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स्टेट पी.सी.एस.

  • 06 Jul 2023
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उत्तर प्रदेश Switch to English

चंबल सेंचुरी में अब जल्द ही डॉल्फिन सेंचुरी

चर्चा में क्यों?

5 जुलाई, 2023 को राष्ट्रीय चंबल सेंचुरी प्रोजेक्ट की उप वन संरक्षक (वन्यजीव) आरुषि मिश्रा ने बताया कि चंबल सेंचुरी में अब जल्द ही डॉल्फिन सेंचुरी क्षेत्र भी घोषित होगा। राष्ट्रीय जलीय जीव डॉल्फिन के संरक्षण के लिये डॉल्फिन सेंचुरी का एक प्रस्ताव शासन को भेजा गया है।  

प्रमुख बिंदु  

  • आरुषि मिश्रा ने बताया कि घड़ियाल, मगरमच्छ, कछुए, पक्षियों और प्राकृतिक सुंदरता से गुलजार चंबल सेंचुरी में अब जल्द ही डॉल्फिन सेंचुरी क्षेत्र भी घोषित होगा। डॉल्फिन सेंचुरी के लिये इटावा स्थित राष्ट्रीय चंबल सेंचुरी के सहसों क्षेत्र का चयन किया गया है, जहाँ बड़ी संख्या में डॉल्फिन पाई जाती हैं। 
  • इटावा स्थित चंबल सेंचुरी के सहसों के 20 किमी. क्षेत्र में बड़ी संख्या में डॉल्फिन पाई जाती है। यहाँ पर डॉल्फिन की संख्या में लगातार इज़ाफा देखा जा रहा है। इस स्थान पर 50 से 80 के करीब डॉल्फिन पाई जाती हैं।  
  • विदित है कि 2012 में उत्तर प्रदेश की नदियों में डॉल्फिन की हुई गणना में डॉल्फिन की संख्या 671 थीं, जिसमें से 78 चंबल में थीं। इस समय राष्ट्रीय चंबल सेंचुरी क्षेत्र के बाह रेंज में 24 और इटावा रेंज में 147 डॉल्फिन हैं। 
  • उप वन संरक्षक (वन्यजीव) आरुषि मिश्रा ने बताया कि साल 1979 में घोषित हुए राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य 635 वर्ग किमी. क्षेत्रफल में फैला है। यह मध्य प्रदेश, राजस्थान व उत्तर प्रदेश तीन राज्यों को जोड़ता है।  
  • इसमें साल 2008 से घड़ियालों की प्राकृतिक हैचिंग हो रही है। परिणामस्वरूप घड़ियालों की संख्या 2,176 पहुँच गई है। 878 मगरमच्छ के साथ उत्तर प्रदेश के इटावा तक करीब छह हज़ार दुर्लभ प्रजाति के कछुए पाए जाते हैं। वहीं, चंबल सेंचुरी में संरक्षित राष्ट्रीय जलीय जीव डॉल्फिन का कुनबा भी बढ़ा है।  
  • आरुषि मिश्रा ने बताया कि डॉल्फिन सफारी के लिये भारत सरकार ने दो स्थानों को प्रमुखता दी है। बीते दिनों वाराणसी और चंबल का प्रेजेंटेशन भारत सरकार के सामने हो चुका है। यह इको टूरिज्म और डॉल्फिन कंजर्वेशन की दिशा में भी सरकार का बड़ा कदम है। 
  • गौरतलब है कि गंगा नदी में पाई जाने वाली डॉल्फिन भारत की राष्ट्रीय जलीय जीव है। गंगा डॉल्फिन को वर्ष 2009 में भारत सरकार ने राष्ट्रीय जलीय जीव (National Aquatic Animal) के रूप में मान्यता दी थी। 
  • संरक्षण स्थिति: 
    • भारतीय वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की अनुसूची-I के तहत गंगा डॉल्फिन का शिकार करना प्रतिबंधित है। 
    • गंगा डॉल्फिन कोIUCN की रेड लिस्ट में संकटग्रस्त (Endangered) की श्रेणी में रखा गया है।  
    • गंगा डॉल्फिन को ‘वन्यजीवों और वनस्पतियों की लुप्तप्राय प्रजातियों के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर कन्वेंशन’(The Convention of International Trade in Endangered Species of Wild Fauna and Flora& CITES) के परिशिष्ट-I में शामिल किया गया है। 
    • वन्यजीवों की प्रवासी प्रजातियों के संरक्षण पर अभिसमय (CMS)%परिशिष्ट II (प्रवासी प्रजातियाँ जिन्हें संरक्षण और प्रबंधन की आवश्यकता है या जिन्हें अंतर्राष्ट्रीय सहयोग से काफी लाभ होगा)। 
  • संरक्षण के लिये उठाए गए कदम: 
    • प्रोजेक्ट डॉल्फिन: भारत के प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता दिवस-2020 पर दिये गए अपने भाषण में प्रोजेक्ट डॉल्फिन को लॉन्च करने की घोषणा की। यह प्रोजेक्ट टाइगर की तर्ज पर होगा, जिसने बाघों की आबादी बढ़ाने में मदद की। 
    • डॉल्फिन अभयारण्य: बिहार के भागलपुर ज़िले में विक्रमशिला गंगा डॉल्फिन अभयारण्य की स्थापना की गई है। 
    • संरक्षण योजना: ‘गंगा डॉल्फिन संरक्षण कार्य योजना 2010-2020’ गंगा डॉल्फिन के संरक्षण के प्रयासों में से एक है, इसके तहत गंगा डॉल्फिन और उनकी आबादी के लिये प्रमुख खतरों के रूप में नदी में यातायात, सिंचाई नहरों और शिकार की कमी आदि की पहचान की गई है। 
    • राष्ट्रीय गंगा डॉल्फिन दिवस: राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन द्वारा प्रतिवर्ष 5 अक्तूबर को गंगा डॉल्फिन दिवस के रूप में मनाया जाता है।


बिहार Switch to English

बिहार अविनियमित निक्षेप स्कीम पाबंदी नियमावली 2023 को मंजूरी

चर्चा में क्यों? 

4 जुलाई, 2023 को बिहार मंत्रिपरिषद की बैठक में बिहार अधिनियमित निक्षेप स्कीम पाबंदी नियमावली 2023 को मंजूरी प्रदान की गई है। 

प्रमुख बिंदु

  • इस नीति के तहत बिहार में काम करने वाली चिटफंड कंपनियों की जाँच और उन पर कार्रवाई करने का अधिकार राज्य सरकार को मिल गया है।  
  • राज्य की आम जनता और जमाकर्त्ताओं से अवैध जमा योजनाओं के माध्यम से धन जमा कराने पर ऐसी कंपनियों पर कार्रवाई करने के लिये राज्य सरकार ही सक्षम प्राधिकार बन गई है।  
  • कैबिनेट विभाग के अपर मुख्य, सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने बताया कि कैबिनेट द्वारा स्वीकृत पाबंदी नियमावली 2023 के प्रावधान में जो लोग जमा स्कीम चलाते हैं, वह इसके अधीन हो जाएंगे।
  • इस नियमावली में बिहार सरकार को सक्षम प्राधिकार बनाया गया है। इससे राज्य सरकार जमा स्कीम चलानेवाली कंपनियों की जाँच करने, उनकी ऑडिट करने और अनियमितता पाए जाने के बाद कार्रवाई करने की शक्ति मिल गई है।  
  • राज्य सरकार को उनकी संपत्ति जब्त करने और बेचने की सभी प्रक्रिया इस नियमावली के तहत अपनायी जाएगी। राज्य में छोटे-छोटे जमा योजनाएँ चलाई जाती हैं, उनके खिलाफ इसके तहत कार्रवाई होगी। 
  • यह नयी नियमावली आम जनता को अवैध जमा योजनाओं और धोखाधड़ी से बचाएगी। सरकार को आरोपीत के खिलाफ कड़ी सजा और भारी आर्थिक जुर्माना के साथ ही संपत्तियों की कुर्की कर निवेशकों की जमा राशि की वापसी या पुनर्भुगतान की शक्ति मिल गई है। 
  • विभिन्न स्तर के न्यायालयों में काम करने वाले सरकारी वकीलों का चयन अब राज्य स्तरीय चयन समिति करेगी। यह समिति महाधिवक्ता के अध्यक्षता में गठित होगी। इसमें विधि सचिव, विधि विभाग के विशेष सचिव या संयुक्त सचिव सदस्य होंगे। 
  • यह समिति ज़िला स्तर पर पीपी, जीपी, एपीपी एजीपी, हाइकोर्ट के लिये एडिशनल एडवोकेट जनरल गवर्नमेंट एडवोकेट, प्लीडर, स्टैंडिंग काउंसिल पब्लिक प्रोस्क्युटर और सुप्रीम कोर्ट के लिये एडिशनल एडवोकेट जनरल और स्टैंडिंग काउंसिल का चयन करेगी। 
  • कैबिनेट में इसके लिये बिहार विधि पदाधिकारी (वचनबद्धता) नियमावली 2023 को स्वीकृति दे दी है। 
  • नयी नियमावली में सरकारी वकीलों के प्राइवेट प्रैक्टिस करेंगे या नहीं करेंगे, इसको लेकर भी प्रावधान किया गया है।  
  • राज्य सरकार के विधि विभाग ने बिहार विधि पदाधिकारी (वचनबद्धता) नियमावली 2023 के संबंध में अधिसूचना जारी कर दिया है। यह राजपत्र में प्रकाशन की तिथि से लागू होगी। 
  • कैबिनेट विभाग के अपर मुख्य सचिव ने बताया कि कोविड 19 और यूक्रेन युद्ध के कारण उत्पन्न स्थिति को देखते हुए विदेशों से मेडिकल ग्रेजुएट करने वाले विद्यार्थियों को अब राज्य के मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में इंटर्नशिप करने का मौका मिलेगा। इतना ही नहीं, ऐसे विदेश से ग्रेजुएट करनेवाले विद्यार्थियों को नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) के समरूप छात्रवृति भी दी जाएगी। 
  • विदेशों से मेडिकल ग्रेजुएट करनेवाले छात्रों को इंटर्नशिप की कुल सीटों में से 7.5 प्रतिशत सीटों पर इंटर्नशिप करने का मौका मिलेगा। 

एनएमसी के दिशा निर्देशों के अनुसार स्टेट मेडिकल काउंसिल में निबंधन के क्रम में इंटर्नशिप के लिये राज्य के मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में इंटर्नशिप की सुविधा देना है। इसके लिये उन छात्रों से कोई राशि या शुल्क नहीं लिया जाएगा।   


राजस्थान Switch to English

बरवास माईक्रो सिंचाई परियोजना का शिलान्यास

चर्चा में क्यों?

5 जुलाई, 2023 को राजस्थान के युवा मामले, खेल तथा सूचना एवं जनसंपर्क राज्यमंत्री अशोक चांदना ने राज्य में 12 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित होने वाली बूंदी ज़िले के बरवास माइक्रो सिंचाई परियोजना का शिलान्यास किया।  

प्रमुख बिंदु  

  • बूंदी ज़िले के बरवास गाँव में परियोजना के निर्माण से क्षेत्र के जलस्तर में वृद्धि होगी। किसानों को फसल बुवाई में विकल्प मिलेंगे और भूमिगत जल स्तर में वृद्धि होगी। इसका सीधा लाभ काश्तकारों को मिलेगा। 
  • उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने राज्य बजट में हिंडोली-नैनवाँ क्षेत्र के लिये कई घोषणाएँ की गई हैं। बीते चार सालों में इस क्षेत्र में पेयजल, सिंचाई, चिकित्सा, शिक्षा, कृषि, सड़क सहित कई क्षेत्रों में विकास कार्य हुआ है।  
  • राज्यमंत्री ने कहा कि क्षेत्र में बनाए गए मिनी डेम और एनीकटों से किसानों को सिंचाई तथा ग्रामीणों को पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित हुई है। साथ ही, क्षेत्र के भूमिगत जल स्तर में वृद्धि हो रही है। इन कार्यों पर 200 करोड़ रुपए की राशि खर्च की गई है।


राजस्थान Switch to English

मुख्यमंत्री ने किया ‘विश्वकर्मा कामगार कल्याण योजना’के प्रारूप का अनुमोदन

 चर्चा में क्यों?

4 जुलाई, 2023 को प्रदेश में रोज़गार को बढ़ावा देने के क्रम में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ‘विश्वकर्मा कामगार कल्याण योजना’के प्रारूप को मंज़ूरी दी है।  

प्रमुख बिंदु  

  • इस योजना में विभिन्न श्रेणियों के 1 लाख लोगों को स्वरोज़गार के लिये आवश्यक उपकरण, किट, सिलाई मशीन इत्यादि खरीदने के लिये 5-5 हज़ार रुपए की सहायता मिलेगी।  
  • इनमें राजस्थान शिल्प एवं माटी कला बोर्ड, राजस्थान राज्य केश कला बोर्ड, राजस्थान राज्य विमुक्त घुमंतु एवं अर्द्ध घुमंतु कल्याण बोर्ड, उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के माध्यम से संचालित हस्तशिल्प योजना, राजीविका/एनयूएलएम-महिलाएँ तथा श्रम विभाग-कामगार द्वारा चिह्नित दस्तकार शामिल होंगे।  
  • इस निर्णय से इन वर्गों के लोगों को स्वरोज़गार के लिये बेहतर अवसर उपलब्ध हो सकेंगे।  
  • उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वर्ष 2023-24 के बजट में ‘विश्वकर्मा कामगार कल्याण योजना’शुरू करने की घोषणा की थी।

मध्य प्रदेश Switch to English

माँ अहिल्या देवी कल्याण बोर्ड एवं संत रविदास सांस्कृतिक एकता न्यास के गठन की स्वीकृति

चर्चा में क्यों? 

4 जुलाई, 2023 को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में माँ अहिल्या देवी कल्याण बोर्ड के गठन का निर्णय लिया गया।  

प्रमुख बिंदु 

  • उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री की 22 अप्रैल, 2023 की घोषणा के आधार पर पाल-गडरिया, धनगर वर्ग के समग्र कल्याण के लिये माँ अहिल्या देवी कल्याण बोर्ड का गठन करने का निर्णय लिया गया।  
  • माँ अहिल्या देवी कल्याण बोर्ड में 1 अध्यक्ष एवं 4 सदस्य होंगे। इस बोर्ड के गठन से पाल-गडरिया, धनगर वर्ग के व्यक्तियों के लिये शासन की कल्याणकारी/ जन-हितकारी योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन सुनिश्चित होगा।  
  • इस वर्ग की आवश्यकता अनुसार कार्यक्रमों का निर्माण किया जा सकेगा। इससे इस वर्ग के आर्थिक, सामाजिक एवं शैक्षणिक विकास को गति प्राप्त हो सकेगी।  
  • इसके साथ ही मंत्रि-परिषद ने मध्य प्रदेश लोक न्यास अधिनियम अंतर्गत ‘संत रविदास सांस्कृतिक एकता न्यास’की स्थापना एवं गठन के लिये भी स्वीकृति प्रदान की।

मध्य प्रदेश Switch to English

30 एकड़ में बन रहा है प्रदेश का सबसे बड़ा ग्लोबल स्किल पार्क

चर्चा में क्यों?

5 जुलाई, 2023 को मध्य प्रदेश जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार भोपाल के नरेला शंकरी में प्रदेश के सबसे बड़े ग्लोबल स्किल पार्क संत रविदास ग्लोबल स्किल पार्क का निर्माण तेजी से चल रहा है।  

प्रमुख बिंदु  

  • मध्य प्रदेश के तकनीकी शिक्षा और कौशल विकास मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने निर्माण कार्यों की प्रगति की समीक्षा करते हुए कहा कि ग्लोबल स्किल पार्क (जीएसपी) मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का ड्रीम प्रोजेक्ट है। आगामी सिंतबर तक जीएसपी पूरी तरह तैयार करने का लक्ष्य है। 
  • सिंगापुर के सहयोग से बन रहे इस ग्लोबल स्किल पार्क में युवाओं को बेहतर और आधुनिक तकनीकी स्किल्स सिखाकर उन्हें अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर तैयार किया जाएगा।  
  • उल्लेखनीय है कि लगभग 1500 करोड़ रुपए से ज्यादा की लागत से 30 एकड़ में बन रहे संत रविदास ग्लोबल स्किल पार्क में 6 हज़ार युवाओं को प्रति वर्ष प्रशिक्षण दिया जाएगा।  
  • जीएसपी में युवाओं को मेकाट्रॉनिक्स, ऑटोमोटिव, हॉस्पिटैलिटी, रिटेल, एग्रीकल्चर, रेफ्रिजरेशन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डेटा साइंस आदि ट्रेड का प्रशिक्षण दिया जाएगा।


हरियाणा Switch to English

एचईईपी-2020 के तहत अधिसूचित माल ढुलाई सहायता योजना में संशोधन को मंजूरी मिली

चर्चा में क्यों?

4 जुलाई, 2023 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में चंड़ीगढ़ में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा उद्यम और रोज़गार नीति (एचईईपी)-2020 के तहत अधिसूचित माल ढुलाई सहायता योजना में संशोधन को मंजूरी प्रदान की गई। 

प्रमुख बिंदु  

  • विदित है कि राज्य के विभिन्न औद्योगिक संघों और निर्यातकों ने राज्य सरकार से सभी एमएसएमई के लिये योजना को संशोधित करने और निर्यातकों को प्रेरित करने के लिये ब्लॉक-वाइज कैपिंग की समीक्षा करने का अनुरोध किया था। 
  • नए संशोधनों के अनुसार, वैश्विक बाज़ार में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के निर्यात को प्रतिस्पर्धी बनाने के लिये अन्य गैर-वित्तीय प्रोत्साहनों सहित इकाई के परिसर से बंदरगाह/एयर कार्गो/अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं तक परिवहन लागत की अदायगी के लिये माल ढुलाई सब्सिडी के रूप में 25 लाख रुपए प्रदान किये जाएंगे। 
  • विनिर्माण स्थल से बंदरगाह/एयर कार्गो/सडक मार्ग से अंतरराष्ट्रीय सीमा तक माल की ढुलाई पर सरकारी शुल्क और करों को छोडकर, फ्री ऑन बोर्ड (एफओबी) मूल्य या वास्तविक माल ढुलाई के 1 प्रतिशत की सीमा तक माल ढुलाई सहायता, जो भी कम हो, जेडईडी प्रमाणन के स्तर के आधार पर सुनिश्चित की जाएगी। 
  • थ्रस्ट सेक्टर (एचईईपी के तहत अधिसूचित) के लिये, ‘सी’और ‘डी’श्रेणी ब्लॉक में स्थित थ्रस्ट सेक्टर में लगे निर्माता निर्यातक को अधिकतम 25 लाख रुपए और थ्रस्ट सेक्टर ‘ए’ और ‘बी’श्रेणी के ब्लॉक में लगे निर्माता निर्यातक को 15 लाख रुपए तक की सब्सिडी सुनिश्चित की जाएगी। 
  • अन्य सभी पात्र निर्माता निर्यातक इकाइयों (नॉन-थ्रस्ट सेक्टर) के लिये, ‘सी’और ‘डी’ श्रेणी ब्लॉक में स्थित निर्माता निर्यातक को अधिकतम 20 लाख रुपए तथा ‘ए’और ‘बी’ श्रेणी ब्लॉक में स्थित निर्माता निर्यातक को 10 लाख रुपए तक की सब्सिडी सुनिश्चित की जाएगी। 
  • नई संशोधन नीति में विनिर्माण स्थल से बंदरगाह/एयर कार्गो/सड़क मार्ग से अंतर्राष्ट्रीय सीमा तक ढुलाई हेतु जेडईडी गोल्ड सर्टिफाइड इकाइयों के लिये शत-प्रतिशत सब्सिडी, जेडईडी सिल्वर सर्टिफाइड इकाइयों के लिये 75 प्रतिशत और जेडईडी काँस्य सर्टिफाइड इकाइयों के लिये फ्री ऑन बोर्ड (एफओबी) मूल्य या वास्तविक माल ढुलाई के 1 प्रतिशत में से सरकारी शुल्क और करों को छोड़कर, 33 प्रतिशत सब्सिडी सुनिश्चित की जाएगी। 
  • संशोधन के अनुसार, सभी पात्र इकाइयों के आवेदन वित्तीय वर्ष की समाप्ति की तारीख से 6 महीने की अवधि के भीतर विभाग के वेब पोर्टल पर जमा करवाए जाएंगे और 10 लाख रुपए से अधिक की माल ढुलाई सब्सिडी की मंजूरी देने के लिये महानिदेशक/निदेशक, एमएसएमई सक्षम प्राधिकारी होंगे। 
  • मंत्रिमंडल द्वारा योजना की शुरुआत और लागू होने की प्रभावी तिथि में बदलाव के साथ एजेंडे को स्वीकृति दी गई।  
  • योजना की लागू होने की प्रभावी तिथि 1 जुलाई, 2023 होगी जिसका अर्थ है कि वास्तविक निर्यात 1 जुलाई, 2023 को या उसके बाद किया जाना चाहिये, यह उठान के बिल के आधार पर निर्धारित किया जाएगा। 
  • ध्यातव्य हो कि यह नीति राज्य में 1 लाख करोड़ रुपए का निवेश आकर्षित करने और 5 लाख नौकरियाँ पैदा करने के उद्देश्य से अधिसूचित की गई थी।  
  • हरियाणा उद्यम और रोज़गार नीति (एचईईपी), 2020, औद्योगिक प्रतिस्पर्धात्मकता, संतुलित क्षेत्रीय विकास, निर्यात, नवाचार और उद्यमिता और मजबूत औद्योगिक बुनियादी ढाँचे को बढ़ावा देने के लिये राज्य के समग्र सामाजिक-आर्थिक विकास के लिये पाँच स्तंभों की पहचान करती है।

झारखंड Switch to English

मुख्यमंत्री ने झारखंड को दी 206 एंबुलेंस की सौगात

चर्चा में क्यों?

5 जुलाई, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य को आधुनिक सुविधा से लैस 206 एम्बुलेंस की सौगात दी, जिनमें 51 एम्बुलेंस में एडवांस लाइफ सिस्टम मौजूद है और 131 में बेसिक लाइफ सिस्टम शामिल हैं। 

प्रमुख बिंदु  

  • इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने 5 मेडिकल मोबाइल यूनिट की भी शुरुआत की जिसके लिये स्माइल फाउंडेशन से एमओयू किया गया है।  
  • मुख्यमंत्री ने ममता वाहन एप, मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी योजना और आयुष्मान एप का भी शुभारंभ किया। 
  • इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने बताया कि एम्बुलेंस का संचालन, नए ऐप के माध्यम से स्वास्थ्य सुविधा को सरल और बेहतर बनाने की कोशिश की जा रही है और राज्य के जन-जन तक स्वास्थ्य सेवा पहुँचाने की ओर कदम कदम बढ़ाया जा रहा है।  
  • इसके अलावा मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के युवाओं को स्वरोज़गार देने के लिये फिलहाल सभी पंचायतों में दवा दुकान खोलने की कोशिश जारी है। अब दवा दुकान खालेने के लिये अब फार्मा की डिग्री की ज़रूरत नहीं रहेगी। पढ़े-लिखे शिक्षित युवा खुद दवा दुकान चला सकेंगे। 
  • साथ ही, उन्होंने झारखंड में भव्य मेडिकल कॉलेज की शुरुआत जल्द करने की घोषणा की, जिसमें वैश्विक स्तर की सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाएंगी।


झारखंड Switch to English

झारखंड में अब संविदा महिला कर्मियों को मिलेगा मातृत्व अवकाश

चर्चा में क्यों?

5 जुलाई, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने संविदा के आधार पर नियुक्त महिला कर्मियों को मातृत्व अवकाश से संबंधित प्रस्ताव पर स्वीकृति दे दी है, जिससे अब संविदा पर नियुक्त महिला कर्मियों को मातृत्व अवकाश का लाभ प्राप्त होगा।  

प्रमुख बिंदु  

  • विदित है कि पूर्व में संविदा पर नियुक्त महिला कर्मियों को मातृत्व अवकाश का लाभ देने का प्रावधान नहीं था। 
  • मुख्यमंत्री द्वारा स्वीकृत प्रस्ताव वैसी महिला कर्मियों पर लागू होगा, जो पिछले 12 महीनों में 80 दिन तक संविदा पर कार्य कर चुकी हों, उन्हें 180 दिन का मातृत्व अवकाश का लाभ मिलेगा।  
  • यह अवकाश दो जीवित संतान के बाद हुए प्रसव पर लागू नहीं होगा। मातृत्व अवकाश के लिये संविदा राशि छुट्टी पर जाने से पहले मिले अंतिम संविदा राशि के बराबर होगा। 
  • उल्लेखनीय है कि मातृत्व लाभ ऐसे लाभ हैं जो महिला कर्मचारियों को गर्भावस्था के दौरान और प्रसव के बाद उनके अधिकारों की रक्षा के लिये प्रदान किये जाते हैं। ये लाभ मातृत्व लाभ अधिनियम, 1961 द्वारा शासित होते हैं।

छत्तीसगढ़ Switch to English

नवा रायपुर में विकसित होगा देश का सबसे बड़ा थोक बाज़ार

चर्चा में क्यों?

5 जुलाई, 2023 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के निवास कार्यालय में आयोजित नगरीय प्रशासन विभाग की समीक्षा बैठक में बताया गया कि नवा रायपुर में देश का सबसे बड़ा थोक बाज़ार विकसित होगा। लगभग 438.47 हेक्टेयर में प्रस्तावित थोक बाजार का निर्माण सेक्टर 27 में किया जाएगा। 

प्रमुख बिंदु  

  • नवा रायपुर में बनने वाले देश के सबसे बड़े थोक बाज़ार का निर्माण नवा रायपुर अटल नगर विकास प्राधिकरण (एनआरडीए) द्वारा किया जाएगा। यहाँ छोटे-बड़े सभी व्यापारियों के लिये आधारभूत ज़रूरी सुविधाएँ होंगी। 
  • मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एनआरडीए के अधिकारियों से कहा है कि इस थोक बाज़ार की कार्ययोजना को इस तरह से अमलीजामा पहनाएँ ताकि देश का यह सबसे बड़ा थोक बाज़ार छोटे-बड़े सभी व्यापारियों की ज़रूरत पूरा कर सके और यहाँ व्यापारिक और वाणिज्यिक गतिविधियों का तीव्र विस्तार हो सके।  
  • मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बैठक में नागरिक सेवाओं एवं ग्रामीण विकास से संबंधित योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा की। उन्होंने ‘मितान योजना’के क्रियान्वयन पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि शासकीय योजनाओं की डिलीवरी बिना कार्यालय पहुँचे तथा शीघ्रता से नागरिकों को मिल पा रही है।  
  • गौरतलब है कि ‘मितान योजना’पहले राज्य के नगर निगम क्षेत्रों में लागू थी। अब इसका विस्तार नगर पालिका क्षेत्रों में किया गया है। 
  • बैठक में अधिकारियों ने बताया कि सबसे ज्यादा आवेदन बच्चों के आधार-कार्ड से संबंधित हैं। ‘मितान योजना’अंतर्गत अब तक प्रदेश के नगर निगमों के 1 लाख 03 हज़ार 315 हितग्राहियों के विभिन्न दस्तावेज़ तैयार कर डोर स्टेप डिलीवरी की गई है।  
  • बच्चों के आधार कार्ड बनाने के लिये मितान को सबसे अधिक फोन आते हैं और यह सबसे ज्यादा लोकप्रिय है। साथ ही जाति और आय प्रमाणपत्र भी काफी बने हैं। अधिकारियों ने बताया कि फोन कॉल के साथ ही एप के माध्यम से मितान योजना की सेवा शीघ्र ही दी जाएगी। 
  • मुख्यमंत्री ने शहरी क्षेत्र में स्वास्थ्य योजनाओं की समीक्षा में कहा धनवंतरी मेडिकल स्टोर्स बेहतर लोकेशन में खोले जाएँ। उन्होंने इस मौके पर ‘स्लम स्वास्थ्य योजना’की समीक्षा की और लगातार हेल्थ कैंप आयोजित करने के निर्देश दिये।  
  • बैठक में अधिकारियों ने बताया कि धनवंतरी मेडिकल स्टोर्स के माध्यम से अब तक 132 करोड़ रुपए की बचत हितग्राहियों को हुई है। ज्यादा से ज्यादा लोगों को योजना का लाभ दिलाने के उद्देश्य से इन मेडिकल स्टोरों का लोकेशन भी बेहतर किया जा रहा है। मेडिकल स्टोर के माध्यम से मिलने वाले लाभ के बारे में एसएमएस के माध्यम से अधिकाधिक लोगों को जानकारी दिये जाने के प्रयासों पर काम हो रहा है।  
  • मुख्यमंत्री ने ‘महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क (रीपा)’ की समीक्षा में कहा कि सभी उत्पादों की ऑनलाइन आपूर्ति की व्यवस्था हो, सी-मार्ट में इनकी उपलब्धता हो।  
  • उन्होंने कहा कि रीपा में अनेकों तरह की गतिविधियाँ हो रही हैं। बेकरी एवं खाद्य उत्पाद, मिलेट, परिधान, निर्माण आदि क्षेत्रों में अच्छा काम हो रहा है और उद्यमी आगे आ रहे हैं। शासकीय भवनों में रंग-रोगन के लिये गोबर पेंट का उपयोग हो रहा है। निजी क्षेत्रों में भी इसकी बिक्री बढ़ाई जाए।
  • रीपा के समीक्षा के दौरान अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश के 90 प्रतिशत रीपा में वाई-फाई सुविधा उपलब्ध है। 300 रीपा में से 270 रीपा में वाई-फाई से डिजिटल कनेक्टीविटी अच्छी होने के कारण युवा भी इसका लाभ उठा रहे हैं। साथ ही वाई-फाई युक्त 12 रीपा केंद्रों में रेस्टोरेंट का भी बेहतर संचालन हो रहा है।  
  • इस मौके पर अधिकारियों ने बताया कि संभाग स्तरीय मिलेट कार्निवाल के लिये योजना तैयार हो रही है। गोबर पेंट के उपभोक्ताओं से भी फीडबैक लिये जा रहे हैं। चूँकि ग्रामीण विकास मंत्रालय का संस्था से अनुबंध है, अतएव तकनीकी सहायता वहाँ से भी मिल सकेगी। 


उत्तराखंड Switch to English

प्रदेश के 55 अस्पतालों को मिलेगा भूकंपरोधी कवच

चर्चा में क्यों?

5 जुलाई, 2023 को उत्तराखंड के मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु की अध्यक्षता में हुई उच्चाधिकार प्राप्त समिति की बैठक में बताया गया कि प्रदेश में आपदा प्रबंधन न्यूनीकरण के तहत अस्पतालों को भूकंपरोधी कवच से लैस किया जाएगा। पहले चरण में 55 स्वास्थ्य केंद्रों का चयन किया गया है। 

प्रमुख बिंदु  

  • अस्पतालों को भूकंपरोधी कवच से लैस करने की शुरुआत पर्वतीय क्षेत्रों के दूरस्थ क्षेत्रों में स्थित 55 प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी व पीएचसी) से होगी। भूकंपरोधी भवन बनाने के तहत इन 55 स्वास्थ्य केंद्रों के भवनों की रेट्रोफिटिंग की जाएगी। 
  • उत्तराखंड डिजास्टर रिकवरी प्रोजेक्ट (यूडीआरपी) के तहत वर्ल्ड बैंक इसके लिये 38.78 करोड़ रुपए खर्च करेगा।  
  • विदित है कि चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की ओर से प्रदेश में पुराने और जर्जर हो चुके स्वास्थ्य केंद्रों के उद्धार का प्रस्ताव शासन को सौंपा गया था। 
  • यूडीआरपी प्रोजेक्ट के तहत प्रदेश में ऐसे कुल 150 स्वास्थ्य केंद्रों का चयन किया गया। उसके बाद वर्गीकरण की प्रक्रिया में इनमें से 90 अस्पताल भवनों का चयन किया गया। इसके बाद अब मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु की अध्यक्षता में 55 स्वास्थ्य केंद्रों का चयन किया गया। 
  • अब इन स्वास्थ्य केंद्रों की रेट्रोफिटिंग कर इन्हें एकदम नया रूप दिया जाएगा। जहाँ पुरानी बिल्डिंग में सुधार की गुजांइश होगी, उन्हें सुधारा जाएगा, जो भवन जर्जर हालत में हैं, वहाँ नए भूकंपरोधी भवन बनाए जाएंगे।  
  • इस प्रोजेक्ट के पूरा होने से पर्वतीय क्षेत्रों में जर्जर हालात में पहुँच चुके पीएचसी और सीएचसी नए रंग-रूप में नजर आएंगे, जिससे प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूती देने में मदद मिलेगी। 
  • प्रदेश में रेट्रोफिटिंग के लिये कुल 90 सीएचसी और पीएचसी का चयन किया गया है। इनमें अल्मोड़ा के सात, बागेश्वर के चार, चमोली के नौ, चंपावत के चार, देहरादून के आठ, हरिद्वार के सात, पौड़ी के 12, पिथौरागढ़ के सात, रुद्रप्रयाग के छह, टिहरी के 10, ऊधमसिंहनगर के छह और उत्तरकाशी के 10 स्वास्थ्य केंद्रों का चयन किया गया है। इनमें से पहले चरण में 55 स्वास्थ्य केंद्रों का उद्धार किया जाएगा।


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