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नौ सड़कों के निर्माण को मंज़ूरी
चर्चा में क्यों?
5 सितंबर, 2021 को पलामू के सांसद वी.डी. राम ने कहा कि गृह मंत्रालय (एमएचए) ने पलामू और गढ़वा ज़िलों के वामपंथी-चरमपंथी प्रभावित क्षेत्रों के लिये अपनी सड़क संपर्क परियोजना के तहत नौ सड़कों और आठ लॉजिस्टिक सपोर्ट ब्रिज को मंज़ूरी दी है।
प्रमुख बिंदु
- उन्होंने कहा कि नौ सड़कों में से दो गढ़वा ज़िले में तथा सात पलामू में हैं, जबकि सभी आठ लॉजिस्टिक सपोर्ट ब्रिज पलामू ज़िले में साथी, सापी, सतबहिनी और पत्थलबाजा नदियों पर हैं।
- उल्लेखनीय है कि इन सड़कों और लॉजिस्टिक सपोर्ट ब्रिज को एमएचए द्वारा तभी मंज़ूरी दी जाती है, जब संबंधित ज़िला पुलिस अधीक्षक (एसपी) उग्रवाद के खिलाफ लड़ाई में इसके रणनीतिक मूल्य पर इसके लिये सिफारिश करते हैं।
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‘स्पेक्ट्रल एन्हांसमेंट’ (एसपीई)
चर्चा में क्यों?
हाल ही में कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने ‘स्पेक्ट्रल एन्हांसमेंट’ (एसपीई) नामक एक सॉफ्टवेयर लॉन्च किया है, जो कोयला अन्वेषण प्रक्रिया के दौरान भूकंपीय सर्वेक्षण का उपयोग करके पृथ्वी की क्रस्ट के नीचे पतले कोयले की परतों की पहचान करने और कोयला संसाधनों के आकलन में सुधार करने में मदद करेगा।
प्रमुख बिंदु
- सीआईएल के अनुसंधान और विकास (आर एंड डी) शाखा सेंट्रल माइन प्लानिंग एंड डिज़ाइन इंस्टीट्यूट (सीएमपीडीआई) ने गुजरात एनर्जी रिसर्च एंड मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट (जीईआरएमआई) के सहयोग से अपनी तरह का यह पहला सॉफ्टवेयर विकसित किया है।
- कोयला संसाधन अन्वेषण के लिये वर्तमान भूकंपीय सर्वेक्षण तकनीकों में पृथ्वी के नीचे पतले कोयले की परतों की पहचान करने की सीमाएँ हैं। इस सॉफ्टवेयर के माध्यम से अब भूकंपीय संकेतों के समाधान को बढ़ाने में मदद मिलेगी, जिससे कोयले की सबसे पतली परत का चित्रण होता है।
- यह ‘मेड इन इंडिया’ सॉफ्टवेयर कोयले की खोज़ के समय और लागत को बचाने में भी मदद करेगा, जिससे कोयला उत्पादन में ‘आत्मनिर्भर भारत’ के मिशन को बढ़ावा मिलेगा।
- गौरतलब है कि भारत के कुल कोयला उत्पादन में सीआईएल की हिस्सेदारी 80 फीसदी है।
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मनोज कुमार सिंह को मिला राष्ट्रीय पुरस्कार
चर्चा में क्यों?
5 सितंबर, 2021 को शिक्षक दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने वर्चुअल माध्यम से राज्य के हिंदुस्तान मित्र मंडल स्कूल, गोलमुरी के शिक्षक मनोज कुमार सिंह को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार, 2021 से सम्मानित किया।
प्रमुख बिंदु
- मनोज कुमार सिंह इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के झारखंड से एकमात्र प्राप्तकर्त्ता हैं। पुरस्कार में उन्हें एक पदक, एक प्रमाण-पत्र और 50,000 रुपए दिये गए।
- मूलरूप से बिहार के गया के रहने वाले मनोज कुमार सिंह ने कक्षा एक से आठ तक के लिये जेसीईआरटी हेतु गणित की किताब तैयार की थी तथा कोविड के दौरान स्कूल बंद रहने के बाद भी बच्चों को गणित पढ़ाते थे।
- उन्हें जटिल गणितीय अवधारणाओं को नवोन्मेषी व्यावहारिक और कला-आधारित शिक्षाशास्त्र के माध्यम से पढ़ाने के लिये जाना जाता है, जो ज़्यादातर कक्षा के बाहर किया जाता है। वह अपने YouTube चैनल ‘क्रिएटिव लर्निंग विथ मनोज’ के माध्यम से ऑनलाइन शिक्षण भी संचालित करते हैं।
- वह झारखंड शिक्षा अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (जेसीईआरटी) की ई-कंटेंट डेवलपर टीम का भी हिस्सा हैं, जिन्होंने डिजी स्कूल ऐप के माध्यम से महामारी के दौरान गणित के लिये ऑनलाइन सामग्री तैयार की है।
- गौरतलब है कि वर्ष 1958 में स्थापित, ‘राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार’ केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा प्राथमिक, माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों के मेधावी शिक्षकों को सार्वजनिक मान्यता देने के लिये हर साल शिक्षक दिवस पर प्रदान किया जाता है।
- इस पुरस्कार में एक रजत पदक, प्रमाण-पत्र और 50,000 रुपए दिये जाते हैं।
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