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मुख्यमंत्री ने झारखंड को दी 206 एंबुलेंस की सौगात
चर्चा में क्यों?
5 जुलाई, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य को आधुनिक सुविधा से लैस 206 एम्बुलेंस की सौगात दी, जिनमें 51 एम्बुलेंस में एडवांस लाइफ सिस्टम मौजूद है और 131 में बेसिक लाइफ सिस्टम शामिल हैं।
प्रमुख बिंदु
- इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने 5 मेडिकल मोबाइल यूनिट की भी शुरुआत की जिसके लिये स्माइल फाउंडेशन से एमओयू किया गया है।
- मुख्यमंत्री ने ममता वाहन एप, मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी योजना और आयुष्मान एप का भी शुभारंभ किया।
- इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने बताया कि एम्बुलेंस का संचालन, नए ऐप के माध्यम से स्वास्थ्य सुविधा को सरल और बेहतर बनाने की कोशिश की जा रही है और राज्य के जन-जन तक स्वास्थ्य सेवा पहुँचाने की ओर कदम कदम बढ़ाया जा रहा है।
- इसके अलावा मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के युवाओं को स्वरोज़गार देने के लिये फिलहाल सभी पंचायतों में दवा दुकान खोलने की कोशिश जारी है। अब दवा दुकान खालेने के लिये अब फार्मा की डिग्री की ज़रूरत नहीं रहेगी। पढ़े-लिखे शिक्षित युवा खुद दवा दुकान चला सकेंगे।
- साथ ही, उन्होंने झारखंड में भव्य मेडिकल कॉलेज की शुरुआत जल्द करने की घोषणा की, जिसमें वैश्विक स्तर की सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाएंगी।
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झारखंड में अब संविदा महिला कर्मियों को मिलेगा मातृत्व अवकाश
चर्चा में क्यों?
5 जुलाई, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने संविदा के आधार पर नियुक्त महिला कर्मियों को मातृत्व अवकाश से संबंधित प्रस्ताव पर स्वीकृति दे दी है, जिससे अब संविदा पर नियुक्त महिला कर्मियों को मातृत्व अवकाश का लाभ प्राप्त होगा।
प्रमुख बिंदु
- विदित है कि पूर्व में संविदा पर नियुक्त महिला कर्मियों को मातृत्व अवकाश का लाभ देने का प्रावधान नहीं था।
- मुख्यमंत्री द्वारा स्वीकृत प्रस्ताव वैसी महिला कर्मियों पर लागू होगा, जो पिछले 12 महीनों में 80 दिन तक संविदा पर कार्य कर चुकी हों, उन्हें 180 दिन का मातृत्व अवकाश का लाभ मिलेगा।
- यह अवकाश दो जीवित संतान के बाद हुए प्रसव पर लागू नहीं होगा। मातृत्व अवकाश के लिये संविदा राशि छुट्टी पर जाने से पहले मिले अंतिम संविदा राशि के बराबर होगा।
- उल्लेखनीय है कि मातृत्व लाभ ऐसे लाभ हैं जो महिला कर्मचारियों को गर्भावस्था के दौरान और प्रसव के बाद उनके अधिकारों की रक्षा के लिये प्रदान किये जाते हैं। ये लाभ मातृत्व लाभ अधिनियम, 1961 द्वारा शासित होते हैं।
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