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छत्तीसगढ स्टेट पी.सी.एस.

  • 05 Aug 2022
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मुख्यमंत्री ने ‘बस्तर टाइगर’ किताब का किया विमोचन

चर्चा में क्यों?

4 अगस्त, 2022 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने निवास कार्यालय में शहीद स्वर्गीय महेंद्र कर्मा की जयंती की पूर्व संध्या पर उनके जीवन पर आधारित किताब ‘बस्तर टाइगर’ का विमोचन किया।

प्रमुख बिंदु 

  • लेखकद्वय कुणाल शुक्ला व प्रीति उपाध्याय द्वारा लिखी गई इस किताब में बस्तर टाइगर के नाम से लोकप्रिय शहीद महेंद्र कर्मा के जीवन के अनछुए पहलुओं को साझा किया गया है।
  • इस किताब के माध्यम से शहीद महेंद्र कर्मा के आदिवासियों के विकास के प्रति उनकी सोच और लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति उनकी गहरी आस्था को पाठकों के समक्ष रखा गया है।
  • शहीद महेंद्र कर्मा, गांधी-नेहरू के विचारों से प्रेरित रहे। उन्होंने आजीवन बस्तर में शांति के लिये प्रयास किया। किताब में शहीद महेंद्र कर्मा के सलवा जुड़ूम को लेकर विचार पहली बार पाठकों के सामने प्रस्तुत किये गए हैं।
  • गौरतलब है कि महेंद्र कर्मा छत्तीसगढ़ कॉन्ग्रेस के नेता थे। वह 2004 से 2008 तक छत्तीसगढ़ विधानसभा में विपक्ष के नेता थे। 2005 में उन्होंने छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ सलवा जुडूम (Salwa Judum) आंदोलन के आयोजन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। वह राज्य गठन के बाद से अजीत जोगी सरकार कैबिनेट में उद्योग और वाणिज्य मंत्री थे।
  • 5 मई, 2013 को सुकमा में कॉन्ग्रेस द्वारा आयोजित परिवर्तन रैली से लौटते समय दरभा घाटी में महेंद्र कर्मा, तत्कालीन कॉन्ग्रेस अध्यक्ष नंद कुमार पटेल, विधायक उदय मुदलियर समेत 28 कॉन्ग्रेसी नेताओं की नक्सलियों ने हमला कर हत्या कर दी थी। पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल इस हमले में गंभीर रूप से घायल हो गए थे, जिनकी इलाज के दौरान मृत्यु हो गई थी।

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विश्व आदिवासी दिवस पर पारंपरिक खेल ‘मड़ई’ का आयोजन रायपुर में

चर्चा में क्यों?

4 अगस्त, 2022 को छत्तीसगढ़ के जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर 7 और 8 अगस्त को विशेष रूप से संरक्षित जनजातियों के पारंपरिक खेल ‘मड़ई’ का आयोजन राजधानी रायपुर के स्वामी विवेकानंद स्टेडियम कोटा में किया जाएगा।

प्रमुख बिंदु 

  • खेल मड़ई में विभिन्न जनजातीय समुदाय द्वारा पारंपरिक रूप से खेले जाने वाले खेल, जैसे- तीरंदाजी, गुलेल, मटका दौड़, गिल्ली-डंडा, गेड़ी-दौड़, भौंरा, फुगड़ी (बालिका वर्ग), बिल्ला (बालिका वर्ग), कबड्डी, रस्साखींच, सक्तल (पिठुल), भारा दौड़, बोरा-दौड़, सुई-धागा दौड़ (बालिका वर्ग), मुदी लुकावन (गोटी लुकावन), तीन टंगड़ी दौड़ तथा नौकायन (वयस्क वर्ग के लिये) आदि प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा।
  • आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति विकास विभाग द्वारा आयोजित इस प्रतियोगिता में बालक एवं बालिकाओं के लिये दो वर्ग 14 से 18 वर्ष आयु वर्ग और खुली प्रतियोगिता के अंतर्गत 18 वर्ष एवं उससे अधिक की महिला और पुरुष के लिये पारंपरिक रूप से खेले जाने वाले खेल प्रतियोगिताएँ आयोजित होंगे।
  • ज़िलास्तर पर अभिकरण क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले सभी विकासखंडों से खेलवार विशेष संरक्षित जनजातीय समुदायों से प्रवेश आमंत्रित किया जाएगा।
  • उल्लेखनीय है कि ज़िलों में 22 से 28 जुलाई तक खेल प्रतियोगिताएँ आयोजित की गई थीं। ज़िला स्तर से चयन के बाद 17 ज़िले के लगभग 700 प्रतिभागी इस राज्यस्तरीय आयोजन में शामिल होंगे।

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