। इसमें विद्यार्थियों को ऑनलाइन शिक्षा सामग्री उपलब्ध होगी। साथ ही, उन्हें अन्य ज़रूरी शैक्षणिक किताबें भी उपलब्ध करवाई जाएंगी।

झारखंड Switch to English

झारखंड की शिप्रा मिश्रा ‘राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार’ से सम्मानित

चर्चा में क्यों?

5 सितंबर, 2022 को शिक्षक दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने विज्ञान भवन, नई दिल्ली में झारखंड की टाटा वर्कर्स यूनियन प्लस टू उच्च विद्यालय, कदमा की शिक्षिका शिप्रा मिश्रा को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार-2022 से सम्मानित किया।

प्रमुख बिंदु 

  • गौरतलब है कि इस वर्ष देश भर से 46 शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिये चुना गया था, जिनमें झारखंड से एकमात्र शिक्षिका शिप्रा मिश्रा भी शामिल थीं।
  • राष्ट्रपति द्वारा शिप्रा मिश्रा को सम्मानस्वरूप रजत पदक, 50 हज़ार रुपए की पुरस्कार राशि का चेक और प्रमाण-पत्र प्रदान किया गया।
  • इस अवसर पर शिक्षिका शिप्रा मिश्रा द्वारा किये गए नवाचार एवं स्कूल के शैक्षणिक विकास में उनके योगदान से संबंधी एक वीडियो भी विज्ञान भवन में प्रदर्शित किया गया।
  • शिप्रा मिश्रा ने इनोवेटिव, क्रिएटिव तरीके से बच्चों को पढ़ाते हुए विज्ञान जैसे कठिन विषय को बच्चों के लिये खेल का विषय बना दिया। गणित के ज्यामिती के जटिल चैप्टर को बागवानी और पेड़ों की घेराबंदी कर आसान बना दिया। यूज़्ड प्लास्टिक बोतल से स्कूल प्रांगण में स्थित बागवानी की चहारदीवारी बना दी। उनकी इसी अलग सोच, इनोवेटिव आइडिया ने उन्हें इस मुकाम तक पहुँचाया।
  • विज्ञान को अलग नज़रिये से देखने और समझने वाली शिप्रा मिश्रा ने डिजिटल प्लेटफॉर्म का बखूबी इस्तेमाल किया। बच्चों को मोबाइल का सदुपयोग सिखाया तथा प्रकृति और विज्ञान को समायोजित करने का काम किया।
  • शिप्रा मिश्रा ने बताया कि लोग स्कैन कोड, बार कोड, क्यूआर कोड का उपयोग केवल पेमेंट के लिये करते हैं, जबकि इसके व्यापक आयाम हैं। शिप्रा ने अपने स्कूल में लगे पेड़-पौधों के रहस्य को क्यूआर कोड में तब्दील कर दिया। उन्होंने सभी पेड़ों की विस्तृत जानकारी का एक क्यूआर कोड बना दिया। अब कोई भी बच्चा उस क्यूआर कोड को स्कैन करके पेड़ के बारे में पूरी जानकारी, रहस्य, गुण, प्रजाति, कहाँ पाया जाता है, जैसी संपूर्ण जानकारी हासिल कर सकता है।
  • इसी तरह उन्होंने ज्यामिती के अलग-अलग आकार, जैसे- त्रिभुज, चतुर्भुज, षटकोण, वृत्त को रोचक बनाने के लिये अलग-अलग आकृति बगान में बनवाई। उनका भी क्यूआर कोड बना दिया।
  • गौरतलब है कि शिप्रा मिश्रा को इससे पहले भी कई अवार्ड मिल चुके हैं। उन्हें रोटरी क्लब की ओर से वर्ष 2017 में सर्वश्रेष्ठ शिक्षिका का सम्मान, इनर व्हील क्लब की ओर से सर्वश्रेष्ठ शिक्षिका का सम्मान, वर्ष 2019 में राज्य स्तर का शिक्षक पुरस्कार तथा 2020 में एनएमएल द्वारा बेस्ट साइंस टीचर्स अवार्ड मिल चुका है    

छत्तीसगढ़ Switch to English

मुख्यमंत्री ने प्रदेश में ‘बालवाड़ी योजना’ का किया शुभारंभ

चर्चा में क्यों?

5 सितंबर, 2022 को शिक्षक दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नई शिक्षा नीति के अनुसार खेल-खेल में बच्चों के सीखने और समझने की क्षमता को विकसित करने के लिये प्रदेश में ‘बालवाड़ी योजना’का शुभारंभ किया।

प्रमुख बिंदु 

  • ‘जाबो बालवाड़ी बढ़ाबो शिक्षा की गाड़ी’की थीम के साथ मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस योजना की शुरूआत की।
  • स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा बालवाड़ी योजना पाँच से छ: वर्ष तक की आयु के बच्चों के लिये शुरू की गई है।
  • ‘बालवाड़ी योजना’के माध्यम से बच्चे सीखने के लिये प्रोत्साहित होंगे और उन्हें स्कूल के माहौल के लिये तैयार किया जा सकेगा। बच्चों के लिये हर बालवाड़ी में आंगनबाड़ी सहायिका के अतिरिक्त संबद्ध प्राथमिक शाला के एक सहायक शिक्षक की भी तैनाती की जाएगी और इसके लिये सहायक शिक्षक को हर माह 500 रुपए का अतिरिक्त मानदेय भी प्रदान किया जाएगा।
  • बच्चों को खेल-खेल में एवं रोचक तरीके से अध्यापन कार्य कराने के लिये आंगनबाड़ी सहायिका एवं शिक्षकों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है। प्रत्येक बालवाड़ी के लिये बच्चों के अनुकूल फर्नीचर, खेल सामग्री एवं प्रिंटरीच रंग-रोगन आदि के लिये एक लाख रुपए की स्वीकृति भी प्रदान की गई है।
  • इस अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि वैज्ञानिकों ने अपने अनुसंधान में पाया है कि मनुष्य के मस्तिष्क का 85 प्रतिशत विकास बाल्य अवस्था में ही हो जाता है। एक बच्चा अपने प्रारंभिक वर्षों में जो सीखता है, वही चीजें स्कूल में और आगे जीवन में उसकी मदद करती हैं। शिक्षण की शुरुआत तभी हो जानी चाहिये, जब बच्चों का मस्तिष्क तैयार हो रहा हो।
  • योजना के शुभारंभ के अवसर पर स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने कहा कि बालवाड़ी योजना का उद्देश्य बच्चों के मानसिक, सामाजिक, मनोवैज्ञानिक एवं संज्ञानात्मक विकास करने एक लिये एक शिक्षण-सेतु के तौर पर कार्य करेगी ताकि 5 से 6 वर्ष की उम्र में जब बच्चे पहली कक्षा में जाएँ तो वह उसके लिये पूरी तरह तैयार हो चुके हों।
  • स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव आलोक शुक्ला ने योजना के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि इस वर्ष 5173 बालवाड़ियाँ प्रारंभ की गई हैं और आने वाले वर्षों में राज्य के सभी क्षेत्रों में चरणबद्ध रूप से बालवाड़ियाँ खोली जाएंगी।

छत्तीसगढ़ Switch to English

राज्यस्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह में 60 शिक्षक हुए सम्मानित

चर्चा में क्यों?

5 सितंबर, 2022 को शिक्षक दिवस के अवसर पर राज्यपाल अनुसुईया उइके के मुख्य आतिथ्य में राजभवन के दरबार हॉल में राज्यस्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह में 60 शिक्षकों को सम्मानित किया गया। इनमें से 56 शिक्षकों को राज्य शिक्षक सम्मान, 2021 और 4 शिक्षकों को प्रदेश के महान साहित्यकारों के नाम पर स्मृति पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

प्रमुख बिंदु 

  • समारोह में राज्य शिक्षक सम्मान के लिये चयनित 56 शिक्षिकों में से प्रत्येक को 21-21 हज़ार रुपए की राशि और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया।
  • इसके अलावा प्रदेश के महान विभूतियों की स्मृति में दिये जाने वाले पुरस्कार से सम्मानित होने वाले प्रत्येक शिक्षक को 50-50 हज़ार रुपए और प्रशस्ति पत्र दिये गए।
  • प्रदेश के 4 महान साहित्यिक विभूतियों के नाम पर स्मृति पुरस्कार तथा उनसे सम्मानित शिक्षक हैं-
    • डॉ. मुकुटधर पांडेय स्मृति पुरस्कार - जेल शिक्षक नेतराम नाकतोड़े (ज़िला- रायपुर)
    • श्री गजानंद माधव मुक्तिबोध स्मृति पुरस्कार - व्याख्याता मीरा आर्ची चौहान (ज़िला- कांकेर)
    • डॉ. बलदेव प्रसाद मिश्र स्मृति पुरस्कार - व्याख्याता एलबी राकेश टंडन (ज़िला- कोरबा)
    • डॉ. पदुमलाल पुन्नालाल बक्शी स्मृति पुरस्कार - शिक्षक एलबी हेमंत कुमार खुटे (ज़िला- महासमुंद)
  • राज्य शिक्षक पुरस्कार वर्ष 2021 से सम्मानित होने वाले 56 शिक्षक हैं-
    • प्रधान अध्यापक नंदिनी प्रभा बाजपेई और व्याख्याता रामप्रसाद नेताम (ज़िला- कांकेर)
    • प्राचार्य मनोज कुमार बांगड़े और सहायक शिक्षक एल.बी. रंजीता नाग (ज़िला-नारायणपुर)
    • व्याख्याता पूर्णिमा सरोज और व्याख्याता माधुरी कुशवाहा (ज़िला- जगदलपुर)
    • व्याख्याता टी. विजय लक्ष्मी और व्याख्याता राकेश कुमार मिश्र (ज़िला- दंतेवाड़ा)
    • सहायक शिक्षक एल.बी. मधु तिवारी और व्याख्याता राजेश पांडेय (ज़िला- कोंडागाँव)
    • व्याख्याता लंबाड़ी धनंजय और व्याख्याता एल.बी. मोहन लाल निषाद (ज़िला- बीजापुर)
    • व्याख्याता एल.बी. भूपेश्वरनाथ योगी और व्याख्याता एल.बी. रघुनंदन गंगबोईर (ज़िला- बालोद)
    • व्याख्याता एल.बी. बसंत कुमार यादव और शिक्षक एल.बी. इंदिरा चंद्रवंशी (ज़िला- राजनांदगाँव)
    • शिक्षक प्रज्ञा सिंह और शिक्षक रश्मि नामदेव (ज़िला- दुर्ग)
    • व्याख्याता एल.बी. तुलसराम चंद्राकर और व्याख्याता मनहरण लाल तुर्केले (ज़िला- कबीरधाम)
    • व्याख्याता एल.बी. विकेंश कुमार यादव और शिक्षक एल.बी. आनंद कुमार ताम्रकार (ज़िला- बेमेतरा)
    • सहायक शिक्षक भोजराज और उ.व.शि.एल.बी. खेमराज साहू (ज़िला- महासमुंद)
    • शिक्षक कमलकिशोर ताम्रकर और सहायक शिक्षक एल.बी. भागचंद चतुर्वेदी (ज़िला- गरियाबंद)
    • व्याख्याता डॉ. मीना शर्मा और व्याख्याता सुनील नायक (ज़िला- रायपुर)
    • व्याख्याता मंजूषा साहू और सहायक शिक्षक एल.बी. छगन लाल साहू (ज़िला- धमतरी)
    • सहायक शिक्षक एल.बी. महेत्तर लाल देवांगन और प्रधान पाठक जांतीलाल कुर्रे (ज़िला- बलौदाबाज़ार)
    • व्याख्याता एल.बी. कुंज किशोर और सहायक शिक्षक एल.बी. अर्चना शर्मा (ज़िला- जांजगीर-चांपा)
    • शिक्षक एल.बी. स्वाती पांडेय और सहायक शिक्षक एल.बी. भरत लाल साहू (ज़िला- मुंगेली)
    • प्रधान पाठक आशीष रंगारी और व्याख्याता रश्मि वर्मा (ज़िला- रायगढ़)
    • सहायक शिक्षक एल.बी. ज्योति पांडेय और सहायक शिक्षक एल.बी. बलदाऊ सिंह कश्यप (ज़िला- बिलासपुर)
    • सहायक शिक्षक एल.बी. जगदीश आदिले और प्राचार्य गोपाल दास गुप्ता (ज़िला- गौरेला-पेंड्रा-मरवाही)
    • सहायक शिक्षक एल.बी. नोहर चंद्रा और प्राचार्य बीरभद्र सिंह पैकरा (ज़िला- कोरबा),
    • शिक्षक एल.बी. प्रतिभा यादव और सहायक शिक्षक एल.बी. पुष्पेंद्र कुमार कश्यप (ज़िला- सक्ती)
    • व्याख्याता सुभाषचंद्र वर्मा और व्याख्याता एल.बी. डमरूधर स्वर्णकार (ज़िला- जशपुर)
    • व्याख्याता एल.बी. चेतनारायण कश्यप और शिक्षक एल.बी. वीरांगना श्रीवास्तव (ज़िला- कोरिया)
    • सहायक शिक्षक एल.बी. मीना राजवाड़े और प्रधान पाठक मेराजुद्दीन खान (ज़िला- सूरजपुर)
    • शिक्षक एल.बी. अनिता तिवारी और व्याख्याता दीपलता देशमुख (ज़िला- सरगुजा)
    • व्याख्याता एल.बी. अरबिंद कुमार गुप्ता तथा व्याख्याता एल.बी. यूधन प्रसाद जायसवाल (ज़िला- बलरामपुर)

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मुख्यमंत्री ने राजधानी में बनने वाले उत्कृष्ट शिक्षण संस्थान का किया वर्चुअल शिलान्यास

चर्चा में क्यों?

5 सितंबर, 2022 को शिक्षक दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य में स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने हेतु राजधानी में बनने वाले विश्वस्तरीय सुविधाओं से युक्त उत्कृष्ट शिक्षण संस्थान का वर्चुअल शिलान्यास किया।

प्रमुख बिंदु 

  • विश्वस्तरीय शिक्षण संस्थान की स्थापना छत्तीसगढ़ उत्कृष्ट विद्यालय सोसायटी के संचालन में किया जाएगा। इसके लिये स्कूल शिक्षा विभाग को नवा रायपुर अटल नगर विकास प्राधिकरण द्वारा 20 एकड़ भूमि नवा रायपुर के सेक्टर-32 में नि:शुल्क आवंटित की गई है।
  • उत्कृष्ट विद्यालय सोसायटी के अध्यक्ष मुख्यमंत्री तथा स्कूल शिक्षा मंत्री इसके उपाध्यक्ष होंगे। सोसायटी में सदस्य सचिव एवं अन्य सात सदस्य नियुक्त किये गए हैं।
  • विश्वस्तरीय आवासीय शिक्षण संस्थान को कक्षा 6वीं से 12वीं तक कुल 700 छात्र-छात्राओं हेतु विकसित किया जाएगा।
  • परिसर का विकास दो चरणों में किया जाएगा। प्रथम चरण में कुल 200 छात्र-छात्राओं के लिये शैक्षणिक आवासीय परिसर में एकेडमिक बिल्डिंग एवं लेबोरेट्री, एडमिन बिल्डिंग, डाइनिंग हॉल, हॉस्टल, इनडोर स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स, स्वीमिंग पुल, हॉर्स राइडिंग, प्लेग्राउंड, प्रिंसिपल एवं वाईस प्रिंसिपल बंगला आदि का विकास किया जाएगा। 
  • दूसरे चरण में ऑडिटोरियम, स्कूल की पूर्ण क्षमता अनुसार छात्र एवं छात्राओं हेतु हॉस्टल तथा स्टॉफ क्वार्टर्स का विकास किया जाएगा।
  • उत्कृष्ट शिक्षण संस्थान परिसर परियोजना के प्रथम चरण के निर्माण हेतु सोसायटी द्वारा52 करोड़ रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर उत्कृष्ट शिक्षण संस्थान के निर्माण कार्य की अवधि 12 माह रखी गई है।
  • छत्तीसगढ़ उत्कृष्ट विद्यालय सोसायटी के द्वारा नवा रायपुर में स्थापित किये जा रहे महत्त्वकांक्षी परियोजना उत्कृष्ट शिक्षण संस्थान से छत्तीसगढ़ के छात्र छात्राओं को विश्व स्तरीय शैक्षणिक सुविधाएँ मिलेंगी।

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मुख्यमंत्री ने बेहतर प्रदर्शन करने वाले स्कूलों को मुख्यमंत्री ट्रॉफी दी और मेधावी छात्रों को पुरस्कृत किया

चर्चा में क्यों?

5 सितंबर, 2022 को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शिक्षक दिवस के अवसर पर मुख्य सेवक सदन में आयोजित समारोह में बेहतर प्रदर्शन करने वाले स्कूलों को मुख्यमंत्री ट्रॉफी दी और मेधावी छात्रों को पुरस्कृत किया।

प्रमुख बिंदु 

  • मुख्यमंत्री ने ‘पं. दीनदयाल उपाध्याय शैक्षिक उत्कृष्टता पुरस्कार योजना’के तहत इंटरमीडिएट स्तर पर आईपी इंटर कॉलेज लक्सर हरिद्वार, ग्लोरियल एचएस डीडीहाट पिथौरागढ़, डीएनपीएसएस स्कूल भतरौजखान अल्मोड़ा एवं हाईस्कूल स्तर पर देवभूमि चिल्ड्रेन एकेडमी एचएसएस संकला रुद्रप्रयाग, ग्लोरिया एचएस डीडीहाट पिथौरागढ़ और एमडीएसपी स्कूल लंबगांव टिहरी गढ़वाल को मुख्यमंत्री ट्रॉफी देकर पुरस्कृत किया।
  • उत्तराखंड बोर्ड की 12वीं परीक्षा में पहले स्थान पर रही एसवीएमआईसी मायापुर हरिद्वार की छात्रा दिया राजपूत, एसपीवीएमआईसी गोपेश्वर चमोली के अंशुल बहुगुणा, विवेकानंद वीएमआईसी मडलसेरा बागेश्वर के सुमित सिंह मेहता एवं एसवीएमआईसी जसपुर ऊधमसिंह नगर के दर्शित चौहान को पुरस्कार मिला।
  • हाईस्कूल स्तर पर सुभाष इंटर कॉलेज थौलधार टिहरी गढ़वाल के मुकुल सिल्सवाल, एसएसएस ब्रह्मखाल उत्तरकाशी के आयुष अवस्थी, सुभाष इंटर कॉलेज थौलधार टिहरी के आयुष जुयाल एवं विवेकानंद वीएमआईसी मंडलसेरा बागेश्वर की रबीना कोरंगा को पुरस्कृत किया गया।
  • इस अवसर पर शिक्षा मंत्री डॉ.धन सिंह रावत ने कहा कि प्राथमिक शिक्षा को डिजिटल माध्यम से जोड़ने के लिये 22 हज़ार प्राथमिक शिक्षकों को टैबलेट दिये जाएंगे। इसके अलावा एक हज़ार विज्ञान शिक्षकों को राष्ट्रीय विज्ञान संस्थान बंगलूरू में शैक्षणिक प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि विज्ञान के क्षेत्र में छात्र-छात्राओं को और बेहतर ढंग से शिक्षा दी जा सके।

उत्तराखंड Switch to English

अनाथ बच्चों के लिये शुरू होगी ‘बालाश्रय योजना’

चर्चा में क्यों?

5 सितंबर, 2022 को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रदेश में अनाथ बच्चों की कक्षा एक से 12वीं तक की शिक्षा व्यवस्था के लिये राज्य सरकार ‘बालाश्रय योजना’शुरू करेगी।

प्रमुख बिंदु 

  • मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शिक्षक दिवस पर मुख्य सेवक सदन में आयोजित समारोह में शिक्षकों और मेधावी छात्रों को पुरस्कृत करते हुए यह घोषणा की।
  • मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणाएँ-
    • मुख्यमंत्री ने कहा कि बालाश्रय योजना के तहत अनाथ बच्चों की 12वीं तक की पढ़ाई के साथ ही उन्हें मुफ्त पुस्तकें, स्कूल ड्रेस, बैग, जूते, मोजे एवं लेखन सामग्री दी जाएगी।
    • प्रदेश में दुर्गम और दूरस्थ क्षेत्रों में पहले चरण में अधिक छात्र संख्या वाले 50 स्कूलों में शिक्षकों के लिये शिक्षक आवास बनाए जाएंगे। सरकारी स्कूलों में भूमि की उपलब्धता के आधार पर पंचायतों को दी जाने वाली धनराशि से स्कूलों में खेल मैदान तैयार किये जाएंगे।
    • संसाधनों की उपलब्धता के आधार पर हाईस्कूल स्तर पर 100 स्कूलों में एकीकृत प्रयोगशाला एवं इंटरमीडिएट स्तर पर 100 स्कूलों में भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान, भूगोल आदि की प्रयोगशालाएँ स्थापित की जाएंगी।
    • पीएम पोषण योजना के तहत छह लाख से अधिक छात्र-छात्राओं को सप्ताह में एक दिन के स्थान पर अब दो दिन दूध दिया जाएगा।
    • राजीव गांधी नवोदय विद्यालयों, कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका छात्रावास एवं नेताजी सुभाषचंद्र बोस आवासीय छात्रावास में छात्र-छात्राओं की भोजन व्यवस्था के लिये सौ रुपए प्रतिदिन की दर से धनराशि दी जाएगी।
    • केंद्रपोषित योजना के तहत दी जाने वाली धनराशि के अलावा होने वाले व्यय को राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।
    • केंद्रीय विद्यालयों की तरह प्रदेश के माध्यमिक स्कूलों में शिक्षकों के लंबे अवकाश पर रहने के दौरान स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई पर इसका असर न पड़े, इसके लिये स्थानीय स्तर पर विषयगत शिक्षकों की व्यवस्था की जाएगी।
    • निदेशालय स्तर पर शिक्षा में सुधार के लिये सुझाव प्रकोष्ठ गठित किया जाएगा।
    • प्रधानाचार्य के पास 50 हज़ार रुपए की व्यवस्था रहेगी।

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